Salient points of press conference of BJP NationalSpokesperson Dr. Sambit Patra


द्वारा श्री संबित पात्रा -
02-11-2023
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

किंगपिन अरविंद केजरीवाल ने एक तरह से मान लिया है कि शराब घोटाले में उनका हाथ है, इसलिए वे त्योहारों और चुनाव के बहाने ईडी से भाग रहे हैं। कोई भी जांच एजेंसी तथ्यों और सबूतों के आधार पर ही समन भेजती है। क्या कारण है कि अरविंद केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं?

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ईडी की जांच से भागना एक तरह से ये स्वीकारोक्ति है कि अरविंद केजरीवाल ने गलती की है। ईडी के सामने पेश नहीं होना कहीं कहीं उनके डर और स्वीकृति को दिखाता है। यह अतिशयोक्ति नहीं कि दिल्ली शराब घोटाले के किंगपिन अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार किया है कि शराब घोटाले में केजरीवाल भी शामिल है।

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अरविंद केजरीवाल अपने आप को कट्टर ईमानदार की उपाधि देते थे लेकिन यह सिद्ध हो गया कि वे कट्टर बेईमान हैं। आज ईडी के समन से भाग जाने से यह सिद्ध हो गया कि वे कट्टर बेईमान के साथ कट्टर बेशर्म भी हैं। *********************

दिल्ली शराब घोटाले में ₹ 338 करोड़ का खुलासा हुआ है। अगर छोटा-सा हिस्सा ही इतना बड़ा है तो पूरा शराब घोटाला कितना बड़ा होगा। ये जितने गागर अभी जेल के बंद हैं, चाहे वो मनीष सिसोदिया, संजय सिंह या सत्येन्द्र जैन हों, ये सारे गागरों के करप्शन के सागर तो आप हैं केजरीवाल जी, उसी हैसियत से आपको बुलाया गया है।

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नई शराब नीति में 5% की जगह 12% कमीशन ठेकेदारों को क्यों दिया गया? किसको फायदा पहुंचाने के लिए नई शराब नीति बनाई? ब्लैकलिस्टिड कंपनियों को ठेका क्यों दिया? कैबिनेट की मंजूरी के बिना शराब ठेकेदारों की 144 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस को माफ क्यों किया?

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कैबिनेट की बैठक किए बिना शराब नीति को वापस क्यों लिया? शराब मेन्यूफैकचर्स को रीटेल का काम क्यों दिया? ऐयरपोर्ट अथॉरिटी पर खुलने वाले ठेकों को एनओसी क्यों नहीं दिया और जब्त की जाने वाले लाइसेंस फीस के ₹ 30 करोड़ अपने मित्रों को वापस क्यों किया?

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अगर अरविंद केजरीवाल निर्दोष हैं तो उन्हें डरने की क्या जरूरत है, ईडी के सामने जाएं और सवालों का जवाब दें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अरविंद केजरीवाल इस मामले का जल्द निपटारा नहीं होने देना चाहते। क्या केजरीवाल चाहते हैं कि मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आएं ही नहीं?

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ये वही अरविंद केजरीवाल हैं जो पहले रोज शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करते थे कि मेरे पास शीला दीक्षित, रॉबर्ट वाड्रा, सोनिया गांधी, लालू यादव के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और आज इन्हीं लोगों के साथ गले मिले हुए हैं।

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अरविंद केजरीवाल के कट्टर ईमानदार नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से 6 बार खारिज हो चुकी है और क्रांतिकारी नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सही ठहराया है।

