Salient points of Hon'ble Prime Minister, Shri Narendra Modi on the occasion of inauguration programs of the various projects at Arunachal Pradesh, Assam and Tripura in the North-East on 09 Feb 2019


09-02-2019
Press Release

 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर पूर्व के अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा में विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला, उद्घाटन व लोकार्पण कार्यक्रमों के दौरान दिए उद्बोधन के मुख्य अंश

 

55 वर्ष की एक पार्टी की सरकार और 55 माह की राजग की सरकार के कार्यों की जनता उत्तर पूर्व में हुए विकास कार्यों की तुलना करे तो अरुणाचल व पूर्वोत्तर के लिए क्या काम हुए इसकी तस्वीर साफ हो जायेगी ।

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बीते 55 महीनों में अरूणाचल और उत्तर पूर्व के विकास के लिए न तो कभी फंड की कमी आने दी गई और न ही इच्छा शक्ति की कमी आई है। बीते वर्षों में राज्यों को 44 हजार करोड़ रुपयों का फंड दिया गया, जो पिछली सरकार की तुलना में लगभग  है डबल। इसके अलावा केंद्र सरकार यहां हजारों करोड़ के अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है।

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न्यू इंडिया का सपना तभी सफल होगा जब उत्तर पूर्व के राज्यों का विकास होगा। उत्तर पूर्व के विकास के लिए फंड और इच्छा शक्ति की कभी हमने कमी नहीं होने दी। आजादी के बाद पहली बार एक राज्य में दो हवाई अड्डों का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ। अरुणाचल में आजादी के बाद यात्री विमानों के उतरने की व्यवस्था नहीं थी।

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उत्तर पूर्व में 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से नेशनल हाइवे तैयार किए जा रहे हैं। पूर्वोत्तर की सभी राजधानियों को रेल कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है। अरुणाचल में रेलवे को विस्तार देने के लिए 07 स्थानों पर सर्वे का काम चल रहा है। तवांग को भी रेलवे से जोड़ने की योजना पर काम शुरू किया गया है।

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अरुणाचल प्रदेश को हर घर बिजली वाला राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री प्रेमा खांडू और उनकी टीम को बधाई। अरुणाचल में हाइवे, रेलवे, एयरवे के साथ ही बिजली कनेक्टिविटी से आम लोगों का जीवन आसान होने के साथ ही पर्यटन को भी बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।

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सरकार विकास की पंचधारा यानी बच्चों  की पढ़ाई, युवा का कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। विशेष तौर पर खेल सेक्टर में देश के हर व्यक्ति तक सस्ती और उत्तम स्वस्थ्य सेवाओं को  पहुंचाने के लिए देश में ऐतिहासिक काम हो रहा है।

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पूर्वोत्तर को विकास का आंचल बनाने में प्रधान सेवक जुटा हुआ है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से देश के किसानों को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। अरुणाचल  सरकार आर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रही है।

असम समझौते को लागू करने में 36 सालों तक तत्परता नहीं दिखाई गई, हमारी सरकार इसे लागू करेगी। लोगों के 36 साल के सपने को मोदी सरकार पूरा करेगी। इस मुद्दे पर अन्य दल राजनीति करते रहे। किसी ने इमानदारी नहीं दिखाई। जनता की भावनाओं के साथ इस तरह से खिलवाड़ करना बंद करें। असम को इन्होंने चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया। हम असम को बर्बाद नहीं होने देंगे। इनसे लड़ाई लड़ने को हम तैयार हैं।

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पूर्वोत्तर के लोगों के साथ मेरा स्वाभाविक लगाव है। जितना अधिकार पूर्वोत्तर के लोगों का मुझपर है, उतना ही मेरा दायित्व भी पूर्वोत्तर के हितों की रक्षा का है।

