Salient points of joint press conference of Hon'ble Union Minister Shri Bhupender Yadav and BJP National Spokesperson Sardar R.P. Singh


by Shri Bhupender Yadav -
16-04-2022
Press Release

 

केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आर.पी. सिंह की संयुक्त प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी नेतृत्व में केंद्र सरकार सबका साथ-विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास की अवधारणा पर बल देते हुए आगे बढ़ रही है.

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माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लिए विगत 7 वर्षों में जो कदम उठाए गए हैं, केवल उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ना है बल्कि समाज के सभी वर्गों को जोड़ते हुए, उनके मन में संकल्प और विश्वास को बढ़ाने के लिए भी अनेक कार्यक्रम और योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना है।

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पूरे देश में जो 116 आकांक्षी जिले चुने गए हैं, उनमे से एक चित्रकूट जिला के एक गाँव में मैंने जन-चौपाल के माध्यम से जनता से संवाद किया तो पता चला कि चाहे सेल्फ-हेल्प ग्रुप का विषय हो, -श्रम कार्ड का विषय हो या फिर किसान सम्मान निधि की बात हो, सभी योजनायें जमीनी स्तर तक लोगों को सर्वसुलभ हो रहे हैं.

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हमारे देश के श्रमिक वर्ग में एक बहुत बड़ा वर्ग, जो 90% से ज्यादा हैं वो असंगठित क्षेत्र के कामगार हैं। एक लंबे समय से यह चर्चा का विषय रहा था कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों का एक डाटा होना चाहिए, उनकी सामाजिक सुरक्षा को लेकर आवश्यक कदम उठाया जाना चाहिए.

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माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में जो नए लेबर कोड आये हैं, उसमें भी असंगठित क्षेत्रों के डाटा का प्रावधान कानून के अंतर्गत किया गया है।

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विगत छह महीने पहले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया गया। छह महीने में ही देश में 27 करोड़ से ज्यादा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया गया है।

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सबसे महत्वपूर्ण बात है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का जो -श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया गया उसमें 400 से ज्यादा व्यवसाय उभर कर सामने आए हैं.

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-श्रम पोर्टल पर सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन कृषि क्षेत्र के असंगठित श्रमिकों का हुआ है। -श्रम पोर्टल पर लगभग 54% महिलाओं का और 46% पुरुषों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। 59.43% रजिस्ट्रेशन 18-40 वर्ष उम्र के युवाओं का हुआ है. ये सभी 10,000 रूपये से कम आय वाले हैं.

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माननीय वित्त मंत्री जी द्वारा भी इस बार के बजट में यह घोषणा की गई है कि एमएसएमई पोर्टल-कौशल विकास पोर्टल, -श्रम पोर्टल और कैरियर पोर्टल- इन सभी को इंटिग्रेटेड एप्रोच के साथ जोड़ने का काम किया जा रहा है.

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-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिकों का 2 लाख रुपये और विकलांगता के लिए 1 लाख रूपये का बीमा कवर किया गया है.

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-श्रम कार्ड को यूनिक आधार नंबर के साथ जोड़ा जा रहा है जिसका सबसे बड़ा लाभ है कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की पेंशन, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य से जुडी आर्थिक सुविधा सीधे डीबीटी के माध्यम से इनके खातों में दी जा रही है.

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माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना शुरु की गयी जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को 60 साल की आयु के पश्चात् 3000 रूपये की पेंशन धनराशि हर महीने दी जा रही है और अब तक 46.5 प्रतिशत श्रमिक इस योजना से जुड़े हैं।

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श्रम सुविधा पोर्टल का भी निर्माण किया गया. नए उद्यम आरम्भ करने वाले पहले सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते लगाते परेशान हो जाते थे. इन परेशानियों को दूर करने के लिए ऐसे उद्यमियों को श्रम सुविधा पोर्टल के माध्यम से - रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गयी है.

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माननीय वित्त मंत्री जी द्वारा भी इस बार के बजट में यह घोषणा की गई है कि एमएसएमई पोर्टल-कौशल विकास पोर्टल, -श्रम पोर्टल और कैरियर पोर्टल- इन सभी को इंटिग्रेटेड एप्रोच के साथ जोड़ने का काम किया जा रहा है.

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-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिकों का 2 लाख रुपये और विकलांगता के लिए 1 लाख रूपये का बीमा कवर किया गया है.

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-श्रम कार्ड को यूनिक आधार नंबर के साथ जोड़ा जा रहा है जिसका सबसे बड़ा लाभ है कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की पेंशन, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य से जुडी आर्थिक सुविधा सीधे डीबीटी के माध्यम से इनके खातों में दी जा रही है.

