भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु
लोकसभा चुनाव 2024 का जब आगाज हुआ, तो एक गठबंधन तिरोहित हो गया, जिसका नाम था यूपीए। अब लोकसभा चुनाव अपने अंजाम पर पहुँच रहा है, उसके साथ साथ इंडी गठबंधन भी अपनी अंतिम तिलांजलि को ओर बढ़ रहा है।
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हाल के एक वीडियो में बिहार में राहुल गांधी, मीसा भारती और तेजस्वी यादव मिलकर बिहार और उत्तर प्रदेश में चुनावी परिणाम का अनुमान लगा रहे थे। ये तीनों लोग जो एक समय ‘डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ़ लिगेसी’ की चर्चा करते थे, हकीकत यही है कि इन तीनों ने अपनी पार्टी का “डिस्ट्रक्शन ऑफ लिगेसी” ही किया है।
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अपनी अवश्यम्भावी पराजय को देखकर, इंडी गठबंधन का अंतर्विरोध पूरी तरह सामने आ रहा है। जब स्पष्ट है कि पंजाब और बंगाल में इंडी गठबंधन के दल आपस में लड़ रहे हैं, दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में प्यार जबकि पंजाब में एक दूसरे से जूतम-पैजार है, तो इसका अर्थ यही है कि इन्हें वोट करना एक प्रकार से अपने वोट को व्यर्थ करने के समान है।
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पश्चिम बंगाल में संवैधानिक प्रावधानों को दरकिनार करते हुए जिस प्रकार से मुस्लिम आरक्षण लागू किया गया, उस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से टिप्पणी की है। यह लोग संविधान बदलने की बाते करते हैं, मगर स्वयं इनका मनोभाव क्या है यह अखिलेश यादव के बयान से पता चल सकता है। अखिलेश यादव ने कहा है कि मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए वह संविधान संशोधन के पक्ष में हैं।
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इंडी गठबंधन के दल संविधान निर्माताओं का भाव, सर्वोच्च न्यायालय का भाव और संविधान के मूल भाव को वोटबैंक के तराजू पर तौलकर, एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को रौंद कर अपनी वोटबैंक की राजनीति करना चाहते हैं।
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पंजाब में आम आदमी पार्टी के एक मंत्री बलकार सिंह का एक आपत्तिजनक वीडियो आया है जिसमें वे एक महिला के साथ आपत्तिजनक हरकत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
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आप सरकार का मंत्री पंजाब में आपत्तिजनक कृत्य करते हुए दिखाई देता है, लेकिन इंडी गठबन्धन इस कुकृत्य पर मौन है, यहाँ तक कि अब तक उसपर कोई कार्रवाई भी अमल में नहीं लाई गई।
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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने साक्षात्कार और उद्बोधन में कई बार कहा है कि पंजाब में आई सरकार अर्बन नक्सल मानसिकता वाली सरकार है। इसीलिए पंजाब में आप सरकार बनने के बाद से राज्य की कानून व्यवस्था चरमरा गई है।
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अंतिम चरण आते-आते देश की जनता ने यह सारी बातें देख ली हैं और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए और भाजपा बहुत शानदार तरीके से 400 पार के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है।
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‘राहुल-इंडी और घमंडी, सबका संकट एक है, आएगा तो मोदी ही, चूंकि नीयत नेक है।’
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज मंगलवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। डॉ त्रिवेदी ने इंडी गठबंधन के आपसी द्वंद और उनकी वोटबैंक की राजनीति पर जमकर हमला बोला। उन्होंने साक्ष्य के साथ निशाना साधते हुए कहा कि इंडी गठबंधन के नेता अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए संविधान बदलने की तैयारी कर रहे हैं।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 का जब आगाज हुआ, तो एक गठबंधन तिरोहित हो गया, जिसका नाम था यूपीए है। अब जिन जिन राज्यों के लोकसभा चुनाव अपने अंजाम पर पहुँच रहा है, उसके साथ साथ इंडी गठबंधन भी अपनी अंतिम तिलांजलि को ओर बढ़ रहा है। पंजाब में इंडी गठबंधन एक-दूसरे से लड़ रहे हैं, हिमाचल प्रदेश में इंडी गठबंधन है ही नहीं, यहाँ भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, उत्तर प्रदेश में मुकाबला सिर्फ भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच है, क्योंकि कांग्रेस वहां किसी भी निर्णायक स्थिति में नहीं है। बिहार में इंडी गठबंधन के जो मुख्य सूत्रधार थे, वे राष्ट्र की मुख्यधारा में पहले से शामिल हो गए थे जबकि पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस और ममता बनर्जी एक दूसरे के खिलाफ कमर कसे हुए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि चुनाव के अंतिम चरण आते-आते पंजाब से बंगाल तक इंडी गठबंधन पूरी तरह से ध्वस्त होता दिखाई दे रहा है।
