Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sudhanshu Trivedi (MP)


by Dr. Sudhanshu Trivedi -
14-10-2024
Press Release

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी की प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु

 

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी के परिवार द्वारा सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट मामले में आवंटित जमीन की वापसी की पेशकश यह प्रमाणित करती है और एक तरह से स्वीकारोक्ति भी है कि सत्ता का दुरुपयोग करके जमीन को हड़पा गया था

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कर्नाटक में कांग्रेस सरकार सत्ता का दुरुपयोग करके भूमि को हड़पने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ​हो, उप-मुख्यमंत्री हो या राष्ट्रीय अध्यक्ष, कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व भूमि हड़पने के आंदोलन में समान रूप से संलिप्त है।

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी का कोई जमीर नहीं जागा है जो जमीन लौटाई है बल्कि अदालत में जलालत से बचने के लिए लौटाई है।

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एक समय महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित और आचार्य विनोबा भावे जी के नेतृत्व में भूदान आंदोलन करने वाली कांग्रेस, आज राहुल गांधी और सोनिया गांधी जी के विचारों से प्रेरित होकर भू-हड़प आंदोलन चला रही है। भूदान से लेकर भू-हड़प तक कांग्रेस का नैतिक पतन हो चुका है।

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राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी पहले ही नेशनल हेराल्ड घोटाले में जमानत पर हैं, मल्लिकार्जुन खड़गे जी सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट जमीन आवंटन मामले में कठघरे में हैं, रॉबर्ट वाड्रा पर पहले ही लैंड घोटाले के आरोप हैं, सिद्धारमैया जी MUDA स्कैम में केस का सामना कर रहे हैं तथा डीके शिवकुमार जी, अशोक गहलोत जी, भूपेश बघेल जी और कमलनाथ जी पर भी इसी तरह के आरोप हैं

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इन सभी भूमि घोटालों पर इंडी गठबंधन और कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है। ये साफ दर्शाता है कि जनता की कमाई से बनी हुई सरकारी संपत्ति को हड़पने के लिए इंडी गठबंधन के सभी दल एक-दूसरे को मौन समर्थन दे रहे है।

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राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान में भू-माफिया की गैरकानूनी दुकान है, जिसमें आम जनता की भूमि को हड़पा जाता है और कांग्रेस पार्टी के चहेतों को अनुदान कर दिया जाता है।

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जब से कांग्रेस पार्टी को लोकसभा में 99 सीटें मिली हैं, तब से कांग्रेस पार्टी देश पर गजब ढा रही है और जनता पर कहर बरपा रही है।

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भूमि घोटाले से कांग्रेस को इतना स्नेह है कि यह जिस भी राज्य में सरकार बनाती है, वहीं इनका नाम भूमि विवाद के साथ जुड़ जाता है। फिर चाहे हरियाणा हो, राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो या कर्नाटक हो।

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राहुल गांधी और सोनिया गांधी द्वारा केवल भूमि वापस करने से काम नहीं चलेगा, इन्हें नैतिक मूल्यों पर इस्तीफा भी देना चाहिए।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आज सोमवार को नई दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट जमीन आवंटन में हुई गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे पर जोरदार हमला बोला साथ ही, उन्होंने भूमि आवंटन में घोटाला करने और बाद में लीपापोती करते हुए कानूनी जांच प्रक्रिया से बेइज्जत होने से बचने के लिए भूमि को वापस करने की तरकीब निकालने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ अन्य कांग्रेसी नेताओं एवं कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर करारा निशाना साधा