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अरविंद केजरीवाल को छुपने, भागने, या डरने की कोई जरूरत नहीं है। अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो उनका बाल भी बांका नहीं हो सकता। लेकिन अगर वह किंगपिन हैं, तो चाहे कितनी भी रोड शो कर लें, फिर भी एक दिन उनकाभ्रष्टाचार-शोप्रसारित होकर ही रहेगा।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और ईडी के समन से भागने के लिए अरविंद केजरीवाल पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ईडी की जांच से भागना एक तरह से ये स्वीकारोक्ति है कि अरविंद केजरीवाल ने गलती की है। ईडी के सामने पेश नहीं होना कहीं कही उनके डर और स्वीकृति को दिखाता है। यह अतिशयोक्ति नहीं कि दिल्ली शराब घोटाले के किंगपिन अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार किया है कि शराब घोटाले में केजरीवाल भी शामिल है। श्री संबित पात्रा ने कहा कि यदि अरविंद केजरिवल निर्दोष है तो उन्हें डरने की क्या आवश्यकता है, उन्हें तो सीना ठोक के ईडी के सामने प्रश्नों के उत्तर देने थे और हमेशा की तरह हंसते और ड्रामा करते हुआ बाहर चले जाते, लेकिन वे आज ऐसा कर नहीं पाए क्योंकि वह खुद शराब घोटाले की हकीकत से अवगत हैं। अरविंद केजरीवाल अपने आप को कट्टर ईमानदार कि उपाधि देते थे लेकिन बाद में सिद्ध हो गया कि यह ईमानदार ही बेईमान है, और आज ईडी के समन से भाग जाने से यह सिद्ध हुआ है कि जो कट्टर बेईमान के साथ कट्टर बेशरम भी है।

 

