Salient points of Press Conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


द्वारा श्री गौरव भाटिया -
28-03-2025
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

 

दलित समाज और पिछड़े समाज के लिए आवंटित बजट का सही उपयोग और योजनाओं को लागू करना आप” सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखता, अरविंद केजरीवल की प्राथमिकता शराब नीति लाना और शीश महल बनवाना था।

*******************

वित्त वर्ष 2020-21 में दलित बस्तियों के सुधार के लिए 65 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ लेकिन आप” सरकार ने मात्र 50 लाख रुपए का उपयोग किए, जो आवंटित बजट के 1 प्रतिशत से भी कम था।

*******************

एससी-एसटी के उत्थान के लिए बनी जय भीम सीएम प्रतिभा विकास योजना जैसी योजनाओं के लिए आवंटित धन का सही उपयोग नहीं करना, केजरीवाल की विषैली और दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

*******************

केजरीवाल वैक्यूम क्लीनर की तरह जनता की मेहनत की कमाई खींच लेते हैं और बदले में कुछ नहीं मिलता।

*******************

कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय को दिया गया आरक्षण पूरी तरह संविधान विरोधी है और दर्शाता है कि राहुल गांधी के ऊपर तुष्टीकरण की नीति हावी हो चुकी है।

*******************

कर्नाटक की जनता पूछ रही है कि यह आरक्षण सिख, जैन, बुद्ध, ईसाई और पारसी समाज को क्यों नहीं दिया जा रहा? लेकिन इसका उत्तर तो मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया, राहुल गांधी और ही सोनिया गांधी ने इसका उत्तर दिया।

*******************

ममता बनर्जी ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भारत की अर्थव्यस्था की वृद्धि पर आशंका जताई है, जिससे साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री जी से नफरत करते करते ममता बनर्जी भारत से भी नफरत करने लगी हैं।

*******************

ममता बनर्जी, राहुल गांधी के नेतृत्व वालीभारत बदनाम करोमंडली में शामिल हो गई हैं जो विदेश जाकर भारत की प्रतिष्ठा पर प्रश्न खड़े करती है।

*******************

ममता बनर्जी को विश्व में भारत को सम्मान मिलना बर्दाश्त नहीं होता, लेकिन भारत की छवि धूमिल होने और अपयश मिलने के पीछे ममता बनर्जी का ही कु-कृत्य हैं।

*******************

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान एससी-एसटी के लिए आवंटित राशि खर्च नहीं किए जाने का खुलासा किया। श्री भाटिया ने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान अरविंद केजरीवाल ने दलितों के कल्याण और विकास के लिए आवंटित राशि खर्च नहीं किया। इसके अलावा उन्होंने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण देने के लिए राहुल गांधी और यूके में भारत की वृद्धि पर शंका जताने के लिए ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा।

 

श्री भाटिया ने कहा कि जो लोग संविधान की प्रतिलिप अपनी जेब में रखते हैं और देश को दिखाते हैं, उसे एक बार खोलिए तो भीतर कोरा कागज मिलेंगे। दलित विरोधी राजनीति करने वाले कट्टर बेईमान अरविंद केजरीवाल और नकली गांधी (राहुल गांधी) का असली चरित्र बीते कुछ दिनों में भारत की जनता के समक्ष आ चुका है। संविधान की पुस्तक रखने से कोई संविधान की मूल भावना को चरितार्थ नहीं कर सकता। राहुल गांधी संविधान जैसी दिखने वाली एक पुस्तक बांटते हैं, लेकिन उसके अंदर कोरे कागज होते हैं। ऐसे ही अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने पीछे डॉक्टर बी. आर. अंबेडकर की फोटो तो लगा रखी थी, लेकिन उनका असली चरित्र विषैला, दलित विरोधी और पिछड़े समाज का विरोधी है। भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दा को बार-बार उठाया है कि पंजाब में अरविंद केजरीवाल की सरकार है और वहां बाबासाहेब डॉ. बी. आर. अंबेडकर की मूर्ति को 26 जनवरी 2025 को अमृतसर में खंडित किया गया, लेकिन अरविंद केजरीवाल का इस पर एक भी बयान सामने नहीं आया। जब “आप” सरकार की अलमारी में केवल और केवल भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के कंकाल ही दिखाई देते हैं।

