भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं लोकसभा सांसद डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु
भारतीय संविधान के तहत झारखंड में लोकतंत्र का उत्सव मनाया जा रहा है, वहीं कांग्रेस पार्टी समय-समय पर संविधान की धज्जियां उड़ा रही है।
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कांग्रेस को भलीभांति जानकारी थी कि झारखण्ड विधानसभा चुनाव के लिए 13 नवंबर को होने वाले मतदान के कारण 11 नवंबर से कोई प्रचार अभियान नहीं चलाया जा सकता, इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने 12 नवंबर को अपना घोषणापत्र जारी किया।
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चुनाव आयोग को आदर्श आचार सहिंता के उल्लंघन के मामले में संज्ञान लेते हुए कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा पब्लिक टेंडरों मे मुस्लिम कॅान्ट्रैक्टरों और ऑर्गनाइजेशन को 4% आरक्षण देने का प्रयास तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है।
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क्या कर्नाटक ट्रांसपरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट (केटीपीपी एक्ट) के अंतर्गत यह हो पाएगा? क्या कर्नाटक में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण दिया जा सकता है?
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राहुल गांधी और सोनिया गांधी के कहने पर जिस प्रकार से कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में किसानों की जमीनों को छीनकर वक्फ बोर्ड को देने की साजिश की, वही षड्यन्त्र कांग्रेस और जेएमएम झारखंड में भी करना चाहती है।
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सीपीआई नेता और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यह खुलासा किया है कि वायनाड उपचुनाव में कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा जमात-ए-इस्लामी का समर्थन ले रही हैं।
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हेमंत सोरेन ने निजी स्वार्थ और अपने परिवार की भलाई के लिए झारखंड की जनता की अनदेखी कर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं, जिसका पूरा परिदृश्य अदालत में देखा जा चुका है।
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जमीयत उलेमा ने जिस प्रकार पत्र लिखकर कांग्रेस को झारखंड में समर्थन देने की घोषणा की है, वह स्पष्ट रूप से कांग्रेस की मंशा उजागर करता है।
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क्या कर्णाटक के ही जैसा झारखंड में भी एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के अधिकार और लाभ छीनकर घुसपैठियों को दिए जा सकते हैं?
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं लोकसभा सांसद डॉ. संबित पात्रा ने बुधवार को केंद्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस द्वारा झारखंड के पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले घोषणा पत्र जारी करने पर जमकर आलोचना की। डॉ. पात्रा ने कहा कि कांग्रेस ने आदर्श आचार सहिंता का उल्लघन करते हुए झारखंड में अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया और जिसमें एससी, एसटी, ओबीसी और आदिवासियों के आरक्षण को मुस्लिमों में बांटने की मंशा दिखाई दी। संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करना और कानून की धज्जियां उड़ाना कांग्रेस की आदत बन गयी है।
डॉ. पात्रा ने कहा कि भारतीय संविधान के तहत झारखंड में लोकतंत्र का उत्सव मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी समय-समय पर संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। संविधान में यह विदित है कि चुनावी मतदान से 48 घंटे पूर्व ‘एक साइलेंट पीरियड’ होता है, जिसमें किसी भी तरह का चुनावी प्रचार-प्रसार या फिर चुनावी घोषणापत्र जारी नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद, कांग्रेस पार्टी ने बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण काम किया है। कांग्रेस को भलीभांति जानकारी थी कि झारखण्ड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 13 नवंबर को होने वाले मतदान के कारण 11 नवंबर से कोई चुनाव प्रचार अभियान नहीं चलाया जा सकता, इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने 12 नवंबर को अपना घोषणापत्र जारी किया। कांग्रेस पार्टी का यह कृत्य पूर्ण रूप से जानबूझ कर किया गया