Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Dr Sambit Patra (MP)


द्वारा श्री संबित पात्रा -
28-12-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

कांग्रेस और राहुल गांधी द्वारा डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर की जा रही भ्रामक राजनीति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और भारतीय राजनीति में कांग्रेस द्वारा स्थापित किया गया एक नया निम्न स्तर है।

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राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कैबिनेट के अध्यादेश को अहंकार के साथ फाड़ कर दिखा दिया था कि गांधी परिवार उनके आदेशों को नहीं मानता है।

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डॉ मनमोहन सिंह के सम्मान की बात कर रही कांग्रेस ने उनके ऊपर सुपर पीएम को बिठाया था और ऐसा कहा जाता है कि सारी फाइलें पहले सोनिया गाँधी जी को दिखाई जाती थी

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पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में घुसने तक नहीं दिया गया था। गाँधी परिवार ने नरसिम्हा राव जी का अंतिम संस्कार भी दिल्ली में नहीं होने दिया।

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गांधी परिवार के प्रधानमंत्रियों ने स्वयं को भारत रत्न से सम्मानित किया जबकि पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न नहीं दिया

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व अध्यक्ष और देश के राष्ट्रपति रहे आदरणीय डॉ प्रणव मुखर्जी जी की बेटी ने भी खुलासा किया है कि उनके पिता के साथ कांग्रेस कार्यसमिति ने अन्याय किया था। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया।

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कांग्रेस ने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी, सम्माननीय पीवी नरसिम्हा राव जी, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी तक सभी का अपमान किया। एक पुण्यात्मा की विदाई के समय भी भ्रामक ट्वीट कर राहुल गांधी राजनीति से बाज नहीं आ रहे।

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डॉ मनमोहन सिंह जी के निधन की खबर आते ही एनडीए कैबिनेट ने कांग्रेस एवं दिवंगत आत्मा के परिवार को चिट्ठी लिखकर स्मारक बनाने की इच्छा व्यक्त की और बताया कि स्मारक बनाने की प्रक्रिया में भूमि अधिग्रहण जैसे चरण होते हैं जिसे पूर्ण होने तक अंत्येष्टि की प्रक्रिया पूरी की जाए।

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ऐसी रिपोर्ट्स है कि सरदार बल्लभभाई पटेल के निधन पर नेहरू ने चिट्ठी लिखकर कैबिनेट के मंत्रियों और अधिकारियों को उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने से मना कर दिया था और डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी के अंतिम संस्कार में भी पंडित नेहरू मौजूद नहीं थे।

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भारतीय जनता पार्टी केराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं लोक सभा सांसद डॉ संबित पात्रा ने आज शनिवार को भुबनेश्वर, ओडिशा स्थित प्रदेश भारतीय जनता पार्टी कार्यालय से प्रेस वार्ता को संबोधित किया और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि पर ओछी राजनीति करने के लिए कांग्रेस पार्टी की जम कर आलोचना की और साथ ही कांग्रेस द्वारा पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ किए गए दुर्व्यवहार के संदर्भों को पेश करते हुए कांग्रेस के असली चरित्र को उजागर किया।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि आज की यह प्रेसवार्ता अत्यंत दुख के साथ की जा रही है। भारतीय राजनीति में यह एक नया निम्न स्तर है जो कि कांग्रेस द्वारा स्थापित किया गया है। आज एक पूर्व प्रधानमंत्री की अंत्येष्टि हुई है और यह अत्यंत दुखद है कि कांग्रेस की निचली स्तर की राजनीति के कारण आज इस विषय पर प्रेसवार्ता करनी पड़ रही है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और भारतीय जनता पार्टी इस कथन में विश्वास करती है।

 

भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और विशेषकर राहुल गांधी द्वारा की जा रही भ्रामक राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी ने डॉ मनमोहन सिंह का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करवाकर उनका अपमान किया है परन्तु इसके पीछे की सच्चाई को समझना आवश्यक है। जब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने एम्स में अंतिम सांस ली तो उसके पश्चात कैबिनेट की बैठक बुलाई गई जिसमें शोक संदेश पारित किया गया और बैठक में निर्णय लिया गया डॉ मनमोहन सिंह का उनके कद के अनुरूप सम्मान होना चाहिए। इसलिए उनके अंतिम संस्कार एवं स्मारक के विषय को ध्यान को रखते हुए कैबिनेट ने एक चिट्ठी कांग्रेस पार्टी और दिवंगत डॉ मनमोहन सिंह के परिवार को लिखी। कैबिनेट ने इस चिट्ठी में डॉ मनमोहन सिंह की याद में स्मारक बनाने की इच्छा व्यक्त करते हुए लिखा कि स्मारक बनाने की एक प्रक्रिया होती है जिसमें भूमि अधिग्रहण जैसे चरण होते हैं तो इसलिए जब तक ये प्रक्रिया होती है, तब तक अंत्येष्टि की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि ये स्पष्ट संवाद भाजपा सरकार ने कांग्रेस पार्टी एवं दिवंगत डॉ मनमोहन सिंह के परिवार के साथ किया। परन्तु कांग्रेस इस पर भी राजनीति करने लगी। आज शोक के समय में कांग्रेस को इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए थी। कांग्रेस पार्टी को यह याद दिलाना आवश्यक है कि डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए उनका सर्वाधिक अपमान कांग्रेस पार्टी ने ही किया है। पूरे देश ने देखा था कि राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के कैबिनेट के अध्यादेश को अहंकार के साथ फाड़ा था और जाहिर किया था कि गांधी परिवार डॉ मनमोहन सिंह के आदेशों को नहीं मानता है। सोनिया गांधी एक समानांतर सरकार चलाती थी। कई किताबों में जिक्र किया गया है कि सरकारी फाइलें डॉ मनमोहन सिंह से छीनकर सोनिया गांधी द्वारा बनाई राष्ट्रीय सलाहकार समिति के समक्ष पेश की जाती थीं और ये समिति तय करती थी कि देश कैसे चलेगा। इसे लेकर डॉ मनमोहन सिंह भी काफी आहत थे, इसी कारण कई बार मीडिया में खबरें आई थी कि इस व्यवहार के कारण कई बार डॉ मनमोहन सिंह ने त्यागपत्र देने की भी चेष्टा जताई थी।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व गृह मंत्री और देश के राष्ट्रपति रहे आदरणीय डॉ प्रणव मुखर्जी जी की बेटी ने कहा कि उनके पिता के साथ कांग्रेस कार्यसमिति ने अन्याय किया है। कांग्रेस कार्य समिति द्वारा डॉ प्रणब मुखर्जी जी के निधन पर शोक प्रस्ताव भी नहीं लाया गया। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वो राष्ट्रपतियों के निधन का कभी शोक नहीं मनाती है लेकिन ऐसा नहीं है कि पूर्व में किसी राष्ट्रपति के निधन का शोक न मनाया गया हो। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आज कई तथ्यों का खुलासा किया है। प्रणव मुखर्जी कहीं बड़े न हो जाएं और उन्हें विरासत से बाहर रखने के लिए कांग्रेस ने उनके लिए कुछ नहीं किया। आज कांग्रेस डॉ मनमोहन सिंह के सम्मान की बात कर रही है लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता और देश के प्रधानमंत्री रहे पीवी नरसिम्हा राव के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में स्थान तक नहीं दिया गया। जब उनका पार्थिव शरीर कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय के द्वार तक आया तो द्वार नहीं खोला गया, कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी ने स्पष्ट रूप से मना किया था कि नरसिम्हा राव का शरीर कांग्रेस मुख्यालय के चौखट के भीतर नहीं आना चाहिए। उस समय मीडिया में एक विवाद सामने आया था जिसमें यह कहा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के शव के पास कुछ आवारा कुत्ते घूम रहे थे।

 

भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस ने एक पूर्व प्रधानमंत्री को इस हद तक अपमानित किया कि सोनिया गांधी ने यह तक कह दिया कि नरसिम्हा राव जी का अंतिम संस्कार दिल्ली से बाहर कराना चाहिए जिसके कारण उनका अंतिम संस्कार हैदराबाद में किया गया। उनके परिवार से कहा गया कि इनका अंतिम संस्कार बाहर जाकर करिए ताकि नेहरू-गांधी खानदान का दबदबा बना रहे। पीवी नरसिम्हा राव, गांधी परिवार से बाहर बतौर प्रधानमंत्री एक कार्यकाल पूरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री थी, उसके बावजूद कांग्रेस ने 2004 से 2014 तक एक समाधि स्थल और एक स्मारक बनाने तक के लिए जगह नहीं दी। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने ही पीवी नरसिम्हा राव जी की स्मृति में एकता स्थल का निर्माण किया। कांग्रेस पार्टी ने पीवी नरसिम्हा राव जी को भारत रत्न भी नहीं दिया जबकि गांधी परिवार के सभी प्रधानमंत्रियों ने अपने आप को भारत रत्न दिया। वर्ष 2024 में भाजपा सरकार में पीवी नरसिम्हा राव जी को भारत रत्न दिया गया। 15 दिसंबर 1950 में जब सरदार बल्लभभाई पटेल का निधन हुआ तो उस समय नेहरू ने एक चिट्ठी लिखकर अपने कैबिनेट के मंत्रियों और अधिकारियों को मना किया था कि कोई भी सरदार पटेल जी के अंतिम संस्कार में भाग न ले। 28 फरवरी 1963 में जब राजेन्द्र प्रसाद की मृत्यु हुई उस समय भी उनके अंतिम संस्कार में पंडित नेहरू मौजूद नहीं थे। गांधी परिवार और जवाहर लाल नेहरू का अपने ही मित्रों के प्रति यह भाव था।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल विहारी वाजपेयी जी का निधन हुआ था तो कांग्रेस पार्टी ने उनके खिलाफ बहुत अपमानजनक माहौल बनाया था। अगस्त 2021 में मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे ने कहा था कि ‘पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी बहुत शराब पीते थे’। कांग्रेस पार्टी ने अटल जी के लिए बहुत से ट्वीट्स किए हैं, एआईसीसी के जनरल सेक्रेटरी रहे गौरव पांधी ने लिखा है कि “1942 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अन्य सदस्यों की तरह अटल जी ने भी ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का बहिष्कार किया और ब्रिटिश मुखबिर की तरह आंदोलन से जुड़े लोगों की जानकारी दी। नेल्ली नरसंहार हो या बाबरी विध्वंस, वाजपेयी जी ने भीड़ को भड़काने में अहम भूमिका निभाई, यही वजह है कि आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जैसे भाजपा नेता गांधी, पटेल और अन्य कांग्रेस नेताओं से जुड़ते हैं लेकिन सावरकर, वाजपेयी या गोलवलकर से नहीं, क्योंकि वो सच्चाई जानते हैं।” कांग्रेस पार्टी के सदस्यों की ओर से कई आपत्तिजनक ट्वीट किए गए, जिनमें कांग्रेस से जुड़े एक पत्रकार का ट्वीट भी शामिल है जिसमें लिखा गया था कि, “अटल बिहारी वाजपेयी आखिरकार मर गए, दिल्ली वालों, सभी रोडब्लॉक स्वीकार करो।” श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी पर कांग्रेस द्वारा इस प्रकार के कई आक्षेप लगाए गए हैं। कांग्रेस ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी, नरसिम्हा राव, डॉ मनमोहन सिंह, डॉ राजेन्द्र प्रसाद और सरदार वल्लभ भाई पटेल तक सभी का अपमान किया और एक पुण्यात्मा की विदाई के समय भी भ्रामक ट्वीट कर राहुल गांधी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं। यही कांग्रेस और राहुल गांधी का असली चरित्र है। 

 

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