भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा कर्नाटक के होन्नाली (दवानगेरे) में आयोजित विशाल जनसभा में दिए गए उद्बोधन के मुख्यबिन्दु
यह चुनाव विधायक चुनने का नहीं, बल्कि कर्नाटक का भविष्य चुनने का चुनाव है। आज हमें फिर से डबल इंजन की सरकार बनाने का मौका मिल रहा है। डबल इंजन का मतलब सिर्फ डबल इंजन से ही नहीं, बल्कि पावर फूल इंजन से है।
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2014 से पहले, यूपीए शासन कल में, भारत की पहचान एक भ्रष्टाचारी देश के रुप में थी। एक घुटनों पर रेंगता भारत, पालिसी पैरालिसिस वाला भारत। दूसरी ओर, 2014 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एक छलांग लगाता हुआ, बढ़ता हुआ भारत है, जो दुनिया के नक़्शे पर एक विशिष्ट स्थान बनाता दिख रहा है।
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डबल इंजन सरकार के तहत एक तरफ केन्द्र सरकार जहाँ विकास कार्यों को आगे बढ़ा रही है, वहीं येद्दयुरप्पा जी और बोम्मई जी की सरकार राज्य में जनकल्याण एवं विकास कार्यों में तेजी लाई है।
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जब कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडीएस की सरकार आयी थी, तब उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को रोक दिया था। कुमारस्वामी ने किसान सम्मान निधि के लाभार्थी के रुप में सिर्फ 17 लाख किसानों के नाम भेजे थे। बीएस येद्दीरप्पा जी जब मुख्यमंत्री बने, तब 54 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि से राशि मिलने लगी।
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सिद्धारमैया जब मुख्यमंत्री बने , तब उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और आष्युमान भारत योजना रोक दी थी। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना के तहत रेहड़ी वाले, रिक्शा वाले, सब्जी वाले आदि गरीबों को हेल्थ बीमा दिया है। क्या जनता चाहती है कि इस चुनाव के बाद गरीबों को मिलने वाली सुविधा पर ब्रेक लग जाए?
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भारतीय जनता पार्टी ने सामाजिक न्याय के तहत एससी के लिए 2 प्रतिशत और एसटी भाईयों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाया है जबकि वोक्कालिगा और लिंगायत भाईयों का आरक्षण 2-2 प्रतिशत बढ़ाया गया है। लेकिन सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार कहते हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर यह आरक्षण वापस लेंगे।
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संविधान के विरुद्ध कांग्रेस पार्टी धर्म के आधार पर आरक्षण देते हैं। यदि ये आरक्षण देंगे, तो आखिर किसके आरक्षण मे कटौती करेंगे? एससी, एसटी, वोक्कालिगा या लिंगायत में से किसके आरक्षण में कटौती करेंगे, यह कर्नाटक की जनता जानना चाहती है।
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कर्नाटक में येद्दयुरप्पा जी की सरकार आई, तो पीएफआई पर बैन लगा, उसके खिलाफ 117 केस दायर हुए। पीएफआई के 1,750 एक्टीविस्ट जेल में डाले गए।
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सिद्धारमैया जी जब मुख्यमंत्री बने, तब पीएफआई पर लगे केस वापस ले लिए गए और पीएफआई के लोगों को छोड़ दिया गया। भाजपा की सरकार आने के बाद पुनः पीएफआई पर बैन लगाया गया, फिर से केस खोले गए और उन्हें जेल की सालाखों के पीछे डाला गया।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज होन्नाली (दवानगेरे) में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित किया। श्री नड्डा ने कर्नाटक में विकास की गति को और तेज करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में कर्नाटक में डबल इंजन वाली भाजपा सरकार बनाने की अपील की।
