Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra (M.P.).


by Shri Sambit Patra -
12-09-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

 

इंडी एलायंस के “ए” को लेकर राहुल गाँधी जी का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि जब राहुल गाँधी से पूछा गया कि आपके गठंधन के अंतिम अक्षर “ए” का क्या मतलब है? तब राहुल गाँधी कुछ देर सोचते रहे, तब उन्हें याद आया कि “ए” का मतलब एलायंस है।

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आखिर राहुल गांधी “ए” को लेकर इतनी देर क्यों सोचते रह गए? ऐसा लगता है कि राहुल गाँधी उस समय यह सोच रहे होंगे कि “ए” फॉर अपीजमेंट, “ए” फॉर अपराध, या फिर “ए” फॉर एरोगेंस।

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इंडी एलायंस का पहला “ए” फॉर अपराध है, आज पश्चिम बंगाल में टीएमसी शासनकाल का अपराध देखा जा सकता है। दूसरा “ए” फॉर अपीजमेंट है, जिसे आज कांग्रेस पार्टी शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में देखा जा सकता है। तीसरा “ए” फॉर एरोगेंस है, जिसे कांग्रेस पार्टी समेत इंडी एलायंस के कुछ घटक दलों में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है।

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अभी हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर बिटिया की बलात्कार और बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी गयी। उसके पश्चात सीएम ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों, कार्यकर्ताओं और आम जनता पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया।

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कोर्ट ने डॉक्टरों और जनता पर लगाए गए पॉक्सो एक्ट को इसलिए खारिज कर दिया कि इस तरह के आधार पर पुलिस कस्टडी या ज्यूडिशियल कस्टडी नहीं लगाया जा सकता।

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कोर्ट द्वारा ऐसा आदेश दिए जाने पर न्यायाधिशों  के मन में डर की भावना लाने की कोशिश की गयी, जिसका सीधा मतलब है कि वे लोग ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के सामने सरेंडर कर दें। यह वैसा ही है, जैसे कांग्रेस पार्टी द्वारा देश में इमरेजेंसी लगाकर कमिटेड ज्यूडिशियरी की व्यवस्था की गयी थी।

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भारतीय जनता पार्टी सर्वोच्च न्यायालय से अपील करती है कि इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करे, क्योंकि न्यायाधिशों मे डर की भावना पैदा करने की कोशिश की गयी है। साथ ही, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रदर्शनकारी डॉक्टरों एवं आम जनता में डर की भावना पैदा करने की कोशिश की गई, जो लोग ममता बनर्जी के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।

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दूसरा ‘ए’ है अपीजमेंट अर्थात तुष्टिकरण। आज शिमला में कई हिंदू संगठन और आम जनता सड़कों पर ऊतर गयी है। किस प्रकार से अवैध मस्जिद को लेकर जनता अपनी आवाज बुलंद कर रही है, इसे पूरा देश देख रहा है।

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स्थानीय नगर निगम के कोर्ट ने मस्जिद को 45 बार नोटिस भेजा है कि मस्जिद की वैधता संबंधित कागजात नगर निगम कोर्ट में जमा करे, लेकिन अब तक कोई कागज नहीं दिया गया। इसके बाद भी, कांग्रेस पार्टी के अपीजमेंट का रवैया सभी लोगों का दिख रहा है।

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तीसरा ‘ए’ फॉर एरोगेंस’ है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष में एरोगेंस आ गया है। राहुल गांधी में नेता प्रतिपक्ष बनने का एरोगेंस सिर्फ संसद में ही नहीं, बल्कि सदन के बाहर भी छलकता है।

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करोड़ों भारतवासी  इस बात से आहत हैं कि राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में भारत की छवि खराब करने की कोशिश की गयी। राहुल गांधी ने राष्ट्रद्रोह का काम किया है। जब जाति से जाति को भिड़वाने का काम विदेश की धरती पर किया गया, दूसरे राष्ट्र में जाकर धर्म से धर्म को भिड़वाने का काम किया गया। सिखों के ऊपर तल्ख टिप्पणी दूसरे राष्ट्र में किया गया, तो वह देशद्रोह के अंतर्गत ही आएगा।

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गणेशोत्सव पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से जब प्रधानमंत्री मिलते हैं, तो उस पर आपत्ति की जाती है और अमेरिका जाकर राहुल गांधी देश विरोधी अभियान चलाने वाली  इल्हान उमर से मिलते हैं, तो इन्हें कोई आपत्ति नहीं होती।

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ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश का आपस मे मिलने से इन्हें आपत्ति नहीं है, बल्कि गणपति पूजा से उनकी आपत्ति है।

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पहले कांग्रेस सरकार में  बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इफ्तार की पार्टी देते थे, तब क्या भारत के मुख्य न्यायाधीश नहीं आते थे? जब इफ्तार पार्टी में भारत के मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री मिल सकते हैं, बैठ सकते हैं और बातचीत कर सकते हैं, तो गणेशोत्सव में क्यों नहीं मिल सकते हैं?