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि भ्रष्टाचार, कांग्रेस की सहज और स्वाभाविक प्रवृत्ति है। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी के नीचे से भी जमीन खिसकती नजर आ रही है। खड़गे जी ने उनके परिवार द्वारा संचालित ट्रस्ट पर आक्षेप लगने के बाद आवंटित भूमि को लौटाने का निर्णय लिया है और यही इससे पूर्व कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी यही किया था। खड़गे का यह कदम स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है और एक तरह से स्वीकारोक्ति भी है कि कांग्रेस ने कर्नाटक में भूमि हड़पने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया है।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वर्ष 2015 में वर्तमान उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर लैंड ग्रैब का आरोप लगा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मूडा घोटाले में शामिल थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी के परिवार के लोगों ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की भूमि को हड़पा। इससे पूर्व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता कमलनाथ का नाम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी भूमि घोटाले में सामने आ चुका है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम भी बीकानेर के लैंड स्कैम में सामने आ चुका और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम भी भूमि घोटाले में सामने आ चुका है। रॉबर्ट वाड्रा पहले ही कई लैंड डील में आरोपी हैं राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी पहले से ही नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर हैंयानी मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, चिरयुवा नेता और बुजुर्ग नेता सहित कांग्रेस के पूरे नेतृत्व की दृष्टि सिर्फ गरीब की भूमि हड़पने पर है। एक वो कांग्रेस थी जो महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित थी और जिसने आचार्य विनोबा भावे जी के नेतृत्व में भूदान आंदोलन चलाया था, लेकिन आज राहुल गांधी और सोनिया गांधी जी के विचारों से प्रेरित वही कांग्रेस भू-हड़प आंदोलन चला रही है। भूदान से लेकर भू-हड़प तक कांग्रेस का नैतिक पतन हो चुका है।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर लगे आरोप अगर किसी अन्य दल या भारतीय जनता पार्टी के नेता पर लगे होते तो इंडी गठबंधन बवाल मचा देता। आज इंडी गठबंधन और कांग्रेस पार्टी ने चुप्पी साध रखी है एवं ये चुप्पी साफ दर्शाती है कि कमाई से बनी हुई सरकारी संपत्ति को हड़पने के लिए इंडी गठबंधन के सभी दल एक दूसरे से मिले हुए हैं और सब एक दूसरे को मौन समर्थन दे रहे हैं। नेशनल हेराल्ड भ्रष्टाचार मामले में ₹2000 से ₹3000 करोड़ तक की संपत्ति वाली संस्था को मात्र ₹90 करोड़ में बेच दिया गया था। नेशनल हेराल्ड के तीन अखबार थे अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज़। दस वर्ष सत्ता में रही कांग्रेस ने अगर इन अखबारों को एक करोड़ रुपए भी विज्ञापन के रूप में आवंटित किए होते, तो इतने समय में ही इनका कर्ज चुका दिया जाता और राजीव गांधी फाउंडेशन को ₹150 करोड़ मिल सकते थे। नेशनल हेराल्ड सोसाइटी, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान दिया था, सरकारी विज्ञापन या अनुदान प्राप्त करने में असमर्थ थी, जिसके परिणामस्वरूप इसे ₹90 करोड़ में बेच दिया गया।

 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी में जो प्रवृत्ति देखी गई थी, वही प्रवृत्ति अब मल्लिकार्जुन खड़गे, सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार में भी दिखाई दे रही है। भाजपा सांसद श्री लहर सिंह सिरोया ने इस मामले को उठाया है और सीएजी ने 2017 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, 'समिति से कहा जाए कि वह न्यायालय के आदेश के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदारी तय करे और श्रेणी ए के तहत भूमि को हटाने के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का सुझाव दे।' कांग्रेस नेता व कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष खड़गे जी आज अगर भूमि वापस कर रहे हैं तो इसका कारण उनके जमीर का जागना नहीं बल्कि यह अदालत की कार्रवाई से होने वाली जलालत से बचने का तरीका है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी जो अपनी मोहब्बत की दुकान का बखान करते नहीं थकते अब उनकी मोहब्बत की दुकान किसी भू-माफिया की दुकान की तरह नजर आने लगी है, जिसमें आम जनता की भूमि को हड़पा जाता है और फिर कांग्रेस पार्टी के चहेतों को अनुदान कर दिया जाता है। भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी से ये स्पष्टीकरण चाहती है कि वे बताएं कि अभी तक उनकी दुकान में नफरती सामान बेचा जा रहा था, जहर बुझे सामान मिलते थे लेकिन अब उनकी मोहब्बत की दुकान एक भूमाफिया की गैरकानूनी दुकान में कैसे तब्दील हो गई है? कांग्रेस पार्टी आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त है, भूमि घोटाले से कांग्रेस पार्टी को इतना स्नेह है कि जिस भी राज्य में इनकी सरकार आती है वहां इनका नाम भूमि विवाद के साथ जुड़ जाता है फिर चाहे वो हरियाणा हो, राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो या कर्नाटक हो।

 

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि लोकसभा चुनावों में 99 सीटें मिलने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी देश पर गजब रौब दिखा रही है। कांग्रेस पार्टी बताए कि जिन कांग्रेसी नेताओं ने भूमि वापस की है उन्हें नैतिक तौर पर इस्तीफा देना चाहिए या नहीं? न्यायालयों, सीएजी रिपोर्ट एवं राज्य के माननीय राज्यपाल की स्वीकृति के बाद जब जांच की प्रक्रिया शुरू हुई और जब कांग्रेस के नेताओं ने यह स्वीकार कर लिया है कि भूमि गलत तरीके से आवंटित थी तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस शासित राज्य के मुख्यमंत्री, राहुल गांधी एवं सोनिया गांधी से भाजपा कहना चाहती है कि केवल भूमि वापस करने से काम नहीं चलेगा, उन्होंने अगर भूमि वापस की है तो नैतिक मूल्यों पर इस्तीफा भी देना चाहिए।

 

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