Salient points of press conference : BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra.


द्वारा श्री संबित पात्रा -
09-11-2021
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा के प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

INC (Indian National Congress) का असली मतलब अब ‘I Need Commission हो गया है। ये बिना कमीशन के कुछ नहीं करते। ये सिलसिला आज का नहीं है। जबसे कांग्रेस पार्टी है तबसेआई नीड कमीशनहै। जीप घोटाला, बोफोर्स घोटाला, एयरबस घोटाला, सबमरीन घोटाला, हेलीकॉप्टर घोटाला, टेट्रा ट्रक घोटाला, जहां कमीशन वहां कांग्रेस।

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फ्रांसीसी पोर्टल मीडिया पार्ट के ताजा खुलासे में यह सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन की सरकार के दौरान 2007 से 2012 के बीच राफेल डील में जम कर भ्रष्टाचार हुआ। राहुल गांधीऔर सोनिया गांधी ने राफेल डील में कमीशन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और कमीशन का विश्व रिकॉर्ड बना दिया।

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बिना कमीशन, हिंदुस्तान की सुरक्षा के लिए कोई डील कांग्रेस के काल में नहीं हो पाई। कांग्रेस की यूपीए सरकार के कार्यकाल में हल डील के अंदर एक डील होती थी और फिर भी डील नहीं हो पाती थी।

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कौन कहता है कि भ्रष्टाचार का कोई पता नहीं है? भ्रष्टाचार का पता है - 10 जनपथ। जबसे भाजपा की सरकार आई है, भ्रष्टाचार बेघर हो गया है और गांधी परिवार बेबस हो गया है।

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घोटाले एक नहीं कई हजार हो गए, रिश्वत के आंकड़े भी करोड़ों पार हो गए। जनता को लूटा कांग्रेस ने इस तरह कि उनके शर्म भी शर्मसार हो गए।

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अब ये पता चल गया है कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के 10 वर्षों में राफेल डील इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि कमीशन पर बात नहीं बनी। 65 करोड़ रुपये कमीशन लेने के बाद भी यह जो नेगोसिएशन हो रही थी वह पूरी नहीं हो सकी क्योंकि इतने में शायद परिवार संतुष्ट नहीं था।

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एग्रीमेंट फॉर कमीशन कांग्रेस के कालखंड में एग्रीमेंट ऑफ पर्चेज तो हमने देखा नहीं, लेकिन एक एग्रीमेंट ऑफ कमीशन जरूर हमारे सामने गया। कांग्रेस सरकार में कमीशन खाने की साजिश ही नहीं थी बल्कि कमीशन खाया जा चुका है।

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खुलासे में सामने आया है कि 2007 से 2012 के बीच में राफेल में ये कमीशनखोरी हुई है, जिसमें बिचौलिए का नाम भी सामने आया है- सुषेण गुप्ता। यह अगस्ता वेस्टलैंड में भी शामिल है और इस पर जांच जारी है।

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राहुल गांधी जी जवाब दें कि राफेल को लेकर झूठ और भ्रम फैलाने की कोशिश आपने और आपकी पार्टी ने इतने वर्षों तक क्यों किया?

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यूपीए की सरकार के 10 साल तक भारतीय वायुसेना के पास फाइटर एयरक्राफ्ट नहीं थे। 10 साल तक सिर्फ समझौता किया गया और हर डील को अटकाए रखा गया। ये समझौता सिर्फ कमीशन के लिए अटकाए रखा गया। ये समझौता एयरक्राफ्ट के लिए नहीं हो रहा था बल्कि कमीशन के लिए हो रहा था। उल्टा चोर चौकीदार को डांट रहा था।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज मंगलवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और राफेल पर कांग्रेस की यूपीए सरकार में हुए भ्रष्टाचार के नये खुलासे को लेकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी पर करारा पलटवार किया।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि फ्रांसीसी पोर्टल मीडिया पार्ट ने जब पहले राफेल में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाये थे तो कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी ने केंद्र की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार पर बढ़-चढ़ कर आरोप लगाए थे और सरकार को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया था जबकि सुप्रीम कोर्ट और कैग को भी राफेल की गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील में कोई कमी या खामी नजर नहीं आई थी। झूठ बोलने के लिए राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से माफी भी मांगनी पड़ी थी। 2019 के चुनावों से पहले विपक्षी दलों ने, खासकर कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार से एक झूठा माहौल बनाने की चेष्टा राफेल को लेकर किया था वो हम सभी ने देखा था। उनको लगता था कि इससे उनको कोई राजनीतिक फायदा होगा। लेकिन, देश की जनता ने उन्हें सच्चाई का आईना दिखाते हुए भाजपा को पहले से अधिक बहुमत देकर अपना आशीर्वाद दिया। फ्रांसीसी पोर्टल मीडिया पार्ट के ताजा खुलासे में यह सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन की सरकार के दौरान राफेल डील में जम कर भ्रष्टाचार हुआ। आज जब मीडिया पार्ट ने अपने इस आर्टिकल के माध्यम से सच्चाई को सामने रखा है तो दिल दहल जाता है यह जानकर कि राफेल का विषय कमीशन की कहानी थी और बहुत बड़े घोटाले की साजिश थी, यह पूरा मामला 2007 से 2012 के बीच हुआ।

