भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा द्वारा भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
कांग्रेस के समय दाखिल किये गए आरटीआई पर यूपीए सरकार के ही जवाब से राहुल गाँधी का झूठ और उनकी झूठी राजनीति का पर्दाफ़ाश हो गया है कि किस तरह से राहुल गाँधी अपने ही कुकृत्य को छुपाने के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं ************* 6 अगस्त 2013 को प्रसेनजित मंडल के आरटीआई पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के जवाब से पता चलता है कि यूपीए-2 सरकार के दौरान हर महीने केंद्र सरकार की तरफ से 9000 फोन कॉल्स के इंटरसेप्शन के आदेश जारी किए जाते थे। इसके अलावा 500 ईमेल्स की भी निगरानी की जाती थी। यानी हर दिन 300 फोन कॉल्स और 20 ईमेल्स इंटरसेप्ट किए जाते थे ************* एक अन्य आरटीआई के जवाब में 24 दिसंबर 2013 को यूपीए सरकार ने बताया था कि 10 एजेंसियों को इंटरसेप्शन का अधिकार दिया गया है। ये वही एजेंसियां हैं जिसे गृह मंत्रालय ने 20 दिसंबर 2018 को नोटिफाई किया है ************* राहुल गाँधी की यूपीए सरकार बिना नोटिफाई किये ही 9000 फोन कॉल्स और 500 ई-मेल्स की प्रतिमाह जासूसी कर रही थी जबकि वर्तमान केंद्र सरकार ने वैधानिक तरीके से एजेंसियों को नोटिफाई कर दिया है ताकि इसका गलत उपयोग न हो ************* जिस पॉलिटिकल पार्टी ने देश पर आपातकाल थोपने का कुकृत्य किया, जिसने पोस्ट ऑफिस अमेंडमेंट बिल लाने का काम किया, आज वह पार्टी दूसरों के ऊपर इस प्रकार का अनर्गल आरोप लगाने की साजिश रच रही है ************* कांग्रेस वैचारिक दिवालियेपन के कगार पर पहुँच गई है और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने लगी है ************* राष्ट्रीय सुरक्षा के हर विषय पर कांग्रेस देश के विरोध में दिखाई देती है चाहे वह आर्मी चीफ को ‘सड़क का गुंडा' कहने वाला बयान हो, एयर फ़ोर्स चीफ को ‘झूठा’ कहने वाला वक्तव्य हो या फिर सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जिकल स्ट्राइक कह कर सेना की वीरता का अपमान करने का पाप हो ************* देश की जनता राहुल गाँधी के झूठ और उनकी झूठी राजनीति को भलीभांति समझ गई है और आने वाले समय वे वह इसका करारा जवाब कांग्रेस पार्टी को देगी *************
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज रविवार को पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और भारत सरकार द्वारा 10 सेंट्रल एजेंसियों को कंप्यूटर्स की मॉनिटरिंग और इंटरसेप्ट करने संबंधी 20 दिसंबर के नोटिफिकेशन पर कांग्रेस पार्टी के झूठ को देश की जनता के सामने बेनकाब किया।
डॉ पात्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सुविधा की राजनीति के लिए देश की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि गत 20 दिसंबर 2018 को गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी एंड कंपनी ने काफी हो-हल्ला मचाया। राहुल गाँधी ने ट्वीट करके जिस तरह का झूठा आक्षेप लगाया और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ अनर्गल बातें की और कहा कि भारत पुलिस स्टेट में तब्दील हो चुका है, जिस तरह से अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी राहुल गाँधी के झूठ में सुर से सुर मिलाने की कोशिश की, उससे पता चल गया कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गाँधी एंड कंपनी किस कदर वैचारिक दिवालियेपन के शिकार हो गए हैं।