केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह द्वारा पूर्णिया, बिहार में आयोजित “जन-भावना महासभा” में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा स्वार्थ और सत्ता की राजनीति की जगह सेवा और विकास की राजनीति पर आगे बढ़ रही है। हम बिहार के विकास के लिए कृतसंकल्पित हैं। 2024 में बिहार की जनता लालू यादव -नीतीश कुमार की जोड़ी का सूपड़ा साफ करने वाली है। 2025 में यहाँ पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकार का गठन निश्चित है।
********************
आज इस जन-भावना महासभा में जनता की उमड़ी भीड़ लालू-नीतीश सरकार के लिए चेतावनी का सिग्नल है। बिहार में लालू-नीतीश सरकार के गिने-चुने दिन ही बचे हैं। नीतीश कुमार ने लालू यादव जी के साथ बैठ कर अपनी कुर्सी बचाने के अलावा आज तक कुछ भी नहीं किया है।
********************
नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति की शुरुआत से ही एक के बाद एक, सब को धोखा दिया है। सबसे पहले नीतीश कुमार जनता पार्टी में देवीलाल गुट के साथ चले गए। उसके बाद लालू यादव जी के साथ कपट किया। नीतीश कुमार ने सबसे बड़ा धोखा जॉर्ज फर्नांडीस को दिया।
********************
नीतीश कुमार ने शरद यादव जी को धोखा दिया। उसके बाद भाजपा को, फिर जीतन राम मांझी को और रामविलास पासवान जी के साथ कपट किया। उसके बाद लालू यादव जी को धोखा देकर पुनः भाजपा के साथ मिल गए और अब प्रधानमंत्री बनने की लालसा में भाजपा को धोखा देकर फिर से लालू जी के पास चले गए।
********************
मैं लालू यादव जी और नीतीश कुमार जी, दोनों से कहना चाहता हूँ कि आज जो ये बार-बार दल-बदल कर रहे हो, यह धोखा किसी पार्टी के साथ नहीं है, यह धोखा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ नहीं है बल्कि बिहार के जनादेश के साथ है, बिहार की जनता के साथ है।
********************
आज सीमावर्ती जिलों में एक डर बैठ गया है। मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि डरिये मत, बिहार में भले ही कपट से लालू-नीतीश की जोड़ी सत्ता में आ गई हो लेकिन केंद्र में आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी सरकार है, किसी की हिम्मत नहीं है सीमावर्ती जिलों में मनमानी करने की।
********************
नीतीश कुमार की कोई राजनीतिक विचारधारा है ही नहीं। वे समाजवाद छोड़ कर लालू जी के साथ भी जा सकते हैं, जातिवादी राजनीति भी कर सकते हैं। वे कांग्रेस को छोड़ कर वामपंथियों के साथ भी बैठ सकते हैं और राजद को छोड़ कर भाजपा के साथ भी आ सकते हैं। उनकी एक ही नीति है कि उनकी कुर्सी बची रहनी चाहिए।
********************
जब से लालू यादव जी बिहार की सत्ता में भागीदार बन कर आये हैं, नीतीश कुमार उनकी गोद में बैठे नजर आते हैं। राजद के सत्ता में भागीदार बनने से बिहार के सीमावर्ती जिलों सहित पूरे राज्य में डर का माहौल बन गया है। अपराधी उन्मुक्त हो घूम रहे हैं। कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।
********************
भाजपा को धोखा देकर लालू यादव की गोद में बैठ नीतीश कुमार ने स्वार्थ और सत्ता की राजनीति का जो परिचय दिया है, उसके खिलाफ बिगुल फूंकने की शुरुआत आज हुई है। ये सीमावर्ती जिले हिन्दुस्तान का हिस्सा हैं और केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार है, इसलिए किसी को भी डरने की कोई जरूरत नहीं है।
********************
लालू यादव की सरकार में दिनदहाड़े अपहरण होते थे, फिरौती मांगी जाती थी, हत्याएं होती थी, हत्याकांड होता था और लालू यादव लट्ठ रैली निकालते थे। अब जब लालू यादव जी और नीतीश कुमार जी लट्ठ लेकर रैली निकालेंगे और नीतीश जी अपने कंधे पर लालू जी को लेकर निकलेंगे कैसा दृश्य होगा?
