Salient points of the press conference : BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhaita


by Shri Gaurav Bhatia -
01-03-2023
Press Release

 

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

प्यादों से तो इस्तीफा ले लिया लेकिन जिसने घोटाला करवाया, जिसके निर्देश पर घोटाले हुए और जिसने घोटाले की रचना की- अरविंद केजरीवाल आप इस्तीफा कब देंगे?

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शराब घोटाले के आरंभ से ही भारतीय जनता पार्टी जब इस मुद्दे को उठा रही थी तो उस वक्त कट्टर बेईमान अरविन्द केजरीवाल अपने पापी मंत्रियों को कट्टर ईमानदारी का सर्टिफिकेट देते हुए कभी इन बेईमानों को भारत रत्न तो कभी पद्म विभूषण से अलंकृत करने की बात कहते नहीं अघाते थे. अब केजरीवाल सरकार के वही मंत्री इस्तीफा देने को बाध्य क्यों हुए?

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उस वक्त हमने कहा था कि जैसे जैसे जुड़ रही है कड़ी, अरविन्द केजरीवाल के पास आ रही है हथकड़ी.

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आखिर क्यों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निजी सहायक 4 मोबाइल फोन उसी अवधि के दौरान नष्ट कर दिए? क्या इन साक्ष्यों के आधार पर शराब घोटाले का तार अरविन्द केजरीवाल से नहीं जुड़ता है?

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सबूत मिटाने का काम केजरीवाल जी के इशारे पर ही होते रहे. वही केजरीवाल, जो अकसर कहते हैं कि अगर किसी पर आरोप भी लग जाये तो उसे शीघ्र इस्तीफा दे देना चाहिए.

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जांच एजेंसी ने अदालत के सामने यह बात भी रखी है कि शराब घोटाले के अन्य आरोपी विजय नायर ने, जो पापी ‘आप’ के नेता भी हैं, फेसटाइम कॉल के जरिये केजरीवाल जी की बात शराब घोटाले के अन्य आरोपी समीर महेन्द्रू से कराई. केजरीवाल जी ने समीर महेंद्रू से कहा कि नायर जो भी बात कहे, उसे अक्षरशः सही मानते हुए समझना वो बात मैं ही कह रहा हूँ.

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केजरीवाल जी, यदि आप संवैधानिक पद पर बने रहेंगे, तो एक निष्पक्ष जांच कतई संभव नहीं है. अतः केजरीवाल जी को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए ताकि जाँच एजेंसी निष्पक्ष जाँच कर सके. दिल्ली की जनता तो यही कह रही है की-मनीष-सत्येन्द्र तो झांकी है, केजरीवाल बाकि है.

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एक जवाब के तलबगार हैं हम, और मांगें तो गुनाहगार हैं हम. केजरीवाल जी, क्या यह सच नहीं है कि 5 फरवरी 2021 को हुई दिल्ली सरकार की कैबिनेट मीटिंग आपकी अगुवाई में  हुई?

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इस मीटिंग में निर्णय लिया गया कि एक GoM गठित की जाएगी और एक एक्सपर्ट कमिटी नई आबकारी नीति का अध्ययन कर अपना सुझाव देगी.

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GoM में तीन मंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत नामित किए गए। इस समूह ने अपनी रिपोर्ट 22 मार्च 2021 को दी, लेकिन एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट को नजरंदाज कर अपने मित्रों और शराब के बिचौलियों को लाभ पहुँचाने के ख्याल से आनन फानन में नई आबकारी नीति को स्वीकृति दे दी गई. सूई बार बार कट्टर बेईमान केजरीवाल पर आकर रूकती है.

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यह सवाल भी महत्वपूर्ण है कि इस घोटाले के प्रकाश में आने के बाद GoM द्वारा लिए गए निर्णयों के आधार पर कैलाश गहलोत ने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया क्योंकि वह भी जीओएम के सदस्य थे, जिसे केजरीवाल जी द्वारा अधिकृत किया गया था।

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मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार क्या यह सत्य नहीं है कि मनीष सिसोदिया समेत 34 वीआईपी लोगों ने डिजिटल साक्ष्य मिटाने के लिए लगभग 1.20 करोड़ रुपए मूल्य के कुल 170 फोन बदले। यह भी मीडिया में आया है की उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने खुद 16 फोन बदले। आखिर क्यों?

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने एक प्रेसवार्ता को संबोधित किया और दिल्ली सरकार के दो मंत्रियों के इस्तीफे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि प्यादों से तो इस्तीफा ले लिया लेकिन जिसने घोटाला करवाया, जिसके निर्देश पर घोटाले हुए और जिसने घोटाले की रचना की- अरविंद केजरीवाल आप इस्तीफा कब देंगे? 

 

कट्टर बेईमान, महाभ्रष्टाचारी, ‘आप’ नहीं ‘पाप’ पार्टी, जिसने आबकारी घोटाला किया, उनके शराब और शिक्षा मंत्री सीबीआई कस्टडी में हैं. दिल्ली की जनता जो सवाल केजरीवाल सरकार से चीख चीखकर पूछ रही थी और भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली शराब घोटाले को जितनी प्रखरता के साथ उठाया, उसी का परिणाम रहा कि केजरीवाल सरकार को मजबूरन अपने दो भ्रष्टाचारी मंत्रियों का- पहला, मनीष सिसोदिया, जो दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी थे और शराब मंत्री भी, और दूसरे मंत्री सत्येन्द्र जैन, जो पिछले 8 माह से ज्यादा समय से जेल की सलाखों के पीछे एक तरह से स्पा-मसाज सेंटर खोले बैठे थे, इस्तीफा लेना पड़ा.