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राफेल के भ्रष्टाचार की आज सारी सच्चाई सामने गई कि जो भी भ्रष्टाचार हुआ, कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार के कार्यकाल के दौरान 2007 से 2012 के बीच हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल और सोनिया गांधी ने राफेल डील में कमीशन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और कमीशन का विश्व रिकॉर्ड बना दिया। अब ये पता चल गया है कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के 10 वर्षों में राफेल डील इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि कमीशन पर बात नहीं बनी। एग्रीमेंट फॉर कमीशन कांग्रेस के कालखंड में एग्रीमेंट ऑफ पर्चेज तो हमने देखा नहीं, लेकिन एक एग्रीमेंट ऑफ कमीशन जरूर हमारे सामने गया। इसके कंटेंट को आप पढ़ेंगे तो चौंक जाएंगे। कोई 2-4 प्रतिशत कमीशन की बात नहीं, 40 प्रतिशत कमीशन की बात चल रही थी। यह कमीशन का एग्रीमेंट है और आप झूठ बोल रहे थे इस बात पर, उल्टा चोर चौकीदार को डांट रहा था। कमीशन खाने की साजिश नहीं थी बल्कि कांग्रेस सरकार में कमीशन दिया जा चुका है।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि  INC (Indian National Congress) का असली मतलब अब ‘I Need Commission हो गया है। ये बिना कमीशन के कुछ नहीं करते। ये सिलसिला आज का नहीं है। जबसे कांग्रेस पार्टी है तबसेआई नीड कमीशनहै। जीप घोटाला, बोफोर्स घोटाला, एयरबस घोटाला, सबमरीन घोटाला, हेलीकॉप्टर घोटाला, टेट्रा ट्रक घोटाला, जहां कमीशन वहां कांग्रेस। कल ये खुलासा हुआ है कि 2007 से 2012 के बीच में राफेल में ये कमीशनखोरी हुई है, जिसमें बिचौलिए का नाम भी सामने आया है- सुषेण गुप्ता। यह कोई नया खिलाड़ी नहीं है। ये पुराना खिलाड़ी है, जिसे अगस्ता वेस्टलैंड केस का किंगपिन माना जाता है। एक मिडिलमैन जो कि अगस्ता वेस्टलैंड केस में बिचौलिया था, वो 2007 से 2012 के बीच राफेल केस में घूस में बिचौलिया था। बहुत ज्यादा इत्तेफाक हकीकत होती है।

 

राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए डॉ पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी जी जवाब दें कि राफेल को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश आपने और आपकी पार्टी ने इतने वर्षों तक क्यों किया? राहुल गांधी शायद हिंदुस्तान में नहीं है। वे विदेश में हैं। वे जवाब दें कि भ्रम फैलाने की कोशिश उनकी पार्टी ने क्यों की? क्यों झूठ बोला? यूपीए की सरकार के 10 साल तक भारतीय वायुसेना के पास फाइटर एयरक्राफ्ट नहीं थे। 10 साल तक सिर्फ समझौता किया गया और डील को अटकाए रखा गया। ये समझौता सिर्फ कमीशन के लिए अटकाए रखा गया। ये समझौता एयरक्राफ्ट के लिए नहीं हो रहा था बल्कि कमीशन के लिए हो रहा था। उल्टा चोर चौकीदार को डांट रहा था।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिना कमीशन, हिंदुस्तान की सुरक्षा के लिए कोई डील कांग्रेस के काल में नहीं हो पाई। कांग्रेस की यूपीए सरकार के कार्यकाल में हल डील के अंदर एक डील होती थी और फिर भी डील नहीं हो पाती थी। 65 करोड़ रुपये कमीशन लेने के बाद भी यह जो नेगोसिएशन हो रही थी वह पूरी नहीं हो सकी क्योंकि इतने में शायद परिवार संतुष्ट नहीं था। कौन कहता है कि भ्रष्टाचार का कोई पता नहीं है? भ्रष्टाचार का पता है - 10 जनपथ। जबसे भाजपा की सरकार आई है, भ्रष्टाचार बेघर हो गया है और गांधी परिवार बेबस हो गया है। उस बेबसी का आलम हमने कई बार देखा है। घोटाले एक नहीं कई हजार हो गए, रिश्वत के आंकड़े भी करोड़ों पार हो गए, जनता को लूटा कांग्रेस ने इस तरह कि उनके शर्म भी शर्मसार हो गए।

 

गौरतलब है कि फ्रांसीसी ऑनलाइन पत्रिका मीडिया पार्ट ने दावा किया है कि डसॉल्ट एविएशन ने इस डील के लिए कांग्रेस की यूपीए सरकार के कार्यकाल में भारतीय बिचौलिए सुशेन गुप्ता को कम से कम 65 करोड़ रुपये दिए गए ताकि कंपनी, भारत के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा हासिल कर सके।

 

महेंद्र कुमार

(कार्यालय सचिव)

 

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