डॉ पात्रा ने कहा सारी जनता इस बात से अवगत है कि ईडी बेवजह किसी भी व्यक्ति को समन जारी नहीं करती है। उन्होनें कहा कि यदि ईडी किसी भी संबंध में समन भेजती है तो वह तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर होता है। भाजपा को विश्वास है ईडी या कोई भी जांच एजेंसी ने अरविंद केजरीवाल को समन बिना किसी आधारों के तो नहीं भेजा है। श्री संबित पात्रा ने कहा कि यह विषय गंभीर है, जनता के प्रांगण में यह एक सार्वजनिक मुद्दा है और यही कारण है कि सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी को भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर देनी चाहिए। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को किसी पर भरोसा विश्वास नहीं है, ईडी, चुनाव आयोग, पॉलिटिकल सिस्टम या अपने दल के लोगों पर भी उनको भरोसा नहीं है।  यहां तक कोर्ट, निचली कोर्ट, या सुप्रीम कोर्ट तक पर विश्वास नहीं है? अभी 3 दिन पहले मनीष सिसोदिया की बेल याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जिस प्रकार की टिप्पणी का प्रयोग अरविंद केजरीवाल के पूर्व मंत्री के खिलाफ किया है, उसमें सुप्रीम कोर्ट ने सिद्ध किया है की लगभग ₹ 338 करोड़ का मनीट्रैल तो स्थापित हुआ है। ये जो शराब घोटाला है ये कोई ₹ 400-500 करोड़ का नहीं है बल्कि कई हजार करोड़ रुपयों का घोटाला है, आईटी जो परत दर परत खुलता जा रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट टिप्पणी करता है कि इस शराब घोटाले में लगभग ₹ 338 करोड़ का ट्रैल स्थापित हुआ है, तो आप सोचिए इस  छोटे हिस्से से ये अनुमान लगाया जा सकता है, यह घोटाला वास्तव में कितना बड़ा है (“TIP OF THE ICEBERG”)क्या इसमें अरविंद केजरीवाल की जांच होनी चाहिए,  ये आप (जनता) तय करिए। श्री संबित पात्रा ने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि जब इनकी राजनीतिक पार्टी का गठन नहीं हुआ था, तब यही अरविंद केजरीवाल बगल में फाइल दबा कर प्रतिदन 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहते थे कि आज मैं शीला दीक्षित, रॉबर्ट वाड्रा, सोनिया गांधी, लालू यादव के खिलाफ खुलासा करूंगा। उनके पास ठोस उनके खिलाफ सबूत थे, लेकिन जब 5 बजे इनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होती थी तब अरविंद केजरीवाल कहते थे- मेरा दरवाजा और दरबार खुला है, मैं दावा करता हूँ लालू प्रसाद यादव और रॉबर्ट वाड्रा से कि वो आएं मेरे प्रश्नों का उत्तर दें तब भी मैं इन्हे क्लीन चिट दूंगा। ये अलग बात है कि अभी ये इनके साथ गले मिल रहे हैं, इनके साथ घमंडिया गठबंधन बनाया हुआ है। लेकिन ये सभी चीजें अरविंद केजरीवाल के अपने बयान हैं, वाह अरविंद केजरीवाल जी! आप कुछ कागजों पर सवाल लिख के लाते थे, उन सवालों के जवाब आप तत्कालीन समय विपक्ष के और सत्ता के नेताओं से मांगते थे, वो तो ठीक था। लेकिन जब आज देश की संवैधानिक जांच एजेंसी आपको सवाल के कटघरे में जब खड़ा कर रही है तो आप भाग गए हैं, आप प्रस्तुत नहीं होना चाहते हैं। आपने अपनी चिट्ठी में क्या लिखा है, वो चिट्ठी भी वह लेकर आयें हैं जिसमें लिखा है कि मुझे किस हैसियत से बुलाया गया है, एक व्यक्ति के रूप में, या अपनी आधिकारिक क्षमता में, दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में, या आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि ये जितने गागर अभी जेल के अंदर बंद है , चाहे वो मनीष सिसोदिया, संजय सिंह या सत्येन्द्र जैन हो, ये सारे गागरों के करप्शन के सागर तो आप है, उसी हैसियत से बुलाया गया है। आप जो यह जानना चाहते हैं कि आपको किस हैसियत से भ्रष्टाचार के महासागर और स्रोत के रूप में बुलाया गयाहै। दिल्ली सरकार में अरविंद केजरीवाल के द्वारा भ्रष्टाचार का जन्म होता है, उसके बाद मनीष सिसोदिया से सतेन्द्र जैन के रास्ते होते हुए संजय सिंह तक पहुंचते हुए व्यापक रूप ले लेता है। भ्रष्टाचार के इसी सोर्स के रूप में अरविंद केजरीवाल को बुलाया गया है, गागरों के सागर के रूप में आपको बुलाया गया है।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि क्या यह अरविंद केजरीवाल को वीआईपी सिंड्रोम है कि मुझे क्यों बुलाया गया है। क्यों आप क्या कानून से बड़े हैं, आप दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं तो क्या आप भगवान हैं, वैसे तो आपने कोई कसर नहीं छोड़ी थी खुद को श्री कृष्ण बताने में लेकिन आप क्या कोई भगवान जो आपको कोई एजेंसी नहीं बुला सकती है। श्री संबित पात्रा ने आगे कहा कि केजरीवाल जी से सवाल पूछना चाहता हूँ कि जब आपको पता था की ये सभी कट्टर ईमानदार थे, मगर इनमें से किसी को अभी तक बेल क्यों नहीं मिल रही है? 10 महीने हो गए मनीष सिसोदिया जेल की सलाखों के पीछे बंद है, लगभग 6 बार सर्वोच्च न्यायालय जा चुके बेल याचिका ले कर और क्या कहा न्यायालय ने, न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा था कि ₹ 338 करोड़ के हस्तांतरण के संबंध में एक पहलू अस्थायी रूप से स्थापित है, इसलिए हमने जमानत के लिए आवेदन खारिज कर दिया था। ये कथन था सुप्रीम कोर्ट का मनीष सिसोदिया को लेकर कि जब वे इतने कट्टर ईमानदार थे तो अरविंद केजरीवाल आपके अनुसार तो बेल खारिज क्यों हुआ? आप संजय सिंह के लिए कह रहे थे कि ये बड़े क्रांतिकारी नेता है इनको फँसाया जा रहा है बीजेपी के द्वारा, कोर्ट ने क्या कहा? राउज़ ऐवन्यू कोर्ट का कथन है - जो इस अदालत के प्रथम दृष्टया विचार में, अदालत के समक्ष रखे तथ्य विवरण और सामग्री कहीं भी यह नहीं दिखाते या सुझाव नहीं देते हैं कि मौजूदा मामलों में गिरफ्तारी गैर-जरूरी या अनुचित है, क्योंकि उसके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं या वह सीधे तौर पर मौजूदा मामले के अपराध की आय से संबंधित गतिविधियों से जुड़ा हुआ है।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है ऐसा नहीं है, कोर्ट के सामने जो दस्तावेज रखें गए हैं उससे यह बात पता चलती है कि ये गिरफ़्तारी अनुचित नहीं है। बड़े स्पष्ट रूप से आप कहते हैं कि हमें सुप्रीम कोर्ट पर भी भरोसा नहीं है, इतना ही नहीं केजरीवाल जी अपने चिट्ठी में लिखा है कि श्री मनोज तिवारी को कैसे मालूम पड़ गया कि मुझे समन होगा और मुझे गिरफ्तार किया जाएगा। श्री संबित पात्रा जी ने पूछा कि जब मनीष सिसोदिया को जब ईडी ने बुलाया था और जब संजय सिंह को ईडी ने बुलाया था तब का आपका भाषण आप खुद निकालिए, आपने खुद अपने भाषण में कहा था कि मुझे मालूम है ये मनीष सिसोदिया को छोड़ने वाले नहीं हैं, मनीष सिसोदिया को ईडी बुलाने वाले है और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी करने वाली है, यह 1 बार नहीं 10 बार आपने कहा था कि 2 बार कहने के बाद जब आपने समन नहीं किया, गिरफ्तार नहीं किया तब आपने कहा था कि लगता है तारीख बदल गई है लेकिन होने वाली है। संजय सिंह के समय भी अपने कहा था कि मुझे मालूम है कि संजय सिंह को भी छोड़ा नहीं जाएगा, संजय सिंह के घर भी ईडी जाएगी छापा होगा, गिरफ़्तारी होगी। क्यों केजरीवाल ने ईडी से कहा था कि संजय सिंह को और मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी हो? आपने जो तथ्य दिया है कि मनोज तिवारी के कहने पर ईडी ने ऐसा काम किया है, ठीक उसी तथ्य के आधार पर हम सवाल पूछते हैं कि जब आप कह रहे थे कि मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी होगी तो क्या आपने ईडी को कहा था कि मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार करो?

