केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अमित शाह द्वारा नई दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन समारोह में दिए गए संबोधन के मुख्य बिंदु
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक संस्था नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के पुनर्निर्माण का आंदोलन है।
**********************
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आने वाले 25 वर्षों में भारत को दुनिया का महानतम राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया है। हम इसे पूरा करने के लिए संकल्पित और प्रतिबद्ध हैं।
**********************
युवाशक्ति किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी होती है और युवाशक्ति ही देश एवं समाज को शिखर पर ले जाने का काम करती है।
**********************
जब तक भारत प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर और संपन्न नहीं होता तब तक हमें रुकना नहीं है और इसे पूरा करने में युवाशक्ति की भूमिका महत्त्वपूर्ण होगी।
**********************
ये भारत का समय है। हर समस्या के समाधान के लिए आज विश्व भारत की ओर आशा के साथ देख रहा है। इस परिवर्तन को आगे ले जाने का काम युवाओं को करना है।
**********************
देश में घुसपैठ के खिलाफ डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट के ‘3D संकल्प’ के साथ ABVP ने पूरे देश में घुसपैठ के खिलाफ जनजागृति लाने का काम किया।
**********************
हमारी सांस्कृतिक विरासत ही हमारे आधुनिक विकास की पूँजी है, इसके आधार पर ही आधुनिक विकास हो सकता है।
जो युवा अपने कैरियर के साथ-साथ देश को सँवारता है, वही सही मायने में शिक्षा को प्राप्त करता है।
**********************
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक मात्र ऐसा छात्र संगठन था, जिसके सदस्यों ने आपातकाल के दौरान संघर्ष किया और जेल भी गए।
**********************
चाहे भाषा और शिक्षा का आंदोलन हो या संस्कृति को बरकरार रखना हो, हर क्षेत्र में विद्यार्थी परिषद ने युवाओं के माध्यम से समाज को 'स्व' का महत्त्व बताया है।
**********************
आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने आज शुक्रवार को नई दिल्ली के बुराड़ी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान मंच पर एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, एबीवीपी महासचिव श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल एवं विद्यार्थी परिषद के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहें। श्री अमित शाह ने कहा कि जैसे ही उन्होंने छात्र शक्ति- राष्ट्र शक्ति का नारा सुना तो वह अपनी उम्र में 30 साल पीछे चले गये और उन्हें ऐसा लग रहा है कि जैसे वह भी युवा छात्र हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन और चरित्र निर्माता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि बनकर और भाषण देते हुए उन्हें बहुत गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने छात्रों को संबोधित उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत गुजरात राजकोट में एबीवीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन से हुई थी, जहां वह पंडाल में सबसे पीछे बैठे हुए थे। अमृत महोत्सव के वर्ष में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में युवाओं के साथ बातचीत बहुत ही आनंद का विषय है।