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय  प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा ने आज केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कांग्रेस पार्टी और इंडी एलायंस के अपराध, अपीजमेंट और एरोगेंस की राजनीति पर प्रहार करते हुए गणेशोत्सव पर भारत के मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री की मुलाकात को गलत नजरिय से देखने पर जमकर आलोचना की।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि दो दिन पहले अमेरिका में राहुल गांधी द्वारा दिया गया इंटरव्यू सुन रहा था। इंडी एलायंस के “ए” को लेकर राहुल जी का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि जब राहुल गाँधी से पूछा गया कि आपके गठंधन के अंतिम अक्षर “ए” का क्या मतलब है? तब राहुल गाँधी कुछ देर सोचते रहे, तब उन्हें याद आया कि “ए” का मतलब एलायंस है। आखिर राहुल गांधी “ए” को लेकर इतनी देर क्यों सोचते रह गए? ऐसा लगता था कि राहुल गाँधी उस समय यह सोच रहे होंगे कि “ए” फॉर अपीजमेंट, “ए” फॉर अपराध, या फिर “ए” फॉर एरोगेंस।

 

भाजपा के राष्ट्रीय  प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का आज की प्रेसवार्ता  कांग्रेस पार्टी और इंडी एलायंस के थ्री “ए” पर आधारित है। इंडी एलायंस का पहला “ए” फॉर अपराध है, आज पश्चिम बंगाल में टीएमसी शासनकाल का अपराध देखा जा सकता है। दूसरा “ए” फॉर अपीजमेंट है, जिसे आज कांग्रेस पार्टी शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में देखा जा सकता है। तीसरा “ए” फॉर एरोगेंस है, जिसे कांग्रेस पार्टी समेत इंडी एलायंस के कुछ घटक दलों में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। आज देश के मुख्य न्यायाधीश जैसे संस्थान को कांग्रेस पार्टी और इंडी एलायंस के कुछ घटक दल राजनीति से ऊपर नहीं, बल्कि बेवजह राजनीति में घसीटने का कुत्सित प्रयास कर रही है। उनके मन में हर चीज को राजनीति में घसीट कर लाने का एरोगेंस है।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि पिछले दो दिनों से पश्चिम बंगाल बंगाल के सब डिवीजनल कोर्ट, डायमंड हार्बर का पत्र वायरल हो रहा है। यह वही डायमंड हार्बर है, जहां से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी सांसद हैं, वहां खुलेआम गुंडागर्दी हो रही है। वहां न पुलिस की चलती है और ना ही कानून का राज है। वहां किसी की चलती है तो वह ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की दबंगई चलती है। उसी डायरमंड हार्बर के सब डिवीजनल कोर्ट के सभी न्यायिक पदाधिकारियों ने 8 सितंबर 2024 को एक घटना का विवरण देते हुए सब डिवीजनल कोर्ट को पत्र लिखा है। बाद में 24 परगना के सब डिवीजनल कोर्ट के न्यायिक पदाधिकारी ने उसी पत्र को अपनी टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट के रजिस्टार के पास भेजा है। न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा बहुत कम हुआ होगा कि राज्य सरकार के खिलाफ इस प्रकार की शिकायत दर्ज करायी गयी हो। 

 