है, जो संविधान का सीधा सीधाअपमान है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया और हमेशा से ही चुनाव आयोग की अवहेलना करते रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पात्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने निर्वाचन आयोग से कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनाव आयोग के नियम-कानूनों की अवमानना की शिकायत की है। एक राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के “साइलेन्ट पीरियड” में घोषणा पत्र जारी करके संविधान की धज्जियां उड़ाई है। निर्वाचन आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कार्रवाई भी करनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने जो घोषणापत्र जारी किया है, उसमें बहुत सारी बातें कही है, लेकिन एक खास बात यह है जिसे कांग्रेस ने छिपाने की बहुत कोशिश की है, लेकिन वो बात सबके सामने आ ही गई। कांग्रेस दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के आरक्षण में कटौती करना चाहती है। सवाल उठता है कि क्या एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को छीनकर घुसपैठियों को दिया जा सकता है? इसी विषय को कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ाना चाहती है।
डॉ. पात्रा ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा पब्लिक टेंडरों मे मुस्लिम कॅान्ट्रैक्टरों और ऑर्गनाइजेशन को 4% आरक्षण देने का प्रयास तुष्टीकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है। कर्नाटक में कांग्रेस के मुस्लिम विधायकों, मंत्री जमील अहमद खान और मुख्यमंत्री के निजी सचिव नसीर अहमद ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को चिट्ठी लिखी कि पब्लिक टेंडर्स में मुस्लिम कॅान्ट्रैक्टरों और ऑर्गनाईजेशन को 4% आरक्षण मिलना चाहिए। सिद्धारमैया सरकार ने इस विषय को रिव्यू करने के लिए वित्त विभाग को चिट्ठी भी लिखी है। सवाल उठता है कि क्या कर्नाटक ट्रांसपरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट (केटीपीपी एक्ट) के अंतर्गत यह हो पाएगा? क्या कर्नाटक में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण दिया जा सकता है?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के कहने पर कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने किसानों की जमीनों को छीनकर वक्फ बोर्ड को देने की साजिश की। हजारों किसानों की जमीनें वक्फ बोर्ड को देने की साजिश का पर्दाफाश भी हुआ और चिट्ठी भी सामने आई थी। तत्पश्चात, जब सिद्धारमैया सरकार इस मामले में घिर गयी, तो उसे अपनी सफाई भी देनी पड़ी थी।
झारखंड में भी जेएमएम और कांग्रेस कुछ इसी प्रकार के षड्यन्त्र को अंजाम देने में लगी है और कांग्रेस ने सोच समझकर अपने घोषणा पत्र में इन बिंदुओं को अंकित किया है कि वह किस प्रकार से झारखंड में भी वक्फ बोर्ड को किसानों की जमीनें देगी।
डॉ. पात्रा ने कहा कि जमीयत उलेमा ने पत्र लिखकर जिस प्रकार से कांग्रेस को झारखंड में समर्थन देने की घोषणा की है, वह स्पष्ट रूप से कांग्रेस की मंशा को उजागर करता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी संविधान की अनदेखी करते हुए एससी, एसटी, और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करके इसे मुस्लिमों में बांटने की साजिश कर रही है। क्या कर्णाटक के ही जैसा झारखंड में भी एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के अधिकार और लाभ छीनकर घुसपैठियों को दिए जा सकते हैं? कांग्रेस पार्टी जिस आधार से खुलेआम मुस्लिम संगठनों का समर्थन मांग रही है, वह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। ऐसे मुद्दों पर सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चिंता प्रदर्शित नहीं की, बल्कि केरल के मुख्यमंत्री और सीपीआई नेता पिनराई विजयन ने भी यह खुलासा किया है कि वायनाड लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा जमात-ए-इस्लामी का समर्थन ले रही हैं। यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस पार्टी झारखंड में भी ऐसा ही खेल खेलने की कोशिश कर रही है और इसमें जेएमएम भी खुलकर कांग्रेस के साथ है। हेमंत सोरेन ने निजी स्वार्थ और अपने परिवार की भलाई के लिए झारखंड की जनता की अनदेखी कर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं, जिसका पूरा परिदृश्य अदालत में देखा जा चुका है।
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