भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी द्वारा खुमुलवांग, अगरतला (त्रिपुरा) में आयोजित जनजातीय जनसभा में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
आदिवासी भाइयों के जल, जंगल और जमीन तथा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जनजातीय परंपरा की चिंता सही मायनों में यदि किसी ने की है, तो वह केवल और केवल आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की है।
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जनजाति कल्याण और जनजाति समाज के विकास का दूसरा नाम है भारतीय जनता पार्टी और जनजाति बंधुओं के जीवन में उत्थान लाने के वाहक हैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी।
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भारत का जनजातीय समाज ‘आत्मनिर्भर समाज' की परिकल्पना से जुड़ा रहा है। ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने जनजाति ताकत को पहचाना और देश के समग्र विकास में उनके पुरुषार्थ का उपयोग किया।
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त्रिपुरा में एक सरकार थी वामपंथियों की थी जिन्होंने राज्य में अंधेरगर्दी मचाई, दूसरी सरकार थी कांग्रेस की जिसने भ्रष्टाचार और उग्रवाद को बढ़ावा दिया लेकिन एक सरकार भारतीय जनता पार्टी की है जो लगातार आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में यहाँ के नागरिकों के कल्याण के लिए काम कर रही है।
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आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आजादी के 75 साल बाद आदिवासी समाज में एक अत्यंत गरीब घर में जन्म लेने वाली बेटी आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर सुशोभित कर न केवल जनजाति समाज को बल्कि देश के जन-जन को गर्व करने का अवसर दिया है।
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आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पहली बार केंद्र सरकार में 8 जनजाति मंत्रियों को स्थान दिया। त्रिपुरा की भाजपा सरकार में भी 5 जनजातीय मंत्री है। आजादी की बाद पहली बार हमारी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ही जनजाति कल्याण के लिए अलग से मंत्रालय का गठन किया था।
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आजादी के 75 साल बाद नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्राइबल्स की स्थापना की की स्थापना हुई। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस परिकल्पना को साकार किया और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने इसका उद्घाटन किया।
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आज से पहले जनजाति समुदाय के महान विभूतियों की कोई चिंता ही नहीं करता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिष्ठित आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर पिछले वर्ष 15 नवंबर को हर वर्ष इस दिन जनजाति गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया।
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करीब 64 साल बाद केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्यों से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट के दायरे को काफी घटा दिया है और जनजाति भाइयों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है।
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एकलव्य मॉडल स्कूल पर कांग्रेस की यूपीए सरकार 277 करोड़ रुपये खर्च करती थी जबकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार इस पर 200 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। ट्राइबल विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए बजट को श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 42,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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जनजाति छात्रों के लिए छात्रवृत्ति हेतु कांग्रेस की यूपीए सरकार में 970 करोड़ रुपये दिए जाते थे जबकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार इस पर अभी 2,500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। जनजाति उपयोजनाओं के बजट को भी 21,000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 86,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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जल-जीवन मिशन के तहत 1.20 करोड़ जनजातीय परिवारों में जल जीवन मिशन के तहत नल से जल पहुंचाया जा रहा है। आयुष्मान भारत के तहत 1.70 करोड़ जनजातीय परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का कवच मिल रहा है। किसान सम्मान निधि का लाभ तीन करोड़ जनजातीय किसानों को मिल रहा है।
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श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने विदेशी औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष करने वाले जनजातियों के योगदान को मान्यता देने के लिये 10 राज्यों में ‘‘ जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय’’ मनाने का निर्णय लिया है।
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चाहे भूरी बाई हों, दुर्गा बाई हों एवं अन्य जनजाति विभूतियाँ हों, यह श्री नरेन्द्र मोदी सरकार है जिसने उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जनजाति समाज की बेटियों एवं जनजाति समाज के लोगों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज सोमवार को त्रिपुरा के खुमुलवांग, अगरतला में जनजाति जनसभा कार्यक्रम को संबोधित किया और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जनजाति कल्याण के लिए उठाये गए इनिशिएटिव्स पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने राज्य की डबल इंजन वाली भाजपा सरकार द्वारा जनजातियों के जीवन में उत्थान लाने के लिए किये जा रहे प्रयासों को भी सराहा। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ माणिक साहा, उप-मुख्यमंत्री श्री जिष्णु देव वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री श्री बिप्लब देब, केंद्रीय मंत्री सुश्री प्रतिमा भौमिक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री राजीव भट्टाचार्य एवं प्रदेश भाजपा प्रभारी श्री विनोद सोनकर सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता एवं त्रिपुरा सरकार के मंत्री उपस्थित थे। इस जनसभा में त्रिपुरा के कोने-कोने से और सभी जनजातियों से बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
