भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा दिल्ली में सुशासन महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबके प्रयास’ पर जोर दिया, क्योंकि यह नीति निर्माताओं की जिम्मेदारी है कि सुशासन के प्रति प्रतिबद्ध रहें और समाज के सभी लोगों को योजनाओं से लाभ प्रदान करें।
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पिछली सरकारों ने मात्र वोट के लिए घोषणापत्र में बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन सत्ता में आने के बाद मात्र वोट बैंक की राजनीति और कुशासन दिया। परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण उन सभी सरकारों के कुशासन के पर्याय ही हैं।
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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति के विकास पर जोर दिया है और जन कल्याण की नीतियां और योजनाएं बनाकर अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं के लाभ पहुंचाना सुनिश्चितता किया।
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सुशासन की अनुभूति कराने के लिए समर्पित होने की आवश्यकता होती है, बिना प्रतिबद्धता के धरातल पर नहीं उतर सकता और यह प्रतिबद्धता मोदी सरकार ने अपने क्रियान्वयन में दर्शायी है। नई शिक्षा नीति, नई स्वास्थ्य नीति और डिजिटलीकरण सुशासन का ही उदाहरण हैं।
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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2017 में सभी हितधारकों के साथ चर्चा की, उसके बाद सर्वसम्मति से देश की स्वास्थ्य नीति बदल दिया, जिसके कारण आज एक ही छत के नीचे एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, योगा आदि सभी इलाज संभव हो रहा है।
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वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान तीन महीने में देश की 25 करोड़ बहनों के खाते में सीधे 500 रुपए भेजे गए। भाजपा सरकार 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं, दाल, चावल निशुल्क पहुंचा रही है। पहले ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए चक्कर काटने पड़ते थे, अब आयुष्मान हेल्थ कार्ड तक घर तक पहुंचाए जा रहे हैं।
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2014 से पहले जिन 18 हजार गांवों में बिजली नहीं थी, मोदी सरकार ने आज उन तक भी बिजली पहुंचाई है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में जीवन की गुणवत्ता, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे सहित हर क्षेत्र में विकास हुआ है और भारत की जनता उसका लाभ ले रही है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को नई दिल्ली में सुशासन महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़नवीस, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री विनय सहस्त्रबुद्धे, संगठन मंत्री श्री वीर सतीश एवं पार्टी के अन्य नेतागण उपस्थित रहे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने सुशासन पर बल देते हुए कहा कि नीति निर्माताओं और लोगों को इसे अपने जीवन उतारना चाहिए ताकि इसका कार्यान्वन धरातल पर किया जा सके। पिछली सरकारों ने सभी के वोट लिए और घोषणापत्र में बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन सत्ता में आने के बाद वे सरकारें एक विशेष जाति और वर्ग की सरकार बन गईं और वोट बैंक की राजनीति का शिकार हो गईं।
श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि सुशासन को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। सुशासन भाजपा के लिए कोई नया शब्द या विषय नहीं है। देश में राम राज्य की परिकल्पना, छात्रपति शिवाजी महाराज के समय से ही सुशासन और उसके घटकों की चर्चा और कार्यान्वन होता आया है। सुशासन कोई नारा नहीं है, यह एक भावना है जिसे आप जीते हैं। जब तक व्यक्ति अनुभूति नहीं करता कि जीवन के लिए सुशासन आवश्यक है, तब तक वह सुशासन को केवल एक नारे की तरह ही उपयोग कर पाता है।
श्री नड्डा ने कहा कि उन्हें देश और प्रदेश में लगभग 10 साल का प्रशासनिक अनुभव रहा, सबने कहा कि आप देश के विकास और जनकल्याण के लिए कार्य कीजिए, मगर मेरा एक कार्य पहले जरूर कर दीजिए। यह ‘मेरा कार्य’ सुशासन की नीति का उल्लंघन है। लेकिन हमें सबको समझना चाहिए कि सभी इस नीति का हिस्सा हैं और किसी को भी इसका उल्लंघन नहीं करना चाहिए। सुशासन की अनुभूति करने के लिए समर्पित होने की आवश्यकता होती है, अन्यथा यह एक नारे मात्र ही रह जाएगा। सुशासन बिना प्रतिबद्धता के धरातल पर नहीं उतर सकता है। उदाहरण के लिए एक कतार में खड़े होने के बाद सभी की बारी आती है, मगर सभी यह सोचते हैं की लाइन तोड़कर पहले मेरी बारी या जाए, जो कि सही नहीं है। इसलिए यह नीति निर्माताओं की जिम्मेदारी है कि सुशासन के प्रति प्रतिबद्ध रहें ताकि समाज के सभी लोग इसे अपने जीवन में उतार सकें।
