केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह जी द्वारा पटना, बिहार में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती के अवसर पर
आयोजित “किसान-मजदूर समागम" में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने पद्मश्री से सम्मानित किसान चाची श्रीमती राजकुमारी देवी को शॉल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया।
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नीतीश कुमार के सत्ता मोह में बिहार जंगलराज बन गया है। पहले भाजपा ने नीतीश कुमार जी के साथ मिलकर जंगलराज के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, आज नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार से जंगलराज को निकालने के लिए लड़ाई लड़ेंगे और लालू-नीतीश की सरकार को बिहार से उखाड़ फेंकेंगे।
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सही ढंग से व्यवस्था की जाय तो बिहार देश में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाला राज्य बन जाएगा लेकिन नीतीश जी इसे कैसे करेंगे? दुग्ध उत्पादन के लिए तो पशु चाहिए। पशु रखोगे तो चारा चाहिए। अब चारा चुराने वाले लालू यादव जी के साथ राज्य का मुख्यमंत्री बैठ जाए तो किसानों का भला कैसे हो?
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पूरे देश में एमएसपी पर किसानों की ऊपज की खरीददारी होती है लेकिन बिहार में नहीं होती। क्योंकि राजद-जदयू सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। मोदी सरकार ने एमएसपी पर धान/गेहूं की खरीदी के लिए बजट आवंटन को तीन गुना बढ़ा दिया गया लेकिन बिहार में स्थिति जस की तस है।
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2014 में जब केंद्र में कांग्रेस की सोनिया गाँधी- लालू यादव की गठबंधन वाली मनमोहन सरकार थी, तब देश का कृषि बजट केवल 25 हजार करोड़ रुपये था जबकि इस बार कृषि बजट 1.25 लाख करोड़ रुपये का है। किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के एकाउंट में सवा दो लाख करोड़ रुपये पहुंचाए गए हैं।
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केवल बारिश के आधार पर खेती करने वाले किसानों के लिए ‘श्री अन्न’ अर्थात् मोटा अनाज की व्यवस्था की गई है। चाहे बाजरा हो, ज्वार हो, मक्का हो या रागी हो, अब यह देश ही नहीं बल्कि दुनिया के बाजार में जाएगा। जिनके पास सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, उनकी आय बढ़ाने में भी यह कारगर सिद्ध होगी।
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भाजपा की सरकार ने सहकारिता के माध्यम से 2 लाख पंचायतों में सरकारी डेयरी बनाने का संकल्प लिया है। लालू-कांग्रेस की सरकार में 2013-14 में केवल 3.76 लाख करोड़ रुपये का अनाज खरीदा गया जबकि मोदी सरकार के दौरान 2014-2019 में 8 लाख करोड़ रुपये के धान एवं गेहूं की खरीदी हुई।
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लालू जी के बेटे बता रहे थे कि बिहार में यूरिया नहीं आ रहा है। झूठ मत बोलो, भारत सरकार ने बिहार को ढेड़ गुणा अधिक यूरिया भेजा है। राजद-जदयू के राज में यूरिया की कालाबाजारी हो रही है, इसलिए यहां किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। अब तो देवघर में लिक्विड यूरिया का कारखाना भी लग गया है।
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प्रधानमंत्री बनने के लोभ में नीतीश कुमार बिहार की जनता के साथ विश्वासघात करते हुए लालू यादव और सोनिया गाँधी की शरण में बैठ गए। मैंने अपने जीवन में इतना झूठ बोलकर दल-बदल करने वाला व्यक्ति नहीं देखा। नीतीश जी को जब लालू यादव से धोखा मिलेगा, तब पता चलेगा कि विश्वासघात क्या होता है।
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नीतीश कुमार और लालू यादव जी के बीच गुप्त समझौता हुआ है लालू जी के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लेकिन वे तारिख नहीं बता रहे क्योंकि उन्हें लालू यादव को भी धोखा करना है। नीतीश कुमार ने हमें दो बार धोखा दिया है, तीसरी बार नहीं दे पायेंगे क्योंकि हम उनको एनडीए में लेंगे ही नहीं।
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सोने जैसी चमक पानी है तो खुद को सोने की तरह भट्ठी में गलाना होगा। स्वामी सहजानंद सरस्वती जी अपने जीवन में ऐसे ही थे। स्वामी सहजानंद सरस्वती जी के विचार किसानों-मजदूरों की बेहतरी के लिए थे। वह विचार कोई पूरा कर सकता है तो वे केवल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ही पूरा कर सकते है।
