केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
संसद में संविधान पर चर्चा में स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस पार्टी अंबेडकर जी की विरोधी, संविधान विरोधी, आरक्षण विरोधी और ओबीसी विरोधी पार्टी है
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कांग्रेस ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर जनता के सामने बहुत छोटा सा भाग काट कर रखा और भ्रांति फैलाने का प्रयास किया
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तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना और समाज में झूठ फैलाना कांग्रेस की पुरानी आदत है।
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मैं उस पार्टी और उस संस्कृति से आता हूँ, जो स्वप्न में भी बाबा साहब के विचारों का और बाबा साहब का अपमान नहीं कर सकती है
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पंडित नेहरू से लेकर चौथी पीढ़ी तक, कांग्रेस परिवार ने हमेशा बाबा साहब को हाशिये पर रखा और उनका हमेशा विरोध किया
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नेहरू जी की अंबेडकर जी के प्रति नफ़रत जगजाहिर है... कांग्रेस ने बाबा साहब को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने को मजबूर किया और पूरी ताकत लगाकर उन्हें चुनाव हराने का काम किया
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कांग्रेस के दो-दो प्रधानमंत्रियों ने पद पर रहते हुए खुद को भारत रत्न दिया लेकिन बाबा साहब को नहीं दिया
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कांग्रेस के गाँधी परिवार ने अपने परिवार के नाम पर देश में हजारों स्मारक बनवाये लेकिन बाबा साहेब का स्मारक नहीं बनने दिया
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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह ने आज बुधवार को भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और बाबा साहेब पर कांग्रेस के झूठे दुष्प्रचार को बेनकाब करते हुए कांग्रेस पर करारा हमला बोला। प्रेस कांफ्रेंस में माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री जी के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल, सूचना एवं प्रसारण और रेल मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव, संसदीय कार्य मंत्री श्री किरिन रिजिजू और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख एवं सांसद श्री अनिल बलूनी भी उपस्थित थे।
श्री शाह ने कहा कि विगत सप्ताह में संसद के दोनों सदनों लोक सभा एवं राज्य सभा में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन किया गया। इस चर्चा में देश की 75 वर्ष की गौरव यात्रा, विकास यात्रा एवं उपलब्धियों की भी चर्चा हुई। ये स्वाभाविक है कि जब सदन में चर्चा होती है तो पक्ष एवं विपक्ष के नेताओं का, वक्ताओं का अलग-अलग मुद्दे पर अलग-अलग नजरिया होता है। लेकिन, संसद जैसे देश के सर्वोच्च फोरम में चर्चा हो तो बात तथ्य एवं सत्य के आधार पर होना चाहिए। पर, कल से कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की है, वह अत्यंत निंदनीय है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के वक्ताओं ने संविधान पर और संविधान की रचना के मूल्यों पर विस्तार से तथ्यों के साथ रखा। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस की सरकारों के दौरान संविधान के संरक्षण और संवर्धन का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया। तथ्यों के साथ भाजपा वक्ताओं ने अनेक उदाहरणों के साथ जनता के समक्ष संसद में विषय रखें जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस पार्टी अंबेडकर जी की विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने वीर सावरकर जी का भी अपमान किया। कांग्रेस ने ही आपातकाल लगाकर संविधान के मूल्यों की धज्जियां उड़ाई, नारी सम्मान को वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया और सेना के शहीदों का भी अपमान किया। कांग्रेस पार्टी के शासन में ही भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर विदेशी देशों को देने की हिमाकत की गई। जब संसद में कांग्रेस के ये पाप उजागर हुए तो कांग्रेस पार्टी ने फिर से एक बार अपनी पुरानी आदत के अनुसार मेरे स्टेटमेंट को तोड़-मरोड़ कर, सत्य को असत्य के कपड़े पहना कर समाज में भ्रांति फैलाने का कुत्सित प्रयास किया है।
