Salient points of the press conference of Senior BJP Leader Shri Anurag Thakur (M.P.)


द्वारा श्री अनुराग ठाकुर -
18-04-2025
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर की प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु

 

नेशनल हेराल्ड घोटाला कांग्रेस केमॉडल ऑफ करप्शनका एक नया अध्याय: अनुराग सिंह ठाकुर

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नेशनल हेराल्ड को कांग्रेस ने बनाया  अपना ATM: अनुराग सिंह ठाकुर

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दैनिक प्रतिष्ठित अख़बारों को चवन्नी, साप्ताहिक नेशनल हेराल्ड को चाँदी क्यों: अनुराग सिंह ठाकुर

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₹50 लाख के निवेश में ₹2000 करोड़ की संपत्ति पर कब्ज़ा, कांग्रेस के भ्रष्टाचार का अनूठा मॉडल: अनुराग सिंह ठाकुर

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National Herald का नाम सुनकांग्रेस पार्टी के इकोसिस्टम में कई तरह के sensations: अनुराग सिंह ठाकुर

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18.4.2025, नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद श्री अनुराग ठाकुर ने आज भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए नेशनल हेराल्ड घोटाले को कांग्रेस केमॉडल ऑफ करप्शनका एक और नया अध्याय बताया। श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री नेशनल हेराल्ड को चंदा नहीं, बल्कि विज्ञापन के रूप में पैसा देते हैं। सवाल यह उठता है कि आख़िर ये विज्ञापन किस आधार पर दिए जाते हैं, जबकि अख़बार नहीं छाप रहे हैं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एजेएल के 1000 शेयरधारकों का ऋणमाफ करने की बजाय एक नई कंपनी बनाई, जिसके शेयरधारक कांग्रेस के दो पूर्व अध्यक्ष थे और उस कंपनी ने मात्र 50 लाख रुपये देकर 90 करोड़ रुपये का  ऋण माफ कर दिया गया, ताकि 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पी जा सके।

 

श्री ठाकुर ने कहा किनेशनल हेराल्ड का नाम सामने आते ही कांग्रेस के पूरे तंत्र में एकतरह की घबराहट, बेचैनी और असहजता दिखाई देने लगती है, क्योंकि कांग्रेस के नेता चोरी करते हुए पकड़े गए हैं। आजादी के बाद से अब तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े अनेक घोटाले सामने चुके हैं, लेकिन नेशनल हेराल्ड का मामला अपने आप में एक ऐसा मॉडल है जो किसी के गले से नीचे नहीं उतर रहा है

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ठाकुर ने कहा किनेशनल हेराल्ड को 1938 में पंडित नेहरू ने शुरू किया था, लेकिन समय के साथ चल नहीं पाया। 2008 में इसे फिर से शुरू करने के लिए 'एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' यानी AJL को एक नई संस्था के अधीन लाने की कोशिश की गई। इसके लिए 'यंग इंडिया' नाम से एक नई कंपनी बनाई गई, जिसमें एक परिवार की76 प्रतिशत हिस्सेदारी तय की गई। कांग्रेस पार्टी ने यंग इंडियन को बनाने केलिए 50 लाख रुपये का ऋण दिया, जिसका उद्देश्य AJL को खरीदना था।AJL पर कांग्रेस द्वारा दिए गए करीब 90 करोड़ रुपये का कर्ज था, जबकि उसकी संपत्ति का मूल्य लगभग 2000 करोड़ रुपये की थी। मात्र 50 लाख रुपये के निवेश के बदले यंग इंडिया को 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति मिल गई और बाकी 89.5 करोड़ रुपये का कर्ज कांग्रेस पार्टी ने खुद ही माफ करदिया। क्या कांग्रेस पार्टी किसी कंपनी को ऋण दे सकती है और अगर दिया गया तो उस पर ब्याज लिया गया या नहीं? इसके अलावा, नेशनल हेराल्ड अब कोई दैनिक समाचार पत्र नहीं है, वह एक साप्ताहिक अखबार के रूप में काम करता है। सवाल यह है कि क्या यह अख़बार  छपता भी है? क्या आज कोई पत्रकार नेशनल हेराल्ड से जुड़ा है या कोई पाठक इसे पढ़ता भी है? अखबार वैसे तो कागज पर छपता है, लेकिन कुछ  अखबार केवल कागजी होते हैं। जो छपते भी नहीं, बिकते भी नहीं, बंटते भी नहीं, दिखते भी नहीं और पढ़े भी नहीं जाते। वैसा ही अखबार की श्रेणी में है-“नेशनल हेराल्ड।

