भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शहजाद पूनावाला के प्रेस वक्तव्य के मुख्य बिन्दु
आज छोटी दिवाली है, प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन की खुशी में मनायी जाने वाली दीपावली को लेकर सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान है, किन्तु इस शुभ अवसर पर राजस्थान में बहुत ही दुखद घटना घटी है।
सीएम अशोक गहलोत की निष्क्रियता, निकम्मेपन और नाकारापन से भरी सरकार की वजह से राजस्थान में पुलिस के एकसब इंस्पेक्टर ने चार साल की बच्ची के साथबलात्कार करता है, जो बहुत ही निंदनीय है। इस घटना से राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरा देश और मानवता शर्मसार है। राजस्थान में एक दलित परिवार की खुशियां छीन ली गयी और उस घर के दीए बुझा दिए गए।
· जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो राजस्थान की महिलाएं एवं बच्चियां जाएं तो जाएं कहां? कांग्रेस नेत्री प्रियंका वाड्रा उत्तर प्रदेश में कहती हैं कि “लड़की हूं, लड़ सकती हूं। राजस्थान की महिलाएं प्रियंका वाड्रा से पूछ रही है कि “राजस्थान की लड़की हूं, तो क्या बच सकती हूं?”
· राजस्थान में इस प्रकार की घटनाएं होने के पीछे मुख्य कारण है कि “कांग्रेस का हाथ, बलात्कारियों के साथ।“
· अशोक गहलोत सरकार का एक ही लक्ष्य है कि “बलात्कारी बचाओ, चाहे वहअपराधी हो, पुलिस, या फिर कांग्रेस नेता का बेटा हो।
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करने के बदले अपराधी बचाने में लग गयी, जो आमतौर पर गहलोत सकार का रवैया रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी देशभर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान चला रहे हैं और बेटियों को आगे बढ़ा रहे हैं। दूसरी ओर, अशोक गहलोत की सरकार में बेटी बचाओ नहीं, बल्कि बलात्कारी बचाओ, अपराधी बचाओ अभियान चला रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित कराया है ताकि लोकसभा एवं विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिले।
भारतीय जनता पार्टी प्रियंका वाड्रा से सवाल जवाब चाहती है कि -
· क्या अशोक गहलोत की सरकार में महिला उत्पीड़न और बलात्कार की गारंटी है?
· प्रियंका वाड्रा बलात्कार और महिला अत्याचार की पीड़िता के घर कब जाएंगी, जबकि अक्सर राजस्थान आती है, कभी दौसा, तो कभी रणथम्भौर?
राजस्थान में बलात्कार और महिला अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आने का कारण है अशोक गहलोत की सरकार में बलात्कारी एवं अपराधियों का हौसला बढ़ गया है। कांग्रेस की सरकार में ऐसी स्थिति बन गयी है कि “जब साईंयाभए कोतवाल, तो डर काहेका।“ जब बलात्कारी और अपराधियों को बचाने के लिए अशोक गहलोत जी का सरकारी यंत्र-तंत्र काम करता है तो उन्हें डर किस बात का होगा । राजस्थान में बलात्कारी एवं अपराधियों को लगता है कि बलात्कार कीजिए, कौन पकड़ेगा?
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार दौसा में बच्ची के साथ बलात्कार होने पर एफआईआर तक दर्ज नहीं की गयी। जबकि, यह पॉक्सो का मामला बनता है। इस मामले में तब तक एफआईआर दर्ज नहीं होती है जबतक भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता प्रदर्शन शुरू नहीं करते हैं। फिर डीजीपी की ओर से कॉस्मेटिक बयान आता हैकि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी, आरोपी सब इंस्पेक्टर को बर्खास्त किया जाएगा। भाजपा और जनता जबतक प्रदर्शननहीं करती है, तब तक इस मामले के आरोपी सब इंस्पेक्टर को निंलबित भी नहीं किया गया।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, राजस्थान पुलिस ने सारी हदें पार करते हुए पीड़िता के पिता और परिवार के साथ अभद्रता करते हुए पीड़िता के पिता की पिटाई भी की। लेकिन राजस्थान पुलिस द्वारा अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है। इससे उल्टे दो पुलिसकर्मी इस मामले से जुड़े साक्ष्य को खत्म करने में जुट गए।
राजस्थान में यह कोई एकलौती घटना नहीं है। राजस्थान में प्रतिदिन 18 से 22 बलात्कार और महिला उत्पीड़न की घटनाएं हो रही है। सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस की गारंटी है कि बलात्कार, महिला उत्पीड़न और महिला अत्याचार के मामले में राजस्थान को देश में पहले स्थान पर बनाए रखेंगे।
18 अगस्त को राजस्थान के दौसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर बलात्कार करता है और उसे छोड़ दिया जाता है। जून 2023 को बीकानेर में दो पुलिस कांस्टेबल मिलकर एक दलित महिला के साथ बलात्कार करता है। सरकारी स्कूल में शिक्षक द्वारा बच्चियों को बलात्कार का शिकार बनाया जाता है। भीलवाड़ा में सरकारी स्कूल में एक तेरह साल की बच्ची के साथ छह महीने तक बलात्कार हुआ। नागौर, सिरोही, अलवर में बच्चियों के साथ रूहकंपाने वाली बर्बरतापूर्ण घटनाएं सामने आयी थीं, जो मानवीय आत्मा पर गहरी चोट पहुंचाती है।
