भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
भाजपा अपने मूलमंत्र पर चलते हुए देश और प्रदेश के विकास और लोगों को जोड़ने की बात कर रही है लेकिन विपक्ष का मकसद है कि ‘पहले बांटो ताकि घुसपैठिए लोगों को काटें ’।
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केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह कह रहे हैं कि घुसपैठियों को चुन-चुन कर बाहर करेंगे लेकिन कांग्रेस और जेएमएम का मूल मंत्र है ‘घुसपैठियों का चुन-चुन कर व्याह करेंगे
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बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले मदरसों में ठहराया जाता है, फिर उनके सरकारी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं। क्योंकि कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी सब तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं और इन्हें पता है कि यही घुसपैठिए इनका वोट बैंक बनेंगे।
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क्या कांग्रेस और जेएमएम के लिए घुसपैठिए ही उनके वोटबैंक हैं और इसीलिए उनपर कार्रवाई नहीं की जाती? क्या मूलनिवासियों के हितों से कांग्रेस और जेएमएम को कोई लेना देना नहीं है?
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झारखंड के मूलनिवासियों की जो जमीन हड़पी गई उसको लेकर कई बार शिकायत की गई लेकिन झामुमो सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
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2001 की जनगणना के दौरान संथाल परगना में 46% अनुसूचित जनजाति थी, जो 2011 की जनगणना में 4% घटकर 42% रह गई। 2001 में संथाल परगना की मुस्लिम आबादी 33% थी, जो 2011 में 3% बढ़कर 36% हो गई। यह डेमोग्राफिक परिवर्तन को स्पष्ट कर रहा है।
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कांग्रेस और जेएमएम के लिए बेटियों की अस्मिता और सम्मान, कोई मायने नहीं रखता। झारखंड में घुसपैठिए, बेटियों से जबरन निकाह कर पहले उनकी अस्मिता छीनते हैं और फिर उनकी जमीनों को हड़पते हैं
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कांग्रेस 55 साल तक सत्ता में रही, मगर यूसीसी के लिए कभी प्रयास नहीं किया, क्योंकि उन्हें तुष्टीकरण की राजनीति करनी थी।
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भाजपा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से प्रश्न करती है कि कांग्रेस संविधान की मूल भावना का सम्मान करती है कि नहीं और इसपर उनका क्या स्टैन्ड है?
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने हाथ में एक लाल किताब को लहराते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उसमें इतालवी संविधान है, क्योंकि भारत का संविधान तो राहुल गांधी ने कभी पढ़ा ही नहीं।
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महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत जिन भी राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां जनता इन लोगों को करारा जवाब देगी।
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केन्द्र सरकार ने झारखंड को 9 वंदे भारत ट्रेन दीं, ईस्टर्न डीएफसी ट्रेड कॉरीडोर दिया, देवगढ़ में ग्रीनफील्ड कॉरीडोर बन रहा है, इससे स्पष्ट है कि आदरणीय मोदी जी की गारंटी तो पक्की है लेकिन जेएमएम और कांग्रेस की गारंटी केवल भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टीकरण की है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए झारखंड में घमंडिया गठबंधन की सरकार के संरक्षण में हो रहे घुसपैठ पर जेएमएम और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। श्री भाटिया ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी तो पक्की है, लेकिन जेएमएम और कांग्रेस की गारंटी केवल भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टीकरण की है। झारखंड की जनता ने परिवर्तन करने और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का मन बना किया है।