********************
लालू यादव जी और नीतीश कुमार की जोड़ी ने बिहार को फिर से जंगलराज की ओर धकेल दिया है। बिहार की जनता को जंगलराज, फिरौती, अपहरण और जातीय हिंसा में झुलसने वाला राज्य नहीं चाहिए। बिहार को विकास चाहिए और वह केवल और केवल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ही संभव है।
********************
जिस दिन राजद और जदयू की गठबंधन सरकार का गठन हुआ, उस दिन से ही बिहार की कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। नीतीश कुमार कहते हैं कि यह एक षड्यंत्र है। अरे नीतीश बाबू,, कब तक जनता को गुमराह करते रहोगे। यदि ये षड्यंत्र है तो आप अपराधियों को पकड़ते क्यों नहीं लेकिन आप पकड़ नहीं आपोगे क्योंकि षड्यंत्र करने वाले आपके साथ सत्ता में भागीदार बनकर बैठे हैं।
********************
लालू यादव और नीतीश कुमार की जोड़ी एक्सपोज हो चुकी है। दागियों को मंत्री बनाते ही लालू यादव के दवाब में नीतीश कुमार सीबीआई पर प्रतिबंध लगाने की सोच रहे हैं। नीतीश जी एक समय सीबीआई की पैरवी करते थे लेकिन आज लालू यादव के डर से सत्ता मोह में सीबीआई की खिलाफत कर भ्रष्टाचार को बचाने में लगे हैं।
********************
प्रधानमंत्री बनने की लालसा में कांग्रेस के विरोध की राजनीति से उभरे नीतीश कुमार जी ने उस विचारधारा का गला घोंट कर आरजेडी और कांग्रेस की गोद में बैठने का पाप किया है। मैं बिहार की जनता से पूछना चाहता हूँ कि इस प्रकार सत्ता के स्वार्थ में दल-बदल कर के नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं क्या?
********************
गठबंधन से, स्वार्थ से, सत्ता की कुटिल राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना जा सकता। जनता विकास के काम करने से, अपनी विचारधारा पर समर्पित रहने से और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने से ही प्रधानमंत्री बनाती है।
********************
बिहार के सीमांत जिलों में जनजातियों के साथ बहुत अत्याचार हो रहा है, उन्हें भगाया जा रहा है। जनजातीय भाइयों के लिए जो योजनायें केंद्र से भेजी जाती है, वह भी राजद-जदयू की सरकार उन तक नहीं पहुँचने देती।
********************
बिहार और झारखंड, एक समय में वामपंथी उग्रवाद के गढ़ के रूप में जाने जाते थे लेकिन विगत तीन सालों में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद से बिहार को मुक्त कराने का काम केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने किया है।
********************
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में बिहार को 1,25,000 करोड़ रुपये का पैकेज का वादा किया था। आज मैं 7 साल बाद उससे कहीं अधिक का हिसाब लेकर आया हूँ।
********************
ग्रामीण सड़क के लिए 9,000 करोड़ रुपये दिए जाने थे, इस पर 22,000 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। रेलवे पर भी 56,000 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। पेट्रोलियम और गैस के लिए 21,000 करोड़ रुपये देने की बात थी लेकिन इस पर लगभग 32,000 करोड़ रुपये खर्च हुआ है। किसान कल्याण के लिए 3,000 करोड़ रुपये की जगह 7,800 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
********************
आतंकवाद और नक्सलवाद पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने जिस मुस्तैदी और कठोरता के साथ कदम उठाये हैं, वह अद्वितीय है लेकिन लालू यादव जी इसे विभाजन की राजनीति कहते हैं। लालू यादव जी, आपके समय में बिहार में क्या हो रहा था, वह सबको मालूम है।
********************
नीतीश कुमार जी, बिहार की जनता ने आपको इतने समय तक बेनिफिट ऑफ़ डाउट दिया है लेकिन अगले चुनाव में न लालू जी की पार्टी आएगी और न आपकी पार्टी। बिहार में खिलेगा तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केवल कमल खिलेगा।
********************
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने आज पूर्णिया, बिहार के ऐतिहासिक रंगभूमि मैदान में आयोजित विशाल “जन-भावना महासभा" को संबोधित किया और बिहार की जनता से सत्ता स्वार्थ, अपराध और भ्रष्टाचार के गठबंधन वाली राजद-जदयू सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री श्री नित्यानंद राय, पूर्व उप-मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, श्री तारकिशोर प्रसाद, श्री रेणु देवी, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री राधामोहन सिंह, श्री नंद किशोर यादव, श्री मंगल पांडेय, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री भीखू भाई दलसानिया, बिहार के भाजपा प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री विनोद तावड़े, सह प्रभारी श्री हरीश त्रिवेदी, वरिष्ठ भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन, श्री सम्राट चौधरी, श्री जनक चमार, श्री ऋतुराज सिन्हा, श्री सुशील चौधरी, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया उप-प्रमुख्य एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संजय मयूख, श्री राजीव प्रताप रूडी, श्री नितिन नबीन एवं श्री संजय चौरसिया सहित बिहार के सभी वरिष्ठ भाजपा नेता उपस्थित थे।
