भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दिए गए उद्बोधन के मुख्य बिंदु
मैं राफेल सौदे पर देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले का स्वागत करता हूँ। आज सत्य की जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह सिद्ध हो गया है कि झूठ के पाँव नहीं होते और विजय हमेशा सत्य की ही होती है
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आजादी के बाद एक कोरे झूठ के आधार पर देश की जनता को गुमराह करने का इतना बड़ा प्रयास पहले कभी नहीं हुआ। उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि यह दुष्प्रयास देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा किया गया है
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कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने और अपनी पार्टी के तत्काल फायदे के लिए झूठ का सहारा लेने की एक नई राजनीति की शुरुआत की है। देश की सर्वोच्च अदालत का आज का फैसला झूठे आरोप लगाने की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा है
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देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने और जनता को गुमराह करने के लिए राहुल गाँधी को देश की जनता और सेना के जवानों से माफी मांगनी चाहिए
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राहुल गाँधी ने राफेल मुद्दे पर जितना झूठ देश की जनता के सामने बोला, उसका सोर्स ऑफ़ इन्फॉर्मेशन क्या था, यह देश की जनता जानना चाहती है
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2007 में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने डील की प्रक्रिया को फाइनल करने की शुरुआत की तो फिर 2007 से 2014 तक राफेल डील क्यों सोनिया-मनमोहन सरकार फाइनल नहीं कर पाई? क्या इसमें कमीशन का अमाउंट तय होना बाकी था या फिर दलालों की भूमिका निर्धारित करनी थी?
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देश की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस की केंद्र सरकारों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील क्यों नहीं की, गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील को क्यों नहीं माना?
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2007 से 2014 तक देश की रक्षा जरूरतों से संबंधित सभी मामलों को लटका कर कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार ने क्यों देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया? एयरक्राफ्ट लेट होने का जिम्मेदार कौन है, राहुल गाँधी को इसे देश की जनता को बताना चाहिए
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जब सब चोर इकट्ठे होकर चौकीदार को चोर-चोर बोलने लगें तो जनता कभी नहीं मानेगी कि चौकीदार चोर है। देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले से आज यह सिद्ध हो गया है कि चोर-चोर की बोली वही लगते हैं जिनको चौकीदार का भय होता है
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कांग्रेस पार्टी एक काल्पनिक दुनिया में जी रही है जिसमें सच और न्याय की कोई गुंजाइश नहीं है। सवाल भी कांग्रेस ही खड़े करती है, वकील भी वही है और न्यायाधीश भी वही है। कांग्रेस पार्टी की तरह से देश नहीं चल सकता
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आज कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट पर सवाल खड़े कर रही है। यदि कांग्रेस पार्टी के पास तथ्य थे तो फिर राहुल गाँधी को सुप्रीम कोर्ट में जाने से कौन रोक रहा था? कांग्रेस ने ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि उन्हें पहले से ही यह पता था कि वह झूठ की बुनियाद पर केवल आरोपों की ही राजनीति कर रही है
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राफेल मुद्दे पर हम संसद में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। मैं कांग्रेस के नेताओं को चुनौती देता हूँ कि वे सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करें। सदन में चर्चा होगी तो देश की जनता को सारा सच मालूम हो जाएगा। आखिर कांग्रेस पार्टी चर्चा से भाग क्यों रही है?
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सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे को लेकर चार अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी और इसमें मुख्यतः तीन विषयों निर्णय प्रक्रिया, डील की कीमत और ऑफसेट पार्टनर के चुनाव पर सवाल उठाये गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनों आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि इसमें जांच की कोई जरूरत नहीं है
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सुप्रीम कोर्ट ने रिकॉर्ड की डिटेल जांच कर खरीद प्रक्रिया को चुनौती देने वाली मांगों को ठुकराते हुए डिसीजन मेकिंग प्रोसेस को सही मानते हुए अपनी संतुष्टि व्यक्त की है
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एयरक्राफ्ट क्वालिटी और उसकी रिक्वायरमेंट को भी मान्यता देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें संदेह का कोई कारण नजर नहीं आता। कोर्ट ने कहा कि जब पड़ोसी देशों की वायुसेना चौथे और पांचवें जेनरेशन के एयरक्राफ्ट से सुसज्जित हो तब भारत के लिए राफेल की खरीद प्रक्रिया में देरी देशहित में नहीं होगी
