Salient points of press conference of Hon'ble Union Minister & Senior BJP Leader Shri Piyush Goyal


द्वारा श्री पीयूष गोयल -
27-03-2023
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

·        यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस के सदस्यगण संसद की कार्यवाही को लगातार बाधित कर रहे हैं। स्पष्ट क़ानूनी परिस्थिति के बावजूद कांग्रेस के सदस्य अनावश्यक बयान देकर देश की की जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।

 

·        कल भले ही देश भर में कांग्रेस पार्टी ने सत्याग्रह किया, लेकिन जो ख़बरें आईं, उसके मुताबिक कहीं भी जनता का इसके प्रति कोई समर्थन देखने को नहीं मिला।

 

·        आज कांग्रेस के नेतागण काले कपड़ों में सदन आये। आखिर कब तक कांग्रेस पार्टी इस प्रकार की निम्न राजनीति करती रहेगी? अपने इन व्यवहारों से क्या कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र के मंदिर संसद और देश की कानून व्यवस्था को अपमानित करना चाहती है?

 

·        राहुल गांधी द्वारा ओबीसी समुदाय के खिलाफ जो अपशब्द कहे गए, क्या उसे न्यायोचित ठहराने के लिए कांग्रेस के सदस्य गण काले कपड़े पहनकर आए?

 

·        क्या जिस न्यायालय ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया, उस फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का यह विरोध प्रदर्शन था? 

 

·        क्या यह सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन था, जिसने फैसला दिया है। कोई भी सांसद या विधायक, जिसे 2 वर्ष की सजा होती है, तो स्वतः वह सदन की सदस्यता से अयोग्य हो जाता है।

 

·        क्या कांग्रेस पार्टी का यह विरोध प्रदर्शन राहुल गांधी के विरोध में था, जिन्होंने 2013 में जनप्रतिनिधि कानून से संबंधित अध्यादेश को सार्वजानिक तौर पर फाड़कर नींव रखी, जिसके तहत पिछले दिनों राहुल गांधी स्वतः संसद सदस्यता के लिए अयोग्य हो गए?

 

·        लोकसभा स्पीकर ने तो बिना भेदभाव किया सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाई है। ऐसे कई उदाहरण हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया है। मसलन, आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव जी, कांग्रेस नेता रशीद मसूद जी, जेडीयू के जगदीश शर्मा जी, डीएमके के सेल्वा गणपति जी, एनसीपी के मोहम्मद फैजल, सपा के अब्दुल्लाह आजम खान- अलग अलग पार्टियों के सांसदों केये चंद उदाहरण हैं, जिन्हें सजा होते ही अयोग्य करार दिया गया। इन मामलों में तो कोई आंदोलन नहीं दिखा, कोई काले कपड़े नहीं दिखे या कोई सत्याग्रह नहीं दिखी।     

 

·        यह समझ से परे है कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी खुलेआम कहते हैं कि गाँधी परिवार के लिए अलग क़ानून होना चाहिए। परिवार की पृष्ठभूमि को देख कर सजा दी जानी चाहिए। इस बयान के माध्यम से कांग्रेस पार्टी वंशवादी और परिवारवादी राजनीति का ही परिचय दे रही है, जिसकी घोर निंदा होनी चहिये।

 

·        कोर्ट में राहुल गाँधी को भी उनके वकील के माध्यम से बात रखने का भरपूर मौका मिला। कांग्रेस पार्टी में बड़े-बड़े वकीलों की फ़ौज है लेकिन किसी भी सुनवाई में इन बड़े-बड़े वकीलों का कोर्ट ना पहुंचना सवाल उठाता है कि क्या यह कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है? कांग्रेस पार्टी में कौन हैं, जो राहुल गांधी से छुटकारा पाना चाहते थे? कांग्रेस में अभिषेक मनु सिंघवी, पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल, केटीएस तुलसी और मनीष तिवारी जैसे बड़े नामी गिरामी वकील हैं। क्या राहुल गाँधी को कांग्रेस में एक भी सही राय देने वाला नहीं मिला?

 

·        मीडिया रिपोर्टों के अनुसार राहुल गांधी को 23 मार्च को अदालत जाने से पहले स्थानीय कांग्रेस नेताओं द्वारा बार-बार सलाह दी गई कि माफी मांग लीजिये, विषय समाप्त कीजिये लेकिन राहुल गाँधी अहंकार में इतने चूर थे कि उन्होंने माफी नहीं मांगी।

 

·        आज कांग्रेस के नेतागण लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं। सदन के स्पीकर के समक्ष जिस प्रकार का दुर्व्यवहार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल कर रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में सदन स्थगित करने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं था।

 

·        स्पीकर के बार बार के आश्वासन के बावजूद कि वे सदन सुचारू रुप से चलाना चाहते हैं, सभी को अपनी बात रखने के मौका मिलेगा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल आसन पर कागज़ के टुकड़े फेंक रहे थे। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की मंशा संसद चलाने की है ही नहीं। उनकी नीयत ही ओबीसी समुदाय का अपमान करने की है। कांग्रेस की शुरू से ही मानसिकता रही है ओबीसी समुदाय का अपमान करने की, इसलिए राहुल गांधी ने माफ़ी तक माँगना उचित नहीं समझा।

 

·        राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी को समझना चाहिए कि देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार है, संविधान का शासन है और संविधान की नजर में सब बराबर हैं।

 

·        राहुल गांधी देश के कानून और संविधान से बड़े नहीं हैं ओबीसी समुदाय के अपमान का उन्हें कोई अधिकार नहीं कांग्रेस के विभिन्न नेताओं द्वारा सदन के स्पीकर और चेयरमैन के अपमान की जो कोशिश बार बार की जा रही है, भारतीय जनता पार्टी इसकी घोर निंदा करती है

 

·        कांग्रेस के सांसदगण इस सवाल का जवाब दें कि काले कपड़े आखिर कहां और किस अवसर पर पहने जाते हैं? ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी इतनी हताश और निराश हैं कि उन्हें काले जादू पर निर्भर रहना पड़ रहा है लेकिन कांग्रेस पार्टी ये बात स्पष्ट जान लें कि वे कोई भी हथकंडा अपना लें, देश की जनता अब उनपर कोई विश्वास करने वाली है कांग्रेस पार्टी देश की जनता से अपना विश्वास पूरी तरह से खो चुकी है

 

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