Salient points of press conference of BJP National President, Shri Amit Shah on 07 Dec 2018


07-12-2018
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

पश्चिम बंगाल में लोक सभा चुनाव की तैयारियों और पार्टी के संगठन विस्तार के लिए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में यात्राओं का आयोजन किया था जो इसी महीने 7, 9 और 14 दिसंबर को शुरू होने वाले थे लेकिन बार-बार परमिशन मांगे जाने के बावजूद तृणमूल सरकार ने डर से कार्यक्रम को नहीं होने दिया

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सरकार और सत्ता का दुरुपयोग करके पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक और राजनीतिक यात्राओं का दमन करने की जो परंपरा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अपना रही हैं, यह घोर अलोकतांत्रिक है और लोकतंत्र का गला घोंटने वाली घटना है, इसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है

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ममता बनर्जी जितना जोर लगाना चाहें, लगा लें लेकिन ये तीनों यात्राएं होकर रहेगी। मैं स्वयं इन यात्राओं की शुरुआत करने पश्चिम बंगाल जाउँगा। ये यात्राएँ पश्चिम बंगाल के गाँव-गाँव में जायेगी और तृणमूल सरकार के गैर-लोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ जनता को जागृत करने का काम करेगी

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मैं सलाह देना चाहता हूँ कि आप भारतीय जनता पार्टी की इन यात्राओं को रोक कर पश्चिम बंगाल की जनता की भावनाओं का दमन नहीं कर सकती, इसके ठीक विपरीत, जनता का गुस्सा आपके ऊपर और बढ़ेगा ही क्योंकि पश्चिम बंगाल की जनता परिवर्तन के लिए तैयार है

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भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ममता बनर्जी और तृणमूल सरकार के दमन चक्र से नहीं डरते। हम पश्चिम बंगाल में सुशासन और वर्तमान स्थिति में बदलाव लाने के लिए कटिबद्ध हैं। पश्चिम बंगाल में परिवर्तन सुनिश्चित है

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बड़ी वेदना के साथ यह कहना चाहता हूँ कि हम पश्चिम बंगाल की यह स्थिति बर्दाश्त नहीं करेंगे, इसके खिलाफ हम संघर्ष करेंगे और बदलाव लाकर रहेंगे

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हम ममता बनर्जी के डर को समझते हैं लेकिन उनका डर दूर करने का कोई रास्ता नहीं है क्योंकि पश्चिम बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी सरकार को हटा कर भारतीय जनता पार्टी की सरकार लाने का निश्चय कर लिया है और हम जनता के आशीर्वाद के लिए उनके बीच जरूर जायेंगे

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ममता बनर्जी के 7 साल के कुशासन के खिलाफ जिस तरह भाजपा ने पश्चिम बंगाल के हर जिले में, हर मंडल में आवाज उठाई है और इससे राज्य में जो जनजागृति आ रही है, इससे ममता बनर्जी डरी हुई है

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ममता बनर्जी के जहन में इस बात का डर है कि अगर भारतीय जनता पार्टी की ये तीनों यात्राएं पश्चिम बंगाल की हर विधान सभा, हर मंडल से होते हुए गुजरती है और जब इन यात्राओं का कोलकाता में समापन होगा तब पूरे पश्चिम बंगाल में परिवर्तन की नींव डल चुकी होगी

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मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछना चाहता हूँ कि तृणमूल समर्थित कार्यकर्ताओं के हमले में शहीद हमारे तीन कार्यकर्ताओं त्रिलोचन महतो, दुलाल कुमार और जगन्नाथ टुंडू की निर्मम हत्या के मामलों का वर्तमान स्टेटस क्या है? इन तीनों में मामलों में क्या प्रगति हुई है?

