माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा गुजरात में भाजपा को मिली प्रचंड जीत और हिमाचल एवं दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन के उपरांत भाजपा मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
● आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक है। मैं जनता जनार्दन के सामने नतमस्तक हूं, ये जनादेश अभिभूत करने वाला है। आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी के नेतृत्व में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जो परिश्रम किया है, उसकी खुशबू आज हम चारों तरफ अनुभव कर रहे हैं। गुजरात की जनता, गुजरात के कार्यकर्ता और तमाम कार्यकर्ता जो हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में कार्यरत रहे, उन्हें मैं तहे दिल से बहुत-बहुत बधाई देता हूं और अभिनंदन करता हूं। जहां भारतीय जनता पार्टी प्रत्यक्ष नहीं जीती, वहां भाजपा का वोट शेयर जनता जनार्दन के स्नेह का साक्षी है।
● भाजपा के प्रति जनता का प्यार उपचुनावों में भी दिखा। बिहार में कुढ़नी और उत्तर प्रदेश के रामपुर में भी भाजपा जीती है। बिहार के चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन आने वाले दिनों में भाजपा की जीत दिखा रहा है।
● मैं हिमाचल के हर मतदाता का भी आभारी हूं। हिमाचल के चुनाव में हम एक प्रतिशत से भी कम हार जीत का फैसला हुआ है। इतना कम अंतर हिमाचल में वर्षों से नहीं देखा गया। हिमाचल में हर पांच साल में सरकारें बदली हैं, लेकिन हर बार जीत हार में 5-6 प्रतिशत तक का अंतर रहा है। इस बार एक प्रतिशत से भी कम का अंतर जनता का प्यार दिखाता है। भाजपा भले ही हिमाचल में एक प्रतिशत से भी कम वोट के अंतर से पीछे रह गई, लेकिन विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता शत प्रतिशत रहेगी। हिमाचल से जुड़े हर विषय को हम पूरी मज़बूती से उठाएंगे।
● मैं चुनाव आयोग का भी आभार व्यक्त करता हूं। एक भी पोलिंग बूथ पर दोबारा मतदान कराने की नौबत नहीं आई। मतलब यह कि सुख और शांति पूर्वक लोकतंत्र की मूल भावना को स्वीकार करते हुए मतदाताओं ने मतदान किया है। इसके लिए मैं चुनाव आयोग को बधाई देता हूँ।
● भारतीय जनता पार्टी को मिला जनसमर्थन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है, जब भारत अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। यह दर्शाता है कि आने वाले 25 साल केवल विकास की राजनीति के हैं। भाजपा को मिला समर्थन, नई आकांक्षाओं और युवा सोच का प्रतीक है। लोगों ने भाजपा को वोट दिया क्योंकि भाजपा ने हर सुविधा को हर परिवार तक पहुंचाया। भाजपा देश के हित में बड़े से बड़े और कड़े से कड़े फैसले लेने का दम रखती है। परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ जन-आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। मैं इस बात को स्वस्थ लोकतंत्र के लिए साकार रूप में देखता हूं।
● गुजरात ने तो कमाल ही कर दिया है। चुनावों के दौरान मैंने गुजरात की जनता से कहा था, इस बार नरेन्द्र का रिकॉर्ड टूटना चाहिए। गुजरात की जनता ने तो रिकॉर्ड तोड़ने में भी रिकॉर्ड कर दिया। जनता ने गुजरात के इतिहास का सबसे प्रचंड जनादेश भाजपा को देकर नया इतिहास रच दिया है। ढाई दशक से लगातार सरकार में रहने के बावजूद ऐसा प्यार अभूतपूर्व है। लोगों ने जाति-वर्ग आदि विभाजन से ऊपर उठकर भाजपा को वोट दिया।
