Salient points of speech of Hon'ble Prime Minister Shri Narendra Modi ji while addressing NDA Meeting in New Delhi


by Shri Narendra Modi -
18-07-2023

 

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु 

 

NDA नई ऊर्जा से भरी हुई त्रिशक्ति है। N से New India के लिए, D से Developed Nation (विकसित राष्ट्र) के लिए और A से Aspiration of People and Regions (लोगों और क्षेत्रीय आकांक्षा) के लिए। आज सभी का विश्वास NDA पर है।

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हमारा संकल्प पॉजिटिव है, एजेंडा पॉजिटिव है, भावना पॉजिटिव है और हमारा रास्ता भी पॉजिटिव है। सरकारें बहुमत से बनती हैं, देश सबके साथ से चलती है।

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हमारे देश में राजनीतिक गठबंधनों की एक लंबी परंपरा रही है लेकिन जो भी गठबंधन निगेटिविटी के साथ बने, वे सफल नहीं हो पाए। कांग्रेस ने नब्बे के दशक में देश में अस्थिरता लाने के लिए गठबंधनों को इस्तेमाल किया। कांग्रेस ने सरकारें बनाईं, सरकारें बिगाड़ीं।

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एनडीए का लक्ष्य सत्ता हासिल करना नहीं था। एनडीए किसी के विरोध में नहीं बना था। एनडीए किसी को सत्ता से हटाने के लिए नहीं बना था। इसका गठन देश में स्थिरता लाने के लिए हुआ था। जब देश में स्थिर सरकार होती है तो देश कालजयी फैसले करता है।

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NDA की विशेषता रही है कि हमने विपक्ष में भी सकारात्मक राजनीति की। कभी नकारात्मक राजनीति का रास्ता नहीं चुना। हमने सरकारों का विरोध करने के लिए कभी विदेशी मदद नहीं मांगी।

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जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी का हो, जब गठबंधन, परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया गया हो, तो वो गठबंधन देश का बहुत नुकसान करता है।

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विपक्ष के लिए गठबंधन मजबूरी है लेकिन हमारे लिए गठबंधन मजबूरी का नहीं, बल्कि मज़बूती का माध्यम है। भारत, 'coalition compulsions' का नहीं, बल्कि 'coalition contributions' का प्रतीक है। NDA में कोई भी राजनीतिक दल बड़ा और कोई भी राजनीतिक दल छोटा नहीं है।

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एनडीए देश के लिए, देश के लोगों के लिए समर्पित है। NDA, एक प्रकार से क्षेत्रीय आकांक्षाओं का बहुत ही खूबसूरत इंद्रधनुष है। एनडीए की विचारधारा है - Nation First, Security of Nation First. एनडीए की विचारधारा है- Progress First. एनडीए की विचारधारा है- Empowerment of People First.

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NDA सरकार ने वोटबैंक की राजनीति को विकासवाद की राजनीति में बदला है। *******************

पहले सत्ता के गलियारे में जो बिचौलिए घूमते थे, हमने उनको बाहर कर दिया है। जन-धन, आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति से लगभग 30 लाख करोड़ रुपए डीबीटी के जरिए लाभार्थियों के खाते में पहुंचे। लगभग 3 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से हमने बचाया है।

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2014 में देश की अर्थव्यवस्था टॉप 10 से बाहर थी, आज हम 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि एनडीए की तीसरी सरकार में हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिष्ठित होंगे। हमारे पास देश के विकास के अगले 25 साल का विजन है।

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हमने राजनैतिक  सौहार्द्र को बनाए रखने के लिए प्रयास किए हैं। दुर्भाग्य से, आज विपक्ष ने अपनी एक ही पहचान बना ली है - हमें गाली देना, हमें नीचा दिखाना। इसके बावजूद हमने कभी भी राजनीति को देश से ऊपर नहीं रखा।

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हमने प्रणव दा को भारत रत्न दिया ये NDA सरकार ही है जिसने मुलायम सिंह यादव जी, शरद पवार जी, गुलाम नबी आज़ाद जी, तरुण गोगोई जी, एससी जमीर जी और मुज़फ्फ़र बेग जी जैसे नेताओं को पद्म सम्मान दिये। हमने कभी भी राजनीतिक दल के आधार पर भेदभाव नहीं किया।

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हम देश के लोगों को जोड़ते हैं, विपक्ष देश के लोगों को तोड़ता है। विपक्ष के लोग जिस गलती को बार-बार दोहरा रहे हैं, वो है- देश के सामान्य मानवी की समझदारी को underestimate करना लेकिन, देश की जनता सब कुछ खुली आँखों से देख भी रही है, और समझ भी रही है।