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हमारा स्पष्ट रूप से मानना है कि पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन से ममता बनर्जी की नींद उड़ी हुई है, इसलिए भारतीय जनता पार्टी से डर कर उन्होंने इन यात्राओं को परमिशन न देकर रोकने का कार्य किया है

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पश्चिम बंगाल में जहां तक क़ानून-व्यवस्था का सवाल है - शिक्षा, खनन, बंदरगाह, हर जगह माफियाओं ने कब्जा कर रखा है और तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्री इन माफियाओं को पनाह दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल में आज हर जगह जगाई-मधाई दिखाई दे रहे हैं

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2014 के NCRB डाटा के अनुसार पश्चिम बंगाल की क्राइम रेट अन्य राज्यों की तुलना में काफी आगे है। महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर है। राजनीतिक हत्याओं में पश्चिम बंगाल विगत कई वर्षों से अग्रिम राज्यों में रहा है

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आतंकवाद और आतंकवाद फैलाने वाली संस्थाओं पर नकेल कसने की तृणमूल सरकार की न तो मंशा है और न ही नकेल कसने की क्षमता है

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तृणमूल सरकार द्वारा दुर्गा पूजा के दौरान माँ दुर्गा की मूर्ति विसर्जन, रामनवमी, सरस्वती पूजा, इन सब त्यौहारों पर वोट बैंक की राजनीति करके प्रतिबंध लगाना और धार्मिक अनुष्ठानों में अवरोध उत्पन्न करना पश्चिम बंगाल में परंपरा बन चुकी है

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चाहे कोई धार्मिक अनुष्ठान करना हो, मूर्ति विसर्जन करना हो, कोई यात्रा निकालनी हो, कोई सभा करनी हो तो पश्चिम बंगाल में आपको परमिशन के लिए न्यायालय जाना पड़ता है क्योंकि स्थानीय प्रशासन तो आपको परमिशन देगा नहीं

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हमें पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में जब 2019 का लोक सभा चुनाव होगा तो पश्चिम बंगाल की अधिकतम सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी

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जो पश्चिम बंगाल रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, बंकिम चन्द्र चटर्जी और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महानुभावों की धरती है, जहां कभी रवींद्र संगीत गूंजा करता था, आज वहां बम धमाकों की आवाज सुनाई देती है। बम धमाकों की आवाज में रवींद्र संगीत न जाने कहाँ गुम हो गया है

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज शुक्रवार को पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के अलोकतांत्रिक रवैये पर जम कर प्रहार किया।

 

श्री शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोक सभा चुनाव की तैयारियों और पार्टी के संगठन विस्तार के लिए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में यात्राओं का आयोजन किया था जो इसी महीने 7, 9 और 14 दिसंबर को शुरू होने वाले थे। इसके लिए हमने विगत 29 अक्टूबर को पहली बार राज्य के गृह सचिव और राज्य के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को पत्र लिख कर परमिशन की मांग की थी। परमिशन न मिलने पर 5,12 और 20 नवंबर को फिर से रिमाइंडर भेजे गए। राज्य के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को 14, 20 और 23 नवंबर को परमिशन के लिए रिमाइंडर्स भेजे गए लेकिन हमें यात्रा की परमिशन नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि सरकार और सत्ता का दुरुपयोग करके पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक और राजनीतिक यात्राओं का दमन करने की जो परंपरा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अपना रही हैं, यह घोर अलोकतांत्रिक है और लोकतंत्र का गला घोंटने वाली घटना है, इसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ममता बनर्जी के 7 साल के कुशासन के खिलाफ जिस तरह भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के हर जिले में, हर मंडल में आवाज उठाई है और इससे राज्य में जो जनजागृति आ रही है, इससे ममता बनर्जी डरी हुई है। ममता बनर्जी के जहन में इस बात का डर है कि अगर भारतीय जनता पार्टी की ये तीनों यात्राएं पश्चिम बंगाल की हर विधान सभा, हर मंडल से होते हुए गुजरती है और जब इन यात्राओं का कोलकाता में समापन होगा तब पूरे पश्चिम बंगाल में परिवर्तन की नींव डल चुकी होगी, इसलिए ममता बनर्जी सरकार ने इन यात्राओं को रोकने की साजिश रची।

 

