Salient points of press conference of Senior BJP Leader Shri Ravi Shankar Prasad


द्वारा श्री रविशंकर प्रसाद -
31-10-2023
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

अगर ईडी के द्वारा अरविंद केजरीवाल को बुलाया जा रहा है, तो उसमें हाय तौबा क्यों मची हुई है? ये आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, उसके नेताओं और अन्य सहयोगियों के कुकृत्य और भ्रष्टाचार का परिणाम है।

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की स्पष्ट सहमति के बिना इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार उसे खत्म करने की कोशिश कर रही है जबकि असल में आप ही खुद को खत्म कर रही है।

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घोटाले करो आप, पैसे का हेरफेर करो आप, जांच हो आपकी, आपके नेताओं को जमानत दे अदालत तो आप दूसरों पर इसका दोष कैसे मढ़ सकते हो। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यह बात साबित होती है कि शराब घोटाले में 338 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।

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अरविंद केजरीवाल जी को बताना चाहिए कि उनकी नई शराब नीति इतनी ही अच्छी थी तो उनकी सरकार ने नई आबकारी नीति क्यों बदली? शराब पर कमीशन की दर 12% तक क्यों बढ़ाई गई? इस पर क्या केजरीवाल सरकार के मंत्री समूह की बैठक का कोई रिकॉर्ड है?

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ऐसा प्रतीत होता है कि केजरीवाल जी का शराब माफिया से डील हुई थी कि आम आदमी पार्टी को मदद करो और उसके बदले शराब माफिया को जबरदस्त फायदा पहुंचा देंगे। पकड़े गए तो नई शराब नीति को खत्म कर देंगे और नहीं पकड़े गए तो मजे ही मजे।

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अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के सभी सदस्य बार बार कहते थे कि ये मामला फर्जी है। इस मामले में मनीष सिसोदिया बीती फरवरी से जेल में हैं, उनकी जमानत अर्जी पहले लोअर कोर्ट से, फिर हाइकोर्ट से और अब सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई है, लेकिन आज तक अरविंद केजरीवाल ने इस महाघोटाले के स्पष्टीकरण में एक भी शब्द नहीं कहा। 

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अरविंद केजरीवाल के लिए यह कहावत चरितार्थ होता है किबोया पेड़ बबूल का, तो आम कहां से होए।जबआपने भ्रष्टाचार का पेड़ बोया और उसका फल खा रहें हैं, तो कानूनी कार्रवाई होगी ही। आम आदमी पार्टी की भ्रष्टाचार परत दर परत खुल रही है।

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केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार की कार्रवाई हो रही है तो हाय-तौबा मचा रहे हैं, जबकि अरविंद केजरीवाल जी पूरे देश में ईमानदारी और भ्रष्टाचारी का सर्टिफिकेट बांटते फिरते थे। भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा करके आम आदमी पार्टी अपने आप को खत्म कर रही है और दूसरों पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है।

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आम आदमी पार्टी ने देश के लोकतंत्र में जनता को धोखा दिया है। केजरीवाल नेकहा कुछ औरऔरकिया कुछ और।उनके कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में ईडी द्वारा सीएम अरविन्द केजरीवाल को समान जारी होने पर निशाना सड़ते हुए कहा कि अगर ईडी के द्वारा अरविंद केजरीवाल को बुलाया जा रहा है, तो उसमें हाय तौबा क्यों मची हुई है? ये आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, नेताओं और अन्य सहयोगियों का कुकृत्य और भ्रष्टाचार का परिणाम है।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि आम आदमी आदमी पार्टी, सीएम अरविंद केजरीवाल एवं उनके मंत्रियों-नेताओं द्वारा भ्रष्टाचार शराब  घोटाला किया गया है तो सीबीआई और ईडी द्वारा जांच की जा रही है, जो पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया है, इसमें भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा करके आम आदमी पार्टी खुद को खत्म कर रही है और दूसरों पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के लिए यह कहावत चरितार्थ होता है किबोया पेड़ बबूल का, तो आम कहां से होए।जबआपने भ्रष्टाचार का पेड़ बोया और फल खा रहें हैं, तो कानूनी कार्रवाई होगी ही। आम आदमी पार्टी की भ्रष्टाचार परत दर परत खुली है। अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के सभी सदस्य बार बार कहते थे कि ये मामला फर्जी है। इस मामले में मनीष सिसोदिया बीती फरवरी से जेल में हैं, उनकी जमानत अर्जी पहले लोअर कोर्ट से, फिर हाइकोर्ट से और अब सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई है, लेकिन आज तक अरविंद केजरीवाल ने इस महाघोटाले के स्पष्टीकरण में एक भी शब्द नहीं कहा। घोटाले करो आप, पैसे का हेरफेर करो आप, जांच हो आपकी, आपके नेताओं को जमानत न दे अदालत तो आप दूसरों पर इसका दोष कैसे मढ़ सकते हो। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यह बात साबित होती है कि शराब घोटाले में 338 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।

 

भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल सवाल पूछे और जवाब की उम्मीद की-

 

      क्या केंद्र सरकार ने केजरीवाल सरकार को कहा था कि शराब नीति ऐसे बनाओ की कमीशन खा सको?

      क्या भाजपा ने कहा था कि आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने के लिए शराब के कमीशन से गोवा में चुनाव लड़ो?

      दिल्ली के उप राज्यपाल ने नई शराब नीति को लेकर हो रही गड़बड़ी की जांच कराने का आदेश दिया तो तथाकथित कट्टर ईमानदार ने दस महीनों के भीतर नई शराब नीति को हटा दिया, क्यों?