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अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए विपक्ष पास तो आ सकते हैं, लेकिन साथ नहीं आ सकते। जो लोग आज मोदी को कोसने के लिए इतना समय लगा रहे हैं, अच्छा होता वो देश के लिए सोचने में, गरीब के लिए सोचने में अपना समय लगाते। हम उनके लिए सिर्फ प्रार्थना ही कर सकते हैं।

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देश के लोग मन बना चुके हैं कि तीसरी बार फिर NDA को ही अवसर देना है। हमारा एक ही लक्ष्य है - विकास, भारत का विकास। भारत के कोटि-कोटि लोगों की आशा-आकांक्षा ही हमारा एजेंडा है। हम पूरी शक्ति लगा लेंगे, हम मेहनत करेंगे, ईमानदारी से काम करेंगे, ये हमारी गारंटी है।

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मेरे शरीर का हर कण, मेरे समय का हर क्षण, देश को ही समर्पित है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि मैं अपने परिश्रम में, अपने प्रयासों में कहीं कोई कमी नहीं रहने दूंगा।

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आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज मंगलवार को नई दिल्ली के अशोक होटल में एनडीए के घटक दलों की बैठक को संबोधित किया और विकसित भारत के लक्ष्य को सामने रख कर सबसे एकजुट हो राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया। इस बैठक में एनडीए के 38 घटक दल और उनके वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

 

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के उद्बोधन के मुख्य बिंदु:

 

       हाल में ही NDA के गठन के 25 साल पूरे हुए हैं। ये 25 वर्ष- देश की प्रगति को गति देने और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करने के रहे हैं। राज्यों के विकास से राष्ट्र का विकास- इस मंत्र को NDA ने निरंतर सशक्त किया है।

 

       सभी मनीषी नेताओं ने एनडीए को मजबूती देने का काम किया है। हमारे साथ आज प्रकाश सिंह बादल जी और बाला साहेब के सच्चे अनुयायी मौजूद हैं। राज्यों के विकास से राष्ट्र का विकास के मंत्र को NDA ने सशक्त किया है। पुराने साथियों का मैं अभिनंदन करता हूं। नए साथियों का भविष्य के लिए स्वागत करता हूं। NDA के 25 सालों की यात्रा के साथ सुखद सहयोग जुड़ा है।

 

       हमारा देश, आने वाले 25 वर्षों में एक बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कदम बढ़ा रहा है। ये लक्ष्य विकसित भारत का है, आत्मनिर्भर भारत का है। कोटि-कोटि भारतीय आज नए संकल्पों की ऊर्जा से भरे हुए हैं। इस महत्वपूर्ण कालखंड में NDA की बहुत बड़ी भूमिका है।

 

       NDA नई ऊर्जा से भरी हुई त्रिशक्ति है। N से New India के लिए, D से Developed Nation (विकसित राष्ट्र) के लिए और A से Aspiration of People and Regions (लोगों और क्षेत्रीय आकांक्षा) के लिए। आज सभी का विश्वास NDA पर है। आज देश का गरीब, देश का मध्यम वर्ग, देश के युवा, महिलाएं, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, आदिवासी, सभी का विश्वास NDA पर है।

 

       हमारा संकल्प पॉजिटिव है, एजेंडा पॉजिटिव है, भावना पॉजिटिव है और हमारा रास्ता भी पॉजिटिव है। सरकारें बहुमत से बनती हैं, देश सबके साथ से चलती है। आज हम विकासशील भारत के निर्माण में जुड़े हैं।

 

       हमारे देश में राजनीतिक गठबंधनों की एक लंबी परंपरा रही है लेकिन जो भी गठबंधन निगेटिविटी के साथ बने, वे सफल नहीं हो पाए। कांग्रेस ने नब्बे के दशक में देश में अस्थिरता लाने के लिए गठबंधनों को इस्तेमाल किया। कांग्रेस ने सरकारें बनाईं, सरकारें बिगाड़ीं। जब देश में स्थिर सरकार होती है, तो देश वो फैसले करता है, जो कालजयी होते हैं, देश की दिशा बदलने वाले होते हैं।

 

       एनडीए का लक्ष्य सत्ता हासिल करना नहीं था। एनडीए किसी के विरोध में नहीं बना था। एनडीए किसी को सत्ता से हटाने के लिए नहीं बना था। इसका गठन देश में स्थिरता लाने के लिए हुआ था। जब देश में स्थिर सरकार होती है तो देश कालजयी फैसले करता है।

