भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य
2019 के लोक सभा चुनाव में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की भव्य विजय पर कांग्रेस नेता एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का बयान निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है
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क्या देश के दुश्मनों को ख़त्म करना, आतंक की पनाहगाह पाकिस्तान के अंदर घुस कर आतंकियों को ख़त्म करना, आतंकियों पर सर्जिकल करना, बालाकोट पर एयर स्ट्राइक करना और देशद्रोहियों पर नकेल कसना फासीवादी राष्ट्रवाद है? और यदि भाजपा राष्ट्रवाद के मार्ग पर आगे बढ़ी तो राष्ट्र के साथ खड़े होने से कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी को किसने रोका था?
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भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से पूछना चाहती है कि उनकी नजरों में राष्ट्रवाद की क्या परिभाषा है?
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कांग्रेस पार्टी की ये निर्लज्जता है कि करारी हार में भी वह अपनी नीतियों, नेताओं और नेतृत्व के बजाय देश की महान जनता पर कांग्रेस की हार का ठीकड़ा फोड़ती है, उनका अपमान करती है
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गहलोत जी, सरकारी मशीनरी और धन-बल से लोकतंत्र में चुनाव नहीं जीते जाते, जनता के दिलों पर राज करने से चुनाव जीते जाते हैं. लोकतंत्र में जो जनता का दिल जीतता है, वही चुनाव जीतता है और हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जनता के दिलों को जीता है
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विडंबना यह है कि कांग्रेस पार्टी कभी भी अपनी हार से सबक नहीं सीखती. कांग्रेस के बड़े नेता या कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री राहुल गाँधी के सम्मान में इस्तीफा नहीं दे रहे तो इसमें भाजपा की गलती है क्या? इसके लिए कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए
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कांग्रेस को राष्ट्रवाद से नफरत है लेकिन देश को टुकड़े-टुकड़े करने का ख़्वाब पाले बैठे देशद्रोहियों का समर्थन करना उन्हें रास आता है. देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस जब भी खड़ी नजर आती है, टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ नजर आती है, देश के साथ नहीं.
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भारतीय जनता पार्टी सदैव राष्ट्रवाद का समर्थन करती थी, करती है और करती रहेगी क्योंकि हमें अपने देश से बहुत प्यार है
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गहलोत जी का यह भी कहना है कि 2019 की चुनावी पराजय राहुल गाँधी की हार नहीं है. यह आत्ममुग्धता नहीं तो और क्या है कि कांग्रेस को लगातार दूसरे लोक सभा में इतनी सीटें भी नहीं मिली कि उसे सदन में नेता विपक्ष का दर्जा मिल सके.
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में मीडिया बंधुओं को संबोधित किया और राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता श्री अशोक गहलोत की हास्यास्पद टिप्पणी पर करारा प्रहार किया. ज्ञात हो कि राहुल गाँधी को इस्तीफा न देने के लिए मनाने पहुंचे श्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर भाजपा पर मिथ्या और अनर्गल आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कट्टर राष्ट्रवाद के पीछे अपनी असफलताओं को छिपाते हुए धन-बल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से चुनाव जीता है. यहाँ तक कि श्री गहलोत ने कांग्रेस की करारी हार को मानने से इनकार करते हुए कहा कि 2019 का चुनाव कांग्रेस की कार्यक्रम, नीति और विचारधारा की हार नहीं है.
डॉ पात्रा ने कांग्रेस और श्री अशोक गहलोत पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि क्या देश के दुश्मनों को ख़त्म करना, आतंक की पनाहगाह पाकिस्तान के अंदर घुस कर आतंकियों को ख़त्म करना, आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करना, बालाकोट पर एयर स्ट्राइक करना और देशद्रोहियों पर नकेल कसना कट्टर राष्ट्रवाद है? और यदि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद के मार्ग पर आगे बढ़ी तो राष्ट्र के साथ खड़े होने से कांग्रेस पार्टी को किसने रोका था? उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राष्ट्रवाद से नफरत है लेकिन देश को टुकड़े-टुकड़े करने का ख़्वाब पाले बैठे देशद्रोहियों का समर्थन करना उन्हें रास आता है. हमने तो कभी कांग्रेस से नहीं कहा कि आप राष्ट्रवाद का विरोध करो. देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस जब भी खड़ी नजर आती है, टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ नजर आती है, देश के साथ नहीं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी सदैव राष्ट्रवाद का समर्थन करती थी, करती है और करती रहेगी क्योंकि हमें अपने देश से बहुत प्यार है. भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से पूछना चाहती है कि उनकी नजरों में राष्ट्रवाद की क्या परिभाषा है?
डॉ पात्रा ने कांग्रेस नेता पर हमले को और तीव्र करते हुए कहा कि गहलोत जी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी सरकारी मशीनरी और धन-बल के दुरुपयोग से चुनाव जीती. गहलोत जी, सरकारी मशीनरी और धन-बल से लोकतंत्र में चुनाव नहीं जीते जाते, जनता के दिलों पर राज करने से चुनाव जीते जाते हैं. लोकतंत्र में जो जनता का दिल जीतता है, वही चुनाव जीतता है और हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनता के दिलों को जीता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार और विकास को पहुंचाया और पहली बार देश की जनता को महसूस हुआ कि एक लोक-कल्याणकारी सरकार कैसे काम करती है.
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि विडंबना यह है कि कांग्रेस पार्टी कभी भी अपनी हार से सबक नहीं सीखती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में इस्तीफों का सिलसिला कुछ दिनों से चल रहा है, कुछ मोर्चों के अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं ने राहुल गाँधी के सम्मान में इस्तीफा दे दिया. उससे पहले हमने यह भी देखा कि राहुल गाँधी नाराज हो गए थे क्योंकि उनकी पार्टी में कोई इस्तीफा नहीं दे रहा है. कांग्रेस के बड़े नेता या कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री राहुल गाँधी के सम्मान में इस्तीफा नहीं दे रहे तो इसमें भाजपा की गलती है क्या? ऐसे में यह हास्यास्पद है कि कांग्रेस अपनी हार का ठीकड़ा भारतीय जनता पार्टी पर फोड़े. इसके लिए कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए.
डॉ पात्रा ने कहा कि गहलोत जी का यह भी कहना है कि 2019 की चुनावी पराजय राहुल गाँधी की हार नहीं है. यह आत्ममुग्धता नहीं तो और क्या है कि कांग्रेस को लगातार दूसरे लोक सभा में इतनी सीटें भी नहीं मिली कि उसे सदन में नेता विपक्ष का दर्जा मिल सके. इससे पहले राज्य सभा में कांग्रेस के नेता श्री गुलाम नबी आजाद ने भी कहा था कि मोदी तो जीत गए लेकिन भारत हार गया. इस पर हमारे प्रधानमंत्री जी ने सवाल उठाते हुए सदन में ही कहा था कि क्या वायनाड, रायबरेली और अमेठी में भी भारत हार गया? कांग्रेस पार्टी की ये निर्लज्जता है कि करारी हार में भी वह अपनी नीतियों, नेताओं और नेतृत्व के बजाय देश की महान जनता पर कांग्रेस की हार का ठीकड़ा फोड़ती है, उनका अपमान करती है.
(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव
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