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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह जी ने आज शनिवार को पटना, बिहार के बापू सभागार में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती के अवसर पर आयोजित “किसान-मजदूर समागम" को संबोधित किया और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा देश के किसानों और मजदूरों के कल्याण एवं उनके सशक्तिकरण के लिए उठाये गए क़दमों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, बिहार के भाजपा प्रभारी श्री विनोद तावड़े, केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री अश्विनी चौबे, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री सुशील मोदी, भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजकुमार चाहर, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री रविशंकर प्रसाद, बिहार विधान सभा में नेता विपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा और बिहार विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष श्री सम्राट चौधरी सहित कई वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी और हजारों की संख्या में किसान-मजदूर उपस्थित थे। अपने उद्बोधन के अंत में श्री शाह ने पद्मश्री से सम्मानित किसान चाची श्रीमती राजकुमारी देवी को शॉल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया।
किसान-मजदूर समागम को संबोधित करते हुए श्री शाह ने सर्वप्रथम स्वामी सहजानंद सरस्वती जी को नमन किया एवं अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सोने जैसी चमक पानी है तो खुद को सोने की तरह भट्ठी में गलाना होगा। स्वामी सहजानंद सरस्वती जी अपने जीवन में ऐसे ही थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जमींदारी प्रथा का पुरजोर विरोध किया और हर मजदूर का नेतृत्व किया। उन्होंने जाति, पंथ, संप्रदाय से ऊपर उठकर सभी किसान एवं मजदूरों के लिए काम किया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने बड़ा आंदोलन कर समाज में जागरुकता लाने का महती कार्य किया। स्वामी सहजनानंद सरस्वती और नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरंग रूप से जुड़े हुए थे। वे दोनों एक ही विचारधारा से जुड़े हुए थे। आदिशंकर के अखाड़े के कंठी सन्यासी होने के बावजूद आजादी के आंदोलन में उन्होंने मुखर होकर हिस्सा लिया। जमींदारों द्वारा जब जबरन कर वसूला जाता था, तब उन्होंने नारा दिया था कि “कैसे लोगे माल गुजारी, लठ हमार जिंदाबाद”। स्वामी जी ने उस वक्त कहा था कि जो अन्न-वस्त्र उपजाएगा, अब वह कानून बनाएगा। भारत वर्ष उसी का है, वही शासन चलाएगा। उन्होंने खेत में मजदूरी करने वाले किसान और मजदूर भाई को समाज के केन्द्र बिन्दु में लाने का काम किया था। उनके लिए रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने लिखा है कि - वह आया जैसे जल ऊपर, आए फूल कमल का, वह आया ऊपर आए जो नवरव नौ मंडल का, आया है जैसे सावन के आते, मेघ गगन में आया है जैसे आता कभी सन्यासी मधुवन में। आज स्वामी जी के लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बिहार आज जिस प्रकार जिस तरह जंगलराज में गर्त में जा रहा है, उसे निकालने के लिए हम सब इकट्ठे होकर संघर्ष करना है। बिहार में जेपी आंदोलन से लेकर आज तक जिस नीतीश कुमार जी ने पूरा जीवन कांग्रेस के विरोध की राजनीति की, वे आज केवल और केवल प्रधानमंत्री बनने के लोभ में सोनिया जी के शरण में जाकर बैठ गए। नीतीश बाबू ने उस वक्त जनता दल तोड़ा, जब लालू यादव जी की जातिवादी, राजनीति और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़नी थी। वही नीतीश कुमार आज फिर से प्रधानमंत्री बनने के लोभ में लालू यादव जी की गोद में जाकर बैठ गए हैं।
श्री शाह ने कहा कि मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूँ कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं कि बिहार में डेयरी की असीम संभावनाएं हैं। बिहार में संसाधन की कोई कमी नहीं है। यहाँ मेहनतकश किसान हैं। बिहार में सही ढंग से व्यवस्था की जाय तो देश में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाला राज्य बिहार बन जाएगा। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का यह विचार है लेकिन नीतीश जी इसे कैसे करेंगे? दुग्ध उत्पादन के लिए तो पशु चाहिए। पशु रखोगे तो चारा चाहिए। अब चारा चुराने वाले लालू यादव जी के साथ इस राज्य का मुख्यमंत्री बैठ गया तो किसानों का भला कैसे होगा?