 

       ये हमने श्रद्धेय अटलजी के दौर में भी देखा और पिछले 9 सालों में बार-बार देख रहे हैं। आज पूरे विश्व का भारत पर भरोसा बढ़ा है। NDA की विशेषता रही है कि हमने विपक्ष में भी सकारात्मक राजनीति की। कभी नकारात्मक राजनीति का रास्ता नहीं चुना। हमने विपक्ष में रहकर सरकारों का विरोध किया, उनके घोटालों को सामने लाए, लेकिन हमने कभी जनादेश का अपमान नहीं किया। हमने सरकारों का विरोध करने के लिए कभी विदेशी मदद नहीं मांगी।

 

       आज हम देखते हैं केंद्र की योजनाओं को विपक्ष की कई सरकारें अपने यहां लागू नहीं होने देती। ये योजनाएं लागू होती हैं तो उन्हें रफ्तार नहीं पकड़ने देती। वो सोचते हैं कि अगर मोदी की योजना का लाभ गरीबों को मिला तो उनकी राजनीति कैसे चलेगी? केंद्र की योजनाओं के लिए मुझे कई बार विपक्षी नेताओं को चिट्ठियां लिखनी पड़ती हैं, लेकिन यह अपनी राजनीति के लिए लोगों के बारे में नहीं सोचते।

 

       जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी का हो, जब गठबंधन, परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया गया हो, तो वो गठबंधन देश का बहुत नुकसान करता है। 2014 से पहले की गठबंधन सरकार का उदाहरण हमारे सामने है।

 

       तमाम उठा-पटक के बीच वो गठबंधन सरकार किसी तरह अपने 10 साल खींच पाई और देश को क्या मिला? प्राइम मिनिस्टर के ऊपर भी एक आलाकमान! निर्णय लेने में अक्षमता! पॉलिसी पैरालिसिस! निर्णय लेने में अक्षमता। भांति-भांति के पावर सेंटर्स। अव्यवस्था और अविश्वास! खींचतान और करप्शन! लाखों करोड़ों के घोटाले! पिछली सरकार में क्रेडिट लेने के लिए सब आगे आते थे, लेकिन गलती होने पर दोष सहयोगियों पर डाल देते थे।

 

       विपक्ष के लिए गठबंधन मजबूरी है लेकिन हमारे लिए गठबंधन मजबूरी का नहीं, बल्कि मज़बूती का माध्यम है। भारत, 'coalition compulsions' का नहीं, बल्कि 'coalition contributions' का प्रतीक है। क्रेडिट भी सबका है, दायित्व भी सबका है। NDA में कोई भी राजनीतिक दल बड़ा और कोई भी राजनीतिक दल छोटा नहीं है। हम सभी एक लक्ष्य के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

 

       एनडीए देश के लिए, देश के लोगों के लिए समर्पित है। NDA, एक प्रकार से क्षेत्रीय आकांक्षाओं का बहुत ही खूबसूरत इंद्रधनुष है। एनडीए की विचारधारा है - Nation First, Security of Nation First. एनडीए की विचारधारा है- Progress First. एनडीए की विचारधारा है- Empowerment of People First.

 

       NDA में हमने संकल्प लिया था कि हम देश की गरीबों को दूर करेंगे। हमने गरीब को सुरक्षा का अहसास दिया, उन्हें विश्वास दिया कि आपके हर प्रयास के पीछे NDA सरकार खड़ी है।

 

       NDA सरकार ने वोटबैंक की राजनीति को विकासवाद की राजनीति में बदला है। जब घर में टॉयलेट बना तो बहनों को सम्मान और सुरक्षा दोनों मिला। जब नल से जल आया, गैस का सिलेंडर आया, तो उनकी परेशानी कम हुई, उनके समय की बचत हुई।

 

       गरीबों को पीढ़ियों दर पीढ़ी गरीब रखने की इस अवधारणा को NDA ने तोड़ दिया। हम जो कर रहे हैं यही सच्चा न्याय है। NDA में गरीबों, रेहड़ी पटरी वालों को मदद मिल रही है। विश्वकर्मा समाज को भरोसा मिला है कि उन्हें भी मदद मिल सकती है। पहले हमारी माता बहनों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने का चलन कम था। वे समाज से कटी थीं, आधी आबादी का ये हाल हो तो गरीबी से पार पाना मुश्किल था। उन्हें लोन मिला, घर मिला तो तस्वीर बदलने लगी।

