Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sudhanshu Trivedi


by Dr. Sudhanshu Trivedi -
05-05-2023
Press Release

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीति में जिस प्रकार से कथनी और करनी में अंतर दिखाया है, इससे सिर्फ अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता ही नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक साख पर प्रश्नचिह्न लग गया है।

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अरविंद केजरीवाल की तरह छलावा पूर्ण बातों के कारण अक्सर राजनीतिक दलों के बारे में जनता में अनास्था उत्पन्न होती है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भारतीय राजनीति में प्रमाणिकता का प्रतीक है जबकि आम आदमी पार्टी और उनके जैसे तमाम राजनीतिक दल अविश्वास के प्रतीक बन गए हैं।

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अरविंद केजरीवाल के आवास पर सेंसर वाले स्लाइडिंग डोर लगे हैं। जो केजरीवाल बस पैर पसारने की जगह चाहते थे, उनके लिए सैकड़ों स्क्वायर मीटर में उनका शीशमहल बना है। सेंसर वाले स्लाइडिंग द्वार के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल जी के निर्लज्जता के द्वार भी खुल गए हैं।

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अभी तक ऐसा लगता था कि अरविंद केजरीवाल का घर बड़े भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं के वैभवशाली मकानों के समकक्ष है किंतु किन्तु अब ऐसा प्रतीत होता है कि सद्दाम हुसैन और किम जोंग उन के मकान में जिस प्रकार की विलासी चीजें नजर आती थी, उसके समकक्ष चीजें केजरीवाल जी के मकान में दिख रही है।

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अरविंद केजरीवाल के घर में सेंसर वाले ऐसे दरवाजे लगे हैं, जिसे खोलने और बंद करने में छूने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसका राजनीतिक अर्थ समझिए। अरविंद केजरीवाल जी किसी चीज को हाथों से टच नहीं करते हैं। फाईल को भी टच नहीं करते हैं। सब रिमोट से चलाते हैं।

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केजरीवाल जी कहीं सत्येन्द्र जैन से काम करवा देंगे तो कहीं मनीष सिसोदिया से, लेकिन खुद साइन नहीं करेंगे। और तो और, पार्टी को भी टच नहीं करते हैं। मीडिया के अनुसार ये पंजाब की सरकार भी रिमोट से चलाते हैं।

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जो शीला दीक्षित जी के घर में लगे 10 “एसीपर सवाल उठाते थे, वे अब अपनेशीशमहलपर चुप बैठे हैं। बिजली की चकाचौंध में देख दीप की लौ रोती है, अरे हृदय को थाम, महल के लिए झोपड़ी बलि होती है।

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केजरीवाल ने मुफ्त की राजनीति में दिल्ली की जनता को सबसे बड़ा धोखा दिया है। उन्होंने मुफ्त में कुछ और दिया हो या नहीं, मगर दिल्ली की जनता के विश्वास को मुफ्त में जरूर छला है। धोखे की यही खासियत होती है जनाब, यकीन के साथ अक्सर मुफ्त में मिल जाती है।

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यहां पर विषय अरविंद केजरीवाल पर सिर्फ आरोप लगाने का या उनका असली चेहरा दिखाने का नहीं है, बल्कि यह विषय उस विश्वास और धोखे का है जो दिल्ली की जनता ने अनुभव किया है क्योंकि दिल्ली की जनता ने उनकी बातों पर विश्वास किया था।

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पारदर्शी और शुचितापूर्ण राजनीति जैसे छलावे देने वाले केजरीवाल जी, कृपया करके मीडिया और अन्य लोगों को अपने महल देखने के लिए छोड़ दीजिए।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज शुक्रवार को केंद्रीय भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर उनकी कथनी और करनी में सबूतों के साथ फर्क बतलाते हुए अरविंद केजरीवाल के राजशाहीशीशमहलको लेकर जम कर हमला किया।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि श्रीमान अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीति में जिस प्रकार से कथनी और करनी में अंतर दिखाया है, इससे सिर्फ अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीयता ही नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक साख पर प्रश्नचिह्न लग गया है। अरविंद केजरीवाल की तरह छलावा पूर्ण बातों के कारण अक्सर राजनीतिक दलों के बारे में जनता में अनास्था उत्पन्न होती है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भारतीय राजनीति में प्रमाणिकता का प्रतीक है जबकि आम आदमी पार्टी और उनके जैसे तमाम राजनीतिक दल अविश्वास के प्रतीक बन गए हैं।

 

अरविंद केजरीवाल के आवास पर लगे सेंसर वाले स्लाइडिंग डोर का वीडियो दिखाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने तंज कसा कि यहां पर आंखों के द्वार खुलने के साथ-साथ अरविंद केजरीवाल जी के निर्लज्जता के द्वार भी खुल गए हैं। अरविंद केजरीवाल के घर को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता देश के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से उनकी तुलना करते नजर आए हैं लेकिन अब जिस प्रकार के तथ्य नजर आए हैं, उससे वे इस संदर्भ (स्लाइडिंग डोर) में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचते दिख रहे हैं।