श्री शाह ने कहा कि संसद में चर्चा के दौरान यह भी सिद्ध हुआ कि कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर जी का पुरजोर विरोध किया था। बाबा साहब के निधन के बाद भी कांग्रेस ने बाबा साहब को हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया। कांग्रेस ने बाबा साहेब अंबेडकर को 1952 के लोकसभा चुनाव और 1954 के चुनाव में हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। यहाँ तक कि दोस्ताना चुनाव भी नहीं होने दिया और कांग्रेस पार्टी द्वारा विशेष प्रयास कर उनकी हार सुनिश्चित की गई। जहां तक भारत रत्न देना का प्रश्न है, कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद ही अपने आप को भारत रत्न दिए हैं। 1955 में नेहरू जी ने खुद को भारत रत्न दिया, 1971 में इंदिरा गांधी जी ने खुद को भारत रत्न दिया। 1990 में, बाबा साहब अंबेडकर को भारत रत्न तब मिला, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं रही और भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वाली सरकार बनी। यानी, साल 1990 तक, कांग्रेस पार्टी तक बड़े यत्न से प्रयास करती रही कि बाबा साहेब अंबेडकर जी को भारत रत्न न मिले। यहाँ तक कि कांग्रेस ने बाबा साहब की 100वीं जयंती को मनाने के लिए भी मना कर दिया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि नेहरू जी की बाबा साहब अंबेडकर के प्रति नफरत जगजाहिर थी। जब पंडित नेहरू के नेतृत्व में देश की पहली सर्वदलीय सरकार बनी तो उस कैबिनेट में बाबा साहेब अंबेडकर भी थे। नेहरू जी की खुद की किताब 'सेलेक्टेड वर्क्स ऑफ नेहरू' सेकंड सीरीज वॉल्यूम 16 भाग 2, पृष्ठ संख्या 532 पैरा पर एक पत्र का उल्लेख है, जब बीसी राव जी ने नेहरू जी को पत्र लिख कर कहा कि अंबेडकर जी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का मन बना रहे हैं। तब नेहरू जी का जवाब था कि अंबेडकर जी के जाने से मंत्रिमंडल में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अंबेडकर जी के महान योगदान का मूल्यांकन जवाहर लाल जी किस तरह करते थे, इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो था। नेहरू जी के आश्वासन के बावजूद अंबेडकर जी को कोई भी महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया। बाबा साहब नेहरू सरकार की नीतियों विशेषकर रक्षा, विदेश, अनुसूचित जाति और जनजातियों से जुड़ी हुई नीतियों और धारा 370 के खिलाफ थे। यहाँ तक कि नेहरू जी की अपनी किताब ‘लेटर टू चीफ मिनिस्टर्स’ में उल्लेख है कि बंबई के एक मेयर ने पत्र के माध्यम से बाबा साहब अंबेडकर के जन्म स्थान मऊ में उनका स्मारक बनाने का सुझाव दिया। लेकिन 18 जून 1959 को पंडित नेहरू जी ने कहा कि सरकार के लिए स्मारक स्थापित करना बिल्कुल सामान्य बात नहीं होगी, आमतौर पर स्मारक निजी पहल से किया जाता है। अपने परिवार के नाम पर देशभर में लाखों स्मारक बनाने वाले परिवार के मुखिया कहते हैं कि आमतौर पर स्मारक निजी पहल पर बनाया जाता है क्योंकि स्मारक बाबा साहब अंबेडकर जी का था। जब तक कांग्रेस सत्ता में रही, बाबा साहब का कोई स्मारक नहीं बनाया गया, जहाँ-जहाँ विपक्ष (ग़ैर कांग्रेसी) की सरकारें आती गई, वहां-वहां स्मारक बनते गए। भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में बाबा साहेब के जीवन से संबंधित पंचतीर्थों का विकास किया। मध्य प्रदेश में मऊ, लंदन में शिक्षा भूमि जहाँ वे पढ़ते थे, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल और मुंबई में स्थित चैत्य भूमि का विकास शामिल है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बाबा साहब अंबेडकर के सम्मान में 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया। साथ ही, उन्होंने अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर की स्थापना की। 2018 में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने महापरिनिर्वाण स्थल पर अंबेडकर स्मारक का उद्घाटन किया, जो लगभग 2 एकड़ में फैला है।
श्री शाह ने कहा कि राज्य सभा में मेरे द्वारा दिए गए बयान को कांग्रेस द्वारा तोड़-मरोड़ के पेश किया गया है। बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, हो-हल्ला मचाना और समाज में भ्रांति खड़ी करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। इसके पहले कांग्रेस ने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के बयानों को भी एडिटेड करके चलाया था। हालिया लोक सभा चुनाव के दौरान भी मेरे बयान को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से एडिट करके उसका दुरुपयोग किया गया और पूरे देश में दुष्प्रचार करने का घृणित काम कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया। कल राज्य सभा में मेरे वक्तव्य को भी कांग्रेस पार्टी तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। मीडिया के सभी बंधुओं से मेरा यह विनम्र आग्रह है कि मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखिए, क्योंकि मैं उस पार्टी से आता हूं जो सपने में भी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी का अपमान नहीं कर सकती है। पहले जन संघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने सदैव बाबा साहेब के सिद्धांतों के आधार पर चलने का प्रयास किया है। जब-जब भारतीय जनता पार्टी शासन में रही, तब-तब हमने बाबा साहेब के सिद्धांतों का दिल से प्रचार-प्रसार किया है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कांग्रेस द्वारा हमेशा आरक्षण का विरोध किया गया, यह पूरा देश जानता है। पिछड़ा वर्ग के संवैधानिक अधिकारों के लिए 1953 में काका कालेलकर आयोग का गठन हुआ था जिसकी रिपोर्ट 1955 में आई, लेकिन कांग्रेस ने इस पर कोई काम नहीं किया। 