भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं लोक सभा सांसद डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
कर्नाटक में एससी-एसटी समुदाय कल्याण के लिए बने बोर्ड महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड के पैसों को निकाल कर कांग्रेस पार्टी ने लोक सभा चुनाव में खर्च किया। ED की चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है।
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एक तरफ राहुल गांधी अमेरिका जाकर कहते हैं कि वे सत्ता में आने पर आरक्षण समाप्त करेंगे और दूसरी तरफ कर्नाटक में कांग्रेस सरकार एससी-एसटी समाज के कल्याण के पैसों को कांग्रेस की राजनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयोग करती है।
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महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड के पैसों से लैम्बोर्गिनी कार खरीदी गई, फ़्लैट खरीदे गए, हवाई टिकट खरीदे गए, निजी कर्मचारियों को सैलरी दी गई।
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MUDA स्कैम में हाईकोर्ट द्वारा सिद्धारमैया के खिलाफ जांच को हरी झंडी दिखाना, इसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा जमीन वापसी की पेशकश करना और आज MUDA चेयरमेन का इस्तीफा देना इस बात की गवाही है कि MUDA में बड़ा घोटाला हुआ है।
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MUDA में आवंटित भूमि को वापस करने के सिद्धारमैया के कदम से उन्हें जवाबदेही से सिद्धारमैया दोषमुक्त नहीं हो सकते, मुख्यमंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
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वक्फ बोर्ड देश भर में जमीन हड़पने का काम करता है लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी पर ही वक्फ बोर्ड की जमीन हड़पने का आरोप लगा है।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी के पारिवारिक ट्रस्ट सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट पर भी गलत तरीके से जमीन हड़पने के आरोप हैं। अब खड़गे जी के परिवार ने भी जमीन वापसी की बात की है, मतलब साफ़ है कि इसमें भी घोटाला हुआ।
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ऐसा प्रतीत होता है कि इतने घोटाले का ट्यूशन कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने ही सिद्धारमैया जी को दिया होगा। शायद रॉबर्ट वाड्रा ने रिवीजन कराया होगा और इस घोटाले को धरातल पर लाने का कार्य राहुल गांधी ने किया होगा।
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कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के अलावा कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और कमलनाथ पर भी इसी तरह के भूमि हड़पने के आरोप हैं। देश की जमीन को कैसे और कब हड़पना है, यह बुद्धि गांधी परिवार के पास ही है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं लोक सभा सांसद डॉ संबित पात्रा ने आज बुधवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाला में ईडी की चार्जशीट में हुए ताजा खुलासे पर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गाँधी पर करारा हमला बोला।
डॉ पात्रा ने कहा कि कर्नाटक में हुए MUDA स्कैम में एक नया पहलू सामने आया है, जिसमें MUDA के चेयरमैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिनों पहले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने MUDA द्वारा उन्हें आवंटित मुआवजे की जमीन को वापस करने की पेशकश की थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा आवंटित जमीन लौटाने का फैसला और मूडा चेयरमैन का अचानक अपने पद से इस्तीफा देना, दोनों घटनाओं से स्पष्ट है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबी हुई है, जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री शामिल हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर की गई चार्जशीट में दावा किया गया है कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति और जनजातियों के कल्याण के लिए जो फंड आता है, उसका इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने राजनैतिक हितों को साधने के लिए किया गया है। यह घटिया राजनीति की पराकाष्ठा है कि कांग्रेस पार्टी ने इस फंड को डायवर्ट कर बेल्लारी लोकसभा चुनाव में 7 लाख से अधिक लोगों को 200-200 रुपए बांटने के लिए इस्तेमाल किया। ईडी की चार्जशीट से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक के एससी-एसटी समुदाय के कल्याण के लिए मिले फंड को अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए चुनावी प्रलोभन में बदल कर इस्तेमाल किया है।
डॉ पात्रा ने कहा कि MUDA के लेखा अधीक्षक पी चंद्रशेखर ने आत्महत्या कर ली थी, उन्होंने जो सुसाइड नोट छोड़ा था उसमें बहुत सी बातें चौकाने वाली थीं। उसमें लिखा था कि महर्षि वाल्मीकि निगम के बैंक खातों में लगभग 187 करोड़ रुपये का अनाधिकृत हस्तांतरण हुआ है। इस देश में यह कानून एकदम स्पष्ट है कि एससी-एसटी के कल्याण के लिए आवंटित पैसों को अन्य काम के लिए उपयोग में नहीं लिया जा सकता। एक तरफ राहुल गांधी अमेरिका जाकर कहते हैं कि वे सत्ता में आने पर आरक्षण समाप्त करेंगे और दूसरी तरफ कर्नाटक में कांग्रेस सरकार एससी-एसटी समाज के कल्याण के पैसों को कांग्रेस के नेताओं की राजनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयोग करती है। महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड के पैसों का इस्तेमाल कांग्रेस नेताओं न केवल चुनाव में किया बल्कि एक लेम्बोर्गिनी कार भी खरीदी, फ्लैट बुक किए, निजी हवाई टिकिट बुक किये, निजी कर्मचारियों को तनख्वाह दी और निगम के ही पैसों से बिजली के भुगतान भी किये। देश की जनता जानना चाहती है कि एससी-एसटी फंड के पैसों का दुरुपयोग करने वाले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपने पद पर बने रहने का क्या अधिकार है?