श्री अमित शाह ने कहा कि यह अधिवेशन दो दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, पहला यह कि यह अधिवेशन विद्यार्थी परिषद के अमृत वर्ष में प्रवेश करने वाला है, और दूसरा यह है कि यह अधिवेशन आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि हमारे देश ने हाल ही में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया है, 75 साल में देश ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है जिससे पूरा विश्व आज भारत का लोहा मान रहा है और इसके साथ ही हमने अपनी संस्कृति को संजोकर विश्व में गौरव दिलाने का प्रयास किया है। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता और विशेष तौर पर युवाओं का आव्हान किया है कि आने वाले 25 साल विश्व में भारत सर्वप्रथम और सबसे महान हो यह संकल्प लेकर इसको चरितार्थ करने के प्रति संकल्पित है। उन्होंने कहा कि वे अपने समय में विद्यार्थी परिषद का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद के उद्देश्य को सिद्ध करने के लिए सातत्यपूर्ण 75 साल की यात्रा सिर्फ छात्र संगठन कर सकता है।
श्री अमित शाह ने कहा कि छात्र युवा होते हैं, जोश से परिपूर्ण होते हैं, कई बार रास्ता भटकने की संभावनाएं होती हैं लेकिन विद्यार्थी परिषद के संगठन की व्यवस्था इतनी मजबूत और चाक चौबंद रही है कि विद्यार्थी परिषद 75 साल में न ही रास्ता भटका और न ही समाज और सरकार को रास्ता भटकने दिया। उन्होंने कहा कि हर मौके पर विद्यार्थी परिषद ने संघर्ष भी किया है, ज्ञान और एकता के अपने मूलमंत्र को आत्मसात करते हुए धैर्यपूर्वक एक पाठ का निर्माण किया। इस रास्ते में शिक्षा जगत और देश की सीमाओं के सामने जितनी भी चुनौतियां आईं। हर चुनौती के सामने विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने हिमालय की तरह अडिग रहकर संघर्ष किया और इसे देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा।
विद्यार्थी परिषद को संबोधित करते हुए श्री अमित शाह ने श्री मदन दास देवी जी को याद किया। उन्होंने कहा कि मदन दास देवी जी ने छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को जीवन में रास्ता दिखाने व गलत रास्ते पर न जाए और अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहे इसे मार्गदर्शन देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे वरिष्ठ नेता जैसे यशवंत राव केलकर, बाला साहब आपटे, डिडोलकर जी जैसे महानपुरुषों के योगदान को को कभी भुला नहीं जा सकता है । विद्यार्थी परिषद के वरिष्ठ नेताओं ने विद्यार्थी परिषद को अपने लक्ष्यों के साथ जोड़ते हुए 75 साल का प्रवास पूरा करने का श्रेय तपस्वियों को जाता है।
श्री अमित शाह ने कहा कि 1949 से लेकर 2023 तक की यात्रा देश के विकास के साथ साथ जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि ढेर सारे आंदोलनों में विद्यार्थी परिषद ने ‘स्व’ जोड़ने का संघर्ष किया है चाहे भाषा का, शिक्षा का, या फिर संस्कृति संस्कृति को बरकरार रखना का आंदोलन हो हर चीज में ‘स्व’ का महत्व विद्यार्थी परिषद ने युवाओं के माध्यम से समाज को बताया है। उन्होंने कहा कि देश का कोई भी क्षेत्र हो चाहे संशोधन का क्षेत्र हो, शिक्षा, कला, राजनीति, पत्रकारिता, इन सभी क्षेत्रों में विद्यार्थी परिषद की सुगंध हर क्षेत्र में मिलेगी। विद्यार्थी परिषद ने कई सारे प्रकल्प लिए जो वर्षों तक चले, जैसे कोई शिल्पी 75 वर्षों तक, एक प्रतिमा को गढ़ता है, ठीक इसी तरह बीते वर्षों में सभी समस्याओं के निवारण के लिए, विद्यार्थी परिषद ने पुरुषार्थ किया। भारत और चीन के युद्ध के बाद सील -प्रकल्प चालू हुआ, जो आज भी पूरी ताकत से चल रहा है।