● इस चुनाव में वोट देने वाले एक करोड़ से भी ज्यादा ऐसे मतदाता थे, जिन्होंने कांग्रेस का कुशासन नहीं देखा, केवल भाजपा की ही सरकार देखी। युवा सवाल पूछना जानते हैं। युवा तभी वोट देते हैं, जब उन्हें भरोसा दिखता है, जब उन्हें काम दिखता है। युवाओं ने भाजपा को वोट देकर संदेश दिया है कि युवाओं ने हमारे काम को जांचा परखा और उस पर भरोसा किया।
● युवा भाजपा की विकास वाली योजनाएं चाहते हैं। युवाओं को न जातिवाद चाहिए, न परिवारवाद। युवाओं का दिल विजन और विकास से ही जीता जा सकता है। जब महामारी के घोर संकट के बीच बिहार में चुनाव हुए थे, तब जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया। महामारी के बाद उत्तर प्रदेश सहिततमाम राज्यों में चुनाव हुए, तब भी जनता ने भाजपा को चुना। आज जब भारत विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है, तब भी जनता का भरोसा भाजपा पर ही है।
● गुजरात के नतीजों ने सिद्ध कर दिया है कि देश के सामने जब केाई चुनौती होती है तो जनता का भरोसा भाजपा पर होता है। देश पर कोई संकट आता है तो जनता का भरोसा भाजपा पर होता है। देश बड़े लक्ष्य तय करता है तब जनता का भरोसा भाजपा पर होता है।
● इन चुनावों में बहुत लोगों को जानने-पहचानने का अवसर मिल चुका है। जो लोग खुद को न्यूट्रल कहते हैं, उनके बारे में देश को जानना जरूरी है। हिमाचल प्रदेश, गुजरात और उत्तराखंड में कितने लोगों की जमानतें जब्त हुईं, उन लोगों को भी जानना चाहिए। राजनीति में सेवा भाव से एक सेवक की तरह काम करना जैसे डिस्क्वालिफिकेशन माना जा रहा है। हमारे गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल दो लाख वोटों से जीते हैं, ये बहुत बड़ी बात है लेकिन ठेकेदारों का तराजू कुछ और है। इसलिए, हमें अपनी सहन शक्ति और समझ शक्ति को बढ़ाकर आगे बढ़ना है।
● 2002 के बाद मेरे जीवन का कोई ऐसा पल नहीं रहा, जिसकी धज्जियां नहीं उड़ाई गई हो लेकिन मैं खुद में बदलाव लाता गया, सीखता गया। आलोचनाओं ने भी हमें खूब सिखाया। हमें अपनी शक्ति को और असहन शक्ति को भी बढ़ाना है। कठोर से कठोर झूठे आरोपों को सहन करना है। मानकर चलिए, जुल्म बढ़ने वाला है, मुझ पर भी और आप पर भी क्योंकि ये अपनी हार नहीं पचा पाएंगे। 2047 में जब हम आजादी के सौ साल मनाएंगे तब हम अपने युवाओं के हाथों में विकसित भारत देकर जाएंगे।
● हम सिर्फ घोषणा करने के लिए घोषणा नहीं करते। हमारी हर घोषणा के पीछे एक रोडमैप होता है। देश आज शॉर्टकट नहीं चाहता। देश का मतदाता इतना जागरुक है कि उसे पता है - क्या उसके हित में है और क्या उसके अहित में है। वह शॉर्ट-कट की राजनीति का नुकसान जानता है। आज देश में कोई संशय नहीं कि अगर देश रहेगा, देश समृद्ध होगा तो सबकी समृद्धि तय है। हमारे पूर्वजों के पास अनुभव का अकूत ज्ञान थाा। हमारे पूर्वजों ने ‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया’ वाली कहावत दी है। अगर यह वाला हिसाब होगा तो क्या हाल होगा, यह हम अपने अड़ोस-पड़ोस में देख रह हैं। देश के सभी राजनीतिक दलों केा सोचना हेागा कि चुनावी हथकंडों से किसी का भला नहीं होगा। इसलिए, देश आज सतर्क है।