श्री शाह ने कहा कि इसके पूर्व जब पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हुए थे, उसमें इतनी हिंसा हुई जितनी कभी भी पंचायत चुनावों में पश्चिम बंगाल में पहले नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को “जोड़ जाड़, बूथ तार" का नारा दिया था जिसका मतलब है जिसके हाथ में जोड़ है, बूथ उसी के कब्जे में रहना चाहिए। क्या लोकतंत्र में इस प्रकार के नारों से लोकतंत्र की कभी भलाई हो सकती है? उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के 20 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई, हमारे 1341 कार्यकर्ता जख्मी हुए और कुल मिलाकर पंचायत चुनावों में पश्चिम बंगाल में 65 से भी अधिक राजनीतिक हत्याएं हुई। उन्होंने कहा कि तृणमूल समर्थित कार्यकर्ताओं के हमले में शहीद हमारे तीन कार्यकर्ताओं त्रिलोचन महतो, दुलाल कुमार और जगन्नाथ टुंडू की निर्मम हत्या में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता नामजद हैं। मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पूछना चाहता हूँ कि इन तीनों मामलों का वर्तमान स्टेटस क्या है? इन तीनों में मामलों में क्या प्रगति हुई है? उन्होंने कहा कि तृणमूल कार्यकर्ता और राज्य की पुलिस दोनों इकठ्ठा होकर राजनीतिक हत्याओं को शह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में 34% सीटों पर कोई चुनाव ही नहीं हुए, लगभग दो करोड़ मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार ही नहीं मिला क्योंकि तृणमूल कार्यकर्ताओं के तांडव के कारण प्रत्याशी अपना नामांकन तक दाखिल नहीं कर पाए। स्थिति तो इस कदर खराब हो गई कि हाईकोर्ट को यह निर्देश जारी करना पड़ा कि प्रत्याशी व्हाट्सअप पर अपना पर्चा डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस सब के बावजूद हम पंचायत चुनावों में सात हजार से ज्यादा सीटें जीत कर पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी को पछाड़ते हुए दूसरे स्थान पर काबिज हुए। उन्होंने कहा कि हमारा स्पष्ट रूप से मानना है कि पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन से ममता बनर्जी की नींद उड़ी हुई है, इसलिए भारतीय जनता पार्टी से डर कर उन्होंने इन यात्राओं को परमिशन न देकर रोकने का कार्य किया है।

 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जहां तक क़ानून-व्यवस्था का सवाल है - शिक्षा, खनन, बंदरगाह, हर जगह माफियाओं ने कब्जा कर रखा है और तृणमूल कांग्रेस सरकार के मंत्री इन माफियाओं को पनाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में आजकल हर जगह जगाई-मधाई दिखाई दे रहे हैं। ज्ञात हो कि जगाई-मधाई ने भगवान् चैतन्य महाप्रभु पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या घुसपैठ की बात हो या फिर अन्य घुसपैठ की, हर तरह के घुसपैठ को सरकारी तंत्र का आशीर्वाद प्राप्त है। 2014 के NCRB डाटा के अनुसार पश्चिम बंगाल की क्राइम रेट अन्य राज्यों की तुलना में काफी आगे है। यह पश्चिम बंगाल की वास्तविक स्थिति की द्योतक है। राजनीतिक हत्यायों में पश्चिम बंगाल विगत कई वर्षों से अग्रिम राज्यों में रहा है। मंदिरों से मूर्तियों की चोरटी के सबसे अधिक मामले पश्चिम बंगाल में दर्ज किये गए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और आतंकवाद फैलाने वाली संस्थाओं पर नकेल कसने की तृणमूल सरकार की न तो मंशा है और न ही नकेल कसने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण के कारण राज्य का पूरा प्रशासन लचर हो चुका है। स्थानीय प्रशासन भी वोट बैंक की राजनीति करने में लगी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक परियों को तो वोट बैंक की राजनीति करते हमने कांग्रेस के जमाने से देखा है लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन जब वोट बैंक की राजनीति करे तो किस प्रकार के खराब परिणाम आ सकते हैं, इसका ज्वलंत उदाहरण पश्चिम बंगाल है।

 