हाल के एक वीडियो में बिहार में राहुल गांधी, मीसा भारती और तेजस्वी यादव मिलकर बिहार और उत्तर प्रदेश में चुनावी परिणाम का अनुमान लगा रहे थे। ये तीनों लोग जो एक समय ‘डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ़ लिगेसी’ की चर्चा करते थे, हकीकत यही है कि इन तीनों ने अपनी पार्टी का “डिस्ट्रक्शन ऑफ लिगेसी” ही किया है। राजीव गांधी 404 सीटें जीतकर आए थे, जबकि राहुल 44 जी सीटों पर सिमट गए, उत्तर प्रदेश में पहले 85 सीटें हुआ करती थीं और राजीव गांधी ने इनमें 84 जीती थी, एक सिर्फ बागपत की सीट हारी थी, लेकिन राहुल गांधी के समय 2019 में रायबरेली की केवल 1 सीट जीती है। मीसा भारती अपना चुनाव स्वयं हारी, वहीं लालू यादव और राबड़ी देवी तीन बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन तेजस्वी यादव सरकार में एक-डेढ़ साल भी पूरा नहीं कर पाए। इंडी गठबंधन के नेताओं की स्वयं की स्थिति उनके अपने कर्मों से ही स्पष्ट हो जाती है। इनके गठबंधन के ही साथी, ममता बनर्जी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे 1 जून को होने वाली इंडी गठबंधन की बैठक में वो शामिल नहीं होंगी। इससे यह संकेत मिलता है कि यह समूचा गठबंधन अपने विध्वंस की ओर बढ़ रहा है।
दूसरी ओर, पंजाब में आम आदमी पार्टी के एक मंत्री बलकार सिंह का एक आपत्तिजनक वीडियो आया है जिसमें वे एक महिला के साथ आपत्तिजनक हरकत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वही आम आदमी पार्टी है जो दिल्ली में अपनी महिला सांसद के साथ मुख्यमंत्री आवास में दुर्व्यवहार करती है और उसके बाद निर्लज्जता के साथ उनका चरित्र हनन करती है। आप सरकार का मंत्री पंजाब में आपत्तिजनक कृत्य करते हुए दिखाई देता है, लेकिन इंडी गठबन्धन इस कुकृत्य पर मौन है, यहाँ तक कि अब तक उसपर कोई कार्रवाई भी अमल में नहीं लाई गई। पंजाब के लोग इस पूरे विषय को ध्यान में रखते हुए संवेदना और प्रबलता के साथ इसका सही उत्तर देंगे।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने साक्षात्कार और उद्बोधन में कई बार कहा है कि पंजाब में आई सरकार अर्बन नक्सल मानसिकता वाली सरकार है। इसीलिए पंजाब में आप सरकार बनने के बाद से राज्य की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। सीएमआई की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान सरकार के कार्यकाल के प्रथम वर्ष में पंजाब में निवेश 85% तक कम हो गया है। 2022 तक पंजाब में 23 हजार 655 करोड़ रुपए का निवेश था, वह घटकर 3 हजार 492 करोड़ रुपए पर पहुँच गया है। यह दर्शाता है कि उत्तर भारत के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक पंजाब में निवेश, उद्योग और उद्यमिता में भारी गिरावट आई है। यह दर्शाता है कि आप के शासनकाल में पंजाब राज्य की किस प्रकार दुर्गति हुई है। साथ ही, इंडी गठबंधन की किस प्रकार की गति और दुर्गति हो रही, देश की जनता इनके प्रति केवल संवेदना ही व्यक्त कर सकती है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में संवैधानिक प्रावधानों को दरकिनार करते हुए जिस प्रकार से मुस्लिम आरक्षण लागू किया गया, उस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से टिप्पणी की है। यह लोग संविधान बदलने की बाते करते हैं, मगर स्वयं इनका मनोभाव क्या है यह अखिलेश यादव के बयान से पता चल सकता है। अखिलेश यादव ने कहा है कि मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए वह संविधान संशोधन के पक्ष में हैं। अर्थात जो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कह रहे थे, वह इन विपक्षी नेताओं का उद्देश्य है और ये बात ये लोग पहले लिख भी चुके हैं, कह भी चुके है और कर भी चुके हैं। सपा नेता एसटी हसन भी कह चुके हैं कि संविधान में संशोधन करके विशेष वर्ग को आरक्षण दिया जा सकता है। यह स्पष्ट करता है कि इंडी गठबंधन के दल संविधान निर्माताओं का भाव, सर्वोच्च न्यायालय का भाव और संविधान के मूल भाव को वोटबैंक के तराजू पर तौलकर, एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को रौंद कर अपनी वोटबैंक की राजनीति करना चाहते हैं। इसमें किसी प्रकार का कोई किन्तु-परंतु नहीं है।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के 2009 लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र, समाजवादी पार्टी के 2012 विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र, आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा लिया गया निर्णय, हाल ही में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा लिया गया फैसला और अखिलेश यादव का हाल का बयान- ये सब इनकी मंशा को उजागर करता है। यह बात बहुत स्पष्ट है कि अपनी अवश्यम्भावी पराजय को देखकर, इंडी गठबंधन का अंतर्विरोध पूरी तरह सामने आ रहा है। जब स्पष्ट है कि पंजाब और बंगाल में इंडी गठबंधन के दल आपस में लड़ रहे हैं, दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में प्यार जबकि पंजाब में एक दूसरे से जूतम-पैजार है, तो इसका अर्थ यही है कि इन्हें वोट करना एक प्रकार से अपने वोट को व्यर्थ करने के समान है।
अंतिम चरण आते-आते देश की जनता ने यह सारी बातें देख ली हैं और आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए और भाजपा बहुत शानदार तरीके से 400 पार के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। देश की जनता निर्णायक रूप से और पूर्ण भावना और समर्थन के साथ भाजपा और एनडीए के साथ खड़ी है।
‘राहुल-इंडी और घमंडी, सबका संकट एक है, आएगा तो मोदी ही, चूंकि नीयत नेक है।’
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