
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
कांग्रेस के एक परिवार ने 50 लाख रुपये देकर 5,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर कब्जा कर लिया। यही कांग्रेस के गाँधी परिवार का मास्टरस्ट्रोक है और “भ्रष्टाचार का मास्टप्लान” है।
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राहुल गांधी एक ओर विदेशी धरती पर जाकर देश को बदनाम करते हैं और संवैधानिक संस्थानों का अपमान करते हैं, वहीं दूसरी ओर नेशनल हेराल्ड में हजारो करोड़ रुपये की संपत्ति का गबन भी करते हैं। राहुल गाँधी traitor हैं।
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विदेश में भारत पर इस प्रकार के हमले करने वाले राहुल गांधी को याद रखना चाहिए कि वह गुनहगार और भ्रष्ट हैं। नेशनल हेराल्ड चोरी का नहीं बल्कि वह डकैती का केस है। जिस थाली में खाते हैं, अगर उसी थाली में राहुल गांधी छेद करेंगे, तो वे traitor कहलाएंगे।
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ना बिजनेस न अखबार, फिर भी मुनाफा - यही है कांग्रेस मॉडल ऑफ करप्शन। तिस पर कांग्रेस "चोर मचाए शोर"। कांग्रेस परिवार इस घोटाले में बच नहीं सकता। जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें कानून के अनुसार दंड मिलना चाहिए।
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राहुल गांधी एक बार फिर विदेशी धरती पर वही कर रहे हैं जो वह वर्षों से करते आ रहे हैं, भारत की छवि को नुकसान पहुँचाना और देश का अपमान करना।
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राहुल गांधी को गलतफहमी है कि लोग उनकी बातों का विश्वास करेंगे, क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में राहुल गाँधी खुद 50 हजार रुपये के मुचलके पर बेल लेकर बाहर हैं।
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अमेरिका में राहुल गांधी ने देश के चुनाव आयोग को “कॉम्प्रोमाइज्ड” बता कर भारत के महान लोकतंत्र का अपमान किया हैं। अगर राहुल गांधी से हिंदुस्तान में राजनीति नहीं हो रही, तो उन्हें किसी और देश से चुनाव लड़ना चाहिए।
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को फर्जी बताने वाले राहुल गांधी बताएं कि क्या झारखंड में उन्होंने चुनाव आयोग के साथ समझौता किया था? राहुल गांधी बताएं कि क्या प्रियंका गांधी ने उपचुनाव जीतने के लिए चुनाव आयोग को कॉम्प्रोमाइज किया था?
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2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 और कांग्रेस को मात्र 99 सीटें मिलने पर भाजपा की हार का ढिंढोरा पीटने वाले राहुल गांधी बताएं क्या तब भी चुनाव आयोग के साथ समझौता हुआ था?
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लोक सभा चुनाव में जब महाराष्ट्र में इंडी गठबंधन को एनडीए से ज्यादा सीटें तो क्या उस समय चुनाव आयोग से समझौता हुआ था? जब राहुल गांधी ने संसद में यह जश्न मनाया कि अयोध्या सीट पर भाजपा हार गई तो क्या इसके पीछे किसी प्रकार का समझौता था?
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ईडी की कार्रवाई में स्पष्ट पता चला है कि बोगस विज्ञापन, बोगस किराया और दान के जरिए मां-बेटे ने करोड़ों रुपए की "प्रोसीड्स ऑफ क्राइम" उत्पादित की है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अमेरिका में भारतीय चुनाव आयोग को “कॉम्प्रोमाइज्ड” बताने के लिए राहुल गांधी पर जमकर आलोचन की। डॉ पात्रा ने कहा कि अमेरिका में राहुल गांधी ने देश के चुनाव आयोग को “कॉम्प्रोमाइज्ड” बता कर भारत के महान लोकतंत्र का अपमान किया हैं। राहुल गांधी traitor हैं, केवल इसलिए नहीं कि वह विदेशों में जाकर देश की संवैधानिक संस्थानों का अपमान करते हैं, बल्कि नेशनल हेराल्ड के माध्यम से उन्होंने देश की करोड़ों रुपए की संपत्ति का गबन किया है। राहुल गांधी बताएं कि क्या झारखंड विधानसभा चुनाव, प्रियंका गांधी के उपचुनाव और अयोध्या की सीट पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को “कॉम्प्रोमाइज” किया था?