भाजपा सांसद ने कहा कि शुरुआत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाला मानने से ही इनकार कर दिया लेकिन बाद में विधानसभा में उन्होंने घोटाले की बात स्वीकार की। MUDA के चेयरमैन का इस्तीफा और ईडी की चार्जशीट, उसके बाद सिद्धारमैया की आवंटित जमीन वापस करने की पेशकश और सदन के पटल पर घोटाले को स्वीकार करने से स्पष्ट है कि सिद्धारमैया स्वयं इस घोटाले में शामिल हैं, और अगर सिद्धारमैया में थोड़ी भी नैतिकता बची है, तो उन्हें आज ही तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करना जरूरी है, और यह फैसला आज ही सूर्यास्त से पहले लिया जाना चाहिए। कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले में कांग्रेस के विधायक और मंत्री बी. नागेंद्र आज हिरासत में हैं। इस घोटाले में जांच एजेंसियां अब तक 16 किलोग्राम सोना और ₹2.5 करोड़ नकद बरामद कर चुकी हैं, इसके बावजूद भाजपा को सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है। यह बेशर्मी केवल कांग्रेस पार्टी ही दिखा सकती है।
डॉ पात्रा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नेशनल हेराल्ड घोटाले में 5 हजार करोड़ रुपये का गबन करने वाले कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने ही सिद्धारमैया को इस घोटाले की ट्यूशन दी होगी, रिवीजन रॉबर्ट वाड्रा ने कराया होगा और इस घोटाले को धरातल पर लाने का कार्य राहुल गांधी ने किया होगा। देश की जमीन को कैसे और कब हड़पना है, यह बुद्धि गांधी परिवार के पास ही है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों ही नेशनल हेराल्ड मामले और 5,000 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी नंबर 1 और आरोपी नंबर 2 हैं और दोनों ही जमानत पर हैं और जब ये बेल पर हैं तो सिद्धारमैया भी जरूर जेल जाएंगे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वक्फ बोर्ड देश भर में जमीन हड़पने का काम करता है और एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वक्फ बोर्ड की ही जमीन हड़पी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा आरोप कल जेपीसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर कर्नाटक माइनॉरिटी कमीशन के पूर्व चेयरपर्सन अनवर मणिप्पाडी ने लगाये। इतना ही नहीं, इनके पारिवारिक ट्रस्ट सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को नियमों में हेरफेर करके बेंगलुरु में हाईटेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में 5 एकड़ जमीन काफी कम मूल्य पर कर्नाटक सरकार द्वारा आवंटित कर दिए गए। अदालती फजीहत से बचने के लिए अब श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी के परिवार ने भी जमीन लौटाने की पेशकश की है। इससे स्पष्ट है कि इस मामले में भी घोटाला हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है कि खड़गे जी के परिवार के ट्रस्ट पर लोगों का ट्रस्ट नहीं है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दर्जनों कंपनियों को अनदेखा कर मल्लिकार्जुन खड़गे जी के पारिवारिक ट्रस्ट को हाईटेक डिफेंस एयरोस्पेस पार्क में लैंड दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष के सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट ने न केवल एयरोस्पेस पार्क के पास जमीन का अधिग्रहण किया है, बल्कि वक्फ संपत्तियों पर भी कब्जा जमाया हुआ है। कांग्रेस पार्टी एकमात्र ऐसी राजनैतिक पार्टी है जो व्यवस्थित तरीके से जमीन हड़पने कार्य करती है।
डॉ पात्रा ने कहा कि MUDA भूमि हड़पने के विवाद में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी शामिल हैं, जबकि 2015 में मौजूदा उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के ऊपर भी इसी तरह के आरोप लगे थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर अपने ट्रस्ट के माध्यम से जमीन हड़पने का आरोप है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के अलावा कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और कमलनाथ भी इसी तरह की भूमि हड़पने की गतिविधियों में आरोपी हैं। कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार और घोटालें के आरोप उनके परिवार तक फैले हुए हैं, उदाहरण के लिए नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की संलिप्तता के साथ-साथ रॉबर्ट वाड्रा के डीएलएफ भूमि सौदे भी शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल किया गया आरोप पत्र ही वो कारण था, जिसके कारण MUDA चेयरमेन को इस्तीफा देना पड़ा। विवादित भूमि को वापस करने के सिद्धारमैया के कदम से उन्हें जवाबदेही से मुक्त नहीं किया जा सकता है, उन्हें अविलंब अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे खुद इस मुद्दे को संबोधित नहीं कर सकते क्योंकि वे स्वयं भूमि हड़पने की गतिविधियों में शामिल हैं। भाजपा देश की जनता से यह अपील करती है कि भारत की जनता सिद्धारमैया पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाले।
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