
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमा पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी हो रही है, वहीं कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेता अपने बयानों की गोलीबारी से भारतीय सेना का मनोबल गिरा रहे हैं।
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कांग्रेस के यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भारत के राफेल को खिलौना कहते हैं और भारतीय सेना का मनोबल गिराते हैं। सिद्धारमैया से लेकर अजय राय तक, कांग्रेस के नेता यही कर रहे हैं। ये राफेल पर उकेरे गए स्वास्तिक का मजाक उड़ाकर सनातन संस्कृति का भी अपमान कर रहे हैं।
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एक ओर उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे पर राफेल की दहाड़ से पाकिस्तान में दहशत है लेकिन उसी प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राफेल और भारतीय सेना का मजाक बना रहे हैं। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है?
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श्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा उठाये गए क़दमों के कारण आज पाकिस्तान भारत की सेना को डरी नजर से देख रही है जबकि इंडी गठबंधन और कांग्रेस वाले भारत की सेना को बुरी नजर से देख रही है। ऐसा लगता है कि आज भारत की सेना पर कांग्रेस और इंडी नेताओं की बुरी नजर है।
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पाकिस्तान कहता है कि वह शांति चाहता है और दूसरी ओर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। कांग्रेस और उसके गटबंधन की पार्टियां भी औपचारिक तौर पर भारत सरकार के साथ होने की बात करती है लेकिन दूसरी ओर उसके नेता भारतीय सेना के खिलाफ बयान देते हैं।
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आज पाकिस्तान के न्यूज चैनलों में कांग्रेस और इंडी गठबंधन के दलों एवं उसके नेताओं का गुणगान हो रहा है। ये भारत की सेना से सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के सबूत मांगते हैं। पाकिस्तान तो सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की बात मानता है लेकिन इन्हें सबूत चाहिए।
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पूर्व वायुसेना अध्यक्ष फ़ाली होमी मेजर के अनुसार 26/11 हमले के बाद भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयार थी, लेकिन मनमोहन सिंह की सरकार ने कार्रवाई की अनुमति नहीं दी थी। राफेल की डील को भी लटका कर कांग्रेस की सरकार ने रखा था।
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देश को जब एकजुटता की आवश्यकता है, तब कांग्रेस नेता फाइटर प्लेन राफेल विमान को खिलौना बताने जैसा बयान रहे हैं, यह देश के वीर जवानों के मनोबल पर भी प्रहार कर रहे हैं।
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कांग्रेस शासनकाल में हमारी फौज मैदान में जीतती थी, लेकिन सरकारें सब कुछ हारकर लौट आती थीं, सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस को “सुलह की शक्ल” संवारनी होती थी, चाहे वह शक्ल भारत के सैनिकों के रक्त से क्यों न सजानी पड़े।
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स्पेनिश सिविल वॉर के दौरान ‘फिफ्थ कॉलम’ का जिक्र किया गया, जिसका मतलब है- “जब भीतर से कुछ लोग दुश्मनों की मदद करते हैं।“ आज कांग्रेस और इंडी एलायंस भी अपने बयानों से यही करती हुई प्रतीत हो रही है।