कई उदाहरण देते हुए श्री शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कई सारी बम और आर्म्स फैक्ट्रियां पकड़ी गई लेकिन ये फैक्ट्रियां पुलिस की इनिशिएटिव के कारण नहीं बल्कि इन फैक्ट्रियों में अचानक हुए धमाकों के कारण इसका पकड़ा जाना मुमकिन हो सका। उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार द्वारा दुर्गा पूजा के दौरान माँ दुर्गा की मूर्ति विसर्जन, रामनवमी, सरस्वती पूजा, इन सब त्यौहारों पर वोट बैंक की राजनीति करके प्रतिबंध लगाना और धार्मिक अनुष्ठानों में अवरोध उत्पन्न करना पश्चिम बंगाल में परंपरा बन चुकी है। चाहे कोई धार्मिक अनुष्ठान करना हो, मूर्ति विसर्जन करना हो, कोई यात्रा निकालनी हो, कोई सभा करनी हो तो पश्चिम बंगाल में आपको परमिशन के लिए न्यायालय जाना पड़ता है क्योंकि स्थानीय प्रशासन तो आपको परमिशन देगा नहीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार के मामले में भी पश्चिम बंगाल की स्थिति काफी गंभीर है। मानव तस्करी के 44% मामले पश्चिम बंगाल में पकड़े गए हैं। पश्चिम बंगाल की कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन राइट्स की रिपोर्ट बताती है कि पश्चिम बंगाल की स्थिति कितनी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी पश्चिम बंगाल की स्थिति काफी दयनीय है। मेडिकल में दाखिले के लिए 15 लाख, तो कॉलेजों में भी दाखिले के लिए 50 से 60 हजार रुपये तक देने पड़ते हैं। हर एडमिशन का रेट फिक्स्ड है, यह बड़ी ही खतरनाक स्थिति है।

 

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता परिवर्तन के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मैं सलाह देना चाहता हूँ कि आप भारतीय जनता पार्टी की इन यात्राओं को रोक कर पश्चिम बंगाल की जनता की भावनाओं का दमन नहीं कर सकती, इसके ठीक विपरीत, जनता का गुस्सा आपके ऊपर और बढ़ेगा ही। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ममता बनर्जी और तृणमूल सरकार के दमन चक्र से नहीं डरते। हम पश्चिम बंगाल में सुशासन और वर्तमान स्थिति में बदलाव लाने के लिए कटिबद्ध हैं। पश्चिम बंगाल में परिवर्तन सुनिश्चित है। उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में जब 2019 का लोक सभा चुनाव होगा तो पश्चिम बंगाल की अधिकतम सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी। उन्होंने कहा कि जहां तक इन तीनों यात्राओं का सवाल है तो ये तीनों यात्राएं निश्चित होगी। ममता बनर्जी जितना जोर लगाना चाहें, लगा लें लेकिन ये यात्राएं होकर रहेगी। मैं स्वयं इन यात्राओं की शुरुआत करने पश्चिम बंगाल जाउँगा। ये यात्राएँ पश्चिम बंगाल के गाँव-गाँव में जायेगी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता तृणमूल सरकार के गैर-लोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ जनता को जागृत करने का काम करेगी।

 

श्री शाह ने कहा कि जो पश्चिम बंगाल रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, बंकिम चन्द्र चटर्जी और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महानुभावों की धरती है, जहां कभी रवींद्र संगीत गूंजा करता था, आज वहां बम धमाकों की आवाज सुनाई देती है। बम धमाकों की आवाज में रवींद्र संगीत न जाने कहाँ गुम हो गया है। उन्होंने कहा कि बड़ी वेदना के साथ यह कहना चाहता हूँ कि हम पश्चिम बंगाल की यह स्थिति बर्दाश्त नहीं करेंगे, इसके खिलाफ हम संघर्ष करेंगे और बदलाव लाकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम ममता बनर्जी के डर को समझते हैं लेकिन उनका डर दूर करने का कोई रास्ता नहीं है क्योंकि पश्चिम बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी सरकार को हटा कर भारतीय जनता पार्टी की सरकार लाने का निश्चय कर लिया है और हम जनता के आशीर्वाद के लिए उनके बीच जरूर जायेंगे।

 

(महेंद्र पांडेय)

कार्यालय सचिव

 

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