 

 श्री ठाकुर ने कहा किकांग्रेस शासित राज्यों केमुख्यमंत्री इस अखबार को चंदा नहीं, बल्कि विज्ञापन के रूप में पैसा देते हैं। आखिर ये विज्ञापन किस आधार पर दिए जाते हैं? दैनिक अखबार, जिनके कई जिलों में संस्करण निकलते हैं, उन्हें चवन्नी मिलती  है, जबकि एक साप्ताहिक अखबार नेशनल हेराल्ड को चांदी के सिक्के दिए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में बड़े-बड़े दैनिक अखबारों को चवन्नी दीजाती है, जबकि नेशनल हेराल्ड को चांदी के सिक्के दिए जाते हैं

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ठाकुर ने कहा किहिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जनता से जो 10 गारंटियों के वादे किए थे, जैसे महिलाओं को आर्थिक सहायता, डीए की किस्त, गोबर और दूध की सरकारी खरीद, इनमें से कोई वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। सरकार कहती है कि इसके लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन इसी समय नेशनल हेराल्ड को विज्ञापन देने के लिए पैसे हैं। हाल ही में कुछ आंकड़े सामने आए, तो कांग्रेस पार्टी ने कहा कि कोई भी खरीद-फरोख्त हुई ही नहीं।लेकिन ईडी की चार्जशीट में साफ-साफ तथ्यों के साथ अपराध का प्रकार, तिथि, समय, स्थान और लेनदेन का विवरण मौजूद है। ये चार्जशीट कांग्रेस से जुड़ी गड़बड़ियों की पुष्टि करती है। यह कांग्रेस का भ्रष्टाचार मॉडल है, जहां एक साप्ताहिक अखबार को दैनिक अखबारों से कहीं ज्यादा पैसा मिलता है, भले ही वह नियमित रूप से प्रकाशित ही होता हो। नेशनल हेराल्ड कांग्रेस पार्टी के लिए एटीएम जैसा बन गया है, जिसमें अलग-अलगकांग्रेस शासित राज्य अपनी सरकारों के माध्यम से पैसा डाल रहे हैं और यह पैसा जनता के टैक्स से आता है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि राज्य सरकारें किस आधार पर ऐसे अखबारों को विज्ञापन दे रही हैं?

 

श्री ठाकुर ने कहा किकांग्रेस को जो संपत्तियां मिलीं, चाहे वह  मुंबई की हों, दिल्ली के बहादुरशाह जफर मार्ग की हों, लखनऊ की हों या देश के अन्य हिस्सों में स्थित हों, ये सब करोड़ों और अरबों रुपये की संपत्तियां हैं।  ये उन्हें सरकार से सब्सिडी दर पर दी गई थीं, यह कहकर कि इनका उपयोग अखबार चलाने के लिए किया जाएगा। लेकिन इनका उपयोग किस तरह हो रहा है, उस पर सवाल उठते हैं।

 

क्या इनसे किराया लिया भी जा रहा है या वह भी उतना ही फर्जी है, जितना यह फर्जी अखबार छापने के आंकडे हैं?

कांग्रेस के वादे भी फर्जी, नेतृत्व भी और अब क्या यह किराया भी फर्जीहै?

