Salient points of speech : Hon'ble BJP National President Shri J.P. Nadda while addressing 1st Madan Lal Khurana Memorial Lecture in New Delhi


द्वारा श्री जगत प्रकाश नड्डा -
15-10-2022

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी द्वारा नेहरू मेमोरियल ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में आयोजितप्रथम मदन लाल खुराना मेमोरियल व्याख्यान' में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु

 

जब भी मुझे पार्टी के मनीषी एवं दिग्गज नेताओं को याद करने का, उनके बारे में कुछ बोलने का अवसर मिलता है तो मैं काफी भावविभोर हो जाता हूँ क्योंकि भावनाओं को शब्दों में बयां करना काफी मुश्किल होता है।

*******************

आदरणीय मदन लाल खुराना जैसे मनीषी नेताओं ने विचार और विचारधारा के लिए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस दौर में वे विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे थे, तब खोने के लिए सब कुछ था लेकिन पाने को कुछ भी नहीं था

*******************

आदरणीय मदन लाल खुराना जी के पास संघर्ष की शक्ति थी तो समस्याओं का समाधान भी था। चाहे गरीबों को राशन कार्ड देना हो, जल निगम को स्थापित करना हो या यमुना पार को मुख्यधारा में लाना हो, उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए कई कार्य किये

*******************

मदन लाल खुराना जी लोगों के नेता थे दिल्ली उनके दिल में बसी हुई थी। सच्चे अर्थों में कहें तो वे दिल्ली को जीते थे। उनके अथक प्रयासों से दिल्ली में 10 कॉलेज खुले और रिकॉर्ड समय में बन कर इनका संचालन भी शुरू हुआ। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी भी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

*******************

मदन लाल खुराना जी ने दिल्ली को राजनीतिक पहचान दी, राजनीतिक आवाज दी। पार्टी को आगे बढ़ाने में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वे दिल्ली के शेर थे।

*******************

मदन लाल खुराना जी ने जनता के लिए, दिल्ली के लिए जिस तरह से अपना सम्पूर्ण जीवन लगाया, हम उनसे संघर्ष और समाधान की प्रेरणा लेकर अपने में आत्मसात करें तो यही हमारी ओर से उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

*******************

मुझे 1984 के सिख नरसंहार की दुखदायी घटना आज भी याद है। उस वक्त तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी ने किसी राजनेता से मदद माँगी थी तो वे मदन लाल खुराना जी थे।

*******************

मुख्यमंत्री बनने पर मदन लाल खुराना जी ने जस्टिस नरूला की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई और बहुत हद तक सिख भाइयों को राहत देने का प्रयास किया इसके बाद हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनके सपनों को पूरा किया और सिख भाइयों को संबल प्रदान किया।

*******************

आदरणीय मदन लाल खुराना जी उन लोगों में से थे जिन्होंने आपातकाल के दौरान देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया और 19 महीनों तक जेल में भी बंद रहे।

*******************

इंदिरा गाँधी सरकार ने आपातकाल में लगभग 1.30 लाख लोगों को जेल में अकारण डाल दिया था जिसमें से लगभग 70,000 लोग हमारी विचारधारा से जुड़े हुए थे। मदन लाल खुराना जी जैसे महान लोगों के कारण पार्टी खड़ी हुई, आगे बढ़ी और आज भारतीय जनता पार्टी यहाँ तक पहुंची

*******************

मदन लाल खुराना जी जैसे योद्धाओं ने अपने आप को जिस तरह से पार्टी और विचारधारा के लिए खपाया, उसके बल पर ही भाजपा यहाँ तक पहुंची है

*******************

मदन लाल खुराना जी ने तब मेट्रो की बात की थी, जब इसके बारे में लोगों की समझ भी नहीं बनी थी। उनके भाषणों में मेट्रो का जिक्र अवश्य होता था। उन्होंने दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए कई कार्य किये।

*******************

मदन लाल खुराना जी हर दिन सुबह लगभग 7 बजे से 10 बजे तक लोगों से मिलते थे और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करने का प्रयास करते थे। वे सही मायनों में लोगों के प्रतिनिधि थे। जनता और कार्यकर्ताओं की बातों के लिए लड़ना और उनके लिए खड़ा होना उनकी ताकत थी।

*******************

दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के चुनाव में एनएसयूआई के लड़कों द्वारा जब हमारे उम्मीदवार नरेन्द्र टंडन को चाकू मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया तो उन्होंने ढाई बजे रात में हमारी मदद की थी और सुबह 6:30 बजे अस्पताल पहुँच कर सबका हाल-चाल जाना था

