
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
महाविकास अघाड़ी की अग्रिम पंक्ति के नेताओं, सुप्रिया सुले और नाना पटोले द्वारा बिटकॉइन घोटाले के माध्यम से लगभग 235 करोड़ रुपए को चुनाव में खर्च करने का मामला सामने आया है।
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सामने आये ऑडियो क्लिप्स से स्पष्ट है कि बिटकॉइन के पैसों का प्रयोग सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने 2019 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों में भी किया। क्या राहुल गांधी ने नाना पटोले को इसके लिए निर्देश दिया था? इसके पीछे की हकीकत क्या है?
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आप (राहुल गांधी) ने एक बार नकली 'तिजोरी' और नकली तस्वीर पेश की थी, लेकिन अब असली क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और वास्तविक बिटकॉइन सामने आ गए हैं। क्या राहुल गांधी फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे?
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लूट-खसोट और करप्शन के खेल में अगर इस देश में सबसे बिगेस्ट प्लेयर कोई है, तो वो सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं।
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ऐसी ख़बरें हैं कि बिटकॉइन घोटाले में एक पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र पाटिल से बातचीत में इस मामले में गवाह गौरव मेहता ने कई ऑडियो क्लिप्स और चैट्स भेजे जिससे जाहिर होता है कि सुप्रिया सुले जी और नाना पटोले की भी बिटकॉइन घोटाले में बड़ी भूमिका है।
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सुप्रिया सुले के चार ऐसे ऑडियो हैं, जिसमें वो अमिताभ गुप्ता और गौरव मेहता से बिटकॉइन को एनकैश करवाने और उसे चुनाव में खर्च करने की बात कर रही हैं। वे यह भी कह रही हैं कि ‘अगर कोई जांच भी होगी तो आपका नाम नहीं आएगा, हमारी सरकार बनेगी तो हम जांच देख लेंगे’।
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ऑडियो क्लिप में सुप्रिया सुले जिस प्रकार से निर्देश दे रही हैं कि ‘मेरे साथ खेल मत खेलों, मुझे पैसे तुरंत चाहिए’ और उसके बाद 235 करोड़ रुपए का ट्रांसेक्शन हुआ, इसके पीछे की हकीकत क्या है?
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सुप्रिया सुले जी ऑडियो क्लिप्स को एआई जेनरेटेड बता रही हैं जबकि उनके भाई कह रहे हैं कि ऑडियो में सुप्रिया सुले की ही आवाज है।
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नाना पटोले भी कमिश्नर अमिताभ गुप्ता को निर्देशित करते हैं कि ‘आप खेल मत खेलों, तुरंत पैसे दीजिए’। गौरव मेहता को डर है कि पैसा देने के बाद उन्हें मार दिया जाएगा, जिसके जिम्मेदार नाना पटोले, सुप्रिया सुले और राहुल गांधी होंगे।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में महाराष्ट्र में 2018 में हुए क्रिप्टो घोटाले में एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले की संलिप्तता का खुलासा किया। साथ ही, उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव और 2024 के विधानसभा चुनावों में क्रिप्टो घोटाले (जो 2018 में हुए) के रुपयों का प्रयोग करने के आरोप लगाए। भारतीय जनता पार्टी मांग कि कांग्रेस और राहुल गांधी को इस घटना पर प्रेस वार्ता के माध्यम से अपना रुख स्पष्ट कर और देश की जनता की सही जानकारी दे।
