Salient points of joint press conference of Hon'ble Minister of State Dr. Bharati Pravin Pawar & BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra


by Dr. Bharati Pravin Pawar -
07-04-2022
Press Release

 

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा की संयुक्त प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के दिशा निर्देश पर पार्टी ने 7 अप्रैल से 20 अप्रैल तक पूरे देश भर में  सामाजिक पखवाड़ा दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया गया है.

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चूँकि भारतीय जनता पार्टी एक जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी है, इस नाते सिर्फ निर्णय लेने से ही नहीं बल्कि वह निर्णय जमीन तक पहुँच रही है भी या नहीं, अतः इसका जायजा लेना आवश्यक है.

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अतः सामाजिक पखवाड़े के साथ साथ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा पूरे देश भर में जितने भी आकांक्षी जिले घोषित किये गए हैं, उन सभी जिलों का जायजा लेने के लिए केन्द्रीय मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों का 24 घंटे का प्रवास इन जिलों में सुनिश्चित हुआ है।

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केन्द्रीय मंत्री और पार्टी के पदाधिकारी इन आकांक्षी जिलों में रात को रुकेंगे। हर मंत्री दो-तीन जिले जायेंगे और आकांक्षी जिलों के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों से बातचीत करेंगे। इन आकांक्षी जिलों में जो भी योजनायें चल रही हैं, उनका मुआयना भी करेंगे और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे।

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सामाजिक न्याय पखवाड़ा के माध्यम से केंद्र सरकार के जन-कल्याणकारी योजनाओं को मंडल और जिला स्तर तक ले जाने का काम  भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता निरंतर 15 दिनों तक करेंगे.

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इन 15 दिनों में हर एक दिन किसी एक कार्यक्रम/योजना के लिए समर्पित रहेगा. उदाहरणार्थ,  7 अप्रैल आयुष्मान भारत योजना कार्यक्रम के लिए समर्पित रहेगा. इसके अगले दिन, 8 अप्रैल प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए समर्पित रहेगा, 9 अप्रैल का दिन, नल से जल हर घर जल कार्यक्रम के लिए समर्पित रहेगा, 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए समर्पित रहेगा.

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11 अप्रैल अनुसूचित जाति कल्याण के लिए जितनी भी योजनाएं वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा लागू की गईं हैं और ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई फूले के लिए यह दिन समर्पित रहेगा जिसके तहत विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे, ज्योतिबा फूले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि करना, होस्टलों में जाकर वहां के छात्रों और लोगों से संपर्क करने का कार्यक्रम रहेगा.

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12 साल तक के बच्चों के लिए कोरोना टीकाकरण का जो विशेष अभियान चल रहा है, उस विषय पर 12 अप्रैल को विशेष ध्यान पार्टी के कार्यकर्ताओं और मंत्रियों का रहेगा, 13 अप्रैल को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से पूरे देशभर में कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।

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14 अप्रैल को बाबा साहेब  डा भीम राव आंबेडकर  की जयंती है। भारतीय जनता पार्टी आंबेडकर जयंती पर प्रतिवर्ष बूथ स्तर तक कार्यक्रम करती है। भाजपा कार्यकर्त्ता हर बूथ पर बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि करेंगे, शोषित, वंचित लोगो के बीच जाकर उनसे बातचीत कर सेवा का काम करेंगे।

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15 अप्रैल को अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए जो काम हुए हैं, उसकी जानकारी देना, समाज में विशिष्ट काम करने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों को सम्मानित करना, आदि  कार्यक्रम भाजपा कार्यकर्त्ता करेंगे।

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16 अप्रैल को श्रमिक और असंगठित क्षेत्र में ई-श्रम कार्ड के वितरण पर चिंतन किया जाएगा और किस प्रकार इसके रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी हो, उस विषय को आगे बढ़ाया जाएगा। भाजपा कार्यकर्त्ता उन श्रमिको का रजिस्ट्रेशन कराने का काम करेंगे जिनका अभी तक रजिस्ट्रेशन  नहीं हुआ है।

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17 अप्रैल को वित्तीय समावेश गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में लालकिले के प्राचीर से कहा था कि देश के हर गरीब, हर नागरिक का वित्तीय समावेश सुनिश्चित करना है। हर व्यक्ति का एकाउंट खुलना जरूरी है। लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक एकाउन्ट में पहुंचना जरूरी है।

