Salient Points of Joint Press Conference of Hon'ble Union Minister Smt. Minakshi Lekhi, MP Manoj Tiwari & MP Pravesh Saheb Singh Verma


by Smt. Meenakshi Lekhi -
06-01-2023
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री एवं केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, सांसद मनोज तिवारी एवं प्रवेश साहिब सिंह वर्मा की संयुक्त प्रेसवार्ता के मुख्यबिन्दु

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भारतीय जनता पार्टी की नेत्री एवं केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, सांसद मनोज तिवारी एवं प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने आज केन्द्रीय कार्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली के नगर निगम हाउस में आम आदमी पार्टी के पार्षदों द्वारा हंगामा करने और भाजपा पार्षदों से मारपीट करने के आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम हाउस में जिस तरह से आज अराजक परिस्थितियां देखी गई, ऐसा कभी नहीं हुआ होगा। बहुत ही शर्मनाक घटना घटी। यह उनलोगों ने किया जो अपने आप को सत्ता में अराजक कहकर आए हैं। अरविंद केजरीवाल खुद को अराजक कहते भी हैं।

 

दरअसल, ‘आप’ निगम पार्षदों ने एलजी द्वारा मनोनीत निगम पार्षदों को शपथ लेने से रोकने की साजिश पहले से रची थी। आज सदन की कार्यवाही को आम आदमी पार्टी के गुंडों ने काला दिन बना दिया। आप पार्षदों ने सदन में भाजपा पार्षद शरद कपूर के पैर तोड़ दिए जिनका इलाज आरएमएल में चल रहा है। भाजपा की एक अन्य पार्षद कुसुमलता सहित कई पार्षदों चोटें आई हैं। साथ ही, निगम पार्षद श्रीमती इंद्र कौर को आप के पुरूष निगम पार्षदों ने सदन में घेर लिया और धक्का मुक्की करते हुए बाल खींचें। आप पार्षदों के हाथो में कोई धारदार चीज थी जिससे उसने महिला पार्षदों को मारा और जिसकी वजह से उनके हाथों से खून बहने लगा। इनको बचाने के लिए जब निगम पार्षद श्रीमती अनिता जी वहां पहुंची तो उन्हें भी चोट लगी।

 

उन्होंने कहा कि दिल्ली के उप राज्यपाल ने एमसीडी एक्ट के तहत बनाए गए कानून एवं नियमों का पालन करते हुए 10 पार्षदों को मनोनीत किया था. उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में निगम पार्षदों के मनोनयन की प्रक्रिया कोई नई नहीं, बल्कि  यह प्रक्रिया पहले से भी चलती आई है। मनोनीत पार्षदों को जब पीठासीन अधिकारी शपथ दिला रही थीं, किन्तु गुंडागर्दी करने वाली आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने, जिन्हें नियम एवं कानून से कोई लेना-देना नहीं है, हंगामा और मारपीट पर उतर आये.

 

श्रीमती लेखी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने 26 जनवरी को धरना पर बैठकर खुद को अराजक तत्व घोषित किया था। दूसरी बार, अरविंद केजरीवाल की पार्टी के सांसदों ने राज्यसभा में कागज फाडे़ और माइक तोड़कर दूर फेंक दिया था। आज अरविंद केजरीवाल के पार्षदों ने एमसीडी के सदन में वही अराजक हालात पैदा किए और गुंडगर्दी की पराकाष्ठा दिखाई।

 

·        दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में मनोनीत करने और पीठासीन अधिकार नियुक्त करने को नियमाकुल बताते हुए श्रीमती लेखी ने कहा कि पीठासीन अधिकारी ने एमसीडीए एक्ट के तहत बनाए गए कानून एवं नियमों का पालन करते हुए शपथ की कार्यवाही  शुरु की । पीठासीन अधिकार का अधिकार होता है कि वे किसी भी पार्षद को पहले शपथ दिला सकती हैं। एमसीडी सदन के प्रोटेम अध्यक्ष के निर्णय को चुनौती देने का अधिकार सदन के किसी भी सदस्य को नहीं होता। केन्द्र सरकार द्वारा एमसीडी एक्ट बनाया गया है और केन्द्र सरकार को एमसीडी एक्ट में कानून और नियम बनाने और परिवर्तन करने का अधिकार है। एमसीडी एक्ट के तहत मनोनीत पार्षद और निर्वाचित पार्षद का अधिकार एक समान है। ‘आप’ के नेताओं द्वारा एमसीडी के नियमों को गलत तरीके से पेश कर मीडिया और जनता की आँखों में धूल झोंका जा रहा है।