डायमंड हार्बर के सब डिवीजनल कोर्ट के न्यायिक पदाधिकारियों ने लिखा है कि पिछले रविवार 8 सितंबर को न्यायधिशों के आवासीय परिसर के होमगार्ड के अनुसार, पुलिस की साजिश से दो लोग आवासीय परिसर में घुसकर घर की बिजली आपूर्ति काटने की साजिश कर रहे हैं। बिजली आपूर्ति काटने के बाद आप लोगों पर हमला भी हो सकता है। अब रात के 12-1 बजे इस तरह की खबरें आएंगी, तो स्वाभाविक तौर पर न्यायाधीश लोग चिंतित होंगे ही। न्यायाधिशों ने डायमंड हार्बर थाना के पुलिस इंजार्च को तलब करने की कोशिश की, मगर आधे घंटें तक आफिसर इंजार्च नहीं आए। पत्र मे बहुत स्पष्ट लिखा गया है कि सभी न्यायाधीश बहुत घबराए हुए थे। पुलिस अधिकारी कुमारेश दास दोनो मिस्क्रिएंट को लेकर आए थे। उस पुलिस अधिकारी को लोकल डायमंड हार्बर थाने से निर्देशित किया गया था कि दोनो मिस्क्रिएंट को गुपचुप तरीके से न्यायिक पदाधिकारियों के आवासीय परिसर में पहुंचा दिया जाए। आवासीय परिसर के एंट्री गेट के फाइल पर दोनो मिस्क्रिएंट के नाम भी दर्ज नहीं कराए गए, ताकि दोनो उपद्रवी न्यायाधिशों को बेख़ौफ़ डराए-धमकाए और उनके साथ मारपीट कर सके। मिस्क्रिएंट को आवासीय परिसर में पहुंचाने का उद्देश्य था न्यायाधिशों  के अंदर डर की भावना पैदा करना।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि आखिर यह हुआ क्यों? अभी हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर बिटिया की बलात्कार और बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी गयी। उसके पश्चात सीएम ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों, कार्यकर्ताओं और आम जनता पर पॉक्सो एक्ट लगाया गया। पहले एनडीपीएल के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता था। पश्चिम बंगाल बंगाल में जितना ड्रग नहीं है, उससे ज्यादा एनडीपीएल के तहत केस दर्ज किए गए। कोर्ट ने डॉक्टरों और जनता पर लगाए गए पॉक्सो एक्ट को इसलिए खारिज कर दिया कि इस तरह के आधार पर पुलिस कस्टडी या ज्यूडिशियल कस्टडी नहीं लगाया जा सकता। कोर्ट द्वारा ऐसा आदेश दिए जाने पर न्यायाधिशों  के मन में डर की भावना लाने की कोशिश की गयी, जिसका सीधा मतलब है कि वे लोग ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के सामने सरेंडर कर दें। यह वैसा ही है, जैसे कांग्रेस पार्टी द्वारा देश में इमरेजेंसी लगाकर कमिटेड ज्यूडिशियरी की व्यवस्था की गयी थी।

 

भाजपा के राष्ट्रीय  प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सर्वोच्च न्यायालय से अपील करती है कि इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करे, क्योंकि न्यायाधिशों मे डर की भावना पैदा करने की कोशिश की गयी है। साथ ही, आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रदर्शनकारी डॉक्टरों एवं आम जनता में डर की भावना पैदा करने की कोशिश की गई, जो लोग ममता बनर्जी के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।

 

दूसरा ए है अपीजमेंट अर्थात तुष्टिकरण। आज शिमला में कई हिंदू संगठन और आम जनता सड़कों पर ऊतर गयी है। किस प्रकार से अवैध मस्जिद को लेकर जनता अपनी आवाज बुलंद कर रही है, इसे पूरा देश देख रहा है। कांग्रेस के ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुछ दिन पहले कहा था कि ये जमात के लोग कहां से आ गए? ये वो लोग हैं, जो लड़कियों पर टिप्पणी करते हैं और लड़कियों को छेड़ते हैं। कांग्रेस के इस मंत्री ने लव जिहाद के बारे में भी कहा। उन्होंने कहा कि पहले इस इलाके में दो परिवार थे, 1,900 परिवार और आ गए। इतना बड़ा अवैध मस्जिद बन गया है। कांग्रेस की प्रदेश सरकार के मंत्री ने खुद यह बात कही, तो कांग्रेस के अन्य नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्च खोल दिया है। अब अनिरूद्ध सिंह का जाना तय लग रहा है।

 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्थानीय नगर निगम के कोर्ट ने मस्जिद को 45 बार नोटिस भेजा है कि मस्जिद की वैधता संबंधित कागजात नगर निगम कोर्ट में जमा करे, लेकिन अब तक कोई कागज नहीं दिया गया। इसके बाद भी, कांग्रेस पार्टी के अपीजमेंट का रवैया सभी लोगों का दिख रहा है। राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान हिमाचल प्रदेश में हिंदुओं के ऊपर लाठी चार्ज और आंसू गैस ही नहीं फेंकवा रही है, बल्कि कर्नाटक में गणेश मूर्ति विसर्जन के समय भगवन गणेश की प्रतिमा पर चप्पल से लेकर पत्थर फेंकवाने का भी काम रही है। यह है राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान का आलम। राहुल गांधी इल्हान उमर से मिलेंगे, तो अवैध मस्जिदों से प्यार तो होगा ही और हिंदुओं पर लाठी चार्ज होगा ही। भारतीय जनता पार्टी महिलाओं समेत हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार और अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ आवाज बुलंद करती रहेगी।

 

