Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sudhanshu Trivedi


by Dr. Sudhanshu Trivedi -
03-01-2023
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी की प्रेसवार्ता के मुख्यबिन्दु

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि क्या वे यही चाहते हैं कि भारत, चीन के आगे नतमस्तक हो जाए. डॉ त्रिवेदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अभिनेता से नेता बने कमल हासन को दिए इंटरव्यू में भारत को चीन के आगे झूक जाने की सलाह देने वाले बयानों  को ‘निंदनीय और अक्षम्य’ करार देते हुए कहा कि राहुल गांधी ने देश के सामने कांग्रेस की मंशा स्पष्ट कर दी है.

 

चीन के साथ विवाद पर भारत की सेना के लिए पहले पीटने’ जैसे शब्द का उपयोग करने के बाद उन्होंने जो बयान दिया है उसका मतलब यही है कि भारत को ठीक उसी प्रकार चीन के सामने समर्पण कर देना चाहिए जैसा उनकी सरकार के दौरान होता रहा, उन्हीं की खानदानी रवायत के चलते हमने भाई-भाई के नारे के साथ अपनी जमीन गंवाई थी.

 

भारतीय जनता पार्टी ने इस संबंध में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से चंद सवालों जा जवाब चाहती है –

 

·        क्या राहुल गांधी चाहते हैं कि चीन के आगे भारत भयभीत होकर नतमस्तक हो जाए?

 

·        भारतीय सेना का मनोबल तो राहुल गांधी गिराते ही रहे हैं, अब 135 करोड़ भारतवासियों का मनोबल वे क्यों गिरा रहे हैं?

 

·        क्या चीन से मिले चंदे के दान के एहसान की वजह से, या चाइनीज कम्यूनिस्ट पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच हुए करार से उत्पन्न प्यार की वजह से राहुल गांधी चीन के पक्ष में बयान दे रहे हैं?   

 

·        राहुल गांधी और उनके अनुसंधानकर्त्ता टीम केवल चार-पांच ऐसे देशों का ही नाम बताएं, जो चीन के साथ खड़े हैं? जबकि पूरी दुनिया आज भारत के साथ खड़ी है।

 

मोदी सरकार की विदेश नीति की शक्ति उस वक्त पूरी दुनिया जान गयी,  जब रूस-युक्रेन युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एकमात्र राष्ट्राध्यक्ष रहे जो युद्ध करने वाले दोनो देशों के राष्ट्राध्यक्षों से समान रूप से बातचीत की।

 

·        प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एकमात्र राष्ट्राध्यक्ष हैं जो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन के साथ इंटरव्यू में यूक्रेन और रूस दोनों का धन्यवाद दिया। सशक्त भारतीय विदेश नीति की ही देन है कि इससे पूर्व भी, यमन में संघर्ष के दौरान वहां युद्ध विराम के लिए सहमत हुए थे। यमन संकट के दौरान भारत ही एकमात्र देश था, जिसने वहां 19 देशों के फंसे नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकाला था।

 

राहुल गांधी पर तंज कसते हुए डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय राजनीति के चिरयुवा, चिरकुपित और चिरभ्रमित राहुल गांधी हमेशा कन्फ्यूज रहते हैं। कभी हिन्दू और हिन्दुत्व को लेकर, तो कभी भारतीय विदेश नीति और भारतीय अर्थनीति के मामले में वे कन्फ्यूज दिखते हैं। उनके कन्फ्यूजन का तो यह आलम है कि वे कोविड को मोविड बोलते हैं। दरअसल, राहुल जी की आंखों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विरोध का मोतियाबिन्द हुआ है जिसके कारण वे सदैव इस प्रकार की अनर्गल बातें करते हैं।

 

·        भारत जोड़ने निकले राहुल गांधी भारत के विरूद्ध विषवमन करने में लगे हैं। कन्फ्यूज्ड राहुल गांधी के लिए इतना ही कहा जा सकता है कि भारत भ्रमण से नहीं, बल्कि भारत को अनुभव करने से भारतीयता समझ में आएगी।

 

·        जिस कमल हासन को स्थापत्य कला का बेजोड़ उदाहरण तंजावुर स्थित भगवान शिव का ब्रह्म्देश्वर मंदिर बनाने वाले और गंगईकोंडाचोलपुरम में गंगा जल लाने वाले चोल राजा हिन्दू नजर नहीं आते हैं, ऐसे कन्फयूज्ड फिल्म स्टार को राहुल गांधी जब इंटरव्यू देंगे, तो स्वाभाविक है उनका कन्फ्यूजन बढ़ेगा ही।

 

·        तथाकथित भारत जोड़ो यात्रा में भ्रमण करते हुए राहुल गांधी और ज्यादा भ्रमित हो गए हैं। ऐसा होना स्वभाविक है, क्योंकि जब एक ओर वे केरल में बीफ पार्टी और तमिलनाडु में भारत माता को अपवित्र मानने वाले लोगों से मिलते हैं, तो दूसरी ओर, यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में वीर सावरकर के प्रति नफ़रत फैलाते मिले. गुजरात के विकास से नफ़रत की प्रतीक मेधा पाटकर और टुकड़े-टुकड़े गैंग के नौजवान का साथ लेकर यात्रा में चल रहे हों, तो राहुल गांधी का भ्रम बढ़ना स्वाभाविक है।

 

कन्फ्यूज्ड राहुल गाँधी को भारत की सांस्कृतिक और चिरंतन शक्ति का अहसास दिलाते हुए डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि चीन के एक प्रख्यात विचारक एवं दार्शनिक ‘हू शी’ ने कभी कहा था कि भारत ने सीमा पार एक भी सैनिक भेजे बिना दो हजार से अधिक वर्षों तक चीन पर सांस्कृतिक रूप से प्रभुत्व जमाया है।

 

राहुल जी! भारत और भारतीयता को समझिए। भारत एक प्राचीन राष्ट्र है। भारत एकमात्र प्रागैतिहासिक सनातन और चिरन्तन राष्ट्र है।

 

ऐसा लगता है कि क्या चार पीढ़ियों के बाद भी “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” अर्थात भारत की खोज चल ही रही है? 

 

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