 

भजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी की सरकार ने बजट प्रस्तुत किया था तो उसमें चार प्रमुख योजनाएं दलितों के लिए, पिछड़े समाज के लिए, अल्पसंख्यकों के लिए, और विद्यार्थियों के लिए भी थीं। दिल्ली की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को सेवा का अवसर दिया, और भाजपा के लिए यह गर्व की बात है कि जब दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी ने बजट प्रस्तुत किया, तो उसमें एक नई सोच, एक नई उमंग दिखाई दी। दिल्ली का भविष्य उज्ज्वल कैसे होगा, इसे ध्यान में रखते हुए बजट बनाया गया, और वादों को पूरा करने का संकल्प लिया गया। इसका एक बड़ा उदाहरण यह है कि प्रत्येक महिला को ₹2500 प्रतिमाह देने की योजना बनाई गई, जिसके लिए बजट में ₹5100 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। एक तरफ वादों को पूरा करने की नीति है यानी जो कह दिया, वह पत्थर की लकीर है और दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल की राजनीति है, जो वादों को तोड़ने पर आधारित है। जब कोविड महामारी का समय वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहली योजना दलित बस्तियों के सुधार के लिए लाया था। उस संकट के समय दलित समाज और पिछड़े समाज की सहायता करना “आप” सरकार की प्राथमिकता नहीं थी। बजट का सही उपयोग और योजनाओं को लागू करना केजरीवाल सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखता था। उस समय अरविंद केजरीवल की प्राथमिकता शराब नीति लाना और शीश महल बनवाना था।  

 

श्री भाटिया ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में दलित बस्तियों के सुधार के लिए 65 करोड़ रुपए का आवंटन हुआ, लेकिन मात्र 50 लाख रुपए उपयोग किया गया, जो आवंटित राशि की 1 प्रतिशत से भी कम है। केजरीवाल सर्कार ने जय भीम सीएम प्रतिभा विकास योजना के तहत 2022-23 में 70 करोड़ आवंटित किया था, लेकिन एक भी रुपया खर्च नहीं किया गया। बर्बादी, भ्रष्टाचार और कट्टर बेईमानी के पर्याय अरविंद केजरीवाल 70 करोड़ रुपए आवंटित करने के बाद वाहवाही लूटने के लिए विज्ञापन देते हैं, लेकिन दलितों की योजना की कार्यान्वयन पर एक भी रुपए खर्च करते हैं। 2023-24 में केजरीवाल ने यह बजट 50 करोड़ रुपए कम कर 20 करोड़ रुपए कर दिया और इसमें से भी मात्र 1 लाख रुपए का उपयोग किया गया। यह भी हो सकता है यह 1 लाख रुपया भी विज्ञापन के लिए खर्च किया गया हो। यह केजरीवाल की जहरीली और दलित विरोधी सोच को उजागर करता है। केजरीवाल को उत्तर देना होगा कि ऐसा क्यों हुआ? 

 

भजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि तत्कालीन केजरीवाल सरकार द्वारा दलित विद्यार्थियों के विकास के लिए 4 वर्ष में कुल 180 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया जिसमें से सिर्फ 4 करोड़ 40 लाख रुपए प्रयोग किए गए। एक तरफ आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार है जिसमें दलित, ओबीसी और जनजातीय समाज का हित, महिलाओं के लिए आरक्षण की सोच रखती है और दूसरी तरफ इस तरह की सोच वाली राजनीतिक पार्टी है। इन योजनाओं के अलावा अल्पसंख्यकों, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए बनाई गई, जय भीम सीएम प्रतिभा विकास योजना में 4 वर्ष में 250 करोड़ रुपए आवंटित किए गए लेकिन सिर्फ 4.2 करोड़ रुपए यानि 1.7 प्रतिशत बजट खर्च किया गया। 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में इस योजना में खर्च की गयी राशि शून्य था। इसके अलावा सीएम विद्यार्थी प्रतिभा योजना में 4 वर्षों में 461 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, लेकिन मात्र 32 करोड़ रुपए का उपयोग किया गया 2020-21 में 150 करोड़ के आवंटन के बावजूट इस योजना में एक रुपया भी खर्च नहीं किया गया। 2020-21 के कोविड काल में इस योजना के तहत ₹150 करोड़ आवंटित किए गए थे, लेकिन उपयोग एक पैसा भी नहीं हुआ। हर योजना का यही हाल है। भारी-भरकम बजट विज्ञापनों के लिए आवंटित किया जाता है, वाहवाही लूटी जाती है, लेकिन जनकल्याण की योजनाएं जमीन पर नहीं पहुंचती थी। हकीकत में, जनता के हिस्से में शून्य आता है। इसलिए जनता इन्हें पापी “आप” कहती है और इन्हें “आप-दा” माना है। केजरीवाल वैक्यूम क्लीनर की तरह जनता की मेहनत की गाढ़ी कमाई खींच लेते हैं और बदले में जनता को कुछ नहीं मिलता था। जनता के लिए कुछ नहीं, लेकिन अपने लिए शीशमहल भी है, शराब कारोबारी भी हैं और वही इनके सगे हैं।

 

श्री भाटिया ने कहा कि इनकी दलित विरोधी सोच के प्रमाण यह है कि तीन साल पहले पंजाब में चुनाव जीतने पर केजरीवाल ने दलित समाज से उपमुख्यमंत्री बनने का वादा किया था जो आज तक पूरा नहीं हुआ। केजरीवाल ने 2019-20 में एक योजना की घोषणा गई थी कि दलित समाज के 100 मेधावी छात्रों को हर साल विदेश भेजा जाएगा। चार साल में कितने छात्रों को विदेश भेजा गया? सच्चाई यह है कि 500 छात्रों को विदेश भेजना था, लेकिन सिर्फ पांच छात्रों को विदेश भेजा गया।

 

भजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि दलित विरोधी सोच के दौरान अपरिपक्व, पार्ट-टाइम, 54 साल के गैर-जिम्मेदार नेता राहुल गांधी की बात होना भी आवश्यक है। कर्नाटक में घटी विचित्र घटना को समझने के लिए दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। राहुल गांधी संविधान हाथ में लेकर चलते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि वे भारत के संविधान की शपथ लेते हैं या इटली के? भारत के संविधान में कहाँ लिखा है कि सरकारी ठेकों में धर्म के आधार पर आरक्षण दे सकते हैं? संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 साफ कहते हैं कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता, इस आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता, लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति हावी है, जो राहुल गांधी की असली सोच को उजागर कर दिया। दूसरी अहम बात यह है कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की बात कही गयी थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने सरकारी ठेकों में केवल मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों को आरक्षण दिया है। कर्नाटक की जनता पूछ रही है कि यह आरक्षण सिख, जैन, बुद्ध, ईसाई और पारसी समाज को क्यों नहीं दिया गया? लेकिन इसका उत्तर तो मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिया, राहुल गांधी ने दिया और ही सोनिया गांधी ने दिया है। यह कहते हैं कि जो गरीब मुसलमान हैं, ये उनकी मदद करना चाहते हैं लेकिन ठेके की न्यूनतम सीमा ₹1 करोड़ से बढ़ाकर ₹2 करोड़ कर दी। अब सवाल उठता है कि जो व्यक्ति ₹2 करोड़ के ठेके के लिए लाखों की अर्नेस्ट मनी जमा कर सकता है, वह गरीब मुसलमान कैसे हुआ? सरकारी ठेकों के जिस 4% आरक्षण को मुसलमानों को दिया जा रहा है, यह छीना किस से जाएगा? यह पिछड़े समाज का हक मार के उनसे छीना जाएगा। आप” और कांग्रेस दोनों दलित विरोधी और ओबीसी विरोधी पार्टियां हैं।

 