माननीय अमित शाह जी के भाषण को सुनने के लिए पूर्णिया के साथ-साथ चार सीमावर्ती जिलों से भी भारी भीड़ रंगभूमि मैदान पहुंची। पूरा क्षेत्र भाजपा के झंडों से पट गया था। भीड़ इतनी थी कि आम लोगों के लिए बनाए गए पंडाल छोटे पड़ गए। श्री शाह के मंच पर पहुचते ही कार्यकर्ताओं ने शंख बचाने शुरू कर दिए। पूरा सभा स्थल शंखध्वनि से रोमांचित हो उठा। पूर्णिया की धरती पहुँचते ही श्री शाह ने जनता का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। चारों ओर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह जिंदाबाद के नारे लग रहे थे। भीड़ ने नारे, शंखध्वनि और तालियाँ बजा कर माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री का स्वागत किया। श्री शाह को मंच पर स्मृति चिन्ह के रूप में गदा दिया गया और उन्हें अंग वस्त्र पहना कर उनका स्वागत किया गया। उन्हें मखाने की माला भी पहनाई गई। केंद्रीय गृह मंत्री जी को अपने बीच में पाकर बिहारवासी फूले नहीं समा रहे थे।
श्री शाह ने अपने उद्बोधन की शुरुआत राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर जी की कविताओं ने न केवल आजादी के आंदोलन को धार दी बल्कि उनकी लेखनी ने भारतीय साहित्य को भी समृद्ध किया। उन्होंने माँ पूरण देवी को भी नमन किया और कबीरपंथी धर्मगुरु सद्गुरु धर्मस्वरूप को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने महान आंचलिक कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु, पहले दलित मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री, महान विद्वान अनूप लाल मंडल, महान साहित्यकार जनार्दन प्रसाद द्विज सहित कई मनीषियों को याद किया।
श्री शाह ने कहा कि मेरे बिहार आने से लालू यादव जी और नीतीश कुमार जी के पेट में दर्द हो रहा है। कह रहे हैं कि झगड़ा लगाने आये हैं। अरे लालू जी, झगड़ा लगाने के लिए तो आप ही पर्याप्त हो क्योंकि आपका पूरा जीवन तो लड़ाई लगाने में ही गुजरा है। मैं बिहार के सीमावर्ती जिलों के सभी भाइयों-बहनों से कहना चाहता हूँ कि जब से लालू यादव जी बिहार की सत्ता में भागीदार बन कर आये हैं, नीतीश कुमार उनकी गोद में बैठे नजर आते हैं। राजद के सत्ता में भागीदार बनने से बिहार के सीमावर्ती जिलों सहित पूरे राज्य में डर का माहौल बन गया है। अपराधी उन्मुक्त हो घूम रहे हैं। कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। मैं आज इस मंच से यहाँ की जनता को आश्वस्त करते हुए कहना चाहता हूँ कि ये सीमावर्ती जिले हिन्दुस्तान का हिस्सा हैं और केंद्र में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार है, इसलिए किसी को भी डरने की कोई जरूरत नहीं है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज इस जन-भावना महासभा में जनता की उमड़ी भीड़ लालू-नीतीश सरकार के लिए चेतावनी का सिग्नल है। हमारी माताएं-बहनें भी भारी संख्या में इस जनसभा में आई हैं। ये इस बात का द्योतक है कि बिहार में लालू-नीतीश सरकार के गिने-चुने दिन ही बचे हैं।
श्री शाह ने कहा कि बिहार की भूमि परिवर्तन का केंद्र है। चाहे अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन हो या इंदिरा गाँधी द्वारा देश पर जबरन थोपे गए आपातकाल के खिलाफ लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का संपूर्ण क्रांति का बिगुल हो, ये क्रांति बिहार की भूमि से ही शुरू हुई है। भारतीय जनता पार्टी को धोखा देकर लालू यादव जी की गोद में बैठ कर नीतीश कुमार जी ने स्वार्थ और सत्ता की राजनीति का जो परिचय दिया है, उसके खिलाफ बिगुल फूंकने की शुरुआत दक्षिण बिहार के इस सीमावर्ती जिले की भूमि से हो रही है। भारतीय जनता पार्टी स्वार्थ और सत्ता की राजनीति की जगह सेवा और विकास की राजनीति की पक्षधर है। जनता पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ लोकतंत्र की हत्या करने वाली कांग्रेस के खिलाफ बिहार की भूमि से जो आंदोलन शुरू किया था, भारतीय जनता पार्टी ने उस आंदोलन को धार दी थी लेकिन मुझे बड़ा अफ़सोस हो रहा है कि प्रधानमंत्री बनने की लालसा में कांग्रेस के विरोध की राजनीति से उभरे नीतीश कुमार जी ने उस विचारधारा का गला घोंट कर आरजेडी और कांग्रेस की गोद में बैठने का पाप किया है। मैं बिहार की जनता से पूछना चाहता हूँ कि इस प्रकार सत्ता के स्वार्थ में दल-बदल कर के नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं क्या? क्या बिहार में इस तरह सरकार चल सकती है?
