भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
मणिशंकर अय्यर की भारत-चीन युद्ध में चीन का “कथित तौर पर आक्रमण” बताने वाले बयान “भारत की अखंडता” पर चोट है और तिरंगे के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले हर सैनिक का अपमान है।
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1962 के भारत-चीन युद्ध में लगभग 1400 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, 1047 सैनिक घायल हुए, 1700 सैनिक लापता हुए एवं 4000 सैनिक युद्धबंदी बने, लेकिन कांग्रेस के अनुसार ये एक “कथित” आक्रमण था।
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मणिशंकर अय्यर के इस गद्दार बयान के पीछे की जहरीली सोच राहुल गांधी से प्रेरित है, जो डोकलाम के समय चीनी दूतों के साथ नूडल्स खा रहे थे।
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कांग्रेस को अपनी करारी हार की आशंका हो चुकी है और इसीलिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सत्ता से हटाने के लिए पाकिस्तान से हस्तक्षेप करने की मांग करने वाले मणिशंकर अय्यर अब चीन से सहायता मांग रहे हैं।
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आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को गाली देने वाले राहुल गांधी ने 2008 में चीन के साथ “पार्टी टू पार्टी” एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे और अब उस चीन को क्लीन चिट दे रहे हैं, जिसने जवाहरलाल नेहरू के समय में भारत की 43 हजार स्क्वायर किमी जमीन पर कब्जा कर लिया था।
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राहुल गांधी के इशारे पर शत्रु देशों की प्रशंसा करने वाले कांग्रेसी नेताओं को “चीन की बीन” बजाना बंद कर और चीन को आइना दिखाना चाहिए।
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राहुल गांधी के करार के अलावा कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन में चीन से रिश्वत भी ली है और इसके बारे में जनता को आज तक कुछ नहीं बताया है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा भारत-चीन युद्ध को चीन का “कथित” हमला बताए जाने पर जोरदार हमला किया। श्री भाटिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मणिशंकर अय्यर के बयान पर जवाब देने की मांग की।
श्री भाटिया ने कहा कि एक तरफ आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपना दस वर्षों का रिपोर्ट जनता के समक्ष रख रहे हैं और जनता ने एनडीए को 400 से अधिक सीटों पर विजयी बनाने का मन बना लिया है, लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी देशविरोधी, सेना का मनोबल तोड़ने वाले वाले और जनता के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाला बयान दे रही है। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने हाल में ही कहा है कि “कथित तौर पर” 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण किया। मणिशंकर अय्यर का ये बयान कोई चुनाव को देखते हुए दिया हुए चीन प्रेम को जाहिर करने वाला साधारण बयान नहीं है। ये बयान भारत की अखंडता पर चोट है और तिरंगे के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले हर सैनिक का अपमान है। 1962 के भारत चीन युद्ध में लगभग तिरंगे के लिए आखिरी सांस तक लड़ते हुए 1400 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, 1047 सैनिक घायल हुए, 1700 सैनिक लापता हुए एवं 4000 सैनिक युद्धबंदी बने लेकिन कांग्रेस के अनुसार ये एक “कथित” आक्रमण था।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि मणिशंकर अय्यर की इस गद्दार वचन के पीछे की जहरीली सोच राहुल गांधी से प्रेरित है, जो राहुल गाँधी डोकलाम के समय चीनी दूतावास में नूडल्स खा रहे थे। कुछ दिन पहले मणिशंकरअय्यर ने ही पाकिस्तान के पास परमाणु बम होने का धमकीभरा बयान दिया था। श्री भाटिया ने सवाल पूछे कि चुनाव के समय कांग्रेस के टावर से दोनों शत्रु देशों को सिग्नल क्यों दिए जा रहे हैं? क्योंकि कांग्रेस को अपनी करारी हार की आशंका हो चुकी है और इसीलिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सत्ता से हटाने के लिए पाकिस्तान से हस्तक्षेप करने की मांग करने वाले मणिशंकर अय्यर अब चीन से सहायता मांग रहे हैं। लेकिन देश की जनता ने चुनाव के सातवें चरण में इस भारत विरोधी टावर को ही उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है।
श्री भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री को गाली देते हैं और 2008 में चीन के साथ पार्टी टू पार्टी एमओयू पर किए हस्ताक्षर के कारण चीन को क्लीन चिट देते हैं। इस करार में किन शर्तों पर हस्ताक्षर किए गए ये जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है। इस करार में राहुल गांधी ने स्वीकारा था कि वह भारत के खिलाफ बोल सकते हैं लेकिन चीन की निंदा नहीं करेंगे। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ये प्रमाणित किया है कि आज भारत इतना शक्तिशाली हो चुका है कि चीन को झुका सकता है लेकिन राहुल गांधी कहते हैं कि भारतीय सेना चीनी सेना से पिट गई है जबकि पूरा देश गर्व से कहता है भारतीय सेना विश्व की शक्तिशाली सेनाओं में से एक है एवं मां भारती के वीर न कभी पिटे थे और न पिटे हैं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस एमओयू और कथित आक्रमण के बयान पर चुप्पी साध रखी है। राहुल गांधी के इशारे पर शत्रु देशों की प्रशंसा करने वाले कांग्रेसी नेताओं को “चीन की बीन” बजाना बंद कर और चाइना को आइना दिखाना चाहिए। राहुल गांधी के करार के अलावा कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन में चीन से रिश्वत भी ली है और आज तक जनता को इसके बारे में नहीं बताया है। राहुल गांधी उस चीन को क्लीन चिट दे रहे हैं, जिसने जवाहरलाल नेहरू के समय में भारत की 43 हजार स्क्वायर किमी जमीन पर कब्जा किया था। भारत को अपनी जमीन के हर इंच पर वैध दावा है और मणिशंकर अय्यर चीन को "क्लीन चिट" दे रहे हैं। गंभीर प्रश्न यह है कि राहुल गांधी और कांग्रेस मणिशंकर अय्यर जैसे नेताओं को वीर सैनिकों का मनोबल तोड़ने की अनुमति कैसे दे रहे हैं?
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