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एक ओर जहां भारत के रक्षा मंत्री जापान के रक्षा मंत्री से गंभीर वार्ता कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष द्वारा की जा रही राजनीति अत्यंत दुखद और निंदनीय है। मोदी सरकार युद्ध और कूटनीति दोनों मोर्चों पर प्रभावी और संकल्पबद्ध उत्तर देने के लिए पूरी तरह तैयार खड़ी है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय द्वारा राफेल लड़ाकू विमान का मजाक उड़ाने और उसे खिलौना बताने पर तीखी आलोचना की। कांग्रेस के बयान को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बताते हुए डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद सीमा पर पाकिस्तान गोलीबारी कर रहा है, वहीं कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेता अपने बयानों की गोलीबारी से भारतीय सेना का मनोबल कमजोर करने को कोशिश में लगे हैं।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर तनाव व्याप्त है और पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान सीमा पार से गोलाबारी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर देश के भीतर कांग्रेस और इंडी एलायंस के नेता बयानों की गोलाबारी कर भारतीय सेना को निशाना बना रहे हैं। अगर पाकिस्तान यह सोचता है कि उसकी गोलाबारी से भारतीय सेना का मनोबल टूट सकता है, तो ऐसा ही प्रयास कांग्रेस और इंडी एलायंस के नेता अपने बयानों के जरिये कर रहे हैं। उनके बयान पाकिस्तान की गोलियों की तरह भारत की सेना के हौसले कमजोर करने के लिए दिए जाते हैं। कांग्रेस और उसके गठंबंधन की पार्टियां एक ओर सरकार के साथ खड़ा होने का ढोंग करता है, दूसरी ओर, उनके वरिष्ठ नेता, जैसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय, लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जो सीधे तौर पर भारत विरोधी और भारतीय सेना के मनोबल को गिराने वाले हैं। यह स्थिति बिल्कुल वैसी ही है, जैसे पाकिस्तान कहता है कि वह शांति चाहता है और दूसरी ओर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। कांग्रेस का भी यही दोहरा रवैया है। कांग्रेस और उसके गटबंधन की पार्टियां औपचारिक तौर पर भारत सरकार के साथ होने की बात करते हैं और दूसरी ओर भारतीय सेना के खिलाफ बयान देते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने शासनकाल में एक बार भी पाकिस्तान से शांति वार्ता को स्थगित नहीं किया, चाहे कितनी भी आतंकवादी घटनाएं क्यों न हुई हों। वही, पिछले 11 वर्षों में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एक बार भी पाकिस्तान से औपचारिक द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई, यही भाजपा और कांग्रेस की सोच में फर्क का सबसे बड़ा प्रमाण है। चिंता का विषय यह है कि देश को जब एकजुटता की आवश्यकता है, तब कांग्रेस इस प्रकार की बयानबाज़ी कर रही है, जो न केवल राष्ट्र विरोधी है बल्कि देश के वीर जवानों के मनोबल पर भी प्रहार करती है।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने राफेल लड़ाकू विमान का मजाक उड़ाते हुए उसे खिलौना बताया और उसके साथ नींबू-मिर्ची दिखाकर उसका उपहास किया। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है। अजय राय के बयान से ठीक एक दिन पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे पर राफेल ने लैंडिंग की थी और उड़ान भरी थी, जो पाकिस्तान और भारत विरोधी ताकतों को स्पष्ट संदेश दिया था। जिस राफेल की गर्जना से पाकिस्तान थर-थर कांपता है, उसी राफेल का कांग्रेस उपहास कर सेना का मनोबल गिराने का प्रयास कर रही है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान की सेना तो अब भारत की सेना को ‘डरी नजर’ से देखती है, लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगी बुरी नजरे हैं। देश के कई हिस्सों में मान्यता है कि नींबू-मिर्ची बुरी नजर से बचाती है, लेकिन आज भारत की सेना को पाकिस्तान की नहीं, कांग्रेस और इंडी गठबंधन की बुरी नजर से बचाव की जरूरत है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि जब राफेल भारत आया था तब रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस जाकर उस पर ‘स्वस्तिक’ बनाया था। शायद कांग्रेस को यह जानकारी नहीं है कि भारतीय सेना में धार्मिक शिक्षक होते हैं और सैनिकों को उनकी आस्था के अनुरूप धार्मिक परंपराओं के अनुसार तैयार किए जाते हैं। युद्ध के समय सैनिकों के युद्ध उद्घोष तक उनकी धार्मिक भावना से प्रेरित होते हैं। कांग्रेस हिंदू धर्म और उसकी परंपराओं का मजाक उड़ाती है, जबकि पाकिस्तान की सेना खुले तौर पर ‘कलमा’ पढ़ती है। भारत की सेना की बिहार रेजिमेंट का उद्घोष है ‘बजरंग बली की जय’, गोरखा रेजिमेंट कहती है ‘जय महाकाली, आयो गोरखाली’, राजपूत रेजिमेंट कहती है ‘राजा रामचंद्र की जय’। क्या कांग्रेस इन सबका भी मजाक उड़ाएगी?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि स्पेनिश सिविल वॉर के दौरन 'फिफ्थ कॉलम' का उल्लेख किया गया, जिसका मतलब होता है कि जब चारों ओर से दुश्मन हमला कर रहे थे, तो भीतर से भी कुछ लोग देशविरोधी ताकतों की मदद कर रहे थे। आज कांग्रेस और उसके गठबंधन की पार्टियां भारत के लिए वही ‘फिफ्थ कॉलम’ बन गया है, जो दुश्मनों का मनोबल बढ़ाने का काम कर रहा है। देश के विपक्षी पार्टियां राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध बयानबाजी कर रहे हैं। पाकिस्तान मानता है कि भारत की सेना पाकिस्तान की सेना से कहीं अधिक शक्तिशाली है। भारत की सरकार, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दृढ़ निश्चय और संकल्प के साथ देश की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह कटिबद्ध है।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि भारत में विपक्षी नेताओं द्वारा सेना को लेकर लगातार विवादास्पद और मनोबल गिराने वाले बयान दिए जा रहे हैं। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और पंजाब के पूर्व सीएम चरनजीत सिंह चन्नी जैसे नेताओं के बयान पाकिस्तान की मीडिया में प्रमुखता से दिखाए जा रहे हैं। पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक और टीवी डिबेट्स में बैठे लोग भारत के विपक्षी नेताओं के नाम लेकर यह कह रहे हैं कि ‘पूरा भारत मोदी जी के साथ नहीं है।’ ऐसे वीडियो प्रमाण के तौर पर उपलब्ध हैं जहां पाकिस्तानी विश्लेषक भारत के विपक्षी दलों को ‘अपने साथ’ बता रहे हैं। विपक्ष का भी एक उत्तरदायित्वपूर्ण आचरण होता है, लेकिन विपक्ष के नेता अपनी जिम्मेदारी का भी निर्वहन नहीं कर रहे हैं।
वर्ष 2010-12 के बीच की एक घटना का उल्लेख करते हुए डॉ त्रिवेदी ने कहा कि जब पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को लेकर “देहाती औरत” जैसी अपमानजनक टिप्पणी की थी। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि पाकिस्तान को भारत के प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने एक और उदाहरण देते हुए बताया कि 1995 में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाने वाला था। उस समय विपक्ष में रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी जी भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने तत्कालीन नरसिम्हा राव सरकार का समर्थन किया। पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो ने भी भारत के विपक्षी पार्टी की भूमिका की सराहना की थी। आज स्थिति उलट हो गई है, भारत में विपक्ष सेना के खिलाफ बयानबाजी कर रहा है। विपक्ष के कुछ नेता सर्जिकल स्ट्राइक के प्रमाण मांगते हैं, तो कुछ पुलवामा हमले पर सवाल उठाते हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद में कहा था कि बालाकोट स्ट्राइक के बाद भारत कुछ और बड़ा करने की योजना बना रहा था। साथ ही तत्कालीन मंत्री फवाद चौधरी ने भी नेशनल असेंबली में स्वीकार किया था कि हमने पुलवामा में घुसकर मारा। क्या इन स्पष्ट बयानों के बाद भी भारत के किसी दल को सबूत चाहिए।’ पाकिस्तान के एक सांसद ने संसद में कहा था कि बालाकोट स्ट्राइक के मामले जब आर्मी चीफ शाह महमूद कुरैशी के सामने आए तो उनके पैर कांप रहे थे और उन्होंने अभिनंदन को वापस करने की गुहार की थी कि ऐसा न करने पर शाम तक भारत हमला कर देगा।
राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि इमरान खान ने एक बार सार्वजनिक सभा में कहा था कि जब तक भारत में विपक्ष की सरकार नहीं बनती तब तक हालात नहीं सुधरेंगे। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान से ‘मोदी सरकार को हटाने में’ मदद मांगी थी। कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने अपनी किताब में परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया था कि ‘कश्मीर भारत से अलग हो जाना चाहिए।’ भारत के अंदर और बाहर, सरकार और सेना को एकजुट होकर समर्थन देने की आवश्यकता है, न कि राजनीतिक लाभ के लिए सेना के खिलाफ बयानबाजी करने की। वर्तमान समय में भारत सरकार पूरी दृढ़ता और कूटनीतिक दक्षता के साथ संकल्पित होकर खड़ी है। एक ओर जहां भारत के रक्षा मंत्री जापान के रक्षा मंत्री से गंभीर वार्ता कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष द्वारा की जा रही राजनीति अत्यंत दुखद और निंदनीय है। इसके बावजूद भारत सरकार देशवासियों को आश्वस्त करना चाहती है कि प्रधानमंत्री जी ने स्पष्ट कहा है कि इस घटना के अपराधियों को धरती के अंतिम छोर तक खोजकर दंडित किया जाएगा और वह दंड ऐसा होगा कि जिसका इतिहास में कोई उदाहरण नहीं होगा, एक अभूतपूर्व दंड दिया जाएगा।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज हमारी वायुसेना के विमानों को ‘खिलौनों’ की तरह बताने का दुस्साहस करती है, जबकि 26/11 के मुंबई हमलों के बाद भारतीय वायुसेना कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार थी। पूर्व वायुसेना अध्यक्ष फ़ाली होमी मेजर के 2016 में प्रकाशित संस्मरण का हवाला देते हुए श्री त्रिवेदी ने कहा कि उस समय मनमोहन सिंह की सरकार ने वायुसेना को कार्रवाई की अनुमति नहीं दी थी। उस दौरान कांग्रेस की सरकार ने युद्धक विमानों को शोपीस बना कर रखा था, जबकि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इन संसाधनों को प्रभावी कूटनीतिक घेराबंदी के बाद रणनीति के तहत प्रयोग करने के लिए तैयार रखती है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कांग्रेस पार्टी के कारनामों का जिक्र करते हुए कहा कि यही वे लोग हैं जिन्होंने युद्ध के मैदान में विजय प्राप्त करने वाली सेना को कूटनीति की मेज पर पराजय का स्वाद चखाया था। जहां हमारी फौज मैदान में जीतती थी, वहीं कांग्रेस की सरकारें सब कुछ हारकर लौट आती थीं। सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस को ‘सुलह की शक्ल’ संवारनी होती थी, चाहे वह शक्ल भारत के सैनिकों के रक्त से क्यों न सजानी पड़े। कांग्रेस की विदेश नीति का आलम यह था कि चीन, भारत का ‘गुलाब’ लेकर चला गया। यह वही समय था जब नेहरू असफल विदेश नीति के प्रतीक बन चुके थे। वे खुद भले गुलाब न पहनते हों, लेकिन चीन ‘गुलाब’ लेकर चला गया। ताशकंद में भारत का ‘लाल’ खो गया और कांग्रेस की सरकारें सुलह की शक्ल संवारती रहीं, विजय को पराजय में बदलती रहीं। अब भारत में वह सरकार है जो युद्ध और कूटनीति दोनों मोर्चों पर प्रभावी और संकल्पबद्ध उत्तर देने के लिए पूरी तरह तैयार खड़ी है। डॉ त्रिवेदी ने कांग्रेस पार्टी से अपील करते हुए कहा कि कृपया इस संवेदनशील समय में भारतीय सेना और राष्ट्र का मनोबल गिराने वाली हरकतों से दूर रहें और जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएं।
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