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पूरे देश में एमएसपी से किसानों की ऊपज की खरीददारी होती है। तो फिर, बिहार में एमएसपी पर खरीददारी क्यों नहीं होती? क्योंकि राजद-जदयू सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के समय में एमएसपी पर धान और गेहूं की खरीदी के लिए बजट के आवंटन को तीन गुना बढ़ा दिया गया लेकिन बिहार में स्थिति जस की तस है।
श्री शाह ने कहा कि नीतीश कुमार के सत्ता मोह में बिहार जंगलराज बन गया है। पहले भाजपा ने नीतीश कुमार जी के साथ मिलकर जंगलराज के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, आज नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार से जंगलराज को निकालने के लिए लड़ाई लड़ेंगे और लालू-नीतीश की सरकार को बिहार से उखाड़ फेंकेंगे।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसान एवं मजदूर भाइयों, मैं आपको बताता हूँ कि नीतीश कुमार और लालू यादव जी के बीच गुप्त समझौता हुआ है लालू जी के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए। नीतीश कुमार जी की सीटें हमसे काफी कम आई थी, फिर भी हमने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया लेकिन उनका मन मुख्यमंत्री बनने से भरने वाला नहीं है क्योंकि हर तीन साल में उन्हें प्रधानमंत्री बनने के सपने आते हैं। अरे नीतीश कुमार जी, जिन लोगों ने आपको पीएम बनने का दिवास्वप्न दिखा दिया है, वे आपको गलत रास्ते पर ले गए हैं। आपको मालूम नहीं है कि वह जगह भरी पड़ी है। 2024 में एक बार पुनः देश की जनता दो-तिहाई बहुमत से श्री नरेन्द्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाएगी। अच्छा नीतीश जी, अब आपने लालू यादव जी के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का वादा कर ही लिया है तो फिर बिहार के लोगों को तारीख ही बता दो। लेकिन नीतीश यादव तारिख नहीं बताएँगे क्योंकि उन्हें भी मालूम है कि लालू जी के बेटे को सीएम नहीं बनाना है और लालू जी के साथ भी धोखा करना है।
श्री शाह ने कहा कि एक ज़माना था जब आम बजट आता था, तब बजट में टैक्स में कितना राहत मिला, बस इसकी चर्चा होती थी। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार किसान को आम बजट के केंद्र में लेकर आई। 2014 में जब केंद्र में कांग्रेस की सोनिया जी और लालू यादव जी की गठबंधन वाली मनमोहन सरकार थी, तब देश का कृषि बजट केवल 25 हजार करोड़ रुपये था जबकि इस बार कृषि बजट 1.25 लाख करोड़ रुपये का है। यह दर्शाता है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी किस तरह कृषि विकास और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत हर साल देश के सभी किसानों के एकाउंट में छः-छः हजार रुपये दिए जा रहे हैं। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ऐसी व्यवस्था की है ताकि किसानों को खेती के लिए ऋण न लेना पड़े। प्रधानमंत्री जी ने कृषि क्षेत्र में भी स्टार्ट-अप की व्यवस्था की है। केवल बारिश के आधार पर खेती करने वाले किसानों के लिए ‘श्री अन्न’ अर्थात् मोटा अनाज की व्यवस्था की गई है। चाहे बाजरा हो, ज्वार हो, मक्का हो या रागी हो, अब यह देश ही नहीं बल्कि दुनिया के बाजार में जाएगा। जिनके पास सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, उनकी आय बढ़ाने में भी यह कारगर सिद्ध होगी।