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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
राहुल गांधी देशविरोधी ऐसा कृत्यों में इसलिए सम्मिलित पाए जाते हैं क्योंकि वो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से नफरत करते-करते अब भारत और भारत के नागरिकों से भी नफरत करने लगे हैं।
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डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट इफिशिएंसी (DOGE) ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है कि भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता दी जा रही थी और यह अमेरिकी सरकार के वेरिफाइड X हैंडल से जारी किया गया बयान था।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शपथ भले ही संविधान की ली हो, लेकिन मन ही मन वो यह ठान चुके हैं कि उन्हें भारत के लोकतंत्र को कमजोर करना है।
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राहुल गांधी अमेरिका में इल्हान उमर से मिले, उनका एजेंडा साफ था कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को सत्ता से हटाया जाए। खुद में दम-खम नहीं है इस लिए राहुल गांधी विदेशी शक्तियों का सहारा लेकर भारत को कमजोर करना चाहते हैं।
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जॉर्ज सोरॉस से संबंध, इलहान उमर से मुलाकात, चीन के साथ एमओयू और अब चीन के समर्थन में बयान देना, यह सब कड़ियां जुड़ती जा रही हैं। विदेशी ताकतों को एकजुट और एक्टिव करने वाला एक ही गद्दार है और वो है ‘राहुल गांधी’।
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भाजपा भारत की अखंडता को मजबूत करने के लिए अनुच्छेद 370 को हटाती है और सोनिया गांधी देश से गद्दारी करके एक ऐसी मीटिंग को चेयर करती हैं जिसमें यह रेजोल्यूशन पास होता है कि कश्मीर को देश से अलग हो जाना चाहिए।
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जब अनुच्छेद 370 संशोधित हुआ, तो यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक प्रस्ताव रखा, उसके डौजियर पर राहुल गांधी का वक्तव्य लिखा हुआ था। राहुल गांधी के बयान भारत को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि पाकिस्तान को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल होते हैं।
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सोरोस से कांग्रेस के संबंध, कांग्रेस का पार्टी-टू-पार्टी एमओयू, सैम पित्रोदा का चीन को दुश्मन न मानना, सोनिया गांधी का FDLAP का चेयरपर्सन होना, गौरव गोगोई की पत्नी से जुड़े तथ्य, राहुल गांधी का इल्हान उमर से मिलना और मणिशंकर अय्यर का पाकिस्तान से मदद मांगना। यह सब दर्शाता है कि " कांग्रेस का हाथ, देश के दुश्मनों के साथ"।
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कांग्रेस सरकार के दौरान 2004-13 के बीच भारत सरकार को 2,115 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फंड मिला। लेकिन पिछले 10 वर्षों में मोदी जी के नेतृत्व में यह आंकड़ा घटकर मात्र 1.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए तथाकथित फैक्ट चेकरों और कांग्रेस द्वारा अमेरिका के यूएसएड एड को भारत के बजाय बांग्लादेश को दी जाने वाली खबर को प्रचारित करने के लिए जमकर आलोचना की। श्री भाटिया ने कांग्रेस और राहुल गांधी के देश विरोधी बयानों और कार्यों को सबूतों के साथ पेश करते हुए प्रश्न उठाए। श्री भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी ऐसे कृत्य इसलिए करते हैं क्योंकि वो आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी से नफरत करते-करते भारत और इसके नागरिकों से भी नफरत करने लगे हैं।
श्री भाटिया ने कहा कि विपक्ष, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का भारत विरोधी चरित्र बेहद चिंताजनक है। अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प ने एक वक्तव्य दिया कि यूएसएड की फन्डिंग के माध्यम से भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया जा रहा था। लोकसभा चुनाव से पूर्व भी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ-साथ कई देश प्रेमी पत्रकारों और संगठनों ने यह बात उठाई कि विदेशी शक्तियां भारत की चुनावी प्रक्रिया में यह सोच के हस्तक्षेप करती हैं कि कैसे देश का गौरव एवं विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाया जाए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है, जहां किसी विदेशी ताकत को आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। यह तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जिन्होंने संविधान की शपथ ली है, देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं। राहुल गांधी ऐसे कृत्य इसलिए करते हैं क्योंकि वो आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी से नफरत करते-करते भारत और इसके नागरिकों से भी नफरत करने लगे हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को यह भारत विरोधी लोग अपनी बची-खुची लोकप्रियता से हरा नहीं सकते, इसलिए ये विदेशी शक्तियों का सहारा लेते हैं। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत को एक मजबूत, सशक्त और अटल नेतृत्व मिला है, जो कांग्रेस नेता राहुल गांधी को स्वीकार नहीं है। इसी कारण वे भारत के लोगों और संविधान के साथ विश्वासघात करने से भी नहीं हिचकते। पिछले 11 वर्षों में देश में जो स्थिरता आई है, उसे आज पूरा विश्व और भारत की जनता देख रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी को यह पसंद नहीं, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार और दलाली की आदत पड़ चुकी है। अगर कोई यह मानता है कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी केवल आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से नफरत करते हैं, तो यह आधा सच है। वास्तविकता यह है कि वे हर उस भारतीय नागरिक से नफरत करते हैं जो अपने मताधिकार का प्रयोग करके एक मजबूत सरकार चुनता है।
श्री भाटिया ने कहा कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत में चुनावी हस्तक्षेप को लेकर बयान सामने आया, जिसमें कहा गया कि 21 मिलियन डॉलर की मदद से आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को सत्ता से बाहर करना था, तो कुछ अखबार और मीडियाकर्मी इस तथ्य पर पर्दा डालने का प्रयास करने लगे। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह देश के समक्ष वास्तविक तथ्य रखे। सबसे पहला तथ्य यह है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत में विदेशी हस्तक्षेप की जानकारी दी है, और उनसे बेहतर किसी को इसकी सटीक जानकारी नहीं हो सकती। गांधी परिवार के चाटुकार इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से ही उन्हें बचाने के लिए अलग-अलग दलीलें दे रहे हैं। दूसरा तथ्य यह है कि अमेरिका की एक एजेंसी, डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट इफिशिएंसी (DOGE), ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की, जिसमें एक वक्तव्य भारत के संदर्भ में भी था। इसमें उल्लेख किया गया कि भारत में 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता वोटर टर्नआउट के लिए दी जा रही थी, और यह अमेरिकी सरकार के वेरिफाइड X हैंडल से जारी किया गया बयान था।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि जिन तथाकथित फैक्टचेकरों के तार गांधी परिवार से जुड़ते हैं उनका काम फैक्ट चेक करना नहीं है, बल्कि वो केवल राहुल गांधी के झूठ को सत्य बताकर आगे बढ़ाना है। इसीलिए आज सुबह से ही गांधी परिवार के फैक्टचेकर यह बताने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं कि 21 मिलियन डॉलर का भारत से कोई लेना देना नहीं है। आज कई ऐसे गंभीर प्रश्न हैं, जो यह साबित करते हैं कि राहुल गांधी देश से गद्दारी करते हैं और उनकी चुप्पी का केवल एक ही निष्कर्ष है कि राहुल गांधी ने कसम भले ही संविधान की ली हो लेकिन मन ही मन वो ठान चुके हैं कि उन्हें भारत के लोकतंत्र को कमजोर करना है। इस पूरे प्रकरण में भी जॉर्ज सोरॉस का नाम सामने आया है, यानी राहुल गांधी और सोरॉस, यानि ‘गान्डोस’, भारत का ठेका लेना चाहते हैं। जब राहुल गांधी से सोरॉस पर सवाल किया गया तो उनके मुंह से एक जवाब नहीं निकला।
श्री भाटिया ने राहुल गांधी की इल्हान उमर के साथ तस्वीर दिखाते हुए कहा कि जिस-जिसको भारत से नफरत है, उससे राहुल गांधी को बहुत प्रेम है। राहुल गांधी अमेरिका में इल्हान उमर से मिले और उनका एजेंडा साफ था कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को सत्ता से हटाना। खुद में दम-खम नहीं है इसलिए राहुल गांधी विदेशी शक्तियों का सहारा लेकर भारत को कमजोर करना चाहते हैं क्योंकि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत मजबूत हो रहा है। जब राहुल से इल्हान उमर के साथ हुई मुलाकात पर प्रश्न किया गया तो उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने राहुल गांधी के साथ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लोगों की तस्वीर को दिखाते हुए प्रश्न किया कि जब राहुल गांधी से पूछा गया कि उनका चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ क्या एमओयू साइन किया गया था तो उसपर आज तक उत्तर नहीं दिया गया। दो दिन पूर्व सैम पित्रोदा ने कहा था कि चीन भारत का दुश्मन नहीं है, सैम पित्रोदा यह सब तब ही बोलते हैं जब राहुल गांधी इशारा करते हैं। जॉर्ज सोरॉस, इलहान उमर, चीन के साथ एमओयू और अब चीन के समर्थन में बयान देना, यह सब कड़ियां जुड़ती जा रही हैं। विदेशी ताकतों को एक जुट और एक्टिव करने वाला एक ही गद्दार है और वो है राहुल गांधी।