श्री नड्डा ने कर्नाटक विधान सभा चुनाव की दृष्टि से कुछ मूल बातों पर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि यह चुनाव विधायक चुनने का नहीं, बल्कि कर्नाटक का भविष्य चुनने का चुनाव है। आज हमें फिर से डबल इंजन की सरकार बनाने का मौका मिल रहा है। डबल इंजन का मतलब सिर्फ डबल इंजन से ही नहीं, बल्कि पावर फूल इंजन से है।
डबल इंजन की आवश्यकता पर जोर देते हुए श्री नड्डा ने कहा कि 2014 से पहले तक भारत की पहचान एक भ्रष्टाचारी देश के रुप में थी। एक घुटनों पर रेंगता भारत, पालिसी पैरालिसिस वाला भारत। दूसरी ओर, 2014 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एक छलांग लगाता हुआ, बढ़ता हुआ भारत है, जो दुनिया के नक़्शे पर एक विशिष्ट स्थान बनाता दिख रहा है।
जिस ब्रिटेन ने भारत पर दो सौ सालों तक राज्य किया, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत उस ब्रिटेन को पछाड़ कर वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांचवे स्थान पर पहुंच गया। मोबाइल उत्पादन में भारत आज दूसरे स्थान पर पहुंच गया, जबकि ऑटोमोबाइल मार्केट में तीसरे स्थान और स्टील उत्पादन में चौथे नम्बर से दूसरे स्थान पर पहुँच गया है। इस प्रकार, विकास की एक नई गाथा भारत लिख रहा है।
इस विकास गाथा में कर्नाटक भी पीछे नहीं रहा। एफडीआई में कर्नाटक देश में पहले स्थान पर है। कर्नाटक के टुमकुर में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बन रहा है। टूमकुर में ही हेलीकाप्टर निर्माण भी हो रहा है और 65 प्रतिशत डिफेंस का हेलीकाप्टर उत्पादन इसी फैक्ट्री से होगा। मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई जी ने रायता विद्या निधि योजना के तहत 11 लाख बच्चों को शिक्षा दिलाने की व्यवस्था की है। रायता भू-योजना और भू-श्री योजना के तहत किसानों को राहत दिया गया है।
डबल इंजन सरकार के तहत एक तरफ केन्द्र सरकार जहाँ विकास कार्यों को आगे बढ़ा रही है, वहीं येद्दयुरप्पा जी और बोम्मई जी की सरकार राज्य में जनकल्याण एवं विकास कार्यों में तेजी लाई है। यदि कर्नाटक में डबल इंजन की सरकार नहीं बनी, तो कर्नाटक के विकास कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा। याद कीजिए, जब कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जेडीएस की सरकार आयी थी, तब उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को रोक दिया था। कुमारस्वामी ने किसान सम्मान निधि के लाभार्थी के रुप में सिर्फ 17 लाख किसानों के नाम भेजे थे। बीएस येद्दीरप्पा जी जब मुख्यमंत्री बने, तब 54 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि से राशि मिलने लगी। सिद्धारमैया जब मुख्यमंत्री बने , तब उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और आष्युमान भारत योजना रोक दी थी। आयुष्मान भारत से गरीबों को 5 लाख रुपये तक हर साल गंभीर बीमारी के इलाज की सुविधा मिलती है। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना के तहत रेहड़ी वाले, रिक्शा वाले, सब्जी वाले आदि गरीबों को हेल्थ बीमा दिया है।
