Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


द्वारा श्री गौरव भाटिया -
15-04-2023
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्यबिन्दु

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जाँच एंजेसी का समन मिलने पर निशाना साधते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के किंगपिन हैं। ईमानदारी और सुशासन का चार मीनार बनाने का दावा करने वाले अरविन्द केजरीवाल ने भ्रष्टाचार की क़ुतुबमीनार बनाई है।

 

ऐसा प्रतीत होता है कि ज्यों ही अरविंद केजरीवाल को सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया, त्यों ही वे थरथर कांपने लग गए हैं। जैसे-जैसे जुड़ रही हैं कड़ियां, वैसे-वैसे अरविंद केजरीवाल के पास आ रही है हथकड़ियां। दूसरी ओर, अरविंद केजरीवालजी अपने मंत्रिमंडल के पूर्व सदस्य और दिल्ली के पूर्व शराबमंत्री  मनीष सिसोदिया को कट्टर ईमानदार बताते फिरते हैं, जो शराब घोटाले मामले में आज भी जेल की सलाखों के पीछे हैं और उन्हें जमानत तक नहीं मिल पा रही है। पापी “आप” भ्रष्टाचार में पूर्णरूप से संलिप्त है।

 

भारतीय जनता पार्टी शराब घोटाले के किंगपिंन अरविंद केजरीवाल से पांच सवाल पूछना चाहती है, उम्मीद है केजरीवाल जी इसका यथाशीघ्र समुचित जवाब देंगे क्योंकि यह जनता का सवाल है। तय है कि  भ्रष्टाचारी केजरीवाल सिर्फ इधर उधर की बात करेंगे और ढंग से किसी सवाल का जवाब नहीं देंगे। केजरीवाल जी आदतन ऐसा कहेंगे कि हम बहुत ईमानदार हैं जी, सेवा करने आए हैं जी। केजरीवाल जी ! इस तरह के जवाब से अब काम नहीं चलने वाला है।

 

·        पहल सवाल - जिस बैठक में शराब घोटाला की रूपरेखा तैयार हुई थी, उस बैठक की अध्यक्षता बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी कर रहे थे। क्या यह सही नहीं है कि शराब नीति बनाने के लिए 5 फरवरी 2021 मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (जीओएम) का गठन किया?

जीओएम को निर्देश दिया गया कि एक्सपर्ट कमिटी रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन करने के बाद सिफारिश दें। इस जीओएम में तत्कालीन शराब मंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया थे, जिनको अरविंद केजरीवाल कट्टर ईमानदार होने का सर्टिफिकेट दे रहे थे। इस जीआएम मे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन भी थे जो पिछले दस महीने से जेल में हैं और उनको भी जमानत नहीं मिला है। केजरीवाल जी ने सत्येन्द्र जैन को भी कट्टर ईमानदार होने का सर्टिफिकेट दिया था। तो फिर शराब घोटाले की गाज केजरीवाल पर क्यों नहीं गिरनी चाहिए?

 

·        दूसरा सवाल – शराब घोटाले के आरोपी विजय नायर आम आदमी पार्टी का नेता है। जांच एजेंसियों की जांच में ये बातें सामने आयी हैं कि शराब घोटाले के एक आरोपी समीर महेन्द्रू ने विजय नायर के माध्यम से मुख्यमंत्री केजरीवाल जी से फेसटाईम कॉल पर बातचीत की। उस बातचीत में केजरीवाल जी ने बोला कि विजय नायर मेरा ही बच्चा है। भ्रष्टाचार करने में पूरी तरह सच्चा है। इसका पूरा सहयोग करें। केजरीवाल जी बताएं कि क्या फेसटाईम पर समीर महेन्द्रू से बातचीत हुई थी या नहीं ?