 

       जब गरीबों को बैंक से लोन की गारंटी सरकार देती है तो उन्हें सहारा मिलता है। जब हम उन्हें मुफ्त इलाज का भरोसा देते हैं तो उससे परिवार ही नहीं, आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित हो जाता है। पहले ऐसे परिवारों के पास बीमारी में दो विकल्प होते थे। या अपनों को बीमारी से जूझते देखे या घर मकान गिरवी रखे।

 

       आज डिफेंस से लेकर माइनिंग तक हर सेक्टर को बेटियों के लिए खोल दिया गया है। देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति देने का सौभाग्य NDA को ही मिला है। 9 साल में हमने केवल एक लक्ष्य के साथ काम किया है कि हम देशवासियों का, खासकर गरीब और वंचित का जीवन बेहतर बना सकें। मैं चाहूंगा कि अकेडमी से जुडे लोग रिसर्च करें कि सरकार की योजना बनाने, काम करने की गति क्या है। इसमें NDA सरकार टॉप पर होगी।

 

       हमारे लिए बहुत आसान था कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम कोई स्मारक बनवा देते, लेकिन हम देश के कोने कोने में एक लाख अमृत सरोवर बना रहे हैं। हमारी स्पीड, उद्देश्य अभूतपूर्व है। हम मेक इन इंडिया पर भी बल दे रहे हैं और देश के पर्यावरण पर भी ध्यान दे रहे हैं।

 

       पहले सत्ता के गलियारे में जो बिचौलिए घूमते थे, हमने उनको बाहर कर दिया है। जन-धन, आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति से लगभग 30 लाख करोड़ रुपए डीबीटी के जरिए लाभार्थियों के खाते में पहुंचे। लगभग 3 लाख करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचाया है। देश में 10 करोड़ फर्जी लाभार्थी थे, जिनका जन्म ही नहीं हुआ था उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा था, वो हमारे दलित, आदिवासियों का था। हमने टेक्नॉलॉजी की मदद से लीकेज की हर संभावना को दूर किया है। हमारी नीयत साफ है, नीति स्पष्ट है और निर्णय ठोस हैं। NDA सरकार ने बीते 9 वर्षों में भ्रष्टाचार के हर रास्ते को बंद करने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं।

 

       2014 में देश की अर्थव्यवस्था टॉप 10 से बाहर थी, आज हम 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि एनडीए की तीसरी सरकार में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिष्ठित होंगे। हमारे पास देश के विकास के अगले 25 साल का विजन है।

 

       पॉलिटिक्स में प्रतिस्पर्धा हो सकती है, लेकिन शत्रुता नहीं होती। हमने राजनैतिक सौहार्द्र और शालीनता को बनाए रखने के लिए प्रयास किए हैं। आखिरकार, हम एक ही देश के लोग हैं, एक ही समाज का हिस्सा हैं लेकिन दुर्भाग्य से, आज विपक्ष ने अपनी एक ही पहचान बना ली है - हमें गाली देना, हमें नीचा दिखाना। इसके बावजूद हमने राजनीति को कभी भी देश से ऊपर नहीं रखा।

 

       लोकतंत्र की मूल भावना NDA की कार्यशैली में आपको हर जगह दिखेगी। हमने प्रणव दा को भारत रत्न दिया, वे जीवन भर कांग्रेस में रहे, लेकिन उन्हें सम्मान देने में हमने संकोच नहीं किया। ये NDA सरकार ही है जिसने मुलायम सिंह यादव जी, शरद पवार जी, गुलाम नबी आज़ाद जी, तरुण गोगोई जी, एससी जमीर जी और मुज़फ्फ़र बेग जी जैसे नेताओं को पद्म सम्मान दिये। हमने कभी भी राजनीतिक दल के आधार पर भेदभाव नहीं किया।

 

       इस समय भारत जी20 को होस्ट कर रहा है, इससे जुड़े प्रोग्राम देश में हो रहे हैं। इनका वेन्यू तय करते समय हमने नहीं सोचा कि कहां किसकी सरकार है। कोरोना में हमने हर पार्टी के हर राज्य के सीएम से बात की, उन्हें हर संभव मदद दी।

 

       हम देश के लोगों को जोड़ते हैं, विपक्ष देश के लोगों को तोड़ता है। विपक्ष के लोग जिस गलती को बार-बार दोहरा रहे हैं, वो है- देश के सामान्य मानवी की समझदारी को underestimate करना लेकिन, देश की जनता सब कुछ खुली आँखों से देख भी रही है, और समझ भी रही है। जनता देख रही है कि ये पार्टियां क्यों इकट्ठा हो रही हैं। जनता ये भी जान रही है कि वो कौन सा Glue है, गोंद है जो इन लोगों को, इन पार्टियों को जोड़ रहा है।

