Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


द्वारा श्री गौरव भाटिया -
04-07-2023
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

केजरीवाल सरकार के पास शराब घोटाला, शीशमहल घोटाले समेत अपने-आप को महिमामंडित करने वाले विज्ञापन पर खर्च करने के लिएपैसाहै, किन्तु रीजनल रैपिड टांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) सहित जनहित में काम करने के लिए पैसा नहीं है। ये बात सुप्रीम कोर्ट के ऑब्ज़र्वेशन में भी सामने आई है।

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भारतीय जनता पार्टी जो बातें बार-बार कह रही है, उन बातों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ईडी मामले में मनीष सिसोदिया की बेल रिजेक्ट करने के आब्जर्वेशन ने सही ठहराया है।

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भारतीय जनता पार्टी का संकल्प है किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा। ईमानदार सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता के पैसा का लूट-खसोट करने वाले लोगों को पकड़कर सजा दिलाए।

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कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल को जनता की हित की चिंता नहीं है, उन्हें अपने शराब  माफिया मित्रों और शीश महल बनाने की चिंता है। अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार करते पकड़े जाते हैं तो राजनीतिक विद्वेष बताते हैं, किन्तु जन हित के कार्यो में अपने कर्त्तव्य का पालन नहीं करते हैं।

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अरविंद केजरीवाल की चुनरी में दाग लगते ही जा रहे हैं। दो दाग कल सोमवार को भी लगे हैं। अरविंद केजरीवाल जी कह रहे हैं कि लागा चुनरी में दाग, छुपाऊं कैसे? जनता के बीच में जाऊं कैसे?

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शराब घोटाले में चौथी बार मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका निरस्त की गई है। अरविंद केजरीवाल को चौथी बार करारा थप्पड़ पड़ा है। क्या वे जनता को बताएँगे कि अदालत ने उनके पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत क्यों नहीं दी है, जो पिछले 130 दिनों से जेल की सलाखों के पीछे हैं?

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भारतीय जनता पार्टी शराब घोटाले मामले में बार-बार कहती रही है कि जैसे-जैसे जुड़ रही है कड़ी, वैसे-वैसे केजरीवाल के पास रही है हथकड़ी। शराब ठेकेदार ही केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति बना रहे थे। यह बताता है कि अरविंद केजरीवाल का एक ही मूलमंत्र है कि मैं तुम्हे ठेका दूंगा, तुम मुझे गुलाबी गड्डियां देना।

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कोर्ट आब्जर्वेशन में आई बातों से साबित होता है कि सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उनके सभी मंत्री कट्टर बेईमान हैं। प्रदेश के चुनावों में घोटाले के पैसों का इस्तेमाल किया गया है, लोकतंत्र को प्रदूषित किया गया है।

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बताया जा रहा है कि शराब घोटाले के किंगपिन केजरीवाल बहुत डरे हुए हैं, उन्हें लग रहा है कहीं ऐसा तो नहीं कि मनीष सिसोदिया को अपने इशारे पर चलाकर शराब घोटाला करा दिया है, क्या अब मैं भी अंदर जाऊँगा?

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केंद्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोंधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार के पास शराब घोटाला, शीशमहल घोटाले समेत केजरीवाल सरकार को महिमामंडित करने वाले विज्ञापन पर खर्च करने के लिएपैसाहै, किन्तु दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ  रीजनल रैपिड टांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) सहित जनहित में काम करने के लिए पैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जो बातें बार-बार कह रही है, उन बातों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ईडी मामले में मनीष सिसोदिया की बेल रिजेक्ट करने के आब्जर्वेशन ने सही ठहराया है।

 

श्री भाटिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का संकल्प है किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा। ईमानदार सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता के पैसा का लूट-खसोट करने वाले लोगों को पकड़कर सजा दिलाए।

 

श्री भाटिया ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कि केजरीवाल सरकार के पास दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट में योगदान करने के लिए पैसा नहीं है जबकि भ्रष्टाचारी केजरीवाल सरकार ने तीन वर्षो में सिर्फ अपना महिमा मंडन करने के लिए 1106 करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किया है। दिल्ली सरकार को आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए सिर्फ 1138 करोड़ रुपए अपना योगदान देना था।

 

       सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के पास विज्ञापन देने के लिए पैसा है किन्तु आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए पैसा नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल सरकार से तीन साल का विज्ञापन सहित अन्य खर्चो का ब्योरा मांगा है, जो हलफनामे के साथ सुप्रीम कोर्ट में पेश करना है।

 

       सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर केजरीवाल सरकार ने आरआरटीएस के लिए पहले 265 करोड़ रुपए दिए और फिर कोर्ट ने 21 अप्रैल 2023 को आरआरटीएस प्रोजेक्ट में 500 करोड़ रुपए योगदान करने का निर्देश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल सरकार को आरआरटीएस के लिए बजटीय आवंटन करने का भी निर्देश  दिया था।