      क्या नया डाफ्ट रिपोर्ट को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक में मंजूरी दी गया थी? नहीं दी गयी थी। शराब कारोबारी लॉबी द्वारा डाफ्ट रिपोर्ट तैयार की गयी थी।

      शराब पर कमीशन बढ़कर 12 प्रतिशत क्यों किया गया?

      केजरीवाल को अपने नई शराब नीति पर विश्वास था तो दस महीनों के भीतर खत्म क्यों कर दिया?

 

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनीष सिसोदिया के बेल रिजेक्ट होने के बाद से आप नेता आरोप लगाना शुरू कर दिया कि भाजपा आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहती है। सच्चाई यह है कि अन्ना हजारे आंदोलन से निकलीआपदिल्ली में सरकार बनाने के बाद से घोटाले पर घोटाले करके खुद को ही खत्म करना चाहती है।

 

मनीष सिसोदिया की बेल रिजेक्ट के आदेश को शराब घोटाले होने की पुष्टि करार देते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि केजरीवाल सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फरवरी 2022 से शराब घोटाला करने के आरोप में जेल में हैं। लोआर कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके बेल को रिजेक्ट कर दिया। इसके अलावा केजरीवाल सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन सहित कई नेता जेल में हैं। लेकिन आज तक सीएम अरविंद केजरीवाल ने शराब महाघोटाले पर एक शब्द नहीं बोलते हैं। केजरीवाल जी इन घोटालों पर बार-बार यही कहते हैं कि यह बिल्कूल झूठा और बेबुनियाद है और फंसाने की साजिश है।

 

दिल्ली के शराब घोटाले को याद कराते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने नयी शराब नीति बनाने के लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया। केजरीवाल सरकार के तत्कालीन शिक्षा एवं आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया उस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर के प्रमुख थे। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक हुई और चर्चा हुई, इसके बाद शराब घोटाले में दक्षिण की शराब कंपनियों की एंट्री हुई। बिचौलियों के माध्यम से काम शुरू हुआ। सीएम अरविंद केजरीवाल शराब कंपनियों को बताते हैं कि यह बिचौलिया मेरा आदमी है, आप उससे बात करो। ये सारी बातें आज के दैनिक अखबारों में छपी है। सीबीआई और ईडी भी शराब घोटालें की जांच कर रही है। आदलत में इस मामले को लेकर चार्जशीट भी फाइल हो गयी है।

 

भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाया कि सीएम अरविंद केजरीवाल के आशीर्वाद के बगैर इतनी बड़ी शराब घोटाला हो सकती है, क्या? इतनी बड़ी शराब घोटाला अरविंद केजरीवाल के जानकारी के बगैर हो ही नहीं सकता है। साफ था कि बिचौलियो के माध्यम से बात करो और शराब घोटाला करो। इस मामले को लेकर जब आमने सामने बातचीत संभव नहीं हुआ, तब फेसटाइम के माध्यम से बातचीत हुई। इसके बाद लॉबी बनाकर शराब घोटाला किया गया। कानून के अनुसार परिस्थितिजन साक्ष्य और संदिग्ध परिस्थितिक साक्ष्य उपलब्ध है।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के बेल रिजेक्ट करते हुए कहा है कि विजय नायर और शराब कारोबारियों के सदस्यों ने अलग-अलग बैठक कर नई शराब नीति का प्रारूप तैयार करने में भूमिका अदा की है। जिसमें शराब कमीशन को बढ़कार 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत कर दिया गया। दिल्ली के 85 प्रतिशत शराब बाजार पर शराब माफिया को सौंप दिया गया। दस महीने के अंदर शराब के थोक कारोबारी 7 प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन लिया जो 338 करोड़ रुपए है। भ्रष्टाचार की इस राशि पर कहीं कोई चुनौती नहीं दी गयी है। नई शराब नीति इस तरह से तैयार किया गया था कि शराब के कुछ थोक कारोबारियों को चयनित किया जा सके, ताकि वे रिश्वत और किकबैक दे सके।

 

सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के बेल रिजेक्ट करते हुए यह भी कहा कि तत्कालीन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मार्च 2021 में अरविंद केजरीवाल को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर द्वारा तैयार 30 पेज के नई शराब नीति का ड्राफ्ट सौंपा था। मुख्यमंत्री आवास पर ड्राफ्ट सौंपने के वक्त मनीष सिसोदिया ने सीएम केजरीवाल को नया ड्राफ्ट रिपोर्ट बन गया है, इसे ही फाइनल करीए।

 

श्री प्रसाद ने कहा कि उस वक्त गोव विधानसभा का चुनाव था और उसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव होना था। ऐसा प्रतीत होता है कि केजरीवाल जी का शराब माफिया से डील हुई थी कि आम आदमी पार्टी को मदद करो और उसके बदले शराब माफिया को जबरदस्त फायदा पहुंचा देंगे। पकड़े गए तो नई शराब नीति को खत्म कर देंगे और नहीं पकड़े गए तो मजे ही मजे। केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार की कार्रवाई हो रही है तो हाय-तौबा मचा रहे हैं, जबकि अरविंद केजरीवाल जी पूरे देश में ईमानदारी और भ्रष्टाचारी का सर्टिफिकेट बांटते थे। आम आदमी पार्टी ने देश के लोकतंत्र में जनता को धोखा दिया है, केजरीवाल नेकहा कुछ औरऔरकिया कुछ और।उनके कथनी और करनी में अंतर है।

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