करौली में 19 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार करके उस पर ऐसिड डालकर जलाया गया और उसके बाद उस बच्ची को कुएं में फेंक दिया गया। भीलवाड़ा में 14 साल की बच्ची को काटकर कोयले की भट्ठी में डाल दिया गया। प्रतापगढ़ में निर्वस्त्र करके एक महिला को घुमाया गया। कुछ सप्ताह पहले हनुमानगढ़ में एक महिला के साथ बलात्कार होता है और पीडिता जब पुलिस के पास न्याय की गुहार लगाती है, तो उसे अपमानित किया जाता है। जब वहां के पुलिस अधीक्षक द्वारा भी पीड़ित महिला की बात नहीं सुनी गई, तब पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। उस महिला की आत्महत्या का दोषी गहलोत सरकार है। इसी तरह जयपुर में एक महिला का अधजला शव मिलता है, जरा सोचिए उसके साथ कैसी बर्बरतपूर्ण घटना घटी होगी। उस महिला का दुर्भाग्य है कि चूँकि वो किसी वोट बैंक से जुड़ी नहीं है, अतः उसके परिजनों को कोई मुआवाजा भी नहीं मिलेगा।
यदि अशोक गहलोत जी को भाजपा या जनता की बात नहीं सुननी है, तो कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा की ही बात सुन लें, जो कहती हैं कि “मैं स्वयं सुरक्षित महसूस नहीं करती हूं तो दूसरी महिलाओं के बारे में क्या कहूं।“ दिव्या मदेरणा कहती हैं कि महेश जोशी के बेटे पर बलात्कार का आरोप है, लेकिन राजस्थान की पुलिस आरोपी पर एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं है।
विधायक जौहरीलाल मीणा के बेटे ने 15 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार किया और उसका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल भी किया गया। उसके बाद उस वीडियो को वायरल कर दिया गया। पॉक्सो कोर्ट के हस्ताक्षेप करने के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गयी। इसके बाद भी राजस्थान पुलिस ने बलात्कारी बेटे को बचा लिया, क्योंकि कांग्रेस नेता का बेटा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को हस्ताक्षेप करना पड़ा, तब जाकर गैर जमानती वारंट जारी हुआ।
अशोक गहलोत कहते हैं कि बलात्कार के 50 प्रतिशत से ज्यादा मामले फर्जी है। जब कांग्रेस सरकार का एप्रोच ही ऐसा है, तब बलात्कारी को बचाने का ही अभियान चलाया जाएगा। इस मामले में भी कुछ दिनों में पुलिस रिपोर्ट देगी कि ऐसी कोई घटना नहीं घटी है, बलात्कार के आरोपी सब इंस्पेक्टर निर्दोष है और उस पर गलत आरोप लगाया गया है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार किसी भी हद तक जा सकती है।
गहलोत सरकारके एक मंत्री विधानसभा के सदन में कहते हैं कि “यह मर्दो का प्रदेश है, तो बलात्कार होगा ही।“ ऐसे मानसिकता वाले व्यक्ति को कांग्रेस टिकट देकर चुनाव लड़वाती है, जो बलात्कारियों को समर्थन करने का स्पष्ट संदेश देती है। इससे बलात्कारियों एवं अपराधियों का हौसला चरम पर है। इस पर प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस पार्टी ने एक भी वक्तव्य नहीं दिया है।अशोक गहलोत के एक मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने जब विधान सभा में इस बात को रखने की कोशिशकी थी, तब राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के निर्देशपर राजेन्द्र गुढ़ा को मंत्रिमंडल से निकाल दिया गया।
प्राचीन काल में महाभारत में द्रौपदी का चीर हरण करने की कोशिशकी गयी थी और अभी हाल में बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं का शाब्दिक चीरहरण किया, जो उनकी मानसिकता को दर्शाताहै। वही मानसिकता राजस्थान में सबसे अधिक प्रबल है, जहां महिलाओं को सेक्स आब्जेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। मंत्री शांतिधारीवाल कहते हैं कि यह मर्दो का प्रदेश है, जो नीतीश मानसिकता को दर्शाता है। प्रियंका वाड्रा जी की राजस्थान में बहुत चलती है, उनके पति की भी वहां बहुत चलती है।
राहुल जी और प्रियंकाजी देश के किसी अन्य भागों में दलितों के अत्याचार होने पर वहां पहुंचकर यात्रा निकालने पहुंच जाते हैं, जबकि राजस्थान में सबसे ज्यादादलित अत्याचार होता है। लेकिन राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने एक बार भी वक्तव्य नही दिया। कांग्रेस नेता खिलाड़ी लाल भैरवा ने राज्य अनुसूचित जाति आयोग से यह कहकर इस्तीफा दे दिया कि राजस्थान में दलितों पर अत्याचार हो रहा है, किन्तु कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
राजस्थान की नारी शक्ति ने दलित और महिला विरोधी कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने का निर्णय ले लिया है। नारी शक्ति आगामी विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत की सरकार को सबक सीखाएगी।
**********************
To Write Comment Please Login