डॉ पात्रा ने कहा कि आज सुबह से मुख्य रूप से दो खबरें सुर्खियों में हैं। पहली खबर यह है कि राहुल गांधी एक बार फिर विदेशी धरती पर वही कर रहे हैं जो वह वर्षों से करते आ रहे हैं, भारत की छवि को नुकसान पहुँचाना और देश का अपमान करना। इस बार उन्होंने अमेरिका में भारत को बदनाम किया है। यह कोई नई बात नहीं है, न ही पहली बार है। दूसरी बड़ी खबर यह है कि कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता आज से देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं जिनका उद्देश्य केवल सोनिया-राहुल को बचाना है। ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों को अपनी चार्जशीट में नामित किया है। कोर्ट में अगली सुनवाई 25 तारीख को है, दोनों के जेल जाने की संभावनाएं भी हैं और जाना भी चाहिए। जब देश को लूटा गया है, तो कानून के अनुसार जेल की सजा भी भुगतनी चाहिए। ऐसे में कांग्रेस पार्टी पूरे देश में एक प्रकार का अशांत वातावरण बनाने का प्रयास कर रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि राहल गांधी एक बार फिर अमेरिका जाकर भारत के निर्वाचन आयोग को बदनाम करने की कोशिश की है। राहुल गांधी को गलतफहमी है कि लोग उनकी बातों का विश्वास करेंगे, क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में राहुल गाँधी खुद और उनकी माताश्री 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत लेकर बाहर हैं। वर्ष 2018 में मां-बेटे को नेशनल हेराल्ड केस में 50-50 हजार रुपये की निजी मुचलके पर जमानत दी गई थी, तब मां-बेटे जश्न मनाते हुए पार्टी कार्यालय पहुंचे थे, जो सिर्फ "भ्रष्टाचार का जश्न" था। एकबार फिर कांग्रेस पार्टी वैसी ही खुशी मनाने की कोशिश कर रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी जी ने "यंग इंडिया" नाम की एक कंपनी बनाई। इस कंपनी में दोनों के पास 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अब इस यंग इंडिया नाम की एक कागजी कंपनी ने मात्र 50 लाख रुपये में नेशनल हेराल्ड की होल्डिंग कंपनी ‘एजेएल’ से 90 करोड़ रुपये का कर्ज अपने नाम ट्रांसफर करा लिया। मतलब 50 लाख रुपये देकर 5,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर कब्जा कर लिया। यही कांग्रेस के मास्टरस्ट्रोक है और “भ्रष्टाचार का मास्टप्लान” है। इस पूरे मामले में यंग इंडिया ने फर्जीवाड़े से लिया गया लोन दिखाया अर्थात नकली कंपनी, नकली लोन और असली कब्जा। कांग्रेस के चहेतों ने बहादुर शाह जफर मार्ग की हेराल्ड बिल्डिंग, लखनऊ की प्राइम लोकेशन की जमीन, भोपाल स्थित संपत्ति और हिमाचल की संपत्ति सहित करोड़ों की संपत्ति अपने नाम कर ली। कल ही राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल प्रदेश की संपत्ति पर किए गए कब्जे के बारे में अच्छे से बताया था।