 

केजरीवाल के भ्रष्टाचार और तानाशाहीपूर्ण रवैये पर कटाक्ष करते हुए डॉ त्रिवेदी ने कहा कि अभी तक ऐसा लगता था कि अरविंद केजरीवाल बड़े भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं के वैभवशाली मकानों के समकक्ष हैं किंतु किन्तु अब ऐसा प्रतीत होता है कि सद्दाम हुसैन और किम जोंग उन के मकान में जिस प्रकार की विलासी चीजें नजर आती थी, उसके समकक्ष चीजें केजरीवाल जी के मकान में दिख रही है। वे क्षेत्रीय दल से राष्ट्रीय दल बनने के साथ-साथ इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहुँच गए से लगते हैं।

 

भाजपा प्रवक्ता ने एक वीडियो दिखाया जिसमें अरविंद केजरीवाल ये कहते हुए दिख रहे हैं कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें बस चार-पांच कमरे वाले मकान की जरूरत और उन्हें बस पैर पसारने की जगह चाहिए। उनकी पार्टी के नेता के पास कोई बड़े बंगला, गाड़ी और सुरक्षाकर्मी नहीं होगा लेकिन अब उनके शीशमहल से खुलासा हो रहा है कि उनकी राजनीति किस तरह की है। जैसा कि आपने वीडियो में देखा कि अरविंद केजरीवाल के घर में सेंसर वाले ऐसे दरवाजे लगे हैं, जो बड़े-बड़े संस्थानों, एयरपोर्ट आदि बड़े जगहों पर लगाए जाते हैं। इसे खोलने और बंद करने मे छूने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसका राजनीतिक अर्थ समझिए। अरविंद केजरीवाल जी किसी चीज को हाथों से टच नहीं करते हैं। फाईल को भी टच नहीं करते हैं। सब रिमोट से चलाते हैं। कहीं सत्येन्द्र जैन से काम करवा देंगे तो कहीं मनीष सिसोदिया से, लेकिन खुद हस्ताक्षर नहीं करेंगे। और तो और, पार्टी को भी टच नहीं करते हैं। मीडिया के अनुसार ये पंजाब की सरकार भी रिमोट से चलाते हैं।

 

केजरीवाल के एक बयान को शब्दशः स्मरण कराते हुए डॉ त्रिवेदी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने 27  अगस्त 2013 को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा किदिल्ली के मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जी के घर में 10 एयरकंडीशन लगे हुए हैं। मैंने सुना है कि उनके बाथरूम में भीएसी” (AC) लगे हुए हैं। कौन भरता है उनकेएसीका बिल, मैं और आप भरते हैं। मेरा कलेजा तो कांप उठता है कि दिल्ली की 40 प्रतिशत जनता झुग्गियों में रहती है और कोई मुख्यमंत्री कैसे आलीशान मकान में रह सकता है।आज अरविंद केजरीवाल के शीशमहल में ये सभी चीजें लग रही हैं। अरविंद केजरीवाल के सत्ता में आने से पहले और बाद की कथनी और करनी में भारी अंतर को धोखा बताते हुए उन्होंने कहा कि शायद ऐसे ही लोगों के लिए यह पंक्ति लिखी गयी है कि

 

बिजली की चकाचौंध में देख दीप की लौ रोती है,

अरे हृदय को थाम, महल के लिए झोपड़ी बलि होती है।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि यहां पर विषय अरविंद केजरीवाल पर सिर्फ आरोप लगाने का नहीं है, सिर्फ उनका असली चेहरा दिखाने का नहीं है, विषय सिर्फ उन पर कटाक्ष करने का नहीं है, बल्कि यह विषय उस विश्वास और धोखे का है जो दिल्ली की जनता ने अनुभव किया है क्योंकि दिल्ली की जनता ने उनकी बातों पर विश्वास किया था।

 

केजरीवाल की मुफ्त की राजनीति के संदर्भ में डॉ त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल ने मुफ्त की राजनीति में दिल्ली की जनता को सबसे बड़ा धोखा दिया है। इन बातों को एक पंक्ति में डॉ त्रिवेदी ने कहा कि

 

धोखे की यही खासियत होती है जनाब,

यकीन के साथ अक्सर मुफ्त में मिल जाती है।

 

उन्होंने मुफ्त में कुछ और दिया हो या नहीं दिया हो, मगर दिल्ली की जनता के विश्वास को मुफ्त में जरूर छला है।

 

डॉ त्रिवेदी ने केजरीवाल को सलाह देते हुए कहा कि मीडिया में अब श्रीमान अरविंद केजरीवाल के सभी द्वार खुलकर सामने रहे हैं जिसके लिए हाथ लगाने की भी कोई जरूरत नहीं है। पारदर्शी और शुचितापूर्ण राजनीति जैसे छलावे देने वाले केजरीवाल जी, कृपया करके मीडिया और अन्य लोगों को अपने महल देखने के लिए छोड़ दीजिए।

 

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