Salient points of press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


by Shri Gaurav Bhatia -
02-06-2022
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिंदु

 

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केंद्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया और नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार निरोधक कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि गांधी परिवार या कांग्रेस नेता ऐसा एक भी फैसला दिखा दे, जिसमें सर्वोच्च या उच्च न्यायालय ने नेशनल हेराल्ड मामले की कार्रवाई को विद्वेष की भावना से की गई कार्रवाई बताया हो।

 

 

श्री भाटिया ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, पिछले आठ सालों में देश की जांच एजेंसियां स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्भीक होकर काम कर रही है। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टालेरेंस की नीति पर काम कर रही है, जबकि कांग्रेस के शासन में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी या सीबीआई जांच एजेंसी के लिए “पिंजरे का तोता” जैसे शब्दों का प्रयोग किया था।  नरेन्द्र मोदी सरकार में वही “तोता” आज “बाज” बनकर भ्रष्टाचारियों को सबक सीखाने का काम कर रही है। यह किसी का जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है कि वह भ्रष्टाचार करे और उन पर जांच एजेंसियां कानून के तहत कार्रवाई भी न करे।

 

श्री भाटिया ने नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े तथ्यों के आधार पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दोनों से कुछ सवाल करते हुए उम्मीद जताया कि सोनिया जी और राहुल जी इसका जवाब अवश्य देंगे।

 

पहला सवाल – सोनिया जी और राहुल जी, क्या यह सत्य है कि एक फौजदारी मामले में सेक्शन 420 के तहत आप दोनों पर धोखाघड़ी और बेईमानी का केस चल रहा है? आप लोगों ने नेशनल हेराल्ड, एसोशिएट जनरल लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन लिमिटेड मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इसे निरस्त करने की मांग की है? 7 फरवरी 2015 को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि प्रथम दृष्टया इसमें धोखाघडी और बेईमानी के लगाए गए आरोप सत्य प्रतीत होते हैं, इसे निरस्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद सोनिया जी और राहुल जी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, किन्तु 12 फरवरी 2016 को सर्वोच्च न्यायलय ने भी इस मामले को निरस्त करने से इनकार कर दिया।

 

दूसरा सवाल- क्या कांग्रेस पार्टी की यह जिम्मेदारी नहीं बनती है कि अपने प्रेस कांफ्रेंस में इन तथ्यों को रखकर आम जनता को सही जानकारी उपलब्ध कराए? क्या कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सच्चाई को छुपाने का काम नहीं किया है?  

 

तीसरा सवाल- क्या यह सही है कि कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को 90 करोड़ रुपए का लोन दिया था? क्या केन्द्र में कांग्रेस की सरकार के दौरान नवंबर 2010 में यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी बनाया गया?

 

चौथा सवाल - क्या यह सत्य है कि एजेएल कंपनी की परिसंपत्तियों को ट्रांसफर करने के उद्देश्य से यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी बनायी गयी और उस नयी कंपनी में एजेएल की 2,000 करोड रुपए की संपत्ति को ट्रांसफ़र कर दिय गया?

 

श्री भाटिया ने कहा कि भ्रष्ट गांधी परिवार के पास यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी का मालिकाना हक है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास इसके 38-38 प्रतिशत होल्डिंग शेयर हैं। यानी मां-बेटे के पास कंपनी की कुल 76 प्रतिशत शेयर होल्डिंग है। इस मामले से जुड़ी अन्य कंपनियों का मेजर शेयर होल्डिंग इन्हीं लोगों के पास है। यंग इंडियन कंपनी ने एजेएल को महज 50 लाख रूपये दिए। यानी 50 लाख रुपए देकर 2,000 करोड़ रुपए का मालिक बनने का खेल खेला गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बीते कल प्रेसवार्ता में स्वीकार किया था कि कांग्रेस पार्टी ने एजेएल को 90 करोड़ रुपए का लोन दिया।

 

पांचवां सवाल - क्या यह सही है कि कांग्रेस पार्टी एक राजनीतिक दल होते हुए दूसरे संस्थान को लोन दिया, जिस राजनीतिक दल के फंड में  आम जनता द्वारा दिए गए चंदे की राशि होती है? जब कांग्रेस ने 90 करोड़ रुपए का लोन दिया तो मालिकाना हक यंग इंडियन के पास क्यों गया? मालिकाना हक तो कांग्रेस पार्टी के पास होना चाहिए था। एक छोटी कंपनी यंग इंडियन बनाकर खुद सारी संपत्ति को हथिया लिया गया। सोनिया गांधी जी ऐसा क्यों किया? जरूर बताइएगा। देश की जनता सवाल पूछ रही है कि उस वक्त कांग्रेस केन्द्र में एक ईमानदार सरकार चलाने की अपनी प्रतिबद्धता छोड़कर भ्रष्टाचार का स्टाक एक्सचेंज क्यों चला रही थी?

 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने कहा है कि ये लोग वैसे भ्रष्टाचारी हैं, जो पकड़े जाने पर हो-हल्ला करते हैं, लेकिन सही तथ्यों को जनता के सामने नहीं रखते हैं। कौन चोर बोलेगा कि मैंने चोरी की है? कौन भ्रष्टाचारी बोलेगा कि मैंने देश को लूटा है?

 

श्री भाटिया ने कहा कि देश में सभी भ्रष्टाचारी बारी-बारी से पकड़े जा रहे हैं। भ्रष्टाचारी को डरना भी होगा, कानून के सामने झुकना भी होगा और कानून का सामना भी करना होगा। कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार भी करते हैं और कहते हैं- डरेंगे-झुकेंगे नहीं, सीना ठोक कर सामना करेंगे।

 

छठा सवाल- कांग्रेस ने अपनी प्रेसवर्ता में कहा कि एजेएल की बहुत बड़ी विरासत है जिससे महात्मा गांधी और देश के बड़े नेता का का नाम जुड़े हुए हैं।  अगर कांग्रेस पार्टी विरासत बचा रही थी तो उस विरासत को यंग इंडियन कंपनी के हाथों क्यों बेच दिया गया, जिस कंपनी के मालिकाना हक सोनिया और राहुल गांधी के पास है?

 

सातवाँ सवाल – क्या यह सत्य है कि टैक्स चोरी की मंशा से सत्ता का दुरूपयोग कर लाभ कमाया गया और एजेएल की 2,000 करोड़ की संपति को जल्दबाजी में यंग इंडियन कंपनी में ट्रांसफर कर दिया गया? देश सवाल पूछ रहा है कि क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने इस मामले में एक रुपया भी टैक्स के रूप में आयकर विभाग में जमा किये हैं ?  

 

आठवां सवाल - क्या यह सही है कि एजेएल कंपनी को नेशनल हेराल्ड की सिर्फ एक बिल्डिंग के किराया से 60 लाख रुपए महीना की आमदनी होती है। तब वह कंपनी क्यों यंग इंडिया से पैसे लेकर लोन अदा करती है, जबकि एजेएल खुद भी लोन अदा कर सकती है?  इस मामले में भ्रष्टाचारी परिवार की भ्रष्टाचार का पराकाष्ठा दिखता है।

 

श्री भाटिया ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2017 में स्पष्ट आदेश पारित किया था कि इस घोटालेबाजी से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को 414 