डॉ पात्रा ने कहा कि महाविकास अघाड़ी की अग्रिम पंक्ति के नेताओं, सुप्रिया सुले और नाना पटोले द्वारा लगभग 235 करोड़ रुपए के बिटकॉइन घोटाले-गबन करने और उस पैसे को चुनाव में खर्च करने का मामला सामने आया है। यह कोई 50, 100 या 150 करोड़ का विषय नहीं है, अभी तक हुए खुलासे के अनुसार यह लगभग 235 करोड़ रुपये के आस पास का विषय है। यह बेहद गंभीर मामला है जिसे सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि झारखंड समेत पूरे देश के लोगों को इस विषय को समझना चाहिए। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पैसों का घोटाले कर रहे थे और इसी तरह एनसीपी शरद पवार गुट की नेता सुप्रिया सुले ने भी रुपयों का गबन घोटाला-गबन किया है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इस घोटाले के मुख्य किरदार रवींद्र नाथ पाटिल हैं। रवींद्र पाटिल 2004 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं, जिन्होंने 2010 में आईपीएस छोड़कर केपीमजी में साइबर एक्सपर्ट के रूप में काम किया। वर्ष 2018 में महाराष्ट्र में एक बहुत बड़ा क्रिप्टो करेंसी साइबर घोटाला हुआ और रवींद्र पाटिल को साइबर एक्सपर्ट के रूप में उस घोटाले की जांच की जिम्मेदारी दी गयी। 2018 की जांच के बाद 2022 में रवींद्र पाटिल स्वयं इस मामले में गिरफ्तार हुए क्योंकि उस साइबर क्राइम में शामिल बिटकॉइन गायब हो गए थे। बिटकॉइन गायब करने के आरोप में उन्हें 14 महीने अन्डर ट्रायल जेल में रखा गया, जब वो जेल से बाहर आए तो उन्होंने इस पूरे विषय का गहनता से अध्ययन किया। 2018 के इस घोटाले में क्रिप्टो करेंसी का एक हार्डवेयर वालेट मिला था, जिसमें करोड़ों रुपये के बिटकॉइन थे। रवींद्र पाटिल का कहना है कि पुणे के पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता और डिप्टी पुलिस कमिश्नर भाग्यश्री ने मिलकर उस असली वालेट को वहां से हटाकर एक नकली वालेट वहां रख दिया। असली वालेट के करोड़ों रुपयों को अमिताभ गुप्ता और भाग्यश्री ने हथिया लिया और उस मामले में रवींद्र पाटिल का नाम जोड़ दिया, जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा।
डॉ पात्रा ने कहा कि जब रवींद्र पाटिल और उनके साथी इस केस में जेल गए तो उनके खिलाफ गवाही देने वाला व्यक्ति ‘गौरव मेहता’ भी साइबर एक्सपर्ट था जो ‘सारथी’ नाम की एक कंपनी में काम कर रहा था। 14 महीने बाद जब रवींद्र पाटिल जेल से छूट कर आते हैं, तो गौरव मेहता उन्हें बार-बार फोन करते हैं। जब रवींद्र पाटिल ने गौरव मेहता का फोन उठाया तो गौरव ने फोन पर कई गंभीर खुलासे किए। गौरव मेहता ने रवींद्र पाटिल ने बताया कि उन्हें (रवींद्र पाटिल) पुणे के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता और डिप्टी पुलिस कमिश्नर भाग्यश्री ने फंसाया था और उनके ऊपर भी एक लेयर है जिसमें जिनमें सुप्रिया सुले और नाना पटोले जैसे नेता भी शामिल हैं। रवींद्र पाटिल ने जब गौरव मेहता से सबूत मांगे तो गौरव ने बहुत सारे ऑडियो क्लिप्स उन्हें भेजे। ये यह सारे ऑडियो क्लिप्स यह स्पष्ट रूप से स्थापित करते हैं कि चोरी हुए बिटकॉइन वालेट के करोड़ों रुपयों को सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने लोकसभा चुनाव-2019 और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2024 में इस्तेमाल किए गए हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रिया सुले के चार ऐसे ऑडियो हैं, जिसमें वो अमिताभ गुप्ता और गौरव मेहता से बात कर रही हैं, और वे कह रही हैं कि ‘गौरव तुम मेरे साथ गेम मत खेलों, तुम्हारे पास बिट कॉइन हैं, उन्हें दुबई जाकर जल्दी एनकैश कराओ’। दूसरे ऑडियो में सुप्रिया कह रही हैं कि ‘कोई चिंता का विषय नहीं है, अगर कोई जांच भी होगी तो आपका नाम नहीं आएगा, हमारी सरकार बनेगी तो हम जांच देख लेंगे’। आज सुप्रिया सुले कह रही हैं कि यह एआई जेनरेटेड है, जबकि उनके भाई कह रहे हैं कि यह उन्हीं की आवाज है।
