Press Release : Hon'ble Home Minister & Former BJPNational President Shri Amit Shah


25-06-2020
Press Release

 

केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति

 

45 वर्ष पूर्व आज के ही दिन सत्ता के लालच में एक परिवार ने देश पर आपातकाल थोपा था। स्वतंत्र भारत के इतिहास पर यह सबसे काला धब्बा है रातों-रात पूरे देश को जेल में तब्दील कर दिया गया। प्रेस, अदालतें, अभिव्यक्ति की आजादी….सब कुछ ख़त्म कर दिया गया। गरीबों और दलितों पर जम कर अत्याचार किए गए।

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लाखों लोगों के अथक प्रयासों एवं संघर्षों के कारण देश से आपातकाल का अंत हुआ और एक बार पुनः देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई लेकिन कांग्रेस का रवैया नहीं बदला, कांग्रेस में अब तक लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया है।

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कांग्रेस पार्टी में हमेशा ही एक परिवार के हित, पार्टी और देश हित से भी ऊपर रखे गए। दुर्भाग्य से कांग्रेस में आज भी यही हो रहा है। आज भी कांग्रेस आपातकाल वाली सोच से बाहर नहीं पाई है, कांग्रेस में अभी तक इमरजेंसी वाली ही सोच है।

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कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कुछ मुद्दे उठाये लेकिन उन पर चिल्ला कर उनकी आवाज को जबरन दबा दिया गया। पार्टी के एक प्रवक्ता को सच बोलने के कारण उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया। दुखद सच्चाई यह है कि कांग्रेस में नेता घुटन महसूस कर रहे हैं।

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भारत के एक विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस पार्टी को खुद से कुछ सवाल पूछने की जरूरत है कि आपातकाल जैसी विचारधारा और सोच कांग्रेस पार्टी में अभी भी क्यों है? ऐसे पार्टी नेता जो उस एक वंश से नहीं आते हैं, उन्हें बोलने की इजाज़त क्यों नहीं है? और, कांग्रेस में नेता पार्टी से क्यों निराश हो रहे हैं?

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केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने गुरुवार को देश पर आपातकाल थोपे जाने की 45वीं बरसी पर कांग्रेस पार्टी जम कर हमला बोला और कहा कि देश में तो लोकतंत्र है लेकिन कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र नहीं है। ज्ञात हो कि देश में लोकतंत्र का गला घोंटते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगा दिया था। देश में आपातकाल 21 मार्च 1977 तक, यानी 21 महीनों तक लगा रहा। इस दौरान कांग्रेसी सरकार ने सभी नागरिक अधिकारों को ख़त्म कर दिया था और सरकार के इस अलोकतांत्रिक रवैये का विरोध करने वाले तमाम नेताओं को जबरन और अकारण जेल में बंद कर दिया गया था। आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास पर सबसे काला धब्बा माना जाता है।

 

श्री शाह ने एक-के-बाद-एक करके कई सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कांग्रेस पार्टी पर करारा प्रहार किया और कहा कि कांग्रेस अभी तक आपातकाल वाली मानसिकता को ही जी रही है। उन्होंने कहा कि 45 वर्ष पूर्व आज के ही दिन सत्ता के लालच में एक परिवार ने देश पर आपातकाल थोपा था। रातों-रात पूरे देश को जेल में तब्दील कर दिया गया। प्रेस, अदालतें, अभिव्यक्ति की आजादी….सब कुछ ख़त्म कर दिया गया। गरीबों और दलितों पर अत्यधिक अत्याचार किए गए। उन्होंने आगे कहा कि लाखों लोगों के अथक प्रयासों एवं संघर्षों के कारण देश से आपातकाल का अंत हुआ और एक बार पुनः देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई लेकिन कांग्रेस का रवैया नहीं बदला, कांग्रेस में अब तक लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया है। कांग्रेस पार्टी में हमेशा ही एक परिवार के हित, पार्टी और देश हित से भी ऊपर रखे गए। दुर्भाग्य से कांग्रेस में आज भी यही हो रहा है। आज भी कांग्रेस आपातकाल वाली सोच से बाहर नहीं पाई है, कांग्रेस में अभी तक इमरजेंसी वाली ही सोच है।  

 

कांग्रेस की हालिया कार्यसमिति की बैठक और एक प्रवक्ता को अलोकतांत्रिक तरीके से पार्टी से बाहर दिखाए जाने के मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी की हाल ही में आयोजित बैठक में कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे उठाये लेकिन उन पर चिल्ला कर उनकी आवाज को जबरन दबा दिया गया। पार्टी के एक प्रवक्ता को सच बोलने के कारण उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया। दुखद सच्चाई यह है कि कांग्रेस में नेता घुटन महसूस कर रहे हैं।

 

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे ट्वीट करते हुए कहा कि भारत के विपक्षी दलों में से एक के रूप में कांग्रेस पार्टी को खुद से कुछ सवाल पूछने की जरूरत है:

 

  • पहला - आपातकाल जैसी विचारधारा और सोच कांग्रेस पार्टी में अभी भी क्यों है?
  • दूसरा - ऐसे पार्टी नेता जो उस एक वंश से नहीं आते हैं, उन्हें बोलने की इजाज़त क्यों नहीं है? और,
  • तीसरा - कांग्रेस में नेता पार्टी से क्यों निराश हो रहे हैं?

 

अन्यथा लोगों के साथ उनका संबंध और कम होता जाएगा। वैसे भी, कांग्रेस पार्टी की जनता से दूरी लगातार बढ़ती ही जा रही है।

 

 

Tweets:

 

Tweet 1: On this day, 45 years ago one family’s greed for power led to the imposition of the Emergency. Overnight the nation was turned into a prison. The press, courts, free speech...all were trampled over. Atrocities were committed on the poor and downtrodden.

 

https://twitter.com/AmitShah/status/1276000705694666752

 

Tweet 2: Due to efforts of lakhs of people, the Emergency was lifted. Democracy was restored in India but it remained absent in the Congress. The interests of one family prevailed over party interests and national interests. This sorry state of affairs thrives in today’s Congress too!

 

https://twitter.com/AmitShah/status/1276000726947258369

 

Tweet 3: During the recent CWC meet, senior members and younger members raised a few issues. But, they were shouted down. A party spokesperson was unceremoniously sacked. The sad truth is- leaders are feeling suffocated in Congress.

 

https://twitter.com/AmitShah/status/1276000746303971328 

 

Tweet 4: As one of India’s opposition parties, Congress needs to ask itself:

 

  • Why does the Emergency mindset remain?
  • Why are leaders who don’t belong to 1 dynasty unable to speak up?
  • Why are leaders getting frustrated in Congress?

 

Else, their disconnect with people will keep widening.

 

https://twitter.com/AmitShah/status/1276000766042374145

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

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