विपक्ष के कुशासन के बारे में श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि लोगों ने लंबे समय तक सरकारें चलाईं, सबका वोट लिया, घोषणापत्र में बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह सरकारें किसी जाति विशेष, वर्ग विशेष की सरकार बन गई और वोट बैंक की राजनीति की शिकार बन गई। पूर्व की सरकारों ने वस्तुनिष्ठता की बात की परंतु स्वयं को व्यक्तिपरकता तक ही सीमित रखा और इसलिए वो अच्छे शासन की बात करते-करते कुशासन में परिवर्तित हो गए। यह सबको भली-भांति ज्ञात है कि भारत जाति, वर्ग, समुदाय की सरकार का बोलबाला रहा है। इन सब में सबसे बड़ा योगदान वोट बैंक की राजनीति का रहा है, क्योंकि वोट मिलता है इसलिए नीति झुकी हुई होती है और वह नीति लोगों वोट बैंक की दृष्टि से देखती है। इसलिए वह कुशासन में बदल गई और परिवारवाद, भ्रष्टाचार, आत्मीयता, गैर शासन ये सभी कुशासन के ही पर्याय हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि जब भण्डारी ही भंडार पर हाथ मार दें, तो भंडार का क्या होगा? हम लाखों लोगों की आस्था के प्रति समर्पित हैं, जिसे अखंड रखना हमारी जिम्मेदारी है।
श्री नड्डा ने कहा कि 2014 से पहले और 2014 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सत्ता में आने के बाद देश की राजनीतिक संस्कृति में बदलाव आया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सदैव देश की 4 विशेष जाति (GYAN) की बात करते हैं जिसमें गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति शामिल हैं। इनको न बांट कर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास, सबका प्रयास से देश को को आगे बढ़ाने का काम किया है। नीति निर्माण में लोगों की भागीदारी का विशेष महत्व है और यह भागीदारी पारदर्शी होनी चाहिए। इसके साथ डिलीवरी भी पारदर्शी होनी चाहिए, सुझाव भी पारदर्शी होने चाहिए और खुली चर्चा और उसकी जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। जब हम कहते हैं कि सबका साथ, सबका विश्वास, तब जन हितैषी नीति की बात आती है और अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे, इसको सुनिश्चित करते हैं।
श्री नड्डा ने कहा कि किसी को पता नहीं चला कि 2017 में स्वास्थ्य पॉलिसी ही बदल गई और यह इसलिए सफल हो पाया क्योंकि हितधारकों के साथ चर्चा की गई और एकमत होकर उसे स्वीकार किया गया। हम उपचारात्मक से निवारक की ओर बढ़े, हम निवारक से संवर्धन की ओर बढ़े, जिसके परिणामस्वरूप आज एक ही छत के नीचे एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी, योगा आदि इलाज संभव है। यह केवल 2017 मे आई हेल्थ पॉलिसी के बाद ही संभव हो पाया है। देश में वंदे मातरम पर भी झगड़ा हुआ है, लेकिन आज 2020 में पेश की गई नई शिक्षा नीति सभी ने एकमत से स्वीकारी और यह अच्छे शासन का उदाहरण है।
श्री नड्डा ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की एक चिट्ठी जाएगी, जिसमें लिखा होगा कि आयुष्मान भारत के लाभार्थी है, जिसमें एक बारकोड होगा, जिससे दर्ज रहेगा कि आपके साथ-साथ परिवार के लोग 5 लाख का स्वास्थ्य जांच करा सकते है। उदाहरण के तौर पर अगर छत्तीसगढ़ का कोई मजदूर किसी और राज्य में काम कर रहा है, और अगर किसी अन्य राज्य में उसका इलाज करवाना है, तो वह आयुष्मान भारत कार्ड के जरिए मुफ्त में इलाज करवा सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी में तीन महीने के लिए देश की 25 करोड़ बहनों के खाते में सीधे 500 रुपए भेजे गए। विपक्षी दल जनधन के खाते के विरोध में बोलते थे, क्योंकि वह जनता का धन को भी अपना ही समझते थे। 80 करोड़ भारत की जनता 5 किलो गेहूं, दाल, चावल मुफ़त में भाजपा सरकार अभी भी जनता को पहुंचा रही है।
श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए सभी चीजों का डिजिटलीकरण हो चुका है। अपने गांव की बात करते हुए श्री नड्डा ने कहा आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड आज घर पर कार्ड देकर जा रहे है और पहले के समय में लाइसेंस लेने के लिए कितना भाग-दौड़ करनी पड़ती थी, मगर अब होम डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध है। उज्ज्वला योजना हो या उजाला योजना, सभी को एक बराबर समझा जाता है। योजना का लाभ किसी धर्म को देख कर नहीं, बल्कि सभी लाभार्थी को दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश में पहाड़ को पार कर गहर के लिए पानी लाने में बहुत-सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, मगर मोदी सरकार ने हिमाचल प्रदेश जल जीवन योजना को सुनिश्चित कर महिलाओं के जीवन को आसान बनाया है और हर घर नल से जल पहुंच रहा है।
श्री नड्डा ने कहा यूपीआई से लेन-देन बहुत तेजी से हो रहा है और विश्व लेनदेन के माध्यम से देखे तो भारत 40% लेन देन हुए है। 2014 से पहले 18 हजार गांवों में बिजली नहीं थी, मोदी सरकार ने आज वहाँ भी बिजली पहुंचाई है। जीवन की गुणवत्ता, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे सहित हर क्षेत्र में विकास हुआ है और भारत की जनता उसका लाभ ले रही है। पहले के समय में दिल्ली से बुलंदशहर या मेरठ जाना होता तो एक दिन का समय लग जाता था, क्योंकि सड़कें खराब रहती थी मगर भाजपा सरकार के आने के बाद सड़कों की गुणवत्ता में सुधार हुए है। जिससे कम समय में दिल्ली से इन शहरों में लोग आवागमन कर रहे है। डबल इंजन सरकार के कारण जमीनी स्तर पर काम हुआ है और अभूतपूर्व विकास हो रहा है।
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