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आज 44 करोड़ 88 लाख जनधन बैंक खाता खुल चुके हैं। इसका अर्थ है कि कांग्रेस के शासन काल में इन लोगों का वित्तीय समावेशन था ही नहीं। इसमें 57 प्रतिशत बैंक खाता महिलाओं का खुला है। भाजपा कार्यकर्त्ता उनलोगों से मिलकर अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा योजना, आदि उन सब योजनाओं के बारे में बातचीत करेंगे और प्रचार प्रसार करेंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग उन योजनाओं से लाभान्वित हो सके।

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18 अप्रैल को स्चच्छ भारत मिशन का अभियान चलाया जाएगा, 19 अप्रैल को पोषण अभियान चलाया जाएगा। 20 अप्रैल को आजादी के अमृत महोत्सव से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम के जरिए इस पखवाड़े का समापन होगा।

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जिस प्रकार माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में आयुष्मान भारत योजना पर विस्तार से अपने विचार रखे और उसके बाद कुछ लाभार्थियों ने जिस प्रकार अपना अनुभव साझा किया, वह अपने आप में दिलचस्प है.

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एक लाभार्थी राजेश प्रजापति जो कोरोनरी हार्ट डिजीज से पीड़ित था, वह इसलिए स्वस्थ हो पाया क्योंकि उसके पास आयुष्मान कार्ड था.

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ठीक इसी प्रकार, अंडमान निकोबार में एक रिक्शा चालक की पुत्री, जो स्कूल में पढ़ती थी, अचानक बीमार पड़ी, ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ी. पिता अपनी पुत्री का ऑपरेशन करने के लिए असमर्थ थे, लेकिन पुत्री ने ऑनलाइन देखा कि उनका परिवार आयुष्मान योजना के लिए पंजीकृत था.

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जब आयुष्मान योजना के लाभ लेकर वह बच्ची बिलकुल स्वस्थ हुई तो ख़ुशी से उनके पिता ने कहा कि यह सिर्फ आयुष्मान योजना नहीं है बल्कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भी है क्योंकि मेरी बेटी पढ़ भी रही है और आयुष्मान भारत योजना से उसने स्वयं को बचाया भी.

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समाज के आर्थिक रुप से पिछड़े लोग जो बेहतर चिकित्सा सुविधा ले सकें, उनके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने जो किया किया है, उसी का नतीजा रहा कि सितम्बर 2018 को आरम्भ इस योजना के 100 दिनों के भीतर ही डब्लूएचओ के महानिदेशक डॉ. टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस ने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री एवं वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी को धन्यवाद देते हुए शुभकामनाएं दीं और इस योजना के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया था.

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देश के 50 करोड़ से अधिक लोगों तक 5 लाख रुपये तक का मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना आयुष्मान भारत योजना का मुख्य बिंदु है, जो कोई छोटी बात नहीं है.

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अब तक 3.3 करोड़ लोग आयुष्मान योजना का लाभ ले चुके हैं और इस मद में भारत सरकार ने अब तक 38,000 करोड़ व्यय किये हैं.

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लेकिन दुःख की बात है कि राजनीतिक कारणों से दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे कुछ राज्य इस योजना को लागू करने में पीछे छुट गए हैं जिससे इस योजना का लाभ वे अपनी जनता तक नहीं पहुंचा पाए हैं.

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हो सकता है इन राज्यों की अपनी भी कोई स्वास्थ्य योजनाएं हों, लेकिन इनसे यह भी गुजारिश है कि इनकी योजना और केंद्र सरकार की योजना दोनों का लाभ अगर जनता को मिले तो ये जनता के लिए ही हितकारी होगा, इस लाभ से उन्हें वंचित न करें.

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केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत योजना की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब से केंद्र में नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनी है तो इस विश्वास के साथ आगे बढ़ रही है कि आधारभूत सुविधाएँ गाँव गाँव तक पहुंचनी चाहिए और लोगों को स्थानीय स्तर पर ही उसका लाभ मिले.

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स्वास्थ्य सुविधा चाहे प्राइमरी लेवल का हो या फिर सेकेंडरी लेवल का, उसे ध्यान में रखकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार काम कर रही है.

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आज गाँवों में जो सीएचसी, पीएचसी या जिला अस्पताल हैं, वहां स्वास्थ्य योजनाओं को पहुंचाने में आयुष्मान भारत योजना बेहद सहयोगी साबित हो रही है। योजना के तहत हेल्थ और वैलनेस सेंटर बनाने का प्रावधान है। इन सेंटर्स में लोगों को स्वास्थ्य जांच की, विशेषज्ञ डॉक्टर के परामर्श की, योग व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं.

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दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल-इन तीन राज्यों को छोड़कर देश के अन्य राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश आयुष्मान योजना को लेकर अच्छा काम कर रही है. अभी तक अलग अलग राज्यों के कुल 25,800 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध हुए हैं. यह योजना पूरे देश भर में अनुप्रयुक्त है.

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आयुष्मान भारत जैसी योजना पहले कभी बनी नहीं थी। कोरोना जैसे संकट में भी लोगों ने इस योजना के तहत टेस्ट किए, उपचार किए।

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प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत आधुनिक स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है।

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प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन भी आयुष्मान भारत योजना का मुख्य घटक है जिसके तहत जो डिजिटल हेल्थ कार्ड बनेगा उसमे लाभार्थी के ईलाज से सम्बंधित पूरा विवरण उपलब्ध रहेगा.

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केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और 7 अप्रैल से 20 अप्रैल तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनाई जा रही सामाजिक न्याय पखवाड़ा दिवस पर विस्तृत जानकारी दी.

 

डॉ पात्रा ने कहा कि कल भारतीय जनता पार्टी का 42वां स्थापना दिवस था जिसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के दिशा निर्देश पर पार्टी ने 7 अप्रैल से 20 अप्रैल तक पूरे देश भर में  सामाजिक पखवाड़ा दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया गया है. चूँकि भारतीय जनता पार्टी एक जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी है, इस नाते सिर्फ निर्णय लेने से ही नहीं बल्कि वह निर्णय जमीन तक पहुँच रही है भी या नहीं, अतः इसका जायजा लेना आवश्यक है. अतः सामाजिक पखवाड़े के साथ साथ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा पूरे देश भर में जितने भी आकांक्षी जिले घोषित किये गए हैं, उन सभी जिलों का जायजा लेने के लिए केन्द्रीय मंत्रियों और पार्टी के पदाधिकारियों का 24 घंटे का प्रवास इन जिलों में सुनिश्चित हुआ है। केन्द्रीय मंत्री और पार्टी के पदाधिकारी इन आकांक्षी जिलों में रात को रुकेंगे। हर मंत्री दो-तीन जिले जायेंगे और आकांक्षी जिलों के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों से बातचीत करेंगे। इन आकांक्षी जिलों में जो भी योजनायें चल रही हैं, उनका मुआयना भी करेंगे और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि सामाजिक न्याय पखवाड़ा के माध्यम से केंद्र सरकार के जन-कल्याणकारी योजनाओं को मंडल और जिला स्तर तक ले जाने का काम  भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता निरंतर 15 दिनों तक करेंगे. इन 15 दिनों में हर एक दिन किसी एक कार्यक्रम/योजना के लिए समर्पित रहेगा. उदाहरणार्थ,  7 अप्रैल आयुष्मान भारत योजना कार्यक्रम के लिए समर्पित रहेगा. इसके अगले दिन, 8 अप्रैल प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए समर्पित रहेगा, 9 अप्रैल का दिन, नल से जल हर घर जल कार्यक्रम के लिए समर्पित रहेगा, 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए समर्पित रहेगा, 11 अप्रैल अनुसूचित जाति कल्याण के लिए जितनी भी योजनाएं वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा लागू की गईं हैं और ज्योतिबा फूले और सावित्री बाई फूले के लिए यह दिन समर्पित रहेगा जिसके तहत विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे, ज्योतिबा फूले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि करना, होस्टलों में जाकर वहां के छात्रों और लोगों से संपर्क करने का कार्यक्रम रहेगा.

 

12 साल तक के बच्चों के लिए कोरोना टीकाकरण का जो विशेष अभियान चल रहा है, उस विषय पर 12 अप्रैल को विशेष ध्यान पार्टी के कार्यकर्ताओं और मंत्रियों का रहेगा, 13 अप्रैल को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से पूरे देशभर में कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। 14 अप्रैल को बाबा साहेब  डा भीम राव आंबेडकर  की जयंती है। भारतीय जनता पार्टी आंबेडकर जयंती पर प्रतिवर्ष बूथ स्तर तक कार्यक्रम करती है। भाजपा कार्यकर्त्ता हर बूथ पर बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि करेंगे, शोषित, वंचित लोगो के बीच जाकर उनसे बातचीत कर सेवा का काम करेंगे।  

 

15 अप्रैल को अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए जो काम हुए हैं, उसकी जानकारी देना, समाज में विशिष्ट काम करने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों को सम्मानित करना, आदि  कार्यक्रम भाजपा कार्यकर्त्ता करेंगे। 16 अप्रैल को श्रमिक और असंगठित क्षेत्र में ई-श्रम कार्ड के वितरण पर चिंतन किया जाएगा और किस प्रकार इसके रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी हो, उस विषय को आगे बढ़ाया जाएगा। भाजपा कार्यकर्त्ता उन श्रमिको का रजिस्ट्रेशन  कराने का काम करेंगे जिनका अभी तक रजिस्ट्रेशन  नहीं हुआ है।

 

17 अप्रैल को वित्तीय समावेश गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में लालकिले के प्राचीर से कहा था कि देश के हर गरीब, हर नागरिक का वित्तीय समावेश सुनिश्चित करना है। हर व्यक्ति का एकाउंट खुलना जरूरी है। लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके बैंक एकाउन्ट में पहुंचना जरूरी है। आज 44 करोड़ 88 लाख जनधन बैंक खाता खुल चुके हैं। इसका अर्थ है कि कांग्रेस के शासन काल में इन लोगों का वित्तीय समावेशन था ही नहीं। इसमें 57 प्रतिशत बैंक खाता महिलाओं का खुला है। भाजपा कार्यकर्त्ता उनलोगों से मिलकर अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा योजना, आदि उन सब योजनाओं के बारे में बातचीत करेंगे और प्रचार प्रसार करेंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग उन योजनाओं से लाभान्वित हो सके।

 

18 अप्रैल को स्चच्छ भारत मिशन का अभियान चलाया जाएगा, 19 अप्रैल को पोषण अभियान चलाया जाएगा। 20 अप्रैल को आजादी के अमृत महोत्सव से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम के जरिए इस पखवाड़े का समापन होगा।

 

डॉ पात्रा ने आज के कार्यक्रम का ब्यौरा देते हुए कहा कि आज, 7 अप्रैल को आयुष्मान भारत योजना कार्यक्रम के लिए समर्पित है. जिस प्रकार माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में आयुष्मान भारत योजना पर विस्तार से अपने विचार रखे और उसके बाद कुछ लाभार्थियों ने जिस प्रकार अपना अनुभव साझा किया, वह अपने आप में दिलचस्प है. एक लाभार्थी राजेश प्रजापति जो कोरोनरी हार्ट डिजीज से पीड़ित था, वह इसलिए स्वस्थ हो पाया क्योंकि उसके पास आयुष्मान कार्ड था. ठीक इसी प्रकार, अंडमान निकोबार में एक रिक्शा चालक की पुत्री, जो स्कूल में पढ़ती थी, अचानक बीमार पड़ी, ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ी. पिता अपनी पुत्री का ऑपरेशन करने के लिए असमर्थ थे, लेकिन पुत्री ने ऑनलाइन देखा कि उनका परिवार आयुष्मान योजना के लिए पंजीकृत था. जब आयुष्मान योजना के लाभ लेकर वह बच्ची बिलकुल स्वस्थ हुई तो ख़ुशी से उनके पिता ने कहा कि यह सिर्फ आयुष्मान योजना नहीं है बल्कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भी है क्योंकि मेरी बेटी पढ़ भी रही है और आयुष्मान भारत योजना से उसने स्वयं को बचाया भी.