 

·        तीसरा सवाल – अरविंद केजरीवाल का शराब घोटालेबाजों से रिश्ता क्या है? शराब माफिया दिल्ली सरकार की नई शराब नीति बनाते हैं। दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सचिव के हवाले से एक प्रतिष्ठित दैनिक अखबार में यह खबर प्रकाशित हुई कि निजी कारोबारियों को शराब बिक्री का होलसेल करने की जिम्मेदारी देने और शराब बिक्री पर लगने वाले कमीशन को बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के बारे में जीएओएम की बैठक में कोई विचार विमर्श नहीं किए गए। मार्च 2021 को जीओएम ने अपनी रिपोर्ट दी थी और मनीष सिसोदिया ने अपने सचिव को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया था। तो क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ही शराब घोटाला करा रहे थे? प्रतीत तो ऐसा ही होता है कि शराब घोटाले के रचयिता अरविंद केजरीवाल जी ही हैं।

 

·        चौथा सवाल - अरविंद केजरीवाल जी ने नई शराब नीति के बारे में कहा था कि यह बहुत अच्छी नीति है और इससे बहुत फायदा होगा। तो क्या इसका मतलब था कि शराब घोटाले से भ्रष्टाचारी “आप” को बहुत फायदा होगा? आखिर क्यों केजरीवाल सरकार ने तथाकथित ‘बहुत अच्छी’ नई शराब नीति को वापस लिया?

 

·        पांचवा सवाल - 25 अक्टूबर 2021 को अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा इंडोस्प्रीट को दिए गए एक नोटिस में कहा गया कि इंडोस्प्रीट के खिलाफ शिकायत आयी है कि उनकी कंपनी ब्लैक लिस्टेड कंपनी है और शराब कॉर्टेल चला रही है। केजरीवाल सरकार द्वारा सात दिनों के भीतर जवाब की मांग की गयी थी। इस कंपनी के मालिक समीर महेन्द्रू वही व्यक्ति हैं जिनसे विजय नायर ने केजरीवाल जी से बात करायी थी। अरविंद केजरीवाल जी बताएं कि इंडोस्प्रीट कंपनी ने सात दिनों में क्या जवाब दिया? पिछले डेढ़ साल में इंडोस्प्रीट कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी?

 

उपरोक्त तथ्य यही दर्शाते हैं कि अरविंद केजरीवाल का एक ही मोटो है- लूट, खसोट और भ्रष्टाचार। यह कहना गलत नहीं होगा कि हर बोतल पर तेरा निशान, जनता बोले अरविंद केजरीवाल कट्टर बेईमान।

 

·        शराब घोटाले में अबतक की जांच से ये बातें स्पष्ट हो गई है कि शराब घोटाले का कोई किंगपिंग है, तो वह अरविंद केजरीवाल जी ही हैं। केजरीवाल जी के इशारे के बिना आम आदमी पार्टी में पत्ता भी नहीं हिलता। दिल्ली की जनता जान गयी है कि केजरीवाल के इशारे पर ही शराब घोटाले हुए।

 

·        शराब घोटाले में अरेस्ट हुए “शतरंज के हाथी”, अरेस्ट हुए अरविंद केजरीवल के “भ्रष्ट साथी।”

 

न्यायाल के आदेश और कार्यवाही के अनुसार 28 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम राहत की मांग की थी। केजरीवाल जी जिसे कट्टर ईमान बता रहे थे, जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उस शराब घोटाले के आरोपी मनीष सिसोदिया को अंतरिम राहत तक नहीं मिली।

 

·        पिछले दिनों भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा, 14 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि विपक्षी दल के नेताओं  को प्रताड़ित करने के लिए सीबीआई-ईडी का इस्तेमाल होता है। सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी दलों को फटकार लगाते हुए कहा कि नेताओं के लिए अलग से कानून नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कृपया करके न्यायालय को राजनीतिक अखाड़ा न बनाया जाये। यदि ऐसे मामले आते हैं तो न्यायालय उसके गुण-दोष के आधार पर फैसला करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की सरकार में सीबीआई को पिंजरे का तोता कहा था। किन्तु पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई और ईडी अपना काम कर रही है। जांच एजेंसी किसी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं करती है और भ्रष्टाचारी को छोड़ती भी नहीं है।