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि भाजपा की सरकार ने सहकारिता के माध्यम से 2 लाख पंचायतों में सरकारी डेयरी बनाने का संकल्प लिया है। डेयरी एक बार बनती है तो बहनों के माध्यम से ही घर चलता है। डेयरी के लिए सबसे उपयुक्त जगह बिहार है। यहां देश की सबसे अच्छी डेयरी बन सकती है और चल सकती है। बिहार के किसान चिंता न करें, लालू यादव जी की चारा-चोरी अब यहां नहीं होने वाली क्योंकि यहां 2025 मे भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने वाली है। केंद्र में जब लालू-कांग्रेस की सरकार थी, तब 2013-14 में केवल 3.76 लाख करोड़ रुपये का अनाज खरीदा गया जबकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के दौरान 2014-2019 में 8 लाख करोड़ रुपये के धान एवं गेहूं की खरीदी हुई।
श्री शाह ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी नीम कोटेड यूरिया लेकर आये और यूरिया की कालाबाजारी को रोका। लालू जी के बेटे बता रहे थे कि यहां यूरिया नहीं आ रहा है। उन्हें मैं बताना चाहता हूँ कि झूठ मत बोलो, भारत सरकार ने बिहार को ढेड़ गुणा अधिक यूरिया भेजा है। राजद-जदयू के राज में यूरिया की कालाबाजारी हो रही है, इसलिए यहां किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। झारखंड के देवघर में लिक्विड यूरिया का कारखाना लगा है। अब बिहार को एक ही बोतल में यूरिया की पूरी बैग मिल जाएगी। मोदी सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है। मोदी सरकार ने स्वायल हेल्थ कार्ड की व्यवस्था की है। राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन भी चलाया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लगभग 93,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बिहार में विकास के कई कार्य शुरू किये हैं लेकिन नीतीश कुमार जी ने उसे रोक कर रखा है। इसलिए आप लोगों से निवेदन करने आया हूं कि बिहार में भी डबल इंजन की सरकार बना दीजिए। 2024 में लोकसभा चुनाव है। एक बार नीतीश कुमार जी ने धोखा दिया। दूसरी बार भी नीतीश कुमार जी ने धोखा दिया। तीसरी बार वे हमें धोखा नहीं देंगे क्योंकि हम उनको एनडीए में लेंगे ही नहीं, एनडीए में आने ही नहीं देंगे। नीतीश कुमार जी के लिए भाजपा के सारे दरवाजे बंद हैं। नीतीश जी, आप लालू जी के दरवाजे पर ही बैठे रहिये। जब धोखा मिलेगा, तब पता चलेगा कि विश्वासघात क्या होता है। मैंने अपने जीवन में इतना झूठ बोलकर दल-बदल करने वाला व्यक्ति नहीं देखा। इस बार लोकसभा चुनाव में स्पष्ट संदेश दे दीजिए। 2024 में बिहार में लोक सभा की सभी की सभी सीटें भारतीय जनता पार्टी की झोली में डाल दीजिए। आप नीतीश-लालू को संदेश दीजिये कि बिहार में अब जंगलराज नहीं आने देंगे। स्वामी सहजानंद सरस्वती जी के विचार किसानों-मजदूरों की बेहतरी के लिए थे। वह विचार कोई पूरा कर सकता है तो वे केवल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ही पूरा कर सकते हैं। पूर्ण बहुमत से श्री नरेन्द्र मोदी जी को पुनः देश का प्रधानमंत्री बनाएं बिहार को विकास के पथ पर अग्रसर करें।
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