नीतीश कुमार पर जोरदार हमला करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति की शुरुआत से ही एक के बाद एक, सब को धोखा दिया है। सबसे पहले नीतीश कुमार जनता पार्टी में देवीलाल गुट के साथ चले गए। उसके बाद लालू यादव जी के साथ कपट किया। लालू यादव जी, ध्यान रखियेगा, नीतीश कुमार कल आपको छोड़ कर कांग्रेस की गोद में बैठ जायेंगे और आप धरे के धरे रह जायेंगे। नीतीश कुमार ने सबसे बड़ा धोखा प्रतिष्ठित समाजवादी और राष्ट्रभक्त नेता जॉर्ज फर्नांडीस को दिया। पहले उनके कंधे पर बैठ कर समता पार्टी बनाई और जब जॉर्ज फर्नांडीस जी का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहा, तो उन्हें हटाते नीतीश कुमार ने 1 मिनट भी देर नहीं लगाई, जॉर्ज बाबू को हटा कर ये खुद अध्यक्ष बन गए। फिर, शरद यादव जी को धोखा दिया। उसके बाद भाजपा को धोखा दिया। फिर, जीतन राम मांझी को धोखा दिया। उसके बाद रामविलास पासवान जी के साथ कपट किया। उसके बाद लालू यादव जी को धोखा देकर पुनः भाजपा के साथ मिल गए और अब प्रधानमंत्री बनने की लालसा में भाजपा को धोखा देकर फिर से लालू जी के पास चले गए। मैं लालू यादव जी और नीतीश कुमार जी, दोनों से कहना चाहता हूँ कि आज जो ये बार-बार दल-बदल कर रहे हो, यह धोखा किसी पार्टी के साथ नहीं है, यह धोखा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ नहीं है बल्कि बिहार के जनादेश के साथ है, बिहार की जनता के साथ है। बिहार की जनता ने लालू यादव जी के साथ मिल कर सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार जी को वोट नहीं दिया था। आप उनसे ये सवाल जरूर करना कि जब वोट आपने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से लिया था तो आज लालू यादव जी के साथ मिल कर हमारी सलामती पर प्रश्नचिन्ह क्यों लगा रहे हो?