*******************

हमें उनसे एक बात जरूर सीखनी चाहिए वह ये कि वे कभी भी कुर्सी से नहीं जुड़े। सत्ता हमेशा उनके लिए जन सेवा का एक माध्यम रही। उन्होंने जनता के जुड़े मुद्दों के साथ कभी भी कोई समझौता नहीं किया। हमें उनसे यह सीखने की जरूरत है कि विचारों के प्रति समर्पण क्या होता है

*******************

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने आज शनिवार को नई दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय मदन लाल खुराना जी की जन्मजयंती के अवसर पर नेहरू मेमोरियल ऑडिटोरियम में प्रथम मदन लाल खुराना मेमोरियल व्याख्यान को संबोधित किया और दिल्ली के विकास में आदरणीय मदन लाल खुराना जी के योगदान को याद करते हुए उन्हें दिल्ली में विकास का अग्रदूत बताया। कार्यक्रम में श्रीमती खुराना जी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री रामबीर सिंह बिधूड़ी के साथ-साथ पार्टी के कई सांसद, विधायक, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और आदरणीय मदन लाल खुराना जी को चाहने वाले सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

 

श्री नड्डा ने कहा कि जब भी मुझे पार्टी के मनीषी शख्शियतों एवं दिग्गज नेताओं को याद करने का, उनके बारे में कुछ बोलने का अवसर मिलता है तो मैं काफी भावविभोर हो जाता हूँ क्योंकि भावनाओं को शब्दों में बयां करना काफी मुश्किल होता है। आदरणीय मदन लाल खुराना जैसे मनीषी नेताओं ने विचार और विचारधारा के लिए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस दौर वे विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे थे, तब खोने के लिए सब कुछ था लेकिन पाने को कुछ भी नहीं था यह आज की पीढ़ी के लिए समझने वाली बात है। इसलिए, हमारी पार्टी या हमारी विचारधारा किसी के कहने से समाप्त नहीं होने वाली क्योंकि ऐसे मनीषी दिग्गजों ने पार्टी की नींव रखी जो सदैव विचारधारा के साथ अडिग रहे।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मदन लाल खुराना जी ने कभी भी यह नहीं सोचा कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री भी बनेंगे क्योंकि उस समय तो हम अपनी जमानत बचने पर खुश हो जाया करते थे। हम सब आदरणीय मदन लाल खुराना जी के प्रारंभिक जीवन से परिचित हैं कि किस तरह उन्होंने दिल्ली, इलाहाबाद और श्रीनगर में अपनी शिक्षा ग्रहण की और फिर एक एक्टिविस्ट के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से भी जुड़े थे। 11 में से 10 चुनाव उन्होंने जीते। वे तीन बार सांसद रहे। वे दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी रहे। बाद में वे राजस्थान के राज्यपाल भी बने।

 

श्री नड्डा ने कहा कि आदरणीय मदन लाल खुराना जी उन लोगों में से थे जिन्होंने आपातकाल के दौरान देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया और 19 महीनों तक जेल में भी बंद रहे। तब इंदिरा गाँधी सरकार ने लगभग 1.30 लाख लोगों को जेल में अकारण डाल दिया था जिसमें से लगभग 70,000 लोग हमारी विचारधारा से जुड़े हुए थे। मदन लाल खुराना जी जैसे महान लोगों के कारण पार्टी खड़ी हुई, आगे बढ़ी और आज भारतीय जनता पार्टी यहाँ तक पहुंची आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है, 18 राज्यों में हमारी सरकारें हैं, सबसे अधिक हमारे सांसद हैं, विधायक हैं और चुने हुए जन-प्रतिनिधि हैं। मदन लाल खुराना जी जैसे योद्धाओं ने अपने आप को जिस तरह से पार्टी और विचारधारा के लिए खपाया, उसके बल पर ही भाजपा यहाँ तक पहुंची है

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आदरणीय मदन लाल खुराना जी के पास संघर्ष की शक्ति थी तो समस्याओं का समाधान भी था। चाहे गरीबों को राशन कार्ड देना हो, जल निगम को स्थापित करना हो या यमुना पार को मुख्यधारा में लाना हो, उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए कई कार्य किये उन्होंने तब मेट्रो की बात की, जब मेट्रो के बारे में लोगों की समझ भी विकसित नहीं हुई थी। न्होंने दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए कई कार्य किये। उनके भाषणों में मेट्रो का जिक्र अवश्य होता था। मदन लाल खुराना जी लोगों के नेता थे दिल्ली उनके दिल में बसी हुई थी। सच्चे अर्थों में कहें तो वे दिल्ली को जीते थे। उनके अथक प्रयासों से दिल्ली में 10 कॉलेज खुले और रिकॉर्ड समय में बन कर इनका संचालन भी शुरू हुआ। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी भी बनाई

