सुशासन

“Agenda 2019 - Part-4 Modi Hai To Mumkin Hai" by Hon'ble Union Minister Shri Arun Jaitley


14-03-2019

दिनांक : मार्च 14, 2019

एजेंडा 2019-पार्ट-4

मोदी है तो मुमकिन है

अरूण जेटली

प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपने 5 साल के कार्यकाल में निरंतर और बिना अवरोध के काम करते हुए जरा भी नहीं थके। वह न केवल तेजी से सिद्धहस्त हो गए बल्कि विदेश नीति, आर्थिक और रणनीतिक विषयों से सामंजस्य बिठाने लगे, उनकी स्पष्टता और दृढ़ संकल्प के कारण पेचीदे मामलों में भी वह तुरंत फैसले लेने लगे। नीतिगत मामलों में वह अपनी टीम, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के साथ घंटों बैठते रहे हैं और महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले लेते रहे हैं। वह टारगेट रखते हैं और उससे पहले काम को अंजाम दे देते हैं। काम कर दिखाने वाले के तौर पर उनकी छवि को आज ज्यादातर भारतीय मानते हैं। भारत पर नज़र रखने वाले दुनिया भर के समीक्षक भारत के तेजी से फैसले लेने और उसके कार्यान्वयन से अचंभित हैं।

इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने एक प्रभावी नारा, मोदी है तो मुमकिन है, चुना।

इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण लैडमार्क हैं जिन्हें इस तरह से समझा जा सकता है:

  • इतिहास में पहली बार और लगातार पांच वर्षों तक भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई आर्थिक शक्ति- रुचिकर स्थान, बना रहा।

  • पिछले पांच वर्षों में न तो प्रत्यक्ष और न परोक्ष कर बढ़ाए गए। इसके विपरीत उनमें कटौती की गई। जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपए तक है, उन्हें इनकम टैक्स से मुक्ति दे दी गई है। जीएसटी परिषद की हर बैठक के पहले देश में इस बात के कयास लगाए जाते थे कि किस टैक्स में कटौती होगी। छोटे कारोबारियों को जिनका सालाना कारोबार 40 लाख रुपए से कम है, उन्हें जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है। जिनका सालाना कारोबार 1.5 करोड़ रुपए तक है उन्हें सिर्फ 1 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। अफोर्डबल हाउसिंग पर अब एक प्रतिशत टैक्स लगेगा। टैक्स का भार कम होने से टैक्स का आधार बढ़ा है तथा उसकी वसूली में भारी बढ़ोतरी हुई है।

  • 20 महीनों की अल्प अवधि में जीएसटी का बिना अवरोध के कार्यान्वयन संभव हुआ। संविधान में संशोधन हुआ, इससे जुड़े टैक्सेशन कानून, रेगुलेशन और दरों सभी पर संसद और जीएसटी परिषद में सर्वसम्मति से फैसला हुआ। किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत टैक्स की दरों को कम करेगा और टैक्स वसूली बढ़ाएगा।

  • 2014 में हर दिन सिर्फ सात किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण होता था। आज हर दिन 30 किलोमीटर राजमार्ग यानी सालाना 10 हजार किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण होता है। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा राजमार्ग बनाने वाला देश बन गया है।

  • 2014 में सिर्फ 38 प्रतिशत ग्रामीण मकानों में सफाई व्यवस्था थी। आज 99 प्रतिशत ग्रामीण मकानों में सफाई की व्यवस्था है।

  • 91 प्रतिशत गांव ग्रामीण सड़कों से जुड़े हुए हैं। ग्रामीण सड़कों पर व्यय तीन गुना बढ़ा दिया गया है।

  • आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत देश के सबसे गरीब 50 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपए तक की अस्पताल में मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। 23 सितंबर 2018 को इस योजना का शुभारंभ हुआ और कल तक (13 मार्च, 2019) 15.27 लाख मरीजों का मुफ्त इलाज हुआ है।

  • 8 करोड़ गरीब घरों को मुफ्त में गैस कनेक्शन और सिलिंडर मिले हैं। अब गरीबों को धुएं से मुक्ति मिल गई है और पर्यावरण अनुकूल तथा आधुनिक प्रणाली से खाना बनाने की सुविधा मिली है।