श्री अमित शाह ने एबीवीपी के युवाओं द्वारा दिए गए नारे “कश्मीर हुआ गुवाहाटी, अपना देश अपनी माटी” को दोहराया। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सील प्रकल्प की तारीफ करते हुए कहा कि इस परिषद ने देश को सदैव जोड़ने का काम किया है। देश में जब अवैध घुसपैठ की संख्या बढ़ी तब एबीवीपी ने मिलकर सम्पूर्ण देश में ‘3D संकल्प’ लिया। 3D यानि ‘डिटेक्ट, डिलीट, डेपोर्ट प्रकल्प’। यह आंदोलन घुसपैठ के खिलाफ बहुत लंबा और सशक्त आंदोलन रहा। विद्यार्थी परिषद ने पूरे देश में घुसपैठ के खिलाफ जन जागृति लाने का काम किया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक मात्र ऐसा संगठन था जिसने आपातकाल के वक्त संघर्ष भी किया और इस संगठन से जुड़े युवा जेल भी गए। श्री जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी गई, इसमे विद्यार्थी परिषद के योगदान को, स्वयं लोक नायक ने प्रोत्साहित किया।
श्री अमित शाह ने कहा कि अब समय बदल गया है, ऐसा समय आ गया है जब संघर्ष की आवश्यकता न के बराबर है, किन्तु फिर भी युवाओं को देश के विकास के लिए काम करने की बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद का काम समाप्त नहीं हुआ है, हमारा काम है युवा-ऊर्जा को रचनात्मक राह पर आगे बढ़ाना। श्री अमित शाह ने युवाओं मे जोश भरते हुए हुए कहा कि अब देश के लिए जान देने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि देश के लिए जीने का समय आ चुका है। देश के लिए जीते हुए, देश के युवाओं को काम करते रहना होगा। 2047 में जब देश की आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होंगे, तब तक देश को विश्व पटल पर सबसे श्रेष्ठ देश बनाना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा चलाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की सफलता को देखने के लिए सभी युवा मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं की जिम्मेदारी है कि भारत को आजाद करने में जिन वीरों ने बलिदान दिया, उनके सपनों का भारत 2047 तक तैयार जो जाए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छत्रपती शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350वीं शताब्दी मनाने जा रहा है। छत्रपती शिवाजी महाराज के विचार को उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वीर शिवाजी ने जिस ‘स्वराज’ की परिकल्पना की थी उसका उद्देश्य केवल राज्य के लिए नहीं था, स्व के लिए था, अपने देश के लिए था। श्री अमित शाह ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सभी वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने युवाओं को स्वराज की संकल्पना समझाने के लिए इतने बड़े कार्यक्रम (अधिवेशन) की परिकल्पना की है।
श्री अमित शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने बहुत बदलाव देखा है । घपले-घोटालों की जगह नई-नई नीतियां अमल में आ रही है। देश में तुष्टीकरण, परिवरवाद और जातिवाद की जगह ‘पॉलिटिक्स ऑफ परफॉरमेंस’ की स्थापना हो चुकी है। श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत 11वे नंबर की अर्थव्यवस्था से 5 वे नंबर पर पहुंच चुका है। आज देश की जनता 7.5% विकास दर की प्रत्यक्षदर्शी है, साथ ही भारत के 60 करोड़ नागरिकों को प्राथमिक सुविधाएं देने का काम केवल 10 वर्षों में ही मोदी जी के नेतृत्व में पूरा हुआ है। श्री अमित शाह ने आगे कहा कि कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्वी राज्य, 10 साल पहले उग्रवादी- हॉटस्पॉट हुआ करते थे। मगर अब धारा 370 समाप्त हो चुकी है, कश्मीर में लाल चौक पर तिरंगा लहराने के लिए कोई संघर्ष नहीं करना पड़ता, नॉर्थ ईस्ट के ज्यादातर उग्रवादी संगठन अपने हथियार डाल चुके हैं और वामपंथी उग्रवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। श्री नरेंद्र मोदी सरकार ने तीनों हॉटस्पॉट में हिंसा में 70 प्रतिशत की कमी लाने का काम किया और मोदी जी के दृढ़ नेतृत्व ने राष्ट्रीय सुरक्षा के कई मुद्दों को एक साथ हाल करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा राजनीतिक स्थिरता, भ्रष्टाचार-मुक्त शासन, जनकल्याण की नीतियां, इनवेस्टमेंट फ़्रेंडली एजेंडा, शांति-पूर्ण माहौल, पर्यावरण की चिंता और सुरक्षित भारत की कल्पना को चरितार्थ कर, जमीन पर उतारने का काम किया गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जनता ने विचारधारा के साथ काम करने वालों को शासन करने का अवसर दिया।