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जहां तक प्राइसिंग का सवाल है तो मैं एक बात जरूर कहना चाहता हूँ कि “it is financial advantage to Nation।” कोर्ट ने इस विषय से भी अपनी सहमति व्यक्त करते हुए जांच की जरूरत को खारिज कर दिया
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ऑफसेट पार्टनर चुनने के विषय पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अपनी स्पष्ट राय देते हुए कहा है कि भारत सरकार की राफेल डील में ऑफसेट पार्टनर तय करने में कोई भूमिका नहीं है और केंद्र सरकार द्वारा किसी को भी आर्थिक फायदा पहुंचाने का कोई भी तथ्य सामने नहीं आया है, इसलिए सारे आरोप निरस्त किये जाते हैं
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सुप्रीम कोर्ट ने अंत में यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्टों और मैन्युफेक्चर किये गए परसेप्शन के आधार पर कोर्ट कोई फैसला नहीं दे सकती और चूंकि इन आरोपों में कोई तथ्य नहीं है, इसलिए कोर्ट को इसमें दखल देने का कोई औचित्य नजर नहीं आता
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सूरज के सामने चाहे कितना भी कीचड़ उछला जाए, कितनी भी मिट्टी उड़ाई जाए, यह हम पर ही गिरती है, इससे सूर्य का तेज कभी कम नहीं होता। राहुल गाँधी इस नसीहत को मानें और आने वाले दिनों में ऐसी बचकानी हरकत से वे बाज आयें। शायद इससे उन्हें अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने में थोड़ी-सी मदद मिल जाये
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने आज शुक्रवार को पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में राफेल मुद्दे पर देश को गुमराह करने, देश को नीचा दिखाने और प्रधानमंत्री का अपमान करने के लिए राहुल गाँधी एंड कंपनी पर जोरदार हमला बोला।
श्री शाह ने कहा कि सबसे पहले मैं राफेल सौदे पर देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले का स्वागत करता हूँ। आज सत्य की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद एक कोरे झूठ के आधार पर देश की जनता को गुमराह करने का इतना बड़ा प्रयास पहले कभी नहीं हुआ। उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि यह दुष्प्रयास देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने और अपनी पार्टी के तत्काल फायदे के लिए झूठ का सहारा लेने की एक नई राजनीति की शुरुआत की है। देश की सर्वोच्च अदालत का आज का फैसला झूठे आरोप लगाने की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आज पुनः यह सिद्ध कर दिया है कि झूठ के पाँव नहीं होते और विजय हमेशा सत्य की ही होती है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में राफेल सौदे को लेकर चार अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी और इसमें मुख्यतः तीन विषयों निर्णय प्रक्रिया, डील की कीमत और ऑफसेट पार्टनर के चुनाव पर सवाल उठाये गए थे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इन तीनों पर मुद्दों पर बहुत स्पष्टतापूर्वक ओपन कोर्ट में अपना फैसला दिया है और सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि इसमें जांच की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने रिकॉर्ड की डिटेल जांच कर डिसीजन मेकिंग प्रोसेस को सही मानते हुए खरीद प्रक्रिया को चुनौती देने वाली मांगों को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि एयरक्राफ्ट क्वालिटी और उसकी रिक्वायरमेंट को भी मान्यता देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें संदेह का कोई कारण नजर नहीं आता। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि जब पड़ोसी देशों की वायुसेना चौथे और पांचवें जेनरेशन के एयरक्राफ्ट से सुसज्जित हो तब भारत के लिए राफेल की खरीद प्रक्रिया में देरी देशहित में नहीं होगी। ऐसा कह कर कोर्ट ने इस मांग को भी खारिज कर दिया है। जहां तक प्राइसिंग का सवाल है तो मैं एक बात जरूर कहना चाहता हूँ कि “it is financial advantage to Nation।” उन्होंने कहा कि मूल्य को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हमने डिटेल में इसका अध्ययन किया है और संबंधित अधिकारियों ने भी बताया है कि इससे देश को आर्थिक फायदा ही हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय से भी अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर जांच की कोई जरूरत नहीं है। ऑफसेट पार्टनर चुनने के विषय पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अपनी स्पष्ट राय देते हुए कहा है कि भारत सरकार की राफेल डील में ऑफसेट पार्टनर तय करने में कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि “This is not a case of commercial favouritism by govt of india”। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा किसी को भी आर्थिक फायदा पहुंचाने का कोई भी तथ्य सामने नहीं आया है, इसलिए सारे के सारे आरोप निरस्त किये जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अंत में यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्टों और मैन्युफेक्चर किये गए परसेप्शन के आधार पर कोर्ट कोई फैसला नहीं दे सकती और चूंकि इन आरोपों में कोई तथ्य नहीं है, इसलिए कोर्ट को इसमें दखल देने का कोई औचित्य नजर नहीं आता।