  • देश के सभी इच्छुक घरों (100 प्रतिशत) को बिजली दे दी गई है।

  • प्रधान मंत्री जन धन योजना के तहत लगभग 35 करोड़ बैंक खाते खोले गए जिससे हर घर बैंकों से जुड़ गया। यह दुनिया में सबसे बड़ा वित्तीय समायोजन था।

  • प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के तहत 16 करोड़ कर्ज दिए गए ताकि स्वरोजगार और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल सके। इसके लाभार्थियों में 54 प्रतिशत एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक हैं। 72 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं।

  • 2014 में भारत में 65 कार्यरत हवाई अड्डे थे जहां से कमर्शल उड़ानें हुआ करती थीं। आज ऐसे 101 हवाई अड्डे हैं तथा बहुत जल्द इनमें 50 और जुड़ जाएंगे।

  • भारतीय रेल अब सुपर फास्ट यात्रा के युग में पहुंच गई है और अब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रेलगाड़ियां दौड़ रही हैं। इनके इंजिन देश में ही बनते हैं। जल्द ही बुलेट ट्रेन का सपना साकार हो जाएगा। रेल यात्राओं में सुविधाएं और भी बढ़ गई हैं।

  • बैंकरप्सी और इनसॉल्वेंसी कोड (आईबीसी) ने लेनदार-देनदार के संबंधों के पैटर्न को बदल दिया है। अब बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं के लिए संभव है कि वे डिफॉल्ट करने वाले मैनेजमेंट को बाहर कर दें और अंततः अपना कर्ज वसूल लें।

  • आधार-यूनिक आइडेंटिटी नंबर से यह संभव हुआ है कि सरकार द्वारा दिया गया लाभ गरीब वर्गो को सीधा, तुरंत और बिना बिचौलिये के मिले।

  • ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर को बनाने में 22 फसल उगाने वाले किसानों को लागत तथा 50 प्रतिशत अतिरिक्त एमएसपी सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा सब्सिडी वाली फसल बीमा योजना, 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसानों को हर साल 6,000 करोड़ रुपए आर्थिक मदद। कल तक 2.77 करोड़ किसानों को पहली किस्त मिल गई है।

  • सालाना 75,000 करोड़ रुपए के इस मदद के अलावा 60,000 करोड़ रुपए मनरेगा पर हर साल खर्च हो रहे हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संसाधन पहुंचते हैं।

  • गरीबों को सस्ता और सब्सिडी वाला अनाज मुहैया कराया जा रहा है और इस पर हर साल 1.84 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। कोई भी भारतीय भूखा नहीं रहेगा।

  • 2022 तक देश के गांवों में हर गरीब परिवार को एक मकान मिलेगा। हर साल 50 लाख मकान बनाए जा रहे हैं।

  • संगठित क्षेत्र के श्रमिकों, जिनमें किसान भी शामिल हैं, को 3,000 रुपए प्रति माह पेंशन मिलेगा। इसके लिए जो योजना बनी है उसमें सरकार 50 प्रतिशत का अंशदान करती है। इससे दस करोड़ परिवारो को लाभ मिलेगा।

  • मुद्रास्फीति जो यूपीए शासनकाल में 10.4 प्रतिशत थी, गिरकर 2.5 प्रतिशत हो गई है।

  • प्रधान मंत्री और सरकार ने सिद्ध कर दिया कि भारत में भी एक ईमानदार सरकार चलाई जा सकती है।

  • इतिहास में पहली बार गैर आरक्षित गरीब वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण की सुविधा मिली है।

  • भारत ने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के एयर स्ट्राइक के जरिये बता दिया है कि सिर्फ आतंकवाद से निबटना ही नहीं पर्याप्त है। वह आंतक के जन्मस्थान पर हमला करने अपरंपरागत तरीके अपनाने  को तैयार है।

  • ये कुछ दृष्टांत हैं कि भारत किस तरह की छलांग लगा रहा है। क्या पहले की किसी सरकार ने ऐसा किया था? यह वही सरकारी मशीनरी है, वही राजनीतिक व्यवस्था है, वही कार्यान्यवन का औजार है जो सरकार के पास था। प्रेरणा और नेतृत्व से यह फर्क संभव हुआ है। यही कारण है भारत में ऐसा चुनाव देखा जाएगा जहां लोगों को प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व, फैसले लेने की काबिलियत, ईमानदारी और प्रदर्शन पर अपनी मुहर लगाने का मौका मिलेगा। सच में उन्होंने इसे संभव कर दिखाया।

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