● समाज के बीच खाई खोदने वालों को जनता देख भी रही है और समझ भी रही है। हमारा भविष्य फॉल्ट लाइन को गिराकर ही उज्ज्वल होगा। लड़ने के लिए सैकड़ों वजह हो सकती हैं लेकिन जुड़ने के लिए एक वजह काफी है, वह है हमारा भारत। जीने के लिए और मरने के लिए इससे बड़ी वजह और कोई नहीं हो सकती है। इसलिए हमें इंडिया फर्स्ट की भावना के साथ आगे बढ़ना है।
● देश के सभी वर्गों की पहली पसंद आज भाजपा है। हमें गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों से भी खूब आशीर्वाद मिला है। एससी-एसटी के लिए आरक्षित 40 में 34 सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। आदिवासी भाजपा को अपनी आवाज मान रहे हैं। दशकों तक जिन आदिवासियों केा नजरंदाज किया गया, उनकी उम्मीदों को पूरा करने में हम लगातार जुटे हुए हैं। भाजपा ने आदिवासी कल्याण के लिए बजट बढ़ाया और विकास को गति दी। हम देश भर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के म्यूजियम बनाकर उन्हें सम्मान दे रहे हैं।
● अगर कोई ईमानदारी से आत्म चिंतन करे तो आजादी के बाद से पहली बार आज देश में पहली ऐसी सरकार है जो महिलाओं की समस्याएं और जरूरतें समझने का प्रयास कर रही है और उनके लिए योजनाएं बनाने का काम कर रही है। हर महिला के कल्याण और उनके जीवन के उत्थान के लिए जितना भाजपा की सरकार ने किया है, उतना किसी ने भी नहीं किया। भाजपा के आठ साल के काम अन्य सरकारों के पचास साल के काम से भी ज्यादा है।
● हम यहाँ ऐसे ही नहीं पहुंचे। पांच-पांच पीढ़ियों ने जनसंघ के जमाने से अपने-आप को खपाया है, तब जाकर हम यहां पहुंचे हैं। भाजपा के लिए लाखों समर्पित कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन खपा दिया है। व्यक्तिगत सुख, आकांक्षाएं और खुशियों को तिलांजलि देकर भाजपा कार्यकर्ता समाज और देश को सशक्त करने के लिए जुटे रहते हैं। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की अथाह संगठन शक्ति पर भरोसा करके अपनी रणनीति बनाती है और इसमें सफल होती है। उतार-चढ़ाव हमारे राजनीतिक जीवन में आए हैं, लेकिन हमने आदर्शों और मूल्यों पर अडिग रहकर दिखाया है, कभी अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया।
● पिछले आठ वर्षों में देश में कार्य और कार्यशैली का भी बदलाव आया है। हमने गरीबों के लिए घर, शौचालय, सिलेंडर जैसी मूल सुविधाएं जुटाईं। आज जो भी सरकारी लाभ है, वह हर वर्ग के हकदार तक तेजी से पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। पूरा का पूरा पहुंचे, इसके लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। किस वर्ग या समुदाय में कितने वोट हैं, इस आधार पर हम सरकार नहीं चलाते। इसके हमें सकारात्मक नतीजे देखने को मिल रहे हैं। बड़े-बड़े एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत में गरीबी कम हो रही है। देश ने पिछले आठ वर्षों में गरीबों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के साथ ही, संसाधनों का विकास भी किया है। महिलाओं के मुद्दे हमारे लिए चुनावी मुद्दे नहीं है, बल्कि उसे पूरा करना हमारा संकल्प है। हमें महिला सशक्तिकरण के लिए इतना कुछ करने का मौका देश की जनता ने दिया है।
● आने वाला समय हम सबके लिए महत्वपूर्ण है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करना है। आइये हम सब मिल कर विकसित भारत के अभियान में जुड़ें।
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