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भारत के संसाधनों पर कब्जा जमाने के लिए घुसने वालों और भारत से अलग हुए पड़ोसी देशों में अत्याचार से पीड़ित और मजबूर होकर भारत में आने वाले लोगों में फर्क समझना चाहिए। नागरिकता संशोधन विधेयक सिर्फ असम या पूर्वोत्तर के राज्यों से जुड़ा हुआ नहीं है। बल्कि, पूरे देश में यह लागू होगा। भारत मां की जय का उद्घोष करने वाले और अपनी आस्था को बचाए रखने के लिए मां भारती की गोद में आने वाले लोगों की रक्षा की जाएगी। 1947 से पहले ये भारत के ही हिस्सा थे। लेकिन विभाजन के बाद विभिन्न प्रकार की यातनाएं झेलकर अपनी आस्था की रक्षा के लिए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई आदि भारत में आए थे और उन्हें सुरक्षा देना हमारा राष्ट्रीय कमिटमेंट था। जिसे हमने पूरा किया है। पूर्वोत्तर के लोग भरोसा रखें कि इस विधेयक से असम या पूर्वोत्तर को कोई क्षति नहीं होने दूंगा। असमिया हितों की रक्षा के प्रति हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

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असम की छह जनजातियों को जनजाति का दर्जा देते हुए किसी भी स्थानीय जनजाति के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएग। आहोम, मटक, मोरान, चुटिया, चाय जनजाति और कोच राजवंशी को जनजाति का अधिकार दिए जाने की दिशा में हमारी सरकार पूरी इच्छा शक्ति के साथ कार्य कर रही है। हमने देश के सवर्ण जातियों के गरीब लोगों को 10 फीसद का आरक्षण देने के क्रम में एससी, एसटी, ओबीसी आदि के अधिकारों की रक्षा की है। उसी तरह हम असम में भी करके दिखाएंगे।

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असम के बलिदानियों, शहीदों, वीर पुरुषों, शंकरदेव, माधवदेव, अजान फकीर, चाउलुंग चुकाफा, जनरल वीर लाचित की मान्यताओं पर आधारित समाज के विकासकी दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं, ताकि डॉ भूपेन हजारिका के सपनों को साकार करते हुए वंचितों, पीड़ितों, शोषितों की आवाज को ब्रह्मपुत्र की घाटी से गंगा की घाटी तक बुलंद कर सकें।

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असम के महान सपूत गोपीनाथ बरदलै के योगदान की दशकों तक उपेक्षा की जाती रही और इसे लंबे समय तक वाजयेपी सरकार का इंतजार करना पड़ा। कांग्रेस से यह सवाल है कि जन्म लेते ही सम्मान देने की तैयारी करते रहने वाली इस पार्टी को असम के सपूत को सम्मान क्यों नहीं दे सके। हमें गर्व है कि असम के दोनों रत्न लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै और डॉ भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है।                

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इस क्षेत्र के सपूतों की उपेक्षा करने वाले इस पूरे क्षेत्र की उपेक्षा करते रहे। कोलकाता के पूर्व में कोई रहता है, यह दिल्ली को जानकारी नहीं थी। हमारी सरकार ने पूर्वोत्तर को पूरे देश के बराबरी में लाकर खड़ा करने के लिए एक से बढ़कर एक योजनाएं लागू की। चाहे वह डिजिटल कनेक्टिविटी हो या रोड, रेल, एयर, हर दिशा में हमने कार्य किया है। पूर्वोत्तर के लिए केंद्र के अंतरिम बजट में 21 फसीद से अधिक की वृद्धि की गई है।

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एम्स का भूमि पूजन, नुमलीगढ़ स्थित असम बॉयो-रिफायनरी, बरौनी-गुवाहाटी प्राकृतिक गैस पाइप लाइन, ब्रह्मपुत्र घाटी के कामरूप एवं कामरूप (मेट्रो) जिला के साथ ही बराक घाटी के हैलाकांदी एवं करीमगंज जिलों में शहरी गैस वितरण व्यवस्था, नॉर्थ ईस्ट गैस ग्रिड, ब्रह्मपुत्र के ऊपर छह लेन वाले गुवाहाटी-उत्तर गुवाहाटी को जोड़ने के लिए सड़क पुल,  उत्तर गुवाहाटी में माउंडेड स्टोरेज वेसेल के एलपीजी क्षमता का विस्तार, तिनसुकिया जिले में स्थित होलोंग मॉड्यूलर गैस प्रोसेसिंग संयंत्र आदि का शिलान्यास, उद्घाटन एवं लोकार्पण असम के लोगों को एक नई जिंदगी देगा।

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