भाजपा के राष्ट्रीय  प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि जहां भी अवैध कब्जा होगा या अतिक्रमण होगा, तो कार्रवाई होना उचित है। कांग्रेस सरकार के मंत्री ने खुद ही कहा है कि लड़कियों के साथ दुराचार किया जाता ह्रै। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुछ दिन पहले मीडिया में यह बात सामने आयी थी कि धर्म विशेष के लोगों ने स्थानीय बिजनेसमैन जसपाल सिंह को मारा-पीटा है। जसपाल सिंह के साथ मारपीट करने वाले नवाज, शरीफ, शेख, अली, समीर और रिहान थे। दो परिवार से बढ़कर उस जगह पर 1,900 हो जाते हैं। हिमाचल में स्थानीय कारोबारी भी सुरक्षित नहीं है। हिमाचल प्रदेश में तुष्टिकरण की राजनीति समाप्त होनी चाहिए और कानून को अपना काम करने देना चाहिए।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि तीसरा ‘ए’ फॉर एरोगेंस’ है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष में एरोगेंस आ गया है। राहुल गांधी में नेता प्रतिपक्ष बनने का एरोगेंस सिर्फ संसद में ही नहीं, बल्कि सदन के बाहर भी छलकता है। उनकी बेवकूफी अमेरिका में भी झलकी है। बेवकूफी शब्द इसलिए कि मैं ही नहीं, बल्कि करोड़ों भारतवासी  इस बात से आहत हैं कि राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में भारत की छवि खराब करने की कोशिश की गयी। राहुल गांधी ने राष्ट्रद्रोह का काम किया है। जब जाति से जाति को भिड़वाने का काम विदेश की धरती पर किया गया, दूसरे राष्ट्र में जाकर धर्म से धर्म को भिड़वाने का काम किया गया। सिखों के ऊपर तल्ख टिप्पणी दूसरे राष्ट्र में किया गया, तो वह देशद्रोह के अंतर्गत ही आएगा। जब देशद्रोह  जैसी बातें कोई करता, तो उसके लिए बेवकूफी शब्द का प्रयोग करना उचित ही होगा।

 

राहुल गांधी ने अमेरिका में भी नफरत की दुकान खोली है। अमेरिका मे राहुल गांधी कहते हैं कि अवसर आने पर आरक्षण समाप्त कर देंगे। भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट तौर पर कहना चाहती है कि राहुल गांधी आरक्षण में हाथ लगाकर दिखाओ, हम देखते हैं। भारतीय जनता पार्टी जब तक है तब तक आरक्षण में हाथ लगाने की हिम्मत नहीं करना। राहुल गांधी स्पष्ट बताए कि आरक्षण पर उनके द्वारा की गयी टिप्पणी का अर्थ क्या है? राहुल गांधी की दादी और उनके परनाना के समय से आरक्षण चला आ रहा है, तो क्या उस समय देश निष्पक्ष नहीं था?

 

भाजपा के राष्ट्रीय  प्रवक्ता डॉ पात्रा ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के घर पर गणेश पूजा-अर्चन और आरती की तो कुछ नेता इसमें राजनीति ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस और इंडी एलायंस के लोग क्या चाहते हैं कि लोकतंत्र के अलग अलग स्तंभ आपस में नहीं मिले? लोकतंत्र के अलग-अलग स्तंभ आपस में दुश्मनों की तरह रहें? क्या एक दूसरे के प्रति सद्भाव नहीं होना चाहिए। यह लोकतंत्र के अलग अलग स्तंभों के आपस में मिलने से ही लोकतंत्र मजबूत होता है, यही भारत की खूबसूरती है। जहां लोकतंत्र नहीं है, वहां न्यायपालिका के साथ क्या किया जाता, यह दुनिया देख रही है।

 

सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से जब प्रधानमंत्री मिलते हैं, तो उस पर आपत्ति की जाती है और अमेरिका जाकर राहुल गांधी देश विरोधी अभियान चलाने वाली  इल्हान उमर से मिलते हैं, तो इन्हें कोई आपत्ति नहीं होती। चीन के राष्ट्राध्यक्ष से मिलते हैं, चुपके चुपके एमओयू करते हैं और देश बेचने का काम करते हैं, तो उस पर इन्हें कोई आपत्ति नहीं होती। रात के अंधेरे में जार्ज सोरोस से मिलकर देश के टुकड़े टुकड़े करने की बात करते हैं, तो उससे इन्हें कोई आपत्ति नहीं होती, लेकिन देश के चुने हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश आपस में मिलते हैं, तो कांग्रेस और इंडी एलायंस को आपत्ति होने लगती है।

 

ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश का आपस मे मिलने से इन्हें आपत्ति नहीं है, बल्कि गणपति पूजा से उनकी आपत्ति है। भारत के मुख्य न्यायाधीष महाराष्ट से हैं, तो स्वभाविक रूप से गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं। पहले कांग्रेस सरकार में  बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इफ्तार की पार्टी देते थे, तब क्या भारत के मुख्य न्यायाधीश नहीं आते थे? जब इफ्तार पार्टी में भारत के मुख्य न्यायाधीश और प्रधानमंत्री मिल सकते हैं, बैठ सकते हैं और बातचीत कर सकते हैं, तो गणेशोत्सव में क्यों नहीं मिल सकते हैं?

 

 

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