 

·        अरविंद केजरीवाल जी ने संविधान की शपथ ली है। संविधान ने कार्यपालिका और न्यायपालिका अलग-अलग रखा है। भारतीय जनता पार्टी उम्मीद करती है कि केजरीवाल जी को न्यायपालिका पर भरोसा होगा।

 

·        सेशन कोर्ट ने 31 मार्च 2023 को शराब घोटाले के आरोपी मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका रद् करते हुए कहा कि तत्कालीन शराब मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वयं आबकारी कमिश्नर को निर्देश दिया था कि इंडोस्प्रीट के समीर महेन्द्रू को एल-1 लाईसेंस आंबटित की जाए। आबकारी कमिश्नर पर दबाव बनाने के पीछे मुख्य कारण था कि समीर महेन्द्रू से 100 करोड़ रूपये की रिश्वत ली जाए। प्रथम दृश्टया में न्यायालय की फाइंडिंग में ये बातें उभरकर सामने आयी हैं। कड़ी जोड़कर देखने पर सबकुछ स्पष्ट हो जाता है, समीर महेन्द्रू को केजरीवाल जी ने विजय नायर को अपना ही बच्चा बता रहे थे।

 

आखिर खुद को कट्टर ईमानदार बताने वाला मुख्यमंत्री केजरीवाल जी अपने मोबाइल फोन के साक्ष्य को क्यों मिटा रहे थे?

 

·        मनीष सिसोदिया के पास चार मोबाइल थे और जांच एजेंसी ने जांच के लिए चारों मोबाइल फोन की मांग की, तो उन्होंने महज एक मोबाइल फोन जांच एजेंसी को दी और तीन मोबाइल नष्ट कर दिए।

 

·        तथाकथित कट्टर ईमानदार मनीष सिसोदिया ने तीन मोबाइल नष्ट क्यों किये? क्या ऐसा लग रहा था कि उन तीन मोबाइलों से अरविंद केजरीवाल भी शराब घोटाले में फंस रहे हैं? यह कैसी ईमानदारी है?

 

·        तथाकथित कट्टर ईमानदारों को लगता है कि वे कानून से ऊपर हैं। भारतीय जनता पार्टी को यकीन है कि हर भ्रष्टाचारी तक कानून का हाथ पहुंचेगा।

 

अरविंद केजरीवाल सत्ता में आने से पहले आंदोलन चला रहे थे और कहा  करते थे कि मुझे अपने परिवार की कसम है कि मैं राजनीति में नहीं आऊंगा, लेकिन राजनीति में आ गए। इसके बाद केजरीवाल जी ने कहा कि कसम मुझे अपने बच्चे की कि मैं कांग्रेस से समर्थन नहीं लूंगा। लेकिन सत्ता में आने के लिए कांग्रेस का समर्थन भी लिया। केजरीवल ट्वीट कर कहते थे कि किसी पर आरोप लगे तो तुरंत इस्तीफा दे दो।  भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि अरविंद केजरीवाल जी की याद्दाश्त मजबूत होगी।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने अरविंद केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा कि यदि केजरीवाल जी को किसी बात का डर नहीं, तो दूध का दूध और शराब का शराब हो जाने दीजिए। एक के बाद एक आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मीडिया में आकर सिर्फ इधर उधर की बातें कर रहे हैं? भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल जी द्वारा दिए बयान के अनुसार एक पॉलिग्राफ टेस्ट (लाई डिटेक्टर टेस्ट) करा लीजिए, सबकुछ सामने आ जाएगा। सच्चाई यह है कि केजरीवाल जी ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि वे अंदर से डरे हुए हैं।

 

 

**************

To Write Comment Please लॉगिन