श्री भाटिया ने कहा कि ममता बनर्जी विदेश दौरे पर गई थीं, और ऐसा लगता है कि राहुल गांधी उनके अध्यापक हैं। यह मंडली अब "भारत बदनाम करो" मंडली बन गई है। इनका एक ही काम है विदेशों में जाकर भारत की छवि खराब करना। जब पूरी दुनिया भारत की तरक्की को स्वीकार कर रही है और देश को सम्मान की नजर से देख रही है, तब यह लोग झूठ फैलाकर भारत की उपलब्धियों को कमतर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान टीएमसी नेत्री और पश्चिम बंगाल के सीएम ममता बनर्जी से भारत की अर्थव्यवस्था पर सवाल किया गया कि भारत आज विश्व में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और जल्द ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। तब ममता बनर्जी ने कहा कि "मुझे ऐसा नहीं लगता कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।" आगे चर्चा के दौरान यह बताया गया कि भारत पिछले 6-7 वर्षों से बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों को भी भारत ने पीछे छोड़ दिया है, और हाल के वर्षों में चीन की वृद्धि दर भी भारत से कम रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2060 तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, इस सवाल पर ममता बनर्जी ने इन अनुमानों पर शंका जताई और कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भारत यह लक्ष्य हासिल कर पाएगा। श्री भाटिया ने कह कि किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को, चाहे वह किसी भी दल से हो, भारत की उपलब्धियों पर गर्व होना चाहिए और उस बात को विश्व मंच पर बढ़ावा देना चाहिए।

 

भजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री भाटिया ने कहा कि जब एक मुख्यमंत्री ने संविधान की शपथ ली है, तब उन्हें भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का दायित्व निभाना चाहिए, लेकिन आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी नफरत करते करते वो भारत से नफरत करने लगी हैं। ममता बनर्जी चाहती हैं कि विदेशी धरती पर मुख्य हेडलाइन भारत विरोधी हो और विदेशी निवेशकों के मन में भारत की छवि खराब हो। यह कैसी सोच है? यही कारण है कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली इस मंडली को "भारत बदनाम करो" मंडली कहना सही होगा। राहुल गांधी कई बार विदेशों में ऐसे बयान दे चुके हैं, जिससे भारत की छवि खराब हो। राहुल गांधी ने कहा था कि भारत में सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने की अनुमति नहीं है और यहां तक कि विदेशी ताकतों से भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की अपील तक कर चुके हैं। अब ममता बनर्जी भी इसी राह पर चल रही हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों से भारत विरोधी बयानबाजी कर रही हैं।

 

श्री भाटिया ने कहा कि कार्यक्रम में मौजूद प्रतिभागियों ने ही ममता बनर्जी को आईना दिखा दिया। वहां की मीडिया ने ममता बनर्जी से ऐसा सवाल पूछे कि ममता क्लीन बोल्ड हो गईं। जहां चर्चा महिलाओं के सशक्तिकरण पर होनी थी, वहीं कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर की रेप की घटना पर केंद्रित हो गई, जहां एक बहन के साथ बलात्कार करके उसकी हत्या कर दी गई थी। जहां ममता बनर्जी ने पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय सच्चाई को दबाने और अपराधी के पक्ष दिख रही थी। जब देश को सम्मान मिलता है, तो ममता बनर्जी को यह बर्दाश्त नहीं होता, लेकिन जब भारत की छवि धूमिल होती है और अपयश मिलता है, तो उसके पीछे ममता बनर्जी का ही कु-कृत्य हैंजिस राज्य की वह मुख्यमंत्री हैं, अगर वहीं किसी महिला की अस्मिता लूटी जाती है और उसे न्याय नहीं मिलता, तो इसका असर वैश्विक स्तर पर पड़ता है। इस कार्यक्रम में ममता बनर्जी को भारी अपमान का सामना करना पड़ा और वे पूरी तरह बेनकाब हो गईं, क्योंकि यह स्पष्ट हो गया कि किस तरह एक मुख्यमंत्री बलात्कारी के समर्थन में खड़ी रही।

 

********************

 

 

To Write Comment Please लॉगिन