 

आम आदमी पार्टी को गुंडों की पार्टी बताते हुए सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि मारपीट करने वालों से कानून का अनुपालन करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। ‘आप’ पार्षदों की काली करतूत को लेकर कानून और संविधान जरुर अपना संज्ञान लेगी, किन्तु दिल्ली की जनता को भी इस पर संज्ञान लेकर जवाब देना चाहिए क्योंकि इस घटना से दिल्ली शर्मसार हुई है। 

 

·        सवाल उठता है कि अरविन्द केजरीवाल को मेयर के चुनाव से डर क्यों लग रहा है? इससे डरकर केजरीवाल जी क्यों भाग रहे और हंगामा करा रहे हैं? दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी पहले 49 सीटों पर थी, आज 134 सीटों पर है, लेकिन उनका चरित्र नहीं बदला है। पहले जैसे ताहिर हुसैन का चरित्र दिखता था, ठीक वैसा ही आज आप निगम पार्षदों का चरित्र एमसीडी के सदन में दिखा। 

 

·        सदन की कार्यवाही से संबंधित कागजात सदन की ओर से सभी पार्षदों को दिया गया था, किन्तु आप निगम पार्षदों ने उसे मानने से इनकार किया। आप निगम पार्षदों के हाथों में शीशे के टूकड़े जैसी कुछ चीजें थीं, जिससे उन्होंने भाजपा के निगम पार्षदों पर हमला किया है। सदन लोकतंत्र का पवित्र मंदिर होता है, जहाँ आप पार्षद शराब पीकर आए थे।

 

·        आप निगम पार्षदों, विधायकों और उनके सांसदों की मंशा सदन में हंगामा करने की थी। भाजपा पिछले दो-तीन दिनों से अपने पार्षदों को वोट डालने की प्रक्रिया को लेकर प्रशिक्षण दे रही थी, जबकि ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी अपने पार्षदों को पोडियम तोड़ने, ब्लेड मारने, कुर्सी तोड़ने आदि कार्यो की प्रशिक्षण दे रही थी। गुंडों की पार्टी के रुप में आम आदमी पार्टी की छवि रही है जिसे उन्होंने आज फिर से साबित कर दिखाया।

 

सांसद प्रवेश साहेब सिंह वर्मा ने कहा कि आज एमसीडी सदन में हंगामे करते हुए आप निगम पार्षदों ने आरोप लगाया कि सबसे पहले मनोनीत निगम पार्षदों को शपथ क्यों दिलायी गयी, जबकि 5 जनवरी 2023 के नोटिफिकेशन में स्पष्ट है कि एमसीडी की धारा 77 के तहत सुश्री सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है जो पार्षदों को शपथ दिलाएंगी। पीठसीन अधिकारी को यह अधिकार होता है कि किसे पहले और किसे बाद में शपथ दिलाई जाए। संभवतः मनोनीत पार्षदों की संख्या कम थी इसलिए पीठासीन अघिकार ने उन्हें पहले शपथ के लिए आमंत्रत किया हो।

 

श्री वर्मा ने आप नेताओं के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब एक मनोनीत निगम पार्षद ने शपथ ली तो किसी ने कुछ नहीं बोला। जब दूसरा निगम पार्षद शपथ लेने लगा तब ‘आप’ निगम पार्षदों ने पहले माइक तोड़ने की कोशिश की और फिर हंगामा करने लगे। माइक तोड़ने के क्रम में ‘आप‘ निगम पार्षद का हाथ कटा जिससे उनके खून निकलने लगे. अरविंद केजरीवाल की पार्टी उसी पार्षद को दिखा कर झूठा आरोप लगा रहे हैं कि उनके पार्षदों के साथ मारापीट की गयी। दिल्ली के 70 विधायकों में से 63 आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। एमसीडी के सदन में वोट डालने का अधिकार दिल्ली के 14 विधायकों को मिला है जिसमें भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक हैं और 13 विधायक आम आदमी पार्टी के हैं। किन्तु भाजपा ने इसमें कोइ्र बदलाव करने की मांग नहीं की, क्योंकि भाजपा कानून एवं नियमों के अनुसार काम करने में विश्वास करती है।

 

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