क्या यह कांग्रेस के लिएमुद्रा मोचन योजनाबन गई है?

अगर यह अखबार छपता नहीं, दिखता नहीं, बिकता नहीं, तो फिर इसेइतने बड़े पैमाने पर विज्ञापन क्यों दिए जाते हैं?

देश की जनता जानना चाहती है कि कब, कितने, और किन-किनकांग्रेस शासित राज्यों ने इस अखबार को विज्ञापन दिया?

अगर कांग्रेस पार्टी को वाकई में किसी का कर्ज माफ करना था, तोउसने एजेएल का कर्ज क्यों नहीं माफ किया?

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ठाकुर ने कहा किराहुल गांधी पहले "खटाखट मॉडल" की बात करते थे, आज कांग्रेस शासित राज्यों में वही मॉडल "खटारा, बीमार और लाचार" शुरू हो गया है। वहां की जनता से किए गए वादे पूरे नहीं हो रहे, लेकिन नेशनल हेराल्ड जैसे संस्थानों को विज्ञापन देकर सरकारी पैसे दिए जा रहे हैं। केवल पचास लाख रुपये के निवेश में दो हजार करोड़ रुपये  की संपत्ति पर कब्ज़ा करने की कांग्रेस के भ्रष्टाचार मॉडल अपने आप में अनूठा है

 

श्री ठाकुर ने कहा कियह समझना जरूरी है कि क्या कोई राजनीतिक दल, चाहे वह सेक्शन 8 कंपनी हो या सेक्शन 25 कंपनी, इस तरह का ऋण दे सकता है? एक और अहम सवाल यह है कि जिस अखबार की बात हो रही है, वह आजादी से पहले से प्रकाशित हो रहा है और उसके एक हजार से ज़्यादा शेयरधारक थे। अगर कांग्रेस पार्टी को वाकई में किसी का कर्ज माफ करना था, तो उसने एजेएल का कर्ज क्यों नहीं माफ किया? इसके बजाय कांग्रेसपार्टी के नेताओं ने 'यंग इंडिया' नाम की कंपनी बनायी, जिसमें एक हीपरिवार को 76 प्रतिशत हिस्सेदारी दी गयी। कांग्रेस पार्टी के दो पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष 38-38 प्रतिशत के हिस्सेदार बन गए। यानि कुल 76 प्रतिशत हिसेदारी केवल दो लोगों के पास चली जाती है और कांग्रेस पार्टी उनका ऋण माफ कर देती है।

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ठाकुर ने कहा किअगर यह हिस्सेदारी पहले की तरह एक हज़ार लोगों में बनी रहती, तो शायद कांग्रेस पार्टी को सबका कर्ज माफ करना होता  लेकिन अब केवल दो लोगों के नाम पर यह संपत्ति है। जो दो अन्य हिस्सेदार ऑस्कर जी फर्नांडीज़ और मोतीलाल वोहरा जी थे, जिनके पास 12-12 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, उनका स्वर्गवास हो गया। भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस से लगातार यह सवाल पूछे जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस नेता इन सवालों के जवाब देने से लगातार बच रहे हैं। कांग्रेस बार-बार कहती हैं किउन्होंने कुछ गलत नहीं किया। लेकिन 2014 में जब ट्रायल कोर्ट ने उन्हें समन भेजा था, तब उन्होंने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।दोनों अदालतों ने स्पष्ट रूप से माना कि समन बिल्कुल उचित था। आज भी कांग्रेस  के दोनों बड़े नेता भ्रष्टाचार के मामले में बेल पर हैं। 2016, 2018 औरअब 2024 में आए कोर्ट के फैसले उनके खिलाफ ही हैं। ईडी की जांच अब तक वैध मानी गई है और जो संपत्ति अटैच की गई है, उससे कांग्रेस का एकऔर मॉडल ऑफ करप्शन देश के सामने उजागर हुआ है।

 

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