 

       अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए विपक्ष पास तो आ सकते हैं, लेकिन साथ नहीं आ सकते। लोग देख रहे हैं कि केरल में लेफ्ट और कांग्रेस एक दूसरे के खून के प्यासे हैं लेकिन, बेंगलुरु में दोनों पार्टियों के नेता हाथ में हाथ डाल कर मुस्कुरा रहे हैं। लोग देख रहे हैं कि बंगाल में लेफ्ट और कांग्रेस के नेताओं पर, उनके कार्यकर्ताओं पर TMC हमले कर रही है लेकिन, इनके नेता TMC के खिलाफ, कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पीडीपी नेता एक दूसरे को कैसी-कैसी गालियां देते थे! आरजेडी और जेडीयू के लोग कैसे-कैसे शब्दों से एक दूसरे को नवाजते थे! देश की जनता ने ये सब करीब से देखा है, और देख रही है। जनता जानती है ये मिशन नहीं मजबूरियां है। इन्हें अपने कार्यकर्ताओं की भी चिंता नहीं। ये कार्यकर्ताओं से उम्मीद करते हैं कि जीवनभर जिसका अपमान किया उनका अचानक सम्मान करने लगें। उनके कार्यकर्ता भी भ्रमित हैं कि क्या करें।

 

       जो लोग आज मोदी को कोसने के लिए इतना समय लगा रहे हैं, अच्छा होता वो देश के लिए सोचने में, गरीब के लिए सोचने में अपना समय लगाते। हम उनके लिए सिर्फ प्रार्थना ही कर सकते हैं।

 

       2024 का लोक सभा चुनाव बहुत दूर नहीं है। देश के लोग मन बना चुके हैं कि तीसरी बार फिर NDA को ही अवसर देना है।

 

       देश के लोग तो मन बना चुके हैं लेकिन विदेश का मन भी बहुत कुछ संकेत दे रहा है। आमतौर पर किसी देश में चुनाव का समय निकट आता है, तो उसका बहुत बड़ा असर उसका वैश्विक संबंधों पर होता है। हरेक को लगता है कि अरे भाई! अब तो चुनाव का वर्ष है, अभी सरकार के साथ रहने दो, चुनाव हो जाए तो नई सरकार आएगी, तब सोचेंगे। स्वभाविक है, कोई दूसरा देश उस सरकार के साथ, जब चुनाव निकट हो तो संबंध बनाने से पहले, सम्मान करने से पहले सौ बार सोचता है।

 

       विदेश की सरकार चुनाव के समय चुनाव होने का इंतजार करता है। जो सरकार जाने वाली होती है, उस पर कोई देश अपना टाईम और एनर्जी इन्वेस्ट करना नहीं चाहता है लेकिन इस समय भारत का मामला कुछ अलग है। सबको पता है कि हमारे यहां कुछ महीनों में चुनाव होने वाले हैं। लेकिन, अनेकों महत्वपूर्ण देश चाहे अमेरिका हो, फ्रांस हो, जापान हो, यूएई हो, यूके हो, सब एनडीए सरकार के प्रतिनिधियों को इनवाइट कर रहे हैं और उनको मान-सम्मान दे रहे हैं। इतने ही देश भारत के साथ बड़े-बड़े और दूरगामी समझौते कर रहे हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं कि वे भी जान रहे हैं कि भारत के लोगों का भरोसा एनडीए पर है। भारत के लोगों का भरोसा किस पर है, दुनिया के लोग जान रहे हैं।

 

       हमारा एक ही लक्ष्य है - विकास, भारत का विकास। भारत के कोटि-कोटि लोगों की आशा-आकांक्षा ही हमारा एजेंडा है। हम पूरी शक्ति लगा लेंगे, हम मेहनत करेंगे, ईमानदारी से काम करेंगे, ये हमारी गारंटी है।

 

       मेरे शरीर का हर कण, मेरे समय का हर क्षण, देश को ही समर्पित है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि मैं अपने परिश्रम में, अपने प्रयासों में कहीं कोई कमी नहीं रहने दूंगा। मुझसे गलती हो सकती है लेकिन बदनीयती से मैं दूर रहूंगा, बदनीयती से कोई काम नहीं करूंगा।

 

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