माँ त्रिपुर सुंदरी को सर्वप्रथम नमन करते हुए श्री नड्डा ने त्रिपुरा के महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर जी सहित त्रिपुरा के महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। उन्होंने राज्य की सभी 19 जनजातीय समुदाय के लोगों एवं उनके नेताओं को भी सम्मान देते हुए कहा कि इन सभी जनजातियों ने त्रिपुरा के साथ-साथ भारत की संस्कृति की रक्षा के लिए मुख्यधारा में शामिल होकर देश और प्रदेश को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत का जनजातीय समाज ‘आत्मनिर्भर समाज' की परिकल्पना से जुड़ा रहा है। ये आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने जनजाति ताकत को पहचाना और देश के समग्र विकास में उनके पुरुषार्थ का उपयोग किया। हमारे जनजाति बंधु न केवल देशभक्त हैं बल्कि जब भी देश में कोई संकट आया है तो वे राष्ट्र की रक्षा के लिए सामने आते हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने जनजाति गौरव को सम्मान देकर उन्हें देश की मुख्यधारा के साथ जोड़ने का कार्य किया है।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आजादी के 75 साल बाद जनजाति समाज को गर्व की अनुभूति करने वाला क्षण प्रदान किया है। उन्होंने आदिवासी समाज में एक अत्यंत गरीब घर में जन्म लेने वाली बेटी आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर सुशोभित कर न केवल जनजाति समाज को बल्कि देश के जन-जन को गर्व करने का अनुपम अवसर दिया है। आदरणीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने अत्यंत गरीबी और कष्ट में अपना जीवन जीते हुए भी भारत की मूल धारणा और देश प्रेम की ज्वाला को बुझने नहीं दिया। ऐसी महान विभूति को सम्मान देकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने सही अर्थों में सर्वांगीण विकास की परिकल्पना को चरितार्थ किया है।
श्री नड्डा ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पहली बार केंद्र सरकार में 8 जनजाति मंत्रियों को स्थान दिया। त्रिपुरा की भाजपा सरकार में भी 5 जनजातीय मंत्री है। आजादी के बाद पहली बार जनजाति समाज की चिंता भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने की थी। उन्होंने पहली बार जनजाति कल्याण के लिए अलग से मंत्रालय का गठन किया। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्राइबल्स की स्थापना की। आजादी के बाद भाजपा को छोड़ कर किसी भी सरकार को आदिवासियों की चिंता नहीं हुई। आजादी के 75 साल बाद इस इंस्टीटयूट की स्थापना हुई। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस परिकल्पना को साकार किया और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने इसका उद्घाटन किया। आज तक देश में जनजाति गौरव दिवस मनाने के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं। आज तक देश में जनजाति गौरव दिवस ही नहीं मनाया जाता था। आज से पहले जनजाति समुदाय के महान विभूतियों की कोई चिंता ही नहीं करता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रतिष्ठित आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर पिछले वर्ष 15 नवंबर को हर वर्ष इस दिन जनजाति गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि करीब 64 साल बाद केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्यों से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट के दायरे को काफी घटा दिया है और जनजाति भाइयों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है। ट्राईबल रिसर्च के 27 सेंटर खोले गए हैं जिसमें से 50% सेंटर, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित हैं। लेफ्ट की सरकार में त्रिपुरा में जनजाति भाईयों पर हिंसा और गुंडागर्दी होती थी, डबल इंजन की सरकार में यह ख़त्म हुई है।
श्री नड्डा ने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जनजाति कल्याण के लिए उठाये गए क़दमों पर विस्तार से चर्चा करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि एकलव्य मॉडल स्कूल पर कांग्रेस की यूपीए सरकार 277 करोड़ रुपये खर्च करती थी जबकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार इस पर 200 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसी तरह ट्राइबल विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए बजट को श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 42,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जनजाति छात्रों के लिए छात्रवृत्ति हेतु कांग्रेस की यूपीए सरकार में 970 करोड़ रुपये दिए जाते थे जबकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार इस पर अभी 2,500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। जनजाति उपयोजनाओं के बजट को भी 21,000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 86,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जल-जीवन मिशन के तहत 1.20 करोड़ जनजातीय परिवारों में जल जीवन मिशन के तहत नल से जल पहुंचाया जा रहा है। इसी तरह, आयुष्मान भारत के तहत 1.70 करोड़ जनजातीय परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का कवच मिल रहा है। किसान सम्मान निधि का लाभ तीन करोड़ जनजातीय किसानों को मिल रहा है। आदिवासी भाइयों के जल, जंगल और जमीन तथा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जनजातीय परंपरा की चिंता सही मायनों में यदि किसी ने की है, तो वह केवल और केवल आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने विदेशी औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष करने वाले जनजातियों के योगदान को मान्यता देने के लिये 10 राज्यों में ‘‘ जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय’’ मनाने का निर्णय लिया है।
आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि वामपंथी सरकार ने हमेशा जनजातियों को उपेक्षा की दृष्टि से देखा। हमारी सरकार महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर जी को सम्मान देते हुए त्रिपुरा के एयरपोर्ट को इंटरनेशनल बनाने के लिए काम कर रही है। चाहे भूरी बाई हों, दुर्गा बाई हों एवं अन्य जनजाति विभूतियाँ हों, यह श्री नरेन्द्र मोदी सरकार है जिसने उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जनजाति समाज की बेटियों एवं जनजाति समाज के लोगों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा है।
श्री नड्डा ने कहा कि जनजाति कल्याण और जनजाति समाज के विकास का दूसरा नाम है भारतीय जनता पार्टी और जनजाति बंधुओं के जीवन में उत्थान लाने के वाहक हैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी। त्रिपुरा में एक सरकार थी वामपंथियों की थी जिन्होंने राज्य में अंधेरगर्दी मचाई, दूसरी सरकार थी कांग्रेस की जिसने भ्रष्टाचार और उग्रवाद को बढ़ावा दिया लेकिन एक सरकार भारतीय जनता पार्टी की है जो लगातार आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में यहाँ के नागरिकों के कल्याण की चिंता करती है। मैं आप सभी जनजाति भाइयों को भाजपा की ओर से संदेश देना चाहता हूँ कि हमारी डबल इंजन की सरकार आपके कल्याण के लिए कटिबद्ध है। मुझे विश्वास है कि आप भारतीय जनता पार्टी पर अपना आशीर्वाद बनाए रखेंगे क्योंकि देश में एकमात्र भारतीय जनता पार्टी ही ऐसी पार्टी है जो आप सबकी चिंता करती है।
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