श्री शाह ने कहा कि आज सीमावर्ती जिलों में एक डर बैठ गया है। मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि डरिये मत, बिहार में भले ही कपट से लालू-नीतीश की जोड़ी सत्ता में आ गई हो लेकिन केंद्र में आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी सरकार है, किसी की हिम्मत नहीं है सीमावर्ती जिलों में मनमानी करने की। पिछले बिहार विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार जी की हमसे लगभग आधी सीट आई थी लेकिन आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बड़प्पन दिखाते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया क्योंकि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने वादा किया था कि हम नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार का चुनाव लड़ेंगे लेकिन, जैसे ही लोक सभा का चुनाव नजदीक आया, प्रधानमंत्री बनने के लिए नीतीश कुमार कांग्रेस और लालू जी की गोद में बैठ गए। नीतीश बाबू, बिहार की जनता आपको भलीभांति जान गई है। 2014 में भी आपने यही किया था। हश्र ये हुआ कि आप केवल दो सीटों पर सिमट कर रह गए। 2024 का चुनाव आने दीजिये, बिहार की जनता लालू-नीतीश की जोड़ी का सूपड़ा साफ करने वाली है। 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी हम पूर्ण बहुमत के साथ यहाँ भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनायेंगे।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार की कोई राजनीतिक विचारधारा है ही नहीं। वे समाजवाद छोड़ कर लालू जी के साथ भी जा सकते हैं, जातिवादी राजनीति भी कर सकते हैं। वे कांग्रेस को छोड़ कर वामपंथियों के साथ भी बैठ सकते हैं और राजद को छोड़ कर भाजपा के साथ भी आ सकते हैं। उनकी एक ही नीति है कि उनकी कुर्सी बची रहनी चाहिए। नीतीश कुमार जी, बिहार की जनता ने आपको इतने समय तक बेनिफिट ऑफ़ डाउट दिया है लेकिन अगले चुनाव में न लालू जी की पार्टी आएगी और न आपकी पार्टी। बिहार में खिलेगा तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केवल कमल खिलेगा।
श्री शाह ने कहा कि बिहार के सीमांत जिलों में जनजातियों के साथ बहुत अत्याचार हो रहा है, उन्हें भगाया जा रहा है। साथ ही, प्रधानमंत्री जी जनजातीय भाइयों के लिए जो योजनायें केंद्र से भेजते हैं, वह भी राजद-जदयू की सरकार उन तक नहीं पहुँचने देती। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संथाल जनजाति के अत्यंत गरीब घर में जन्म लेने वाली बेटी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति बना कर देश के गरीबों का सम्मान किया है। लालू यादव जी और नीतीश कुमार की जोड़ी ने बिहार को फिर से जंगलराज की ओर धकेल दिया है। बिहार की जनता को जंगलराज नहीं चाहिए, बिहार की जनता को फिरौती और अपहरण उद्योग वाला राज्य नहीं चाहिए, बिहार को जातीय हिंसा में झुलसने वाला राज्य नहीं चाहिए। बिहार को विकास चाहिए और वह केवल और केवल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ही संभव है। जिस दिन राजद और जदयू की गठबंधन सरकार का गठन हुआ, उस दिन से ही बिहार की कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। नीतीश कुमार कहते हैं कि यह एक षड्यंत्र है। अरे नीतीश बाबू,, कब तक जनता को गुमराह करते रहोगे? यदि ये षड्यंत्र है तो आप अपराधियों को पकड़ते क्यों नहीं? कौन आपको रोकता है लेकिन आप पकड़ नहीं आपोगे क्योंकि षड्यंत्र करने वाले आपके साथ सत्ता में भागीदार बनकर बैठे हैं। आपकी हिम्मत नहीं है उन पर हाथ डालने की। मैंने नीतीश कुमार और नए-नए नेता बने लल्लन सिंह से पूछना चाहता हूँ कि आप लोग तो चारा घोटाला की रट लगाते रहते थे, अब क्या करोगे? चारा घोटाला करने वाले तो आपके यहाँ मंत्री बन गए हैं तो अब कैसे पकड़ोगे। ऐसे लोगों को मंत्री बनाते ही लालू यादव जी के दवाब में आप सीबीआई पर प्रतिबंध लगाने की सोच रहे हो। नीतीश जी, एक ज़माना था, जब आप सीबीआई में याचिका लगाने के लिए घूमते थे लेकिन आज लालू यादव जी के डर से सत्ता के मोह में आप सीबीआई की खिलाफत कर भ्रष्टाचार को बचाने में लगे हो।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बिहार में जंगलराज का ख़तरा मंडरा रहा है। बिहार की जनता 2024 में भाजपा को विजयी बना कर अपना फैसला सुना दे, 2025 में अपने-आप बिहार में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन जायेगी। मैं बिहार के युवाओं से भी आह्वान करना चाहता हूँ कि लालू यादव और नीतीश कुमार की जोड़ी अब एक्सपोज हो चुकी है। ये जोड़ी कभी भी बिहार को आगे नहीं ले जा सकती। बिहार को आगे ले जाना है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमें बिहार में भी पूर्ण बहुमत की भारतीय जनता पार्टी सरकार बनानी ही होगी।