31 दिसंबर 1980 को मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, लेकिन इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। 1990 में गैर-कांग्रेसी सरकार आने पर मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई। मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू होने के समय तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजीव गांधी जी ने अपने जीवन का सबसे लंबा भाषण ओबीसी के आरक्षण का विरोध करने के लिए दिया था। हमने संविधान की मूल भावना के साथ आरक्षण को मजबूत करते हुए एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों की रक्षा की और उन्हें सम्मान से जीने का अधिकार दिलाया है।
श्री शाह ने एक बार पुनः मीडिया से विनती करते हुए कहा कि राज्य सभा में उनके द्वारा कही गई उनकी पूरी बात और पूरे वीडियो को जनता के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। ये पूरा वक्तव्य तथ्य के साथ राज्य सभा के पटल पर है। आज भारतीय जनता पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से इस सत्य को और कांग्रेस के झूठ को जनता तक पहुंचाया है।
कांग्रेस पर जोरदार हमला जारी करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री कहा कि जिन्होंने जीवन भर बाबा साहब का अपमान किया, बाबा साहब के सिद्धांतों को दरकिनार किया, जिन्होंने जब तक सत्ता में रहे बाबा साहब को भारत रत्न मिलने नहीं दिया, जिन्होंने आरक्षण के सिद्धांतों की धज्जियां उड़ाईं, वो लोग आज बाबा साहब के नाम पर भ्रांति फैलाना चाहते हैं। मैं कांग्रेस के अध्यक्ष माननीय मल्लिकार्जुन खरगे जी से भी कहना चाहता हूं कि खरगे साहब, कम से कम आपको कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए क्योंकि आप उस वर्ग से आते हैं, जिस वर्ग के लिए बाबा साहब ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। मुझे दुख है कि आप भी राहुल गांधी के दवाब में कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास में शामिल हुए हैं।
श्री शाह ने कहा कि संविधान पर हुई चर्चा में कांग्रेस के पास जवाब नहीं कि कांग्रेस बाबा साहेब अंबेडकर विरोधी है। कांग्रेस संविधान विरोधी है, इसका भी कोई जवाब कांग्रेस के पास नहीं बचा। कांग्रेस आरक्षण विरोधी है, कांग्रेस के पास इसका भी कोई जवाब नहीं बचा। कांग्रेस सावरकर विरोधी है, कांग्रेस के पास इसका भी कोई जवाब नहीं बचा। कांग्रेस ओबीसी विरोधी है, इसका भी कांग्रेस के पास कोई जवाब नहीं बचा। आपातकाल का पाप कांग्रेस के समय ही हुआ, कांग्रेस के पास इसका भी कोई जवाब नहीं बचा। नारी सम्मान का विरोध भी कांग्रेस ने किया, यह भी प्रतिस्थापित हो गया। न्यायपालिका का अपमान भी कांग्रेस ने ही किया, यह भी प्रतिस्थापित हो गया। संविधान को दरकिनार कर भारत की भूमि को विदेश को सौंपने का पाप भी कांग्रेस ने ही किया, यह भी प्रतिस्थापित हो गया। अब फिर से कांग्रेस अपनी चिरपरिचित नीति पर आ गई है। कांग्रेस ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर जनता के सामने बहुत छोटा सा भाग काट कर रखा और भ्रांति फैलाने का प्रयास किया है। कृपया मेरा पूरा बयान आप सभी लोग जनता तक पहुचाएं तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। मैं उस पार्टी और उस संस्कृति से आता हूँ, जो स्वप्न में भी बाबा साहब के विचारों का और बाबा साहब का अपमान नहीं कर सकती है।
श्री शाह ने कहा कि हम जानते हैं कि भारत के संविधान को समावेशी बनाने में देश के पिछड़े, दलितों, आदिवासियों, गरीबों और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए तथा देश के लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने में बाबा साहब का बहुत बड़ा योगदान है। पूरा देश बाबा साहब अंबेडकर जी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है। हम तो कम से कम ऐसा कुछ नहीं कर सकते हैं कि बाबा साहेब का अपमान हो। देश की जनता कांग्रेस की मानसिकता, झूठ फैलाने की उनकी कार्यशैली और समाज में भ्रांति फैलाने की साजिशों को बखूबी समझती है।
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