श्री भाटिया ने कहा कि एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सोनिया गांधी एफडीएलएपी फेडरेशन की को-चेयरपर्सन थीं, भाजपा ने प्रश्न किया कि जब वो उस संस्था की चेयरपर्सन थीं तब रेजोल्यूशन पास हो रहे थे कि कश्मीर स्वतंत्र क्यों न हो? भाजपा भारत की अखंडता को मजबूत करने के लिए अनुच्छेद 370 को हटाती है और सोनिया गांधी देश से गद्दारी करके एक ऐसी मीटिंग को चेयर करती हैं जिसमें यह रेजोल्यूशन पास होता है कि कश्मीर को देश से अलग हो जाना चाहिए। लेकिन इस प्रश्न का भी कोई उत्तर नहीं मिला? सोनिया गांधी बताएं कि क्या अब भी वो इस संस्था की चेयरमैन हैं और क्या इस तरह का कोई रेजोल्यूशन पास हुआ था? जब अनुच्छेद 370 संशोधित हुआ तो यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक प्रस्ताव रखा, उसके डौजियर की तस्वीर दिखते हुए श्री भाटिया ने कहा कि उसपर राहुल गांधी का वक्तव्य लिखा हुआ था। राहुल गांधी का वक्तव्य भारत को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि पाकिस्तान के केस को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल हुआ। आज से कुछ वर्षों पूर्व मणिशंकर अय्यर ने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को हराने के लिए पाकिस्तान से मदद मांगी थी। इन सब के तार गांधी परिवार के, नकली गांधीयों, सोनिया और राहुल गांधी तक जाते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने कहा कि हाल ही में एक और तथ्य सामने आया है, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के उप-नेता गौरव गोगोई की पत्नी के आतंकी संगठन आईएसआई से कथित लिंक उजागर हुए हैं। एक जिम्मेदार पार्टी के नाते भाजपा ने गौरव गोगोई से इस पर स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या उनकी पत्नी ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के साथ काम किया है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला। अगर संक्षेप में कहा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि "कांग्रेस का हाथ, देश के दुश्मनों के साथ।" इसके प्रमाण हैं, अंकल सोरोस से कांग्रेस का संबंध, कांग्रेस का पार्टी-टू-पार्टी एमओयू, सैम पित्रोदा का चीन को दुश्मन न मानना, सोनिया गांधी का FDLAP का चेयरपर्सन होना, गौरव गोगोई की पत्नी से जुड़े तथ्य, राहुल गांधी का इल्हान उमर से मिलना और मणिशंकर अय्यर का पाकिस्तान से मदद मांगना। आज पूरा देश समझ चुका है कि राहुल गांधी मोदी जी से नफरत में किसी भी देशविरोधी गतिविधि में शामिल हो सकते हैं, चाहे उससे भारत को नुकसान ही क्यों न हो। जब भी उनसे इन विषयों पर जवाब मांगा गया, उन्होंने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। लेकिन भाजपा अब भी इन गद्दारों से जवाब की उम्मीद करती है क्योंकि देश की जनता यह जवाब चाहती है।
श्री भाटिया ने कहा कि आज भारत के लोकतंत्र पर न केवल भारतीयों को गर्व है, बल्कि पूरे विश्व को भी गर्व है, लेकिन बाहरी शक्तियों द्वारा की जा रही फंडिंग का मुख्य उद्देश्य है कि लोकतान्त्रिक चुनावों को धूमिल की जाए। एक चिंताजनक तथ्य यह भी सामने आया है कि 2004-13 के बीच भारत सरकार को 2,115 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फंड प्राप्त हुआ, जबकि इस दौरान कांग्रेस की सरकार थी। वहीं, पिछले 10 वर्षों में मोदी जी के नेतृत्व में यह आंकड़ा घटकर मात्र 1.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया। यह अंतर स्पष्ट दर्शाता है कि विदेशों को पता है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भारत के हितों को बिकाऊ नहीं समझते और उनके नेतृत्व में देशहित के निर्णय पूरी प्रतिबद्धता से लागू होते हैं। इसके विपरीत, कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो देश की संप्रभुता और भारत के हितों तक की दलाली कर सकती है। जब राहुल गांधी तथाकथित 'भारत जोड़ो यात्रा' निकाल रहे थे, जिसका असली उद्देश्य भारत को तोड़ना था, तब सरकारी फंडिंग तो रुक गई थी, लेकिन चुनाव से पहले एनजीओ के माध्यम से फंडिंग में भारी वृद्धि हुई। इसका एकमात्र उद्देश्य राहुल गांधी को मजबूत करना और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को कमजोर करना था। लेकिन आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी पर करोड़ों भारतीयों का विश्वास है, और कोई भी देशविरोधी ताकत उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकी। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा को चुनावों में अप्रत्याशित जीत मिली। श्री भाटिया ने कहा कि प्रेसवार्ता में उठाए गए सभी मुद्दे बेहद महत्वपूर्ण हैं। राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भारतीय जनता पार्टी इन सवालों के जवाब मांगती है।
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