भारतीय जनता पार्टी प्रेस विज्ञप्ति 27 जुलाई 2017


27-07-2017
Press Release

भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने विधायक के रूप में श्री नवीन पटनायक को अयोग्य घोषित करने की मांग की

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा के नेतृत्व में ओडिशा भाजपा पदाधिकारियों एवं विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज नई दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाक़ात की और ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक को एक विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि 2014 में श्री पटनायक ने गंजम जिले के हिंजली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते वक्त झूठा हलफनामा दायर किया था. श्री नवीन पटनायक ने उस हलफनामे में कहा था कि उन्हें आरटीजीएस (चेक) के माध्यम से 02 अप्रैल 2014 को पार्टी द्वारा आरटीजीएस नंबर 538976288 के जरिये चुनाव खर्च के लिए 13,10,625 रुपये की राशि प्राप्त हुई थी.

बीजेडी, जिसके अध्यक्ष स्वयं श्री पटनायक हैं, ने पार्टी कोषाध्यक्ष श्री लालबिहारी के माध्यम से 28 जुलाई 2014 को चुनाव खर्च का विवरण दायर किया था. निश्चित रूप से इसे पार्टी अध्यक्ष का अनुमोदन प्राप्त होगा. चुनाव खर्च के इस विवरण में यह दिखाया गया है कि पार्टी ने दो मौकों पर श्री नवीन पटनायक को चेक (चेक संख्या 441619 और 795036) के माध्यम से भुगतान किया था, आरटीजीएस से नहीं. पहला चेक 10 लाख रुपए और दूसरा चेक 6,48,320 रुपए का था. इन दोनों चेक का कुल योग 16,48,320 रुपये का बनता है न कि 13 लाख रूपये का जैसा कि श्री नवीन पटनायक ने दावा किया है. श्री नवीन पटनायक ने इन दो गणना में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है. पार्टी का कहना है कि भुगतान चेक के जरिए किया गया है, आरटीजीएस के जरिये नहीं. श्री पटनायक पार्टी द्वारा उन्हें दिए गए राशि के बारे में भी झूठ बोल रहे हैं.

इसके अतिरिक्त यह भी आश्चर्यजनक है कि जिस आरटीजीएस नंबर का उल्लेख श्री नवीन पटनायक ने किया है, ठीक वही आरटीजीएस नंबर बीजेडी के सांसद श्री रामचंद्र हंसदा का भी है जो चिट फंड घोटाले में शामिल होने के कारण जेल की सलाखों के पीछे हैं. सवाल यह है कि क्या बीजेडी 2014 में चुनाव लड़ने के लिए चिट फंड घोटाला के पैसे का इस्तेमाल कर रही थी? डॉ संबित पात्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से पीपल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट, 1951 की धारा 77 के तहत श्री नवीन पटनायक को एक विधायक के रूप में चुने जाने को अयोग्य ठहराने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मांग की कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीडीटी को आरटीजीएस के इन नंबरों की जांच करनी चाहिए.

प्रतिनिधिमंडल को सुनने और ज्ञापन को देखने के पश्चात् चुनाव आयोग ने यह विश्वास दिलाया कि वह इस मामले पर गौर करेगी.

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