 

डॉ पात्रा ने सुप्रीम कोर्ट का मनीष सीसोदिया के बेल को रिजेक्ट कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि ईडी ने अपने बयान में कहा है कि 6 से 8 महीने के अंदर त्वरित गतिविधि करते हुए ये जो शराब घोटाले जांच चल रही है उसे पूरा कर दिया जाएगा और भाजपा को पूर्ण विश्वास है ऐसा जल्द संभव होगा। अरविंद केजरीवाल क्या चाहते हैं कि धीरे-धीरे जांच चले, ईडी अपनी पूछताछ लाचार रवैया से करे, ईडी चाहती थी कि अरविंद केजरीवाल बतौर इस पूरे केस से जुड़े, उसी नाते यथाशीघ्र अरविंद केजरीवाल पूछताछ में आये और तथ्यों को सामने रखे ताकि 6 से 8 महीने के अंदर ये जांच पूरा हो पर क्या वजह है? अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद जल्दी केस सॉल्व नहीं होने देना चाहते। आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जी क्या चाहते हैं मनीष सिसोदिया जी बेल पे बाहर आएं कि अंदर ही रहे?

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा - आश्चर्य हो रहा है अरविंद केजरीवाल की चिट्ठी पढ़ कर कि दीपावली है, मुझे छूट दे दीजिए क्योंकि मैं गवर्नेंस में भी में चीफ मिनिस्टर भी हूँ। 2 हफ्ते के अंदर दीपावली रही तो ईडी अपनी पूछताछ करें। उसके बाद क्रिसमस और 31 तारीख को नया साल और संक्रांति मानना होगा, तो ईडी आपसे पूछताछ ना करे। केवल इतना ही नहीं, आपने कहा 5 राज्यों में चुनाव मैं वे रोड शो करेंगे इसलिए तो ईडी आपसे पूछताछ ना करे। इनके बहानों से स्पष्ट है कि ईडी अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोपों की जांच ही करे बस उन्हें कभी होली तो कभी दीवाली त्योहारों के नाम पर भागने का मौका मिलते रहे। इस ईडी के समन के भागने से यह बात स्वीकार्य है कि अरविंद केजरीवाल ने चोरी की है। भारतीय जनता पार्टी ने पहले दिन से अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह से 7 सवाल पूछे थे और आज भी पूरे भारत की जनता की ओर से भाजपा 7 सवाल पूछ रही है और कह रही है अरविंद केजरीवाल जी जहां भी है रोड शो कर रहे है वहां से प्रेस कांफ्रेंस करके जवाब दें।