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के समय दाखिल किये गए आरटीआई पर यूपीए सरकार के ही जवाब से राहुल गाँधी का झूठ और उनकी झूठी राजनीति का पर्दाफ़ाश हो गया है कि किस तरह से राहुल गाँधी अपने ही कुकृत्य को छुपाने के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 13 जुलाई 2013 को दिल्ली के ही प्रसेनजित मंडल ने एक आरटीआई फ़ाइल की थी और कांग्रेस की तत्कालीन यूपीए सरकार से पूछा था कि कितने ऐसे फोन कॉल्स और ई-मेल्स हैं जिसकी केंद्र सरकार निगरानी करती है, उसे इंटरसेप्ट करती है। इस आरटीआई का जवाब 6 अगस्त 2013 को कांग्रेस सरकार ने दिया और देश की जनता को जानकार आश्चर्य होगा कि यूपीए सरकार ने खुद कबूल किया था कि वह औसतन 9000 टेलीफोन कॉल्स और 500 ई-मेल्स को हर महीने इंटरसेप्ट करती है, उसकी निगरानी करती है, आम जनता की भाषा में बोलें तो जासूसी करती है।
डॉ पात्रा ने कहा कि दूसरा आरटीआई अमृतानंद देव तीरथ जी का है जिन्होंने 21 नवंबर 2013 को तत्कालीन सोनिया-राहुल-मनमोहन की यूपीए सरकार से पूछा था कि कितनी एजेंसियां हैं और कौन-कौन एजेंसियां हैं जो कॉल डिटेल्स निकाल सकती हैं या उसे मॉनिटर कर सकती हैं। इसका जवाब कांग्रेस सरकार ने 24 दिसंबर 2013 को दिया था। इस जवाब में मॉनिटर करने वाली एजेंसियों को सेन्ट्रल एजेंसी और स्टेट एजेंसी के रूप में दो भागों में बांटा गया था और आपको जानकार आश्चर्य होगा कि इस लिस्ट में 10 एजेंसियों के नाम उल्लेखित किये गए थे। इन एजेंसियों में सेन्ट्रल एजेंसी के रूप में आईबी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, डायरेक्टरेट ऑफ़ इन्फोर्समेंट, सीबीडीटी, डायरेक्टरेट ऑफ़ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, रॉ, डायरेक्टरेट ऑफ़ सिग्नल इंटेलिजेंस, मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स फॉर जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट एंड असम सर्विसेज एरिया ओनली और स्टेट एजेंसी के रूप में डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस ऑफ़ कंसर्न्ड स्टेट/कमिश्नर ऑफ़ पुलिस, दिल्ली (केवल दिल्ली क्षेत्र के लिए) का नाम जवाब में दिया गया था। उन्होंने कहा कि 20 दिसंबर 2018 को गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में भी उन्हीं दस एजेंसियों के नाम हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि केंद्र सरकार ने वैधानिक तरीके से इसे नोटिफाई कर दिया है ताकि इसका गलत उपयोग न हो जबकि राहुल गाँधी की यूपीए सरकार बिना नोटिफाई किये ही 9000 फोन कॉल्स और 500 ई-मेल्स की प्रतिमाह जासूसी कर रही थी। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी की यूपीए सरकार अपनी जासूसी के काले कारनामों को किसी और के सिर मढ़ना चाहती है।
कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए डॉ पात्रा ने कहा कि जिस पॉलिटिकल पार्टी ने देश पर आपातकाल थोपने का कुकृत्य किया, जिसने पोस्ट ऑफिस अमेंडमेंट बिल लाने का काम किया, आज वह पार्टी दूसरों के ऊपर इस प्रकार का अनर्गल आरोप लगाने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वैचारिक दिवालियेपन के कगार पर पहुँच गई है और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने लगी है। राष्ट्रीय सुरक्षा के हर विषय पर कांग्रेस देश के विरोध में दिखाई देती है चाहे वह आर्मी चीफ को ‘सड़क का गुंडा' कहने वाला बयान हो, एयर फ़ोर्स चीफ को ‘झूठा’ कहने वाला वक्तव्य हो या फिर सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जिकल स्ट्राइक कह कर सेना की वीरता का अपमान करने का पाप हो। देश की जनता राहुल गाँधी के झूठ और उनकी झूठी राजनीति को भलीभांति समझ गई है और आने वाले समय वे वह इसका करारा जवाब कांग्रेस पार्टी को देगी।
(महेंद्र पांडेय)
कार्यालय सचिव
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