 

समाज के आर्थिक रुप से पिछड़े लोग जो बेहतर चिकित्सा सुविधा ले सकें, उनके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने जो किया किया है, उसी का नतीजा रहा कि सितम्बर 2018 को आरम्भ इस योजना के आरम्भ होने के 100 दिनों के भीतर ही डब्लूएचओ के महानिदेशक डॉ. टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस ने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री एवं बर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी को  को। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद देते हुए शुभकामनाएं दीं और इस योजना के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया था.

 

देश के 50 करोड़ से अधिक लोगों तक 5 लाख रूपये तक का मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना आयुष्मान भारत योजना का मुख्य बिंदु है, जो कोई छोटी बात नहीं है. अब तक 3.3 करोड़ लोग आयुष्मान योजना का लाभ ले चुके हैं और इस मद में भारत सरकार ने अब तक 38,000 करोड़ व्यय किये हैं. लेकिन दुःख की बात है कि राजनीतिक कारणों से दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे कुछ राज्य इस योजना को लागू करने में पीछे छुट गए हैं जिससे इस योजना का लाभ वे अपनी जनता तक नहीं पहुंचा पाए हैं. हो सकता है इन राज्यों की अपनी भी कोई स्वास्थ्य योजनाएं हों, लेकिन इनसे यह भी गुजारिश है कि इनकी योजना और केंद्र सरकार की योजना दोनों का लाभ अगर जनता को मिले तो ये जनता के लिए ही हितकारी होगा, इस लाभ से उन्हें वंचित न करें.  

 

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत योजना की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब से केंद्र में नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनी है तो इस विश्वास के साथ आगे बढ़ रही है कि आधारभूत सुविधाएँ गाँव गाँव तक पहुंचनी चाहिए और लोगों को स्थानीय स्तर पर ही उसका लाभ मिले. स्वास्थ्य सुविधा चाहे प्राइमरी लेवल का हो या फिर सेकेंडरी लेवल का, उसे ध्यान में रखकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार काम कर रही है. आज गाँवों में जो सीएचसी, पीएचसी या जिला अस्पताल हैं, वहां स्वास्थ्य योजनाओं को पहुंचाने में आयुष्मान भारत योजना बेहद सहयोगी साबित हो रही है। योजना के तहत हेल्थ और वैलनेस सेंटर बनाने का प्रावधान है। इन सेंटर्स में लोगों को स्वास्थ्य जांच की, विशेषज्ञ डॉक्टर के परामर्श की, योग व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. ऐसे लोग जो ईलाज कराने से वंचित रहते हैं या ईलाज नहीं कराना चाहते हैं तो एक सूचि Socio-Economic Caste Census 2011 के आधार पर बनाई गई और 10.74 करोड़ लोग अर्थात आज के सन्दर्भ में लगभग 50 करोड़ लोगों को चिन्हित कर 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष प्रति परिवार को स्वास्थ्य कवर दिया गया. दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल-इन तीन राज्यों को छोड़कर देश के अन्य राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश आयुष्मान योजना को लेकर अच्छा काम कर रही है. अभी तक अलग अलग राज्यों के कुल 25,800 अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध हुए हैं. यह योजना पूरे देश भर में अनुप्रयुक्त है. यदि महाराष्ट्र का कोई व्यक्ति दिल्ली आकर अपना ईलाज कराना चाहता है तो वह किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में अपना ईलाम आयुष्मान योजना के तहत करा सकता है, लेकिन दिल्ली का कोई व्यक्ति चाहे कि इस योजना के तहत महाराष्ट्र में ईलाज कराएँ तो वह संभव नहीं क्योंकि दिल्ली की सरकार ने इस योजना को अभी तक लागू नहीं किया है. चूँकि यह आरोग्य लाभ से जुड़ी योजना है अतः दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार से आग्रह है कि वे भी विश्व की इस सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना को अपने राज्यों में लागू करें ताकि इन प्रदेशों के लोग भी योजना का लाभ देश में कहीं भी ले सकें.      

 

आयुष्मान भारत जैसी योजना पहले कभी बनी नहीं थी। कोरोना जैसे संकट में भी लोगों ने इस योजना के तहत टेस्ट किए, उपचार किए। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत आधुनिक स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन भी आयुष्मान भारत योजना का मुख्य घटक है जिसके तहत जो डिजिटल हेल्थ कार्ड बनेगा उसमे लाभार्थी के ईलाज से सम्बंधित पूरा विवरण उपलब्ध रहेगा.

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