भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा श्री राम मंदिर में दर्शन के ठीक अगले दिन महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का श्रीराम जन्मभूमि के शुद्धिकरण कराने वाला शर्मनाक बयान एससी और एसटी समाज का घनघोर अपमान है।
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कांग्रेस देश की प्रथम नागरिक और समस्त आदिवासी समाज का घोर अपमान करने पर आमादा क्यों है? यह बयान सीधे तौर पर भारत के एससी और एसटी समाज का घनघोर अपमान है और कांग्रेस के भीतर का द्वेष और असली भाव क्रमशः देश के सामने आ रहा है।
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कल ही कांग्रेस के प्रमुख नेता मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान को सम्मान देने की बात कही और आज कांग्रेस नेता नाना पटोले राम मंदिर के अपमान की बात कर रहे हैं। यानी एक ओर पाकिस्तान का मान, दूसरी ओर राम मंदिर का अपमान, यही है कांग्रेस की असली पहचान।
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कांग्रेस ने 22 जनवरी 2024 को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में मुख्य भूमिका निभाने का भी विरोध किया था, क्योंकि वे ओबीसी समाज से आते हैं।
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9 नवंबर 1989 को श्रीराम जन्मभूमि के शिलान्यास में पहली ईंट बिहार के कामेश्वर चौपाल जी के द्वारा रखी गई थी, जो तथाकथित निम्न एवं अनुसूचित जाति के थे, कांग्रेस ने उस समय भी विरोध किया था।
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यदि भाजपा के विचार और भाजपा परिवार के लोग नहीं होते, तो कांग्रेस ने तो अनुसूचित जनजाति समाज को धर्मांतरण की ताकतों के लिए छोड़ ही दिया था।
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अनुसूचित जनजाति समाज के स्वाभिमान और संस्कृति की रक्षा के लिए विचारों और परिवारों का संगठन “भाजपा” ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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इंडी गठबंधन ने सनातन धर्म के समूल नाश के लिए जो कॉन्फ्रेंस की थी, वह केवल बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि गठबंधन के नेताओं के कर्मों में भी वह दिखाई पड़ रही है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के आपत्तिजनक बयान पर कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। श्री त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस भाजपा और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का अपमान करते करते समाज के सबसे अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के अपमान पर भी उतर आई है, जो अत्यंत पीड़ादायक है।
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले के भर्त्सना योग्य बयान की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। नाना पटोले ने कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि के शुद्धिकरण कराने की आवश्यकता है। नाना पटोले का यह बयान महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के राम मंदिर में दर्शन करने के ठीक एक दिन बाद आया है। कांग्रेस देश की प्रथम नागरिक और समस्त आदिवासी समाज का घोर अपमान करने पर आमादा क्यों है? यह बयान सीधे तौर पर भारत के एससी-एसटी समाज का घनघोर अपमान है और कांग्रेस के भीतर का द्वेष और असली भाव क्रमशः देश के सामने आ रहा है। कांग्रेस ने धर्माचार्यों और शंकरचार्यों को लेकर भी पूर्व में, कई बार सवाल उठाए हैं. श्रीराम जन्मभूमि के आंदोलन की जब शुरुआत हुई थी, तो 1989 में प्रयाग महाकुंभ में धर्मसंसद हुई थी और देश के सभी धर्माचार्यों ने एक स्वर में इसका समर्थन किया था, लेकिन कांग्रेस ने तब भी इसका विरोध किया था। 9 नवंबर 1989 को श्रीराम जन्मभूमि के शिलान्यास में पहली ईंट बिहार के कामेश्वर चौपाल जी के द्वारा रखी गई थी, जो तथाकथित निम्न एवं अनुसूचित जाति के थे, कांग्रेस ने उस समय भी विरोध किया था। कांग्रेस ने 2019 में रामजन्म भूमि पर सुप्रीम कोर्ट के आए निर्णय का भी विरोध किया था। कांग्रेस 22 जनवरी 2024 को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में मुख्य भूमिका निभाने का भी विरोध किया था, क्योंकि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ओबीसी समाज से आते हैं।
आज देश की राष्ट्रपति, जो आदिवासी समाज से आती हैं, उनके राम मंदिर जाने के अगले दिन कांग्रेस का विरोध साफ दर्शाता है कि ‘राम मंदिर तो एक बहाना है, कांग्रेस को अपने मन के भीतर के एससी, एसटी और ओबीसी के प्रति हिकारत को सामने लाना है।’ यदि भाजपा के विचार और भाजपा परिवार के लोग नहीं होते, तो कांग्रेस ने तो अनुसूचित जनजाति समाज को धर्मांतरण की ताकतों के लिए छोड़ दिया था। अनुसूचित जनजाति समाज के स्वाभिमान और संस्कृति की रक्षा के लिए विचारों और परिवारों का संगठन “भाजपा” ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि इंडी गठबंधन ने सनातन धर्म के समूल नाश के लिए जो कॉन्फ्रेंस की थी, वह केवल बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि गठबंधन के नेताओं के कर्मों में भी दिखाई पड़ रही है। कुछ दिन पहले इंडी गठबंधन के प्रमुख नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर जैसे पवित्र स्थान के लिए ‘बेकार’ शब्द का प्रयोग किया था। उससे पहले कांग्रेस के सात समंदर पार बैठे गुरु जी ने कहा कि राम मंदिर और राम नवमी के कारण देश का लोकतंत्र खतरे में है और अब नाना पटोले ने राम मंदिर के शुद्धिकरण की बात की है। यह कांग्रेस और इंडी गठबंधन की सोची समझी और व्यवस्थित रणनीति के तहत दिया गया बयान है। कल ही कांग्रेस के प्रमुख नेता मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान को सम्मान देने की बात कही और आज कांग्रेस नेता नाना पटोले राम मंदिर के अपमान की बात कर रहे हैं। यानि, एक ओर पाकिस्तान का सम्मान तथा दूसरी ओर राम मंदिर और अनुसूचित जाति का अपमान। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता स्वयं को ऊंचे खानदान का मानते हैं, मगर भगवान श्रीराम ने रामचरितमानस में स्पष्ट रूप से कहा है कि ‘जाति पाँति कुल धर्म बड़ाई, धन बल परिजन गुन चतुराई अर्थात इन 10 वस्तुओं से आप ऊंचे नहीं होते हैं। श्रीराम ने शबरी माता से कहा कि ‘रघुपति सुन भामिनी बाता, मानउँ एक भगति कर नाता’, मगर कांग्रेस में भक्ति नहीं है। इसी कारण से राम मंदिर और भारतीय संस्कृति के प्रति कांग्रेस के मन की हिकारत निरंतर उभरकर सामने आ रही है।
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