क्या जनता चाहती है कि इस चुनाव के बाद गरीबों को मिलने वाली सुविधा पर ब्रेक लग जाए? यदि नहीं चाहते हैं तो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को जिताकर डबल इंजन की सरकार बनाएं।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार गांव, गरीब, शोषित, वंचित, महिला, युवा और किसानों को आगे बढ़ा रही है। येद्दयुरप्पा जी और बोम्मई जी की सरकार बनी तब कर्नाटक में 7 लाख गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिया गया। 62 लाख परिवारों को आष्युमान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये का हेल्थ कवरेज मिल रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत कर्नाटक में 4 करोड़ गरीबों को पांच किलो अनाज मिला।
भारतीय जनता पार्टी ने सामाजिक न्याय के तहत एससी के लिए 2 प्रतिशत और एसटी भाईयों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाया है जबकि वोक्कालिगा और लिंगायत भाईयों का आरक्षण 2-2 प्रतिशत बढ़ाया गया है। लेकिन सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार कहते हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर यह आरक्षण वापस लेंगे। संविधान के विरुद्ध ये धर्म के आधार पर आरक्षण देते हैं। जब भारतीय जनता पार्टी उन संविधान विरोधी कार्यों को सुधारती है, तो कांग्रेस वाले कहते हैं कि वे फिर से धर्म के आधार पर आरक्षण देंगे। यदि ये आरक्षण देंगे, तो आखिर किसके आरक्षण मे कटौती करेंगे? एससी, एसटी, वोक्कालिगा या लिंगायत में से किसके आरक्षण में कटौती करेंगे, यह कर्नाटक की जनता जानना चाहती है। भाजपा एससी, एसटी, वोक्कालिगा और लिंगायत समाज को मिले आरक्षण में कटौती नहीं होने देगी।
जब जब कांग्रेस पार्टी आती है, तो वह हमेशा समाज में झगड़ा कराती है। समाज में जो विद्वेष फैलाते हैं, कांग्रेस पार्टी उन्हें प्रश्रय देती है। कांग्रेस सरकार के समय कर्नाटक में बेंग्लूरू बम ब्लास्ट हुआ था। कांग्रेस की सरकार में पीएफआई ने नारथ में आतंकी कैम्प लगाया था। कर्नाटक के शिवमोगा जिले में पिछले साल फरवरी में हर्षा की हत्या हुई थी। येद्दयुरप्पा जी की सरकार आई, तो पीएफआई पर बैन लगा, उसके खिलाफ 117 केस दायर हुए। पीएफआई के 1,750 एक्टीविस्ट जेल में डाले गए। सिद्धारमैया जी जब मुख्यमंत्री बने, तब पीएफआई पर लगे केस वापस ले लिए गए और पीएफआई के लोगों को छोड़ दिया गया। भाजपा की सरकार आने के बाद पुनः पीएफआई पर बैन लगाया गया, फिर से केस खोले गए और उन्हें जेल की सालाखों के पीछे डाला गया।
आजकल सिद्धारमैया जी और डीके शिवकुमार जी भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं। उनके मुंह से भ्रष्टाचार की बात करना अच्छा नहीं लगता। उस समय उन्हीं की सरकार थी, जब मालप्रभा कैनाल घोटाला हुआ था। उनकी सरकार में ही शिक्षक भर्ती और पुलिस भर्ती घोटाले हुए थे। उस समय उन्हीं की सरकार थी, जब अरकावती लैंड घोटाले हुए थे, जिससे 8 हजार किसानों को उनकी भूमि से वंचित किया गया था। उनकी सरकार में ही वृहद बेंगलुरु महानगर पालिका में आरओ प्लांट और बोरवेल घोटाले हुए थे। स्टील फ्लाईओवर घोटाले, स्लम डेवलपमेंट बोर्ड में 10 प्रतिशत कमीशन लेकर गरीबों को घर दिया गया। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में 2014 से 2017 तक लगातार और वह भी नए नए घोटाले हुए।
डीके शिवकुमार से देश और प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि वे मनी लोंड्रिंग मामले में बेल पर बाहर हैं या नहीं? आय से अधिक संपत्ति मामले में उन पर एफआईआर दर्ज है या नहीं? डीके शिवकुमार खुद बेल पर हैं और भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं। राहुल गांधी, सोनिया गांधी, डीके शिवकुमार और कांग्रेस के कई नेता बेल पर या जेल में हैं। वे भ्रष्टाचार की बात करते हैं, जो ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं।
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