 

·       प्रश्न नंबर 1- क्या यह सच नहीं है कि दिल्ली की शराब नीति का इतिहास में पहली बार इस प्रकार का रवैया रहा कि जो शराब के ठेकेदार थे, उनका कमीशन 5% से बढ़ाकर 12% पर बढ़ा दिया गया और दिल्ली के राजस्व पर कुल्हाड़ी मारकर यह काम किया गया? यह भी बात मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से सामने आई है कि इसमें से एक बहुत बड़ा हिस्सा मनी ट्रेल के माध्यम से आम आदमी पार्टी के खाते में ही भेजा जा रहा था।

·       प्रश्न नंबर 2- जब आप ने नई शराब नीति लागू की, तो उसमें एक्साइज विभाग के एक अधिकारी राजीव धवन जी के साथ पहले  कमेटी बना ली, उस कमेटी ने जो सिफारिश दी थी कि, थोक का काम सरकार को अपने पास रखना चाहिए, दूसरे को नहीं देना चाहिए, तब आपने उन सुझावों को नई एक्साइज पॉलिसी को दरकिनार करके और किसके फायदे के लिए इसे लागू किया?

·       प्रश्न नंबर 3- क्या यह सच नहीं है कि अरविंद केजरीवाल ने शराब के ठेके भी ब्लैकलिस्टेड कंपनियों, जिनको कभी ठेका नहीं देना था, उनको भी आपने ठेका दिया?

·       प्रश्न नंबर 4- कैबिनेट नोट के बिना, कैबिनेट की मंजूरी के बिना आपने शराब विक्रेताओं का मोटा ₹144 करोड़ लाइसेंस फीस क्यों माफ कर दिया?

·       प्रश्न नंबर 5- यदि आपकी शराब नीति इतनी ही अच्छी थी तो आपने एक्साइज पॉलिसी को वापस क्यों लिया और किस हैसियत से लिया? सीएम के हैसियत से या फिर आम आदमी पार्टी के चीफ के हैसियत से - इस का भी जवाब दीजिए।

·       प्रश्न नंबर 6- शराब विनिर्माता रिटेल में नहीं जाये, ये कानून है लेकिन कानून ताक पर रखकर शराब विनिर्माता को भी रिटेल में रखा, जिसके कारण कार्टेलाईजेशन हुआ या नहीं?

·       प्रश्न नंबर 7- एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को एयरपोर्ट के पास बनने वाली शराब की दुकानों के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) नहीं दिया गया, जबकि दिल्ली सरकार ने लाइसेंस के लिए ₹ 30 करोड़ वसूले थे उसको अपने वापस क्यों किया। जब पैसा जब्त किया जाना था तो अरविंद केजरीवाल ने उसे वाप क्यों किया?

 

डॉ पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार अभियान चलाने के बाद आज रोड शो पर गए हैं। अगर उन्होंने इस रोड शो के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इन सात सवालों के सटीक जवाब दिए तो शराब का शराब और पानी का पानी हो जाएगा। सभी लोग इन सवालों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल को छुपने, भागने, या डरने की कोई जरूरत नहीं है। अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो उनका बाल भी बांका नहीं हो सकता। लेकिन अगर वह किंगपिन हैं, तो चाहे कितनी भी रोड शो कर लें, फिर भी एक दिन उनकाभ्रष्टाचार-शोप्रसारित होकर ही रहेगा।

 

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