 

       कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल को जनता की हित की चिंता नहीं है, उन्हें अपने शराब  माफिया मित्रों और शीश महल बनाने की चिंता है। अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार करते पकड़े जाते हैं तो राजनीतिक विद्वेष बताते हैं, किन्तु जन हित के कार्यो में अपने कर्त्तव्य का पालन नहीं करते हैं।

 

       दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ की रीजनल रैपिड टांसपोर्ट सिस्टम को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने 6 मार्च 2019, 21 अप्रैल 2023 और 3 जुलाई 2023 को आदेश  दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल सरकार को फटकार भी लगायी है।

 

       आरआरटीएस की कुल लागत 31,632 करोड़ रुपए है। केन्द्र सरकार इसे बनाने के लिए अपना पूरा योगदान दे चुकी है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने भी इसमें अपना योगदान दे दिया। दिल्ली सरकार को सिर्फ 1138 करोड़ रुपए अपना योगदान देना था, किन्तु केजरीवाल सरकार ने वह राशि नहीं दी है।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने तंज कसते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की चुनरी में दाग लगते ही जा रहे हैं। दो दाग कल सोमवार को भी लगे हैं। अरविंद केजरीवाल जी कह रहे हैं कि लागा चुनरी में दाग, छुपाऊं कैसे? जनता के बीच में जाऊं कैसे? दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केजरीवाल सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत निरस्त करते हुए अपना आब्जर्वेशन दिया है। उसके अनुसार अरविंद केजरीवाल के इशारे पर शराब  घोटाले हुए हैं।

 

       न्यायालय के आदेश के पैरा 61 में लिखी गयी बातों का सारांश है कि केजरीवाल सरकार ने किकबैक लिया है। उसमें यह भी लिखा है कि शराब के ठेकेदार केजरीवाल सरकार की गोपनीय बैठक में उपस्थित रहते थे और निर्देशित करते थे कि दिल्ली सरकार की नई शराब नीति कैसी होनी चाहिए।

 

       शराब ठेकेदार ही केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति बना रहे थे। यह स्पष्ट बताता है कि अरविंद केजरीवाल का एक ही मूलमंत्र है कि मैं तुम्हे ठेका दूंगा, तुम मुझे गुलाबी गड्डियां देना।

 

       अदालत की आब्जर्वेशन में पाया गया है कि केजरीवाल सरकार के आबकारी विभाग के ईमानदार अधिकारियों ने फाइलों पर नोटिंग करके सुझाव दिए थे किन्तु वो फाइलें जब कैबिनेट की बैठक में गयी तो वापस ही नहीं आयी। यह दर्शाता है कि शराब  घोटाले के साक्ष्य और फाइलें गायब कर दी जाती है।

 

       कोर्ट आब्जर्वेशन में आयी बातों से साबित होता है कि सीएम अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उनके सभी मंत्री कट्टर बेईमान हैं। प्रदेश के चुनावों में घोटाले के पैसों का इस्तेमाल किया गया है, लोकतंत्र को प्रदूषित किया गया है।

 

       बताया जा रहा है कि शराब  घोटाले के किंगपिन अरविंद केजरीवाल बहुत डरे हुए हैं, उन्हें लग रहा है कहीं ऐसा तो नहीं होगा कि मनीष सिसोदिया को अपने इशारे पर चलाकर शराब घोटाला करा दिया है, क्या अब मैं भी अंदर जाउंगा?

 

       भारतीय जनता पार्टी शराब घोटाले मामले में बार-बार कहती रही है कि जैसे-जैसे जुड़ रही है कड़ी, वैसे-वैसे केजरीवाल के पास रही है हथकड़ी।

 

श्री भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के इशारे पर हुए शराब  घोटाले मामले में चौथी बार उनके पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका निरस्त की गयी है। अर्थात अरविंद केजरीवाल को चौथी बार करारा थप्पड़ पड़ा है। सबसे पहले सीबीआई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका रिजेक्ट किया था और उसके बाद ईडी कोर्ट ने भी जमानत याचिका रिजेक्ट किया। दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई मामले को लेकर मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की थी। ईडी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को मनीष सिसोदिया की बेल को रिजेक्ट कर दिया।

 

क्या अरविंद केजरीवाल जनता को बताएँगे कि अदालत ने उनके पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत क्यों नहीं दी है, जो पिछले 130 दिनों से जेल की सलाखों के पीछे हैं?

 

श्री भाटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाला कराया है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में ही नयी शराब नीति को लेकर बनी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक हुई थी। केजरीवाल जी ने अपने शराब माफिया मित्रों को कई हजार करोड़ रुपए  का लाभ पहुंचाया था, किन्तु केजरीवाल जी के पास जनहित में आरआरटीएस प्रोजेक्ट में योगदान करने के लिए पैसा नहीं है।

 

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