 

लेकिन मनीष सिसोदिया का इस्तीफा पत्र ही खुद कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है क्योंकि इनके इस्तीफा पत्र में तिथि का कोई जिक्र नहीं है. क्या ऐसी हरकत करके आबकारी नीति घोटाले के किंगपिन अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर संविधान से खिलवाड़ नहीं किया है?

 

शराब घोटाले के आरंभ से ही भारतीय जनता पार्टी जब इस मुद्दे को उठा रही थी तो उस वक्त कट्टर बेईमान अरविन्द केजरीवाल अपने पापी मंत्रियों को कट्टर ईमानदारी का सर्टिफिकेट देते हुए कभी इन बेईमानों को भारत रत्न देने की बात कही तो कभी पद्म विभूषण से अलंकृत करने की बात कहते नहीं अघाते थे. अब केजरीवाल सरकार के वही मंत्री इस्तीफा देने को बाध्य क्यों हुए? उस वक्त भाजपा ने कहा था कि जैसे जैसे जुड़ रही है कड़ी, अरविन्द केजरीवाल के पास आ रही है हथकड़ी.

 

श्री भाटिया ने अरविन्द केजरीवाल पर शायराना अंदाज में निशाना साधते हुए कहा कि एक जवाब के तलबगार हैं हम, और मांगें तो गुनाहगार हैं हम. केजरीवाल जी, क्या यह सच नहीं है कि 5 फरवरी 2021 को हुई दिल्ली सरकार की कैबिनेट मीटिंग आपकी अगुवाई में  हुई? इस मीटिंग में निर्णय लिया गया कि एक GoM गठित की जाएगी और एक एक्सपर्ट कमिटी नई आबकारी नीति का अध्ययन कर अपना सुझाव देगी. GoM में तीन मंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत नामित किए गए। इस समूह ने अपनी रिपोर्ट 22 मार्च 2021 को दी, लेकिन एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट को नजरंदाज कर अपने मित्रों और शराब के बिचौलियों को लाभ पहुँचाने के ख्याल से आनन फानन में नई आबकारी नीति को स्वीकृति दे दी गई. सूई बार बार कट्टर बेईमान केजरीवाल पर आकर रूकती है. अपने प्यादों से तो इस्तीफा ले लिया लेकिन जिसने घोटाला करवाया, जिसके निर्देश पर घोटाला हुआ और जिसने घोटाले की रचना की- अरविंद केजरीवाल आप इस्तीफा कब देंगे?  जीओएम के दो सदस्यों ने तो इस्तीफा दे दिया है, और आप निर्णय के किंगपिन हैं, मैं पूछना चाहता हूं कि आप कब इस्तीफा देने जा रहे हैं, केजरीवाल जी? श्री केजरीवाल को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने अपने दोस्तों को लाभ पहुंचाने के लिए जीओएम रिपोर्ट को तुरंत लागू करने का फैसला किया या नहीं।  साथ ही, यह सवाल भी महत्वपूर्ण है कि इस घोटाले के प्रकाश में आने के बाद GoM द्वारा लिए गए निर्णयों के आधार पर कैलाश गहलोत ने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया क्योंकि वह भी जीओएम के सदस्य थे, जिसे केजरीवाल जी द्वारा अधिकृत किया गया था।

 

केजरीवाल जी, आप एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं. क्या मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार क्या यह सत्य नहीं है कि मनीष सिसोदिया समेत 34 वीआईपी लोगों ने डिजिटल साक्ष्य मिटाने के लिए लगभग 1.20 करोड़ रुपए मूल्य के कुल 170 फोन बदले। यह भी मीडिया में आया है की उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने खुद 16 फोन बदले। आखिर क्यों? आखिर क्यों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निजी सहायक 4 मोबाइल फोन उसी अवधि के दौरान नष्ट कर दिए? क्या इन साक्ष्यों के आधार पर शराब घोटाले का तार अरविन्द केजरीवाल से नहीं जुड़ता है? सबूत मिटाने का काम केजरीवाल जी के इशारे पर ही होते रहे. वही केजरीवाल, जो अकसर कहते हैं कि अगर किसी पर आरोप भी लग जाये तो उसे शीघ्र इस्तीफा दे देना चाहिए.

 

जांच एजेंसी ने अदालत के सामने यह बात भी रखी है कि शराब घोटाले के अन्य आरोपी विजय नायर ने, जो पापी ‘आप’ के नेता भी हैं, फेसटाइम कॉल के जरिये केजरीवाल जी की बात शराब घोटाले के अन्य आरोपी समीर महेन्द्रू से कराई. केजरीवाल जी ने समीर महेंद्रू से कहा कि नायर जो भी बात कहे, उसे अक्षरशः सही मानते हुए समझना वो बात मैं ही कह रहा हूँ. केजरीवाल जी, यदि आप संवैधानिक पद पर बने रहेंगे, तो एक निष्पक्ष जांच कतई संभव नहीं है. अतः केजरीवाल जी को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए ताकि जाँच एजेंसी निष्पक्ष जाँच कर सके. दिल्ली की जनता तो यही कह रही है की-मनीष-सत्येन्द्र तो झांकी है, केजरीवाल बाकि है.   

 

 

 

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