डॉ पात्रा ने कहा कि नाना पटोले भी कमिश्नर अमिताभ गुप्ता को निर्देशित करते हैं कि ‘आप खेल मत खेलों, तुरंत पैसे दीजिए’। एक ऑडियो क्लिप में भाग्यश्री भी कह रही हैं कि ‘मैं खुद आ रही हूं और मुझे किसी चीज से मतलब नहीं है, मुझे बिटकॉइन एनकैश करके दो’। गौरव मेहता ने भी खुद का ऑडियो क्लिप भेजा है जिसमें वो स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि ‘एक बार नहीं, मैं कई बार दुबई गया हूं और 50-50 करोड़ रुपये एनकैश करके आया हूं’। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन रुपयों का प्रयोग हुआ और 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी सुप्रिया सुले और नाना पटोले उसका प्रयोग कर रहे हैं। जो चैट बॉक्स के स्नैप आए हैं, उनमें तो सुप्रिया सुले और नाना पटोले के अलावा और भी कुछ बड़े खिलाड़ी हैं। लूट-खसोट और करप्शन के खेल में अगर इस देश में सबसे बिगेस्ट प्लेयर कोई है, तो वो सोनिया गांधी और राहुल गांधी हैं। कथित तौर पर 235 करोड़ रुपए का लेन-देन शामिल होने के कारण ये आरोप नहीं, बल्कि आरोप से कहीं आगे जाकर यह संकेत देता है कि यह सब राहुल गांधी के निर्देश पर किया गया है। अगर ये दावे झूठे हैं तो राहुल गांधी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी, नाना पटोले और सुप्रिया सुले सर सवाल पूछे और उनसे जवाब की उम्मीद की-
· क्या राहुल गांधी ने नाना पटोले को निर्देश नहीं दिया?
· ऑडियो क्लिप में सुप्रिया सुले जिस प्रकार से निर्देश दे रही हैं कि ‘मेरे साथ खेल मत खेलों, मुझे पैसे तुरंत चाहिए और उसके बाद 235 करोड़ रुपए के ट्रांसेक्शन हुआ, इसके पीछे की हकीकत क्या है?
· आप (राहुल गांधी) ने एक बार नकली 'तिजोरी' और नकली तस्वीर पेश की थी, लेकिन अब असली क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और वास्तविक बिटकॉइन सामने आ गए हैं। क्या राहुल गांधी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस मुद्दे पर बात करेंगे और अपना रुख स्पष्ट करेंगे?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पात्रा ने कहा कि हर कोई हैरान है कि चुनाव से दो-तीन दिन पहले गौरव मेहता इस तरह के दावे क्यों कर रहे हैं। आरएस पाटिल के साथ एक साक्षात्कार की समीक्षा करने के बाद उन्होंने बताया कि गौरव मेहता शायद डरे हुए हैं। गौरव मेहता को डर है कि बिटकॉइन वॉलेट खाली होने और पैसे निकालकर सुप्रिया सुले और नाना पटोले को देने के बाद, उनकी जान को खतरा है और उनकी हत्या कर दी जाएगी। अपनी जान बचाने के लिए गौरव मेहता ने एक अधिकारी को पूरी सच्चाई बतायी है और मीडिया में इसका खुलासा करने की मांग की है। वह चाहता है कि जनता जागरूक हो, ताकि अगर उनके साथ कुछ दुर्घटना घटती है, तो इसके पीछे के लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए। इन खुलासों को सार्वजनिक करके गौरव मेहता को उम्मीद है कि उन्हें एक तरह की सुरक्षा कवच मिल जाएगी, क्योंकि इस तरह की साजिश के बारे में पता चलने पर नाना पटोले, सुप्रिया सुले और राहुल गांधी जैसे लोग उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से बचेंगे। खुद को बचाने के प्रयास में मेहता ने कथित 235 करोड़ रुपए के बिटकॉइन लेनदेन और चुनावों में उनके इस्तेमाल के छिपे हुए विवरण को सबके आमने लाया है। मीडिया में अब प्रसारित हो रहे ऑडियो टेप गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
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