श्री शाह ने कहा कि बिहार और झारखंड, एक समय में वामपंथी उग्रवाद के गढ़ के रूप में जाने जाते थे लेकिन विगत तीन सालों में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वामपंथी उग्रवाद से बिहार को मुक्त कराने का काम केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री जी गरीबों का सशक्तिकरण करना चाहते हैं। उनके नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार गाँव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, युवा एवं महिलाओं की सरकार है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने बिहार के सीमावर्ती जिलों में भाजपा सरकार द्वारा किये गए विकास को रेखांकित करते हुए कहा कि लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से महेशखूंट-सहरसा-पूर्णिया नेशनल हाईवे का दोहरीकरण हुआ है, 650 करोड़ रुपये की लागत से पूर्णिया-खगड़िया रोड को दो लेन बनाया गया है, लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से किशनगंज में फोरलेन बाईपास का बनना शुरू हो गया है, लगभग 1000 करोड़ रुपये के खर्चे से एपीजे अब्दुल कलाम कृषि महाविद्यालय की स्थापना हुई है। लगभग 1900 करोड़ रुपये की लागत से गंगा नदी के ऊपर मनिहारी-साहेबगंज के बीच में 6 किलोमीटर लंबा चार लेन ब्रिज का शिलान्यास हो चुका है। खगरिया-अररिया और सुपौल रेल खंड का काम भी 45 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू हो चुका है।
श्री शाह ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2015 में बिहार को 1,25,000 करोड़ रुपये का पैकेज का वादा किया था। आज मैं 7 साल बाद उससे कहीं अधिक का हिसाब लेकर आया हूँ। महामार्ग के निर्माण के लिए 14,000 करोड़ रुपये दिए गए, इसमें और बढ़ोत्तरी की गई है। ग्रामीण सड़क के लिए 9,000 करोड़ रुपये दिए जाने थे, इस पर 22,000 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। रेलवे पर भी 56,000 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 600 करोड़ रुपये खर्च किये जाने थे, पर इस मद में 1280 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पर्यटन के लिए भी 1,550 करोड़ रुपये की जगह 1,600 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पेट्रोलियम और गैस के लिए 21,000 करोड़ रुपये देने की बात थी लेकिन इस पर लगभग 32,000 करोड़ रुपये खर्च हुआ है। इसी तरह बिजली के लिए 16,000 करोड़ रुपये देने की बात थी जिसमें से लगभग 14,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। किसान कल्याण के लिए 3,000 करोड़ रुपये की जगह 7,800 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल बिहार के लिए 3,000 करोड़ रुपये खर्च होने थे, इस पर भी अब तक 4,100 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। नीतीश कुमार जी, आप ज़रा हिसाब दीजिये कि आपने क्या किया है? अपने लालू यादव जी के साथ बैठ कर अपनी कुर्सी बचाने के अलावा कुछ भी नहीं किया है। नीतीश कुमार जी, भारत की जनता अब जागरुक हो चुकी है। गठबंधन से, स्वार्थ से, सत्ता की कुटिल राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना जा सकता। जनता विकास के काम करने से, अपनी विचारधारा पर समर्पित रहने से और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने से ही प्रधानमंत्री बनाती है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने धारा 370 को धाराशायी कर सदा के लिए जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बना दिया। है हिम्मत तो नीतीश कुमार जी और लालू यादव जी एक बार बोल दें कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने धारा 370 को हटा कर देश के लिए अच्छा किया। आतंकवाद और नक्सलवाद पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने जिस मुस्तैदी और कठोरता के साथ कदम उठाये हैं, वह अद्वितीय है लेकिन लालू यादव जी इसे विभाजन की राजनीति कहते हैं। लालू यादव जी, आपके समय में बिहार में क्या हो रहा था, वह सबको मालूम है। तब दिनदहाड़े अपहरण होते थे, फिरौती मांगी जाती थी, हत्याएं होती थी, हत्याकांड होता था और लालू यादव लट्ठ रैली निकालते थे। अब जब लालू यादव जी और नीतीश कुमार जी लट्ठ लेकर रैली निकालेंगे और नीतीश जी अपने कंधे पर लालू जी को लेकर निकलेंगे कैसा दृश्य होगा? स्वार्थ की राजनीति से ऊपर उठकर हमने विकास की राजनीति की ओर कदम बढ़ाया है। बिहार के युवाओं में मेधा है, बुद्धि है, मेहनत करने का जज्बा है, मेहनत का स्वभाव है। आज जहाँ-जहाँ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकारें हैं, वहां विकास की नई कहानी लिखी गई है। आप ने भाजपा को हमेशा वोट दिया मगर पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनाई। आप एक बार भाजपा को पूर्ण बहुमत दे दीजिए, हम बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बनाएंगे।
*****************************
To Write Comment Please लॉगिन