श्री भाटिया ने कहा कि एक ओर भाजपा अपने मूलमंत्र पर चलते हुए देश और प्रदेश के विकास और लोगों को जोड़ने की बात कर रही है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष का मकसद है, ‘पहले बांटो और फिर घुसपैठिए लोगों को काटें।’ झारखंड की जनता का संकेत स्पष्ट है कि प्रदेश में एक बड़ा बदलाव होगा। झारखंड में एनडीए और भाजपा की सरकार बनने जा रहे है। झारखंड में भ्रष्टाचार के अभियुक्त मुख्यमंत्री हेमत सोरेन के प्रस्तावक ने ही उनका साथ छोड़ दिया। जहां आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का नेतृत्व है, जनता का हित, विकास और जीत भी वहीं है, तथा देश और प्रदेश एकजुट भी वहीं है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि घुसपैठियों को चुन-चुन कर बाहर करेंगे लेकिन कांग्रेस और जेएमएम का मूल मंत्र है ‘घुसपैठियों का चुन-चुन कर व्याह करेंगे’। अपनी संस्कृति और मान्यताओं से झारखंड की पावन भूमि के लिए समर्पित अनुसूचित जनजाति के खिलाफ ये जेएमएम और कांग्रेस का कैसा षड्यंत्र है कि झारखंड में सिलसिलेवार तरीके से डेमोग्राफिक बदलाव लाया जा रहा है। जब भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया, तो वहां की सोयी हुई सरकार और हेमंत सोरेन ने कागजी कार्रवाई करके कुछ निर्देश दिए, इससे स्पष्ट होता है कि यह झारखंड की सरकार की विफलता का कबूलनामा है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित करके पहले मदरसों में ठहराया जाता है। किसी भी सरकार और मुख्यमंत्री का कर्तव्य है कि वह इस तरह की संवेदनशील सूचना को केन्द्र सरकार के साथ साझा करे और घुसपैठ रोकने के लिए ठोस कदम उठाए, लेकिन जेएमएम के आदेश की पहली लाइन में लिखा गया है, ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले मदरसों में ठहराया जाता है। इसके बाद उनके सरकारी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं।’ और ये दस्तावेज इसलिए तैयार किए जाते हैं क्योंकि कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी सभी तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं और इन पार्टियों को यह पता है कि ये लोग इनका वोट बैंक बनेंगे। दस्तावेज बनाने के बाद इन घुसपैठियों का नाम मतदाता सूचियों में जोड़ा जाता है। सबसे गंभीर विषय ये है कि एक सोची समझी साजिश के तहत घुसपैठियों को बसाया जाता है और अनुसूचित जनजातीय बेटियों के साथ इनका विवाह कराकर उनकी जमीन को लूट लिया जाता है।
श्री भाटिया ने प्रश्न किया कि क्या कांग्रेस और जेएमएम के लिए घुसपैठिए ही उनके वोटबैंक हैं और इसीलिए उनपर कार्रवाई नहीं की जाती? क्या मूलनिवासियों के हितों से कांग्रेस और जेएमएम को कोई लेना देना नहीं है? झारखंड के मूलनिवासियों की जो जमीन हड़पी गई उसको लेकर कई बार शिकायत की गई लेकिन झामुमो सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है। भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल मरांडी ने इस मुद्दे को बड़ी प्रखरता से उठाया। 2001 की जनगणना के दौरान संथाल परगना में 46% अनुसूचित जनजाति थी, जो 2011 की जनगणना में 4% घटकर 42% रह गई। विपक्ष ने अपना वोटबैंक बनाने के लिए झारखंड में घुसपैठियों को बसाया। 2001 में संथाल परगना की मुस्लिम आबादी 33% थी, जो 2011 में 3% बढ़कर 36% हो गई। यह डेमोग्राफिक परिवर्तन को स्पष्ट कर रहा है। इसीलिए भाजपा, रोटी, बेटी और माटी की बात करती है। लेकिन झारखंड की जनता की खाकर रोटी, कांग्रेस और जेएमएम हो गई मोटी। कांग्रेस और जेएमएम के लिए बेटियों की अस्मिता और सम्मान, कोई मायने नहीं रखता। झारखंड में घुसपैठिए, बेटियों से जबरन निकाह कर पहले उनकी अस्मिता छीनते हैं और फिर उनकी जमीनों को हड़पते हैं। भाजपा का वादा है कि झारखंड में सरकार बनते ही, आदिवासी भाई-बहनों की छीनी हुई जमीनों को वापस दिलवाया जाएगा। झारखंड में जमीन पर बालू और खनन माफियाओं का अवैध कब्जा किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं को खनन का पट्टा दे दिया, मगर जब न्यायालय में उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि गलती से हो गया, मैं इसे वापस कर रहा