 

श्री नड्डा ने 1984 के सिख नरसंहार की दुखदायी घटना को याद करते हुए कहा कि मुझे याद है कि तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी ने भी उस वक्त किसी राजनेता से मदद माँगी थी तो वे मदन लाल खुराना जी थे। बाद में मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने जस्टिस नरूला की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई और बहुत हद तक सिख भाइयों को राहत देने का प्रयास किया इसके बाद हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनके सपनों को पूरा किया और सिख भाइयों को संबल प्रदान किया। उन्होंने उनके साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि मुझे उनसे मिलने के लिए कभी भी समय लेने की जरूरत नहीं पड़ी। वे हर दिन सुबह लगभग 7 बजे से 10 बजे तक लोगों से, पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलते थे और उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करने का प्रयास करते थे। वे सही मायनों में लोगों के प्रतिनिधि थे। जनता और कार्यकर्ताओं की बातों के लिए लड़ना और उसके लिए खड़ा होना उनकी ताकत थी।

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने युवा मोर्चा के दौरान के एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि मैं तब दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन का चुनाव लड़ा रहा था और गोल मार्केट के पास एनएसयूआई के लड़कों ने हमारे उम्मीदवार नरेन्द्र टंडन को चाकू मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया मेरा भी एक हाथ टूटा हुआ था, बड़ी मुश्किल से मैंने एक हाथ से नरेन्द्र टंडन जी को उठा कर गाड़ी में डाला और हम सब लोगों ने उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एडमिट करवाया। काफी ब्लीडिंग हो रही थी। डॉक्टर आशंकित थे। इसके बाद हम लोग एफआईआर कराने मंदिर मार्ग थाणे गए लेकिन हमारी कोई बात सुनी ही नहीं जा रही थी। रात के ढाई बजे हम लोग कीर्ति नगर में आदरणीय मदन लाल खुराना जी के आवास F-104 गए। वे तुरंत उठ कर आये और वहीं से कमिश्नर से बात की और कार्रवाई करने की ताकीद की। हम सब लोग फिर अस्पताल पहुंचे। हमारे आश्चर्य की सीमा रही कि वे अहले सुबह 6:30 बजे अस्पताल पहुँच गए यह उनका समर्पण भाव था, कार्यकर्ताओं के प्रति लगाव और कमिटमेंट था।

 

श्री नड्डा ने उनसे जुड़े एक और वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि जब वे राजस्थान के राज्यपाल पद से निवृत्त होकर वापस दिल्ली आये थे तो मैंने उनसे पूछा था कि दिल्ली आ गए तो वे बोले कि वहां तो मन ही नहीं लग रहा था। मैं तो जनता के बीच रहने का आदी हूँ। यदि हम लोगों को उन्हें सच्चे मायने में श्रद्धांजलि देनी है तो उनसे एक बात जरूर सीखनी चाहिए वह ये कि वे कभी भी कुर्सी से नहीं जुड़े। सत्ता हमेशा उनके लिए जनसेवा का एक माध्यम रही। उन्होंने जनता के जुड़े मुद्दों के साथ कभी भी कोई समझौता नहीं किया। हमें उनसे यह सीखने की जरूरत है कि विचारों के प्रति समर्पण क्या होता है मुझे तो अजमेरी गेट का कार्यालय भी याद है जहाँ वे ऊपर वाले कमरे में 11 बजे पूर्वाह्न ही आ जाते थे और लगातार पार्टी के कार्यक्रमों की रूपरेखा और उसे सफल बनाने की रणनीति तय करते थे

 

माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बहुत ही विपरीत परिस्थिति में आदरणीय मदन लाल खुराना जी ने पार्टी के लिए, विचारधारा के लिए, जनता के लिए और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए लड़ाई लड़ी। यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वे दिल्ली के शेर थे। मदन लाल खुराना जी ने दिल्ली को राजनीतिक पहचान दी, राजनीतिक आवाज दी। पार्टी को आगे बढ़ाने में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है उन्होंने जनता के लिए, दिल्ली के लिए जिस तरह से अपना सम्पूर्ण जीवन लगाया, हम उनसे प्रेरणा लेकर संघर्ष और समाधान की राह को अपने में आत्मसात करें तो यही हमारी ओर से उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

 

**************************

To Write Comment Please लॉगिन