श्री अमित शाह ने कहा कि यदि सभी लोग आने वाले 25 वर्षों तक देश के लिए जीने का संकल्प लेकर इस अधिवेशन से निकलें, तो आने वाले समय में भारत को प्रथम बनने से कोई नहीं रोक सकता। युवा शक्ति किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी होती है और समाज को शिखर पर ले जाने का काम करती है। भारत के ढेर सारे युवाओं ने युग परिवर्तन किया है। आदिशंकर, चंद्रगुप्त मौर्य, संत ज्ञानेश्वर, महारानी लक्ष्मीबाई, बिरसा मुंडा, भगत सिंह, नीरज चोपड़ा और दुर्गेश त्रिपाठी जैसे युवाओं ने एक विषय तय किया और उस दिशा में काम करके बदलाव लाया। श्री अमित शाह ने कहा कि आज के युवाओं को नई राह बनाने की जरूरत भी नहीं है, क्योंकि विद्यार्थी परिषद की पीढ़ियों ने पिछले 75 वर्षों में ज्ञानशील एकता का मार्ग प्रशस्त किया हुआ है, बस युवाओं को संकल्प लेने की आवश्यकता है। भारत का समय आ गया है और आज दुनिया हर समस्या के समाधान के लिए भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। अब युवाओं की जिम्मेदारी है कि इस परिवर्तन को सातत्यपूर्ण बनाते हुए हमारे कल्पना के भारत की रचना करें।
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने युवाओं के लिए ढेर सारे नए सेक्टर खोलने का काम किया है। डिजिटल क्रांति, स्टार्टअप क्रांति, इनोवेशन को प्राथमिकता, स्पेस सेक्टर में पॉलिसी बनाकर अनंत संभावनाओं को आगे बढ़ाया, डिफेन्स के विनिर्माण को आत्मनिर्भर किया और अन्य सेक्टरों में भी युवाओं के लिए ढेर सारी संभावनाओं के द्वार खोले हैं। भारत सरकार द्वारा स्किल और शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन करके युवाओं को विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा करने की व्यवस्था की गई है। आज भारत डिजिटल लेन-देन और एलईडी बल्ब में प्रथम है, विश्व का सबसे बड़ा स्वच्छता कार्यक्रम भारत में चल रहा है, कोरोना के सबसे अधिक टीके भारत में लगाए गए, दलहन, जूट व रेलवे इंजन के उत्पादन में भारत प्रथम स्थान पर है, मोबाईल, कॉटन, स्टील, चाय उत्पादन में भारत द्वितीय स्थान पर है और स्टार्टअप अर्थव्यवस्था और मोटर वाहन में हम तीसरे स्थान पर हैं। इस नींव पर भारत के युवाओं को आगे काम करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 6 नए केंद्रीय विश्वविद्यालय, 7 नए आईआईटी और 7 नए आईआईएम, 273 मेडिकल कॉलेज, 390 नए विश्वविद्यालय और 7 हजार कॉलेज स्थापित किए।
श्री अमित शाह ने युवाओं को जानकारी दी कि 2016- 17 में 724 नए स्टार्टअप हुआ करते थे, किन्तु आज की तारीख में देश के युवाओं ने 2 लाख से अधिक स्टार्टअप सफलता पूर्वक चलाके, दुनिया में देश का गौरव बढ़ाया है। 2014 में केवल 4 यूनिकॉर्न- स्टार्टअप हुआ करते थे, यह संख्या 4 से बढ़कर 111 पर पहुंच चुकी है। उन्होंने युवाओं के आत्मविश्वास की सराहना करते हुए कहा कि इन सभी स्टार्टअप में 45% टियर-2 व टियर-3 इलाकों(शहरों) से आए है। देश को आगे बढ़ाने में शहरों के साथ छोटे-छोटे टाउन- गांव भी बढ़ छड़कर हिस्सा ले रहे है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में उत्पादन के लिए सबसे पसंदीदा देश बन चुका है। 2013-14 में देश में सालाना केवल 3000 पेटेंट के आवेदन आते थे। किन्तु आज यह संख्या 3000 से बढ़कर 1.5 लाख तक पहुंच चुकी है। 