डॉ पात्रा ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता कह रहे हैं, ना कोई संपत्ति बेची गई, ना कोई संपत्ति हिली, तो फिर गड़बड़ी कहां है? गड़बड़ी वहीं हुई है जो कांग्रेस जानबूझकर छुपा रही है। ईडी की चार्जशीट स्पष्ट कहती है कि इन संपत्तियों का उपयोग कर ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ जनरेट किया गया यानी अपराध की आमदनी। और, कांग्रेस कहती है कि कुछ हुआ ही नहीं? नेशनल हेराल्ड अख़बार तो 2008 में ही बंद हो गया था, तो फिर उसके नाम पर कमाई कैसे हो रही थी? कैसे करोड़ों की बिल्डिंग्स से रेवेन्यू जेनेरेट हो रहा था? ना बिजनेस न अखबार फिर भी मुनाफा यही है कांग्रेस मॉडल ऑफ करप्शन। जब इस पूरे मामले की परतें खुल रही है, तब कांग्रेस देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही है। यह तो, "चोर मचाए शोर" की तरह है, क्योंकि उन्हें अदालत से सजा मिलने वाली है। मां-बेटे को जेल भी जाना पड़ सकता है और जाना भी चाहिए, क्योंकि जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें कानून के अनुसार दंड मिलना चाहिए।
भाजपा सांसद डॉ पात्रा ने कहा कि बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड बिल्डिंग में पहले अखबार छपते थे, लेकिन अखबार बंद होने के बाद कांग्रेस ने बोगस विज्ञापन की एवज में 38 करोड़ रुपए ले लिए। जब विज्ञापन देने वालों की सूची देखी गई तो पता चला कि कांग्रेस के किसी छुटभैये नेता ने अपने बेटे के जन्मदिन की बधाई के लिए विज्ञापन दिया है तो किसी ने सोनिया गांधी को जन्मदिन की बधाई देने के लिए विज्ञापन दिए हैं। प्रश्न यह है कि जब पेपर ही छप नहीं रहा है तो विज्ञापन कहां छप रहे हैं? ठीक उसी प्रकार नेशनल हेराल्ड के नाम पर 18 करोड़ रुपए का बोगस डोनेशन उत्पन्न किया गया। मगर दानकर्ताओं की कोई सूची ही मौजूद नहीं है। इसके आलावा नेशनल हेराल्ड की बिंल्डिंग पर बोगस एडवांस रेंट लिया गया। कई कंपनियों ने कमर्शियल गतिविधयां शुरू करने के नाम पर किराया दिया, लेकिन वहां कोई गतिविधि शुरू नहीं हुई। जांच में पता चला है कि इन तरीकों से कांग्रेस ने 988 करोड़ रुपए की "प्रोसीड्स ऑफ क्राइम" उत्पादित की है, तो माँ-बेटे को लगता है कि वो बच जाएंगे, तो वो गलत सोच रहे हैं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इसी हताशा वश राहुल गांधी विदेश की भूमि पर जाकर भारत और भारत के महान लोकतंत्र को अपमानित और बदनाम कर रहे हैं। बोस्टन के ब्राउन यूनिवर्सिटी में उनका कोई लेक्चर होना है। विडंबना यह है कि जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत में हैं, उस समय राहुल गांधी अमेरिका की भूमि पर जाकर भारत का अपमान कर रहे हैं और भारत के लोकतंत्र के खिलाफ बोल रहे हैं। यह कांग्रेस की पुरानी आदत है। जब कॉमनवेल्थ गेम्स हो रहे थे, उस समय भी अमेरिका में जाकर राहुल गांधी और उनके तमाम नेता भारत के खिलाफ बोल रहे थे। राहुल गांधी अमेरिका जाकर चुनाव आयोग को “कॉम्प्रोमाइज्ड” बता देते हैं। वह कहते हैं कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार का मतदान हुआ, वह एक तरह से फर्जीवाड़ा था। वह कहते हैं कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन को जीतना नहीं था और कहीं न कहीं चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ समझौता किया। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने राहुला गांधी से सवाल पूछे और उनके जवाब कि उम्मीद की-
· झारखंड में भी तो उसी समय चुनाव हुआ था, क्या राहुल गांधी और हेमंत सोरेन ने वहां चुनाव आयोग के साथ समझौता किया था?