हूँ। न हम बटेंगे, न हम कटेंगे। महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत जिन भी राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां जनता इन लोगों को करारा जवाब देगी। इन सभी भ्रष्टाचारी, वंशवादी, सांप्रदायिक राजनीति करने वाले, घुसपैठियों के प्रेमियों को समझ आ जाएगा कि अगर भारत में राजनीति करनी है, तो घुसपैठियों को शरण नहीं दी जा सकती है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने हाथ में एक लाल किताब को लहराते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उसमें इतालवी संविधान है, क्योंकि भारत का संविधान तो राहुल गांधी ने कभी पढ़ा ही नहीं। भाजपा यूसीसी को लागू करने के लिए कार्य कर रही है, जो संविधान की मूल भावना को दर्शाता है। भाजपा ने स्पष्ट किया है कि एसटी समुदाय के लोग इससे बाहर रहेंगे। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत, सरकार भारत के समस्त राज्य क्षेत्रों में नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता प्राप्त कराने का प्रयास करेगा। भाजपा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से प्रश्न करती है कि कांग्रेस संविधान की मूल भावना का सम्मान करती है कि नहीं और इस पर उनका क्या स्टैन्ड है? कांग्रेस सहित तमाम अन्य पार्टियां डॉ अंबेडकर साहब के नाम का इस्तेमाल करती हैं, मगर बाबा साहब अंबेडकर के विचार यूसीसी के पक्ष में थे। सर्वोच्च न्यायालय ने 1995 में अपने एक निर्णय में कहा था कि प्रधानमंत्री और सरकार को संविधान के अनुच्छेद 44 पर गौर करना चाहिए। कांग्रेस 55 साल तक सत्ता में रही, मगर यूसीसी के लिए कभी प्रयास नहीं किया, क्योंकि उन्हें तुष्टीकरण की राजनीति करनी थी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि कांग्रेस के झारखंड में सत्तारूढ़ होने के बावजूद, कांग्रेस नेता जयराम रमेश उल्टा भाजपा से सवाल कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी के डीएनए में हेरा-फेरी करना भर गया है, यदि राहुल गांधी संसद के पटल पर रहकर आदरणीय प्रधानमंत्री जी और अन्य मंत्रियों के वक्तव्यों को सुनते तो यह प्रश्न नहीं पूछते। उन्होंने लोहरदगा से चतरा रेलवे लाइन का मुद्दा उठाया, इसकी स्वीकृति दी जा चुकी है और ड्रोन सर्वे भी हो चुका है। राहुल गांधी की बातें चाहें जितनी घुमाने वाली हों, भारतीय जनता पार्टी उनका उत्तर देगी लेकिन क्या राहुल गांधी भाजपा के प्रश्नों का उत्तर देंगे? राहुल गांधी ने इजीनियरिंग कॉलेज को लेकर प्रश्न किया, जब रांची में ट्रिपल आईटी का शिलान्यास हुआ तो स्वयं कांग्रेस क्यों इसके विषय में नहीं जानती? जब राहुल गांधी की यूपीए सरकार थी तो वादा किया गया था कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के लिए जमीन दी जाएंगी, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया। राहुल गांधी ने कोडरमा में मेडिकल कॉलेज को लेकर भी प्रश्न खड़े किए हैं, केन्द्र सरकार ने 150 करोड़ रुपये में से 127 करोड़ 60 लाख रुपये का अनुदान सरकार दिया। इस भवन का निर्माण झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कर रही थी जो अब तक पूरा नहीं किया गया है। केन्द्र की सरकार ने झारखंड को 9 वंदे भारत ट्रेन दीं, ईस्टर्न डीएफसी ट्रेड कॉरीडोर दिया और देवगढ़ में ग्रीनफील्ड कॉरीडोर बन रहा है, इससे स्पष्ट है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी तो पक्की है लेकिन जेएमएम और कांग्रेस की गारंटी केवल भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टीकरण की है। झारखंड की जनता ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का मन बना किया है। अहम मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा, आदिवासी और अनुसूचित जनजातियों और झारखंड के मूलनिवासियों से जुड़ा हुआ है, जब कहा जाता है ‘बंटोगे तो कटोगे’ तो सबसे ज्यादा दर्द घुसपैठियों से प्रेम करने वालों से होता है। उम्मीद है कि जब राहुल गांधी झारखंड आएंगे तो भाजपा और जनता के प्रश्नों के उत्तर देंगे।
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