2013-14 में केवल 211 पेटेंट को अनुदान मिला था, जबकि इस वर्ष युवाओं ने 24 हजार पेटेंट अनुदान पत्र प्राप्त किये है। आदरणीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में कई प्रकार की नीतियां भी बनी है। इसमे खेलों इंडिया, डिजिटल इंडिया, नेशन ग्रीन हाइड्रजन, नेशनल मिशन फॉर ग्रीन इंडिया, राष्ट्रीय अंतरिक्ष नीति (नेशनल स्पेस पॉलिसी) आदि शामिल है। इन सभी पॉलिसियों में देश के युवाओं के लिए अपार संभावनाएं है। उन्होंने युवाओं को समझाते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन मे अपने भविष्य के बारे में सोचना बहुत आवश्यक है, किन्तु इसके साथ हमे देश के विकास के बारे में भी सोचना चाहिए। केवल आजीविका के लिए पढ़ाई नहीं होती है, जो व्यक्ति भविष्य के साथ-साथ देश बनाता है, वही असल मायनों में शिक्षा प्राप्त किया हुआ युवा होता है।
श्री अमित शाह ने कहा कि भारत में बीते वर्षों में जो विकास हुआ है, उस पर दुनिया कई आर्टिकल लिख चुकी है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखना और आधुनिकता से विकास करना, दो परस्पर विरोधी बाते नहीं है। इन दोनों के साथ ही देश का विकास संभव है। भारत ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी संजो के रखा और दुनिया में विकास का परचम भी लहराया। उन्होंने 90 के दशक के कुछ किस्सों को युवाओं के साथ साझा करते हुए कहा कि गुजरात में उनके साथी नेता ने संकल्प लिया था कि जब तक अयोध्या में राम लला का मंदिर नहीं बन जाता तब तक वे मीठा नहीं खाएंगे। उस समय श्री अमित शाह ने उनसे हसी-ठिठोली करते हुए कहा था की “ऐसा आने वाले समय में संभव होता नजर नहीं आता।” उन्होंने आगे कहा कि वही नेता आज इतने खुश है कि आने वाले वर्ष की शुरुआत में ही राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है उआर वे कई वर्षों की तपस्या का फल पाएंगे। केवल इतना ही नहीं मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार के सफल प्रयासों औरंगजेब के समय से टूटे काशी विश्वनाथ कॉरिडर, बद्रीनाथ, केदारनाथ व सोमनाथ मंदिर आज पुनः पहले जैसा बनाया जा रहा है।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज हमारे योग को दुनिया भर ने स्वीकार किया है, पर्यावरण के लिए जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी वेद और उपनिषद की उक्तियां संयुक्त राष्ट्र में पढ़ते हैं, तब संयुक्त राष्ट्र के लोग अनुवाद कर के उसे पढ़ते हैं कि वेद और उपनिषद में क्या लिखा है। उन्होंने G-20 के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम एक नारा बनता है तब पूरा विश्व यह जनता है की यह भारत का विचार है और भारत ही इसे यह कर सकता है। G-20 ने हमारी कूटनीतिक ध्वज को समग्र विश्व में फहराने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता परस्पर विरोधी नहीं है, हमारी विरासत ही आधुनिक विकास की पूंजी है और इसके आधार पर ही आधुनिक विकास हो सकता है। श्री अमित शाह ने कहा कि भारत एक वैश्विक ताकत बनने जा रहा है, आने वाले 25 साल में करोड़ों देशवासियों के सपने को पूरा करना है। श्री अमित शाह ने बुराड़ी में कहा कि यह एक ऐतिहासिक स्थान है, जहां 10 जनवरी 1760 को मराठा सेनापति दत्ताजी शिंदे को रोहिला सेना ने मार दिया था। दत्ताजी शिंदे को गोली लगने के बाद जब वे जमीन पर गिरे थे, तो रोहिला सेना ने उनसे मज़ाक उड़ाते हुए पूछा था कि "अब भी लड़ोगे पाटिल?" इस पर दत्ताजी शिंदे ने वीरतापूर्वक जवाब दिया था, "जब तक जान है, तब तक लड़ूंगा।" यह जवाब आज भी देशभक्तों को प्रेरणा देता है। श्री अमित शाह ने आगे कहा कि विद्यार्थी परिषद ने 75 सालों में ज्ञान और एकता के मार्ग पर चलकर अनेक अच्छे नागरिक दिए हैं। श्री अमित शाह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद केवल एक संस्था नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के पुनर्निर्माण का आंदोलन है।
******************************
To Write Comment Please लॉगिन