· प्रियंका वाड्रा भी उसी चुनाव कालखंड में हुए उपचुनावों में जीतकर सदन में आयी थीं, जो पैलेस्टीन का बैग लटकाई हुई थी। क्या प्रियंका वाड्रा ने रॉबर्ट वाड्रा की मध्यस्थता से चुनाव आयोग के साथ कोई समझौता किया था? क्या तभी उनकी जीत हुई या वह अपनी मेहनत पर जीत कर आईं?
· जब 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 240 सीटें मिलीं और कांग्रेस को मात्र 99 सीटें मिलीं, तब कांग्रेस ने पूरे देश में और संसद में ढिंढोरा पीटा कि यह भाजपा की हार है और कांग्रेस की जीत है। तो क्या उस समय चुनाव आयोग “कॉम्प्रोमाइज्ड” नहीं था?
· महाराष्ट्र की लोकसभा सीटों में भाजपा 9 सीटें मिलीं और कांग्रेस को गठबंधन को अधिक सीटें मिलीं, तो क्या उस समय चुनाव आयोग से समझौता हुआ था?
· जब राहुल गांधी ने संसद में यह जश्न मनाया कि अयोध्या सीट पर भाजपा हार गई, तो क्या इसके पीछे किसी प्रकार का समझौता था?
डॉ पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी की इस दोगली राजनीति को देश की जनता अब समझ चुकी है, जब हारते हैं तो चुनाव आयोग को दोष देते हैं और जब चुनाव जीतते हैं तो जश्न मनाते हैं। यह दोहरा रवैया अब नहीं चलेगा। चुनाव आयोग के कारण ही भारत में आज “फ्री एंड फेयर” चुनाव संभव हो पाते हैं और भारत में एक सजीव लोकतंत्र है। विदेश की भूमि में जाकर भारत पर इस प्रकार के हमले करने वाले राहुल गांधी को याद रखना चाहिए कि वह 50 हजार रुपये की बेल पर बाहर हैं। वह गुनहगार और भ्रष्ट हैं। नेशनल हेराल्ड का केस चोरी का केस नहीं है बल्कि वह डकैती का केस है। 5 हजार करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी का मात्र पचास लाख रुपए देकर और 440 करोड़ रुपए का इनकम टैक्स गबन करना, एक तरह की डकैती होती है। मां-बेटे ने डकैती की है और डकैती करने के बाद उनकी इतनी हिम्मत है कि विदेश की भूमि पर जाकर हिंदुस्तान के लोकतंत्र के ऊपर उंगली उठाते हैं?
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अगर राहुल गांधी से हिंदुस्तान में राजनीति नहीं हो रही है, तो उन्हें किसी और देश में चुनाव लड़ना चाहिए। लेकिन, जिस थाली में खाते हैं, अगर उसी थाली में राहुल गांधी छेद करेंगे, तो वे traitor कहलाएंगे। राहुल गांधी traitor हैं, केवल इसलिए नहीं कि वह विदेश की भूमि पर जाकर देश की संस्थाओं का अपमान करते हैं और देश के लोकतंत्र को हीन बताते हैं, बल्कि इसलिए भी traitor हैं क्योंकि देश की संपत्ति के करोड़ों करोड़ रुपए उन्होंने नेशनल हेराल्ड के माध्यम से गबन किए हैं। यह गबन केवल और केवल अपने सहूलियत, अपने आराम और अपने परिवार की सत्ता की भूख के लिए किया गया है। याद रखिए राहुल गांधी और उनकी माताश्री, अब बचने वाली नहीं हैं।
डॉ पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी ईडी के गुस्से को चुनाव आयोग पर निकाल रहे हैं, जिससे कुछ नहीं होने वाला है। ईडी इनको छोड़ेगी नहीं, क्योंकि एजेंसियां तथ्य के आधार पर काम करती हैं। नेशनल हेराल्ड का केस एक ओपन एंड शट केस है, जिसमें माँ-बेटे ने लूट मचाई है जिसमें ये दोनों पकड़े जाएंगे और दोनों जेल जाएंगे।
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