श्री शाह ने कहा कि जिन लोगों ने भी इस मामले में अब तक देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया है। राहुल गाँधी ने बेबुनियाद आरोप लगाते हुए सेना के जवानों के मन में भी संदेह खड़ा करने की कोशिश की, साथ थी, देश की जनता को भी गुमराह करने का प्रयास किया। राहुल गाँधी ने देश की सुरक्षा के लिए जरूरी एयरक्राफ्ट खरीदने की प्रक्रिया को रोक कर देश की सुरक्षा को भी खतरे में डालने का प्रयास किया है। देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने और जनता को गुमराह करने के लिए राहुल गाँधी को देश की जनता और सेना के जवानों से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं आज देश की जनता की ओर से राहुल गाँधी से चार सवाल पूछना चाहता हूँ। उन्हें इन चारों सवालों का जवाब देश की जनता को देना चाहिए।
- पहला - राहुल गाँधी ने राफेल मुद्दे पर जितना झूठ देश की जनता के सामने कहा, उसका सोर्स ऑफ़ इन्फॉर्मेशन क्या था? राहुल गाँधी को अपनी विश्वसनीयता बनाने के लिए देश को बताना चाहिए कि कौन उन्हें ये झूठी सूचनाएं देता था जिसके आधार पर राहुल गाँधी ये आरोप लगाते थे? देश की जनता राहुल गाँधी से उनका सोर्स ऑफ़ इन्फॉर्मेशन जानना चाहती है।
- दूसरा - 2001 में भारतीय वायुसेना ने एयरक्राफ्ट रिक्वायरमेंट बताई थी। 2007 में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने डील की प्रक्रिया को फाइनल करने की शुरुआत की तो फिर 2007 से 2014 तक राफेल डील क्यों सोनिया-मनमोहन सरकार फाइनल नहीं कर पाई? क्या इसमें कमीशन का अमाउंट तय होना बाकी था या फिर दलालों की भूमिका निर्धारित करनी थी?
- तीसरा - कांग्रेस ने जितने भी सौदे किये, सब में दलालों की भूमिका रखी गई जबकि भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील की जिसमें बिचौलियों का कोई सवाल नहीं उठता। कांग्रेस की सरकार में कभी क्वात्रोच्चि तो कभी मिशेल को दलाली का मौक़ा मिल जाता था। देश की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस की केंद्र सरकारों ने अब तक गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील क्यों नहीं की, गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील को क्यों नहीं माना?
- चौथा - 2007 से 2014 तक देश की रक्षा जरूरतों से संबंधित सभी मामलों को लटका कर कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार ने क्यों देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया? एयरक्राफ्ट लेट होने का जिम्मेदार कौन है, राहुल गाँधी को इसे देश की जनता को बताना चाहिए।
श्री शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार की पर्याय बन चुकी ऐसी कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी और हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी पर जब आरोप लगाती है तब पहले राहुल गाँधी को अपने गिरेबाँ में झाँक कर देखना चाहिए।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जब सब चोर इकट्ठे होकर चौकीदार को चोर-चोर बोलने लगें तो जनता कभी नहीं मानेगी कि चौकीदार चोर है। उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले से आज यह सिद्ध हो गया है कि चोर-चोर की बोली वही लगते हैं जिनको चौकीदार का भय होता है। आज यह साबित हो गया कि चोरों के चिल्लाने का कारण इनके अंदर का डर है। राहुल गाँधी को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि सूरज के सामने चाहे कितना भी कीचड़ उछला जाए, कितनी भी मिट्टी उड़ाई जाए, यह हम पर ही गिरती है, इससे सूर्य का तेज कभी कम नहीं होता। राहुल गाँधी इस नसीहत को मानें और आने वाले दिनों में ऐसी बचकानी हरकत से वे बाज आयें। शायद इससे उन्हें अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने में थोड़ी-सी मदद मिल जाये। उन्होंने मीडिया जगत से भी राहुल गाँधी के झूठ को बेनकाब करने और इन चारों सवालों को जनता तक ले जाने में मदद का आग्रह किया।
एक प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक काल्पनिक दुनिया में जी रही है जिसमें सच और न्याय की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि सवाल भी कांग्रेस ही खड़े करती है, वकील भी वही है और न्यायाधीश भी वही है। कांग्रेस पार्टी की तरह से देश नहीं चल सकता है। आज कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट पर सवाल खड़े कर रही है। यदि कांग्रेस पार्टी के पास तथ्य थे तो फिर राहुल गाँधी को सुप्रीम कोर्ट में जाने से कौन रोक रहा था? कांग्रेस पार्टी ने ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि उन्हें पहले से ही यह पता था कि वह झूठ की बुनियाद पर केवल आरोपों की ही राजनीति कर रही है।
एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राफेल मुद्दे पर हम संसद में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। मैं कांग्रेस के नेताओं को चुनौती देता हूँ कि वे सदन में राफेल के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हूँ। जितना समय तक वे चाहें, उतने समय तक हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं। सदन में चर्चा होगी तो देश की जनता को सारा सच मालूम हो जाएगा। आखिर कांग्रेस पार्टी चर्चा से भाग क्यों रही है?
(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव
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