Salient points of joint press conference of Hon'ble Union Minister Dr. Virendra Kumar, BJP National General Secretary Shri Dushyant Kumar Gautam & BJP National Spokesperson Shri Gopal Agarwal


by Dr. Virendra Kumar -
14-04-2022
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार, राष्ट्रीय महासचिव श्री दुष्यंत गौतम एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल की संयुक्त प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

सामाजिक अधिकार केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए सिर्फ कहने-सुनने की बात नहीं, बल्कि एक कमिटमेंट है।

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जिस न्यू इंडियाकी बात माननीय प्रधानमंत्री जी करते हैं, वो बाबा साहेब के भी सपनों का भारत है।

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कांग्रेस सरकार द्वारा डॉ भीम राव आंबेडकर समेत कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को नजरंदाज करने की भरपूर कोशिश की गयी. कांग्रेस सरकार द्वारा हमेशा बाबा साहब को दलित नेता कहकर उन्हें एक दायरे में समेटने की कोशिश की गई।

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माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार बनने से पूर्व, बाबा साहब को भारत रत्न 1990 में, वह भी उनके मृत्योपरांत 39 साल बाद, तब मिला जब भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित सरकार केंद्र में बनी।

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1989 में, केंद्र में जब भारतीय जनता पार्टी समर्थित राष्ट्रीय मोर्चा सरकार बनी तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने पहल कर संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान निर्माता बाबा साहब का तैल चित्र लगवाने का काम किया।

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26 नवंबर ही के दिन 1949 में भारत की संविधान सभा ने अपने संविधान को अपनाया था, लेकिन इस महत्वपूर्ण दिवस का उल्लेख आजादी के बाद कभी भी नहीं किया गया.

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वर्ष 2014 में, केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद, 26 नवंबर 2015 को, डॉ भीम राव आंबेडकर की स्मृति में, इस दिवस को संविधान दिवस के रुप में घोषित किया गया. इसके लिए हम सभी माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं.

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अब तक जो यह समझा जाता था कि डॉ आंबेडकर महज एक दलित नेता थे, 26 नवंबर 2015 के बाद, देश की जनता ने यह महसूस किया कि भारत के नव-निर्माण में उनकी महती भूमिका रही है. देश में कई महापुरुषों की समाधियाँ व संग्रहालय थे, लेकिन बाबा साहब की न तो कोई समाधी थी, न ही संग्राहलय.

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माननीय प्रधानमंत्री जी की बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी के प्रति जो समर्पण भाव है, वह पिछले सात वर्षो में उनके कृत्य से स्पष्ट हो जाता है.

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माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने बाबा साहब के जन्म स्थान महू (मध्य प्रदेश) जाकर उनको श्रद्धांजलि दी.

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माननीय प्रधानमंत्री जी ने बाबा साहब से जुड़े पंच-तीर्थों का विकास किया. बाबा साहेब के जो पंच तीर्थ विकसित किए गए हैं, वो सामाजिक न्याय और अटूट राष्ट्र निष्ठा के लिए प्रेरणा के केंद्र हैं।

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माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा बाबा साहब की जन्मभूमि पर स्मारक निर्माण कराया गया, लंदन में उनकी शिक्षा भूमि पर डॉ आंबेडकर मेमोरियल का निर्माण कराया गया, नागपुर में दीक्षा भूमि का कायाकल्प किया गया, मुंबई में चैत्य भूमि पर समाधी स्थल का निर्माण कराया गया और दिल्ली में महापरिनिर्वाण भूमि पर नेशनल मेमोरियल का निर्माण कराया.

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माननीय प्रधानमंत्री का कहना है- ये स्थान, ये तीर्थ, सिर्फ ईंट-गारे की ईमारत भर नहीं हैं, बल्कि ये जीवंत संस्थाएं हैं, आचार-विचार के सबसे बड़े संस्थान हैं.

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माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व, आजादी के बाद पहली बार, सर्वाधिक 12 मंत्री भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति से हैं, सर्वाधिक सांसद हमारे हैं, राज्यसभा में भी सर्वाधिक सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं. देश के राष्ट्रपति और दो गवर्नर भी एससी समुदाय से हैं.

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माननीय प्रधानमंत्री जी का यह संकल्प कि दलितों को नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनाना चाहता हूँ, इसके लिए कई योजनाओं का कार्यान्वयन किया गया. स्वस्थ भारत योजना हो, कौशल विकास योजना हो, उज्ज्वला योजना हो या फिर प्रधानमंत्री आवास योजना-करीब 90 फीसदी एससी समुदाय इन विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं.

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केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने डॉ आंबेडकर की 132वीं जयंती पर सभी देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉ. बीआर आंबेडकर ने देश की एकता को बनाए रखने के लिए उस समय धारा 370 का विरोध किया था। उसको वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हटाकर उनका सपना साकार कर सही मायने में सच्ची श्रद्धांजलि देने का कार्य किया है।

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डॉ आंबेडकर ने महात्मा बुद्ध पर एक पुस्तक लिखी थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरु जी से उसकी 100 प्रतियाँ खरीदने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने स्पष्ट खरीदने से इंकार कर दिया. कांग्रेस पार्टी ने आंबेडकर जी का नाम पर वोट लेने का तो काम किया लेकिन उन्हें कभी भी सम्मान देने का काम नहीं किया.

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डॉ आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर पहली बार माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में 125 रूपये और 10 रूपये के  स्मारक सिक्के जारी किये ।

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माननीय प्रधानमंत्री जब आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो उनका उद्देश्य समाज के दलित वर्गों को एक ओर  शिक्षा के माध्यम से और दूसरी ओर प्रशिक्षित करके उन्हें आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने का है.

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आज सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय देश की करीब 60 प्रतिशत आबादी को किसी न किसी रुप से स्पर्श करती है.

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सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी समाज के निर्माण में अग्रसर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा  एससी/एसटी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में दोगुनी वृद्धि की गई.

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PM-DAKSH योजना से 2.7 लाख युवाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण, स्टैंड-अप इंडिया के तहत 5.3 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया गया।

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पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति में बदलाव करते हुए 60:40 निर्धारित किया गया अर्थात 60 प्रतिशत छात्रवृत्ति केंद्र सरकार द्वारा और 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी. डीबीटी के माध्यम से यह छात्रवृत्ति सीधे छात्रों के खाते में पहुँचती है.

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2022-23 के बजट में 3.61 प्रतिशत एससी समुदाय के लिए और 2. 36 प्रतिशत एसटी समुदाय के लिए निर्धारित किये गए हैं.

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दलितों, पीड़ितों, वंचितों और शोषितों के कल्याण के लिए समर्पित नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा एससी/एसटी लाभार्थियों को उज्ज्वला योजना के तहत 3.1 करोड़ नि:शुल्क गैस कनेक्शन, आवास योजना के तहत 1.31 करोड़ पक्के मकान, मुद्रा योजना के तहत 18.60 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया और स्वरोजगार योजना के तहत हाथ से मैला उठाने वाले लगभग 79 हजार लोगों को 27.8 हजार करोड़ रूपये मदद दी गई।

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अनुसूचित जाति बच्चों की शिक्षा के लिए पहले जो बजट 11 सौ करोड़ रूपये थी उसे 2021-22 के बजट में 6,000 करोड़ रूपये कर दिया गया.  घुमंतू जातियों के विकास के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया गया है और  इनके विकास के लिए विकास कल्याण बोर्ड के गठन की भी घोषणा की गई.

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कांग्रेस ने 60 सालों तक शासन किया लेकिन सिर्फ गरीबी हटाओं का नारा ही देते रहे, उनके जीवन में सुधार लाने की दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं किया.

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माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार अपने विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं द्वारा डॉ भीम राव आंबेडकर के सपनो को साकार करते हुए समाज के गरीब-दलित-वंचित समुदाय के उत्थान के लिए सतत प्रयासरत हैं.

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राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि एससी-एसटी-ओबीसी समुदाय की पदोन्नति में आरक्षण की मांग को आगे बढ़ाते हुए सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया गया है कि वे इससे सम्बंधित आंकड़े इकठ्ठा करें.

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार, राष्ट्रीय महासचिव श्री दुष्यंत गौतम एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल  ने आज पार्टी मुख्यालय में एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया और 7 अप्रैल से 20 अप्रैल तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनाई जा रही सामाजिक न्याय पखवाड़ा दिवस के तहत आज का दिन बाबा साहेब  डा भीम राव आंबेडकर  की जयंती को समर्पित रहा.

 

राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि आज, 14 अप्रैल को बाबा साहेब  डा भीम राव आंबेडकर  की जयंती है। भारतीय जनता पार्टी आंबेडकर जयंती पर प्रतिवर्ष बूथ स्तर तक कार्यक्रम करती आई है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पंच तीर्थ सहित अन्य कार्यक्रम बाबा साहेब के सम्मान में किए हैं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी  भी चर्चा लोगों से मिलकर किया है। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा हर बूथ पर बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि किया गया, शोषित, वंचित लोगो के बीच जाकर उनके साथ संवाद स्थापित कर सेवा कार्य किया जा रहा है।

 

कांग्रेस सरकार द्वारा डॉ भीम राव आंबेडकर समेत कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को नजरंदाज करने की भरपूर कोशिश की गयी. कांग्रेस सरकार द्वारा हमेशा बाबा साहब को दलित नेता कहकर उन्हें एक दायरे में समेटने की कोशिश की गई। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार बनने से पूर्व, बाबा साहब को भारत रत्न 1990 में, वह भी उनके मृत्योपरांत 39 साल बाद, तब मिला जब भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित सरकार केंद्र में बनी। 1989 में, केंद्र में जब भारतीय जनता पार्टी समर्थित राष्ट्रीय मोर्चा सरकार बनी तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने पहल कर संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान निर्माता बाबा साहब का तैल चित्र लगवाने का काम किया।

 

यह सभी को ज्ञात है कि 26 नवंबर ही के दिन 1949 में भारत की संविधान सभा ने अपने संविधान को अपनाया था, लेकिन इस महत्वपूर्ण दिवस का उल्लेख आजादी के बाद कभी भी नहीं किया गया.  वर्ष 2014 में, केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद, 26 नवंबर 2015 को, डॉ भीम राव आंबेडकर की स्मृति में, इस दिवस को संविधान दिवस के रुप में घोषित किया गया. इसके लिए हम सभी माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं. अब तक जो यह समझा जाता था कि डॉ आंबेडकर महज एक दलित नेता थे, 26 नवंबर 2015 के बाद, देश की जनता ने यह महसूस किया कि भारत के नव-निर्माण में उनकी महती भूमिका रही है. देश में कई महापुरुषों की समाधियाँ व संग्रहालय थे, लेकिन बाबा साहब की न तो कोई समाधी थी, न ही संग्राहलय.

 

माननीय प्रधानमंत्री जी की बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी के प्रति जो समर्पण भाव है, वह पिछले सात वर्षो में उनके कृत्य से स्पष्ट हो जाता है. माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने बाबा साहब के जन्म स्थान महू (मध्य प्रदेश) जाकर उनको श्रद्धांजलि दी. माननीय प्रधानमंत्री जी ने बाबा साहब से जुड़े पंच-तीर्थों का विकास किया. बाबा साहेब के जो पंच तीर्थ विकसित किए गए हैं, वो सामाजिक न्याय और अटूट राष्ट्र निष्ठा के लिए प्रेरणा के केंद्र हैं।माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा बाबा साहब की जन्मभूमि पर स्मारक निर्माण कराया गया, लंदन में उनकी शिक्षा भूमि पर डॉ आंबेडकर मेमोरियल का निर्माण कराया गया, नागपुर में दीक्षा भूमि का कायाकल्प किया गया, मुंबई में चैत्य भूमि पर समाधी स्थल का निर्माण कराया गया और दिल्ली में महापरिनिर्वाण भूमि पर नेशनल मेमोरियल का निर्माण कराया. माननीय प्रधानमंत्री का कहना है- ये स्थान, ये तीर्थ, सिर्फ ईंट-गारे की ईमारत भर नहीं हैं, बल्कि ये जीवंत संस्थाएं हैं, आचार-विचार के सबसे बड़े संस्थान हैं.  

 

माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व, आजादी के बाद पहली बार, सर्वाधिक 12 मंत्री भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति से हैं, सर्वाधिक सांसद हमारे हैं, राज्यसभा में भी सर्वाधिक सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं. देश के राष्ट्रपति और दो गवर्नर भी एससी समुदाय से हैं. माननीय प्रधानमंत्री जी का यह संकल्प कि दलितों को नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनाना चाहता हूँ, इसके लिए कई योजनाओं का कार्यान्वयन किया गया. स्वस्थ भारत योजना हो, कौशल विकास योजना हो, उज्ज्वला योजना हो या फिर प्रधानमंत्री आवास योजना-करीब 90 फीसदी एससी समुदाय इन विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं.

 

केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने डॉ आंबेडकर की 132वीं जयंती पर सभी देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सामाजिक अधिकार केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए सिर्फ कहने-सुनने की बात नहीं, बल्कि एक कमिटमेंट है। जिस न्यू इंडियाकी बात माननीय प्रधानमंत्री जी करते हैं, वो बाबा साहेब के भी सपनों का भारत है। संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉ. बीआर आंबेडकर ने देश की एकता को बनाए रखने के लिए उस समय धारा 370 का विरोध किया था। उसको वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हटाकर उनका सपना साकार कर सही मायने में सच्ची श्रद्धांजलि देने का कार्य किया है। डॉ आंबेडकर ने महात्मा बुद्ध पर एक पुस्तक लिखी थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरु जी से उसकी 100 प्रतियाँ खरीदने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने स्पष्ट खरीदने से इंकार कर दिया. कांग्रेस पार्टी ने आंबेडकर जी का नाम पर वोट लेने का तो काम किया लेकिन उन्हें कभी भी सम्मान देने का कम नहीं किया. डॉ आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर पहली बार माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में 125 रूपये और 10 रूपये के  स्मारक सिक्के जारी किये ।

 

माननीय प्रधानमंत्री जब आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो उनका उद्देश्य समाज के दलित वर्गों को एक ओर  शिक्षा के माध्यम से और दूसरी ओर प्रशिक्षित करके उन्हें आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने का है.  उन्होंने कहा कि आज सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय देश की करीब 60 प्रतिशत आबादी को किसी न किसी रुप से स्पर्श करती है.  सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी समाज के निर्माण में अग्रसर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा  एससी/एसटी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में दोगुनी वृद्धि की गई. साथ ही,  PM-DAKSH योजना से 2.7 लाख युवाओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण, स्टैंड-अप इंडिया के तहत 5.3 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया गया । पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति में बदलाव करते हुए 60:40 निर्धारित किया गया अर्थात 60 प्रतिशत छात्रवृत्ति केंद्र सरकार द्वारा और 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी. डीबीटी के माध्यम से यह छात्रवृत्ति सीधे छात्रों के खाते में पहुँचती है. 2022-23 के बजट में 3.61 प्रतिशत एससी समुदाय के लिए और 2. 36 प्रतिशत एसटी समुदाय के लिए निर्धारित किये गए हैं.  

 

दलितों, पीड़ितों, वंचितों और शोषितों के कल्याण के लिए समर्पित नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा एससी/एसटी लाभार्थियों को उज्ज्वला योजना के तहत 3.1 करोड़ नि:शुल्क गैस कनेक्शन, आवास योजना के तहत 1.31 करोड़ पक्के मकान, मुद्रा योजना के तहत 18.60 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया गया और स्वरोजगार योजना के तहत हाथ से मैला उठाने वाले लगभग 79 हजार लोगों को 27.8 हजार करोड़ रूपये मदद दी गई।

 

अनुसूचित जाति बच्चों की शिक्षा के लिए पहले जो बजट 11 सौ करोड़ रूपये थी उसे 2021-22 के बजट में 6,000 करोड़ रूपये कर दिया गया.  घुमंतू जातियों के विकास के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया गया है और  इनके विकास के लिए विकास कल्याण बोर्ड के गठन की भी घोषणा की गई. कांग्रेस ने 60 सालों तक शासन किया लेकिन सिर्फ गरीबी हटाओं का नारा ही देते रहे, उनके जीवन में सुधार लाने की दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं किया. माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार अपने विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं द्वारा डॉ भीम राव आंबेडकर के सपनो को साकार करते हुए समाज के गरीब-दलित-वंचित समुदाय के उत्थान के लिए सतत प्रयासरत हैं.

 

(महेंद्र कुमार)

कार्यालय सचिव

 

 

 

 

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