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माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना शुरु की गयी जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को 60 साल की आयु के पश्चात् 3000 रूपये की पेंशन धनराशि हर महीने दी जा रही है और अब तक 46.5 प्रतिशत श्रमिक इस योजना से जुड़े हैं।

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साथ ही, श्रम सुविधा पोर्टल का भी निर्माण किया गया. नए उद्यम आरम्भ करने वाले पहले सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते लगाते परेशान हो जाते थे. इन परेशानियों को दूर करने के लिए ऐसे उद्यमियों को श्रम सुविधा पोर्टल के माध्यम से - रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गयी है.

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देश में रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए जो टेक्नोलॉजी है, उसके तहत मजदूरों की क्षमता निर्माण बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कौशल विकास मंत्रालय बनाया गया. देश में ऑन लाइन प्रशिक्षण के माध्यम से भी कौशल विकास को आगे बढ़ाया गया.

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माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में रेहड़ी-पटरी पर रोजगार करने वालों के लिए स्वनिधि योजना लागू की गई जिसके तहत 50 लाख रेहड़ी-पटरी पर रोजगार करने वालों को 10,000 रुपये तक का कोलेटरल फ्री लोन दिया गया. अब तक 30 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को 3.2 हजार करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया है.

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को फ्लोटर आधार पर प्रति वर्ष 30,000 रूपये की स्मार्ट कार्ड आधारित स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा दिया गया.

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कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को BOCW के तहत 4.4 करोड़ पंजीकृत कामगारों को 31,000 करोड़ रुपये का फंड दिया गया.

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रोजगार के साथ अन्य विषयों को आगे बढ़ाने के लिए स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मनरेगा, हथकरघा बुनकर योजना, हस्तशिल्प कारीगर व्यापक कल्याण योजनाएं, मछुवारों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय योजना, प्रशिक्षण और विस्तार, जननी सुरक्षा योजना जैसी योजनाओं को आरम्भ किया गया.

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असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए, देश में रोजगार क्षेत्र को व्यवस्थित करने और उनका डाटा बनाने के साथ साथ उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए गरीब कल्याण के लिए समर्पित माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा, केवल अभूतपूर्व प्रयास किये गए बल्कि उनका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं.

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केंद्रीय मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और 7 अप्रैल से 20 अप्रैल तक भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनाई जा रही सामाजिक न्याय पखवाड़ा दिवस के तहत आज समर्पित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओ पर व्यापक प्रकाश डाला।

 

केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी नेतृत्व में केंद्र सरकार सबका साथ-विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास की अवधारणा पर बल देते हुए आगे बढ़ रही है. माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लिए विगत 7 वर्षों में जो कदम उठाए गए हैं, केवल उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ना है बल्कि समाज के सभी वर्गों को जोड़ते हुए, उनके मन में संकल्प और विश्वास को बढ़ाने के लिए भी अनेक कार्यक्रम और योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना है। पूरे देश में जो 116 आकांक्षी जिले चुने गए हैं, उनमे से एक चित्रकूट जिला के एक गाँव में मैंने जन-चौपाल के माध्यम से जनता से संवाद किया तो पता चला कि चाहे सेल्फ-हेल्प ग्रुप का विषय हो, -श्रम कार्ड का विषय हो या फिर किसान सम्मान निधि की बात हो, सभी योजनायें जमीनी स्तर तक लोगों को सर्वसुलभ हो रहे हैं.

 

हमारे देश के श्रमिक वर्ग में एक बहुत बड़ा वर्ग, जो 90% से ज्यादा हैं वो असंगठित क्षेत्र के कामगार हैं। एक लंबे समय से यह चर्चा का विषय रहा था कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों का एक डाटा होना चाहिए, उनकी सामाजिक सुरक्षा को लेकर आवश्यक कदम उठाया जाना चाहिए. माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में जो नए लेबर कोड आये हैं, उसमें भी असंगठित क्षेत्रों के डाटा का प्रावधान कानून के अंतर्गत किया गया है। विगत छह महीने पहले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन का काम शुरू किया गया। छह महीने में ही देश में 27 करोड़ से ज्यादा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का जो -श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया गया उसमें 400 से ज्यादा व्यवसाय उभर कर सामने आए हैं.

 

-श्रम पोर्टल पर सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन कृषि क्षेत्र के असंगठित श्रमिकों का हुआ है। -श्रम पोर्टल पर लगभग 54% महिलाओं का और 46% पुरुषों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। 59.43% रजिस्ट्रेशन 18-40 वर्ष उम्र के युवाओं का हुआ है. ये सभी 10,000 रूपये से कम आय वाले हैं.

 

माननीय वित्त मंत्री जी द्वारा भी इस बार के बजट में यह घोषणा की गई है कि एमएसएमई पोर्टल-कौशल विकास पोर्टल, -श्रम पोर्टल और कैरियर पोर्टल- इन सभी को इंटिग्रेटेड एप्रोच के साथ जोड़ने का काम किया जा रहा है. -श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिकों का 2 लाख रुपये और विकलांगता के लिए 1 लाख रूपये का बीमा कवर किया गया है. -श्रम कार्ड को यूनिक आधार नंबर के साथ जोड़ा जा रहा है जिसका सबसे बड़ा लाभ है कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की पेंशन, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य से जुडी आर्थिक सुविधा सीधे डीबीटी के माध्यम से इनके खातों में दी जा रही है. 

 

माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना शुरु की गयी जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को 60 साल की आयु के पश्चात् 3000 रूपये की पेंशन धनराशि हर महीने दी जा रही है और अब तक 46.5 प्रतिशत श्रमिक इस योजना से जुड़े हैं। साथ ही, श्रम सुविधा पोर्टल का भी निर्माण किया गया. नए उद्यम आरम्भ करने वाले पहले सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते लगाते परेशान हो जाते थे. इन परेशानियों को दूर करने के लिए ऐसे उद्यमियों को श्रम सुविधा पोर्टल के माध्यम से - रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गयी है.

 

देश में 4 नए लेबर कोड संसद द्वारा पारित किये गए जिसपर विभिन्न राज्यों द्वारा कानून बनाने का काम सुचारू रुप से चल रहा. इन लेबर कोड के माध्यम से जो सबसे बड़ा परिवर्तन आने वाला है वह है न्यूनतम मजदूरी संहिता के मामलों में पूरे देश में कोई क्षेत्रीय भेदभाव नहीं होगा. इसके तहत 50 करोड़ कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित है, मजदूरी सीमा 18,000 रूपये से बढाकर 24,000 रूपये प्रति माह करने का प्रावधान किया गया है. साथ ही, वेज कोड, सोशल सिक्यूरिटी कोड, ऑक्यूपेशनल, सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड और इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड का भी निर्माण किया गया है.

 

9 सितम्बर 2020 को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू की गई जिसके तहत अब तक 56 करोड़ से अधिक पोर्टेबल ट्रांजेक्शन हो चुके हैं और लगभग 10 लाख मीट्रिक टन अनाज भी इसके माध्यम से वितरित हो चुके हैं. असंगठित क्षेत्र में डिजिटलीकरण के बढ़ावे से अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने में तेजी आई है. किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा कृषि को भी करीब 22-27 प्रतिशत औपचारिक बनाने का प्रावधान किया गया है. बजट 2021-22 में मनरेगा की डिमांड 73,000 करोड़ रुपये से बढाकर 98,000 करोड़ रूपये किया गया है दिहाड़ी को भी 182 रुपये से बढाकर 202 रूपये किया गया है जिससे मनरेगा के तहत 13.62 करोड़ परिवार लाभान्वित हो रहे हैं. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 116 जिलों को शामिल किये गए हैं और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के लिए 2022-23 के बजट में 16,893 करोड़ रूपये से अधिक आवंटित किये गए हैं.

 

देश में रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए जो टेक्नोलॉजी है, उसके तहत मजदूरों की क्षमता निर्माण बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कौशल विकास मंत्रालय बनाया गया. देश में ऑन लाइन प्रशिक्षण के माध्यम से भी कौशल विकास को आगे बढ़ाया गया. माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में रेहड़ी-पटरी पर रोजगार करने वालों के लिए स्वनिधि योजना लागू की गई जिसके तहत 50 लाख रेहड़ी-पटरी पर रोजगार करने वालों को 10,000 रुपये तक का कोलेटरल फ्री लोन दिया गया. अब तक 30 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को 3.2 हजार करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को फ्लोटर आधार पर प्रति वर्ष 30,000 रूपये की स्मार्ट कार्ड आधारित स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा दिया गया. कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को BOCW के तहत 4.4 करोड़ पंजीकृत कामगारों को 31,000 करोड़ रुपये का फंड दिया गया. रोजगार के साथ अन्य विषयों को आगे बढ़ाने के लिए स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मनरेगा, हथकरघा बुनकर योजना, हस्तशिल्प कारीगर व्यापक कल्याण योजनाएं, मछुवारों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय योजना, प्रशिक्षण और विस्तार, जननी सुरक्षा योजना जैसी योजनाओं को आरम्भ किया गया.

 

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए, देश में रोजगार क्षेत्र को व्यवस्थित करने और उनका डाटा बनाने के साथ साथ उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए गरीब कल्याण के लिए समर्पित माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा, केवल अभूतपूर्व प्रयास किये गए बल्कि उनका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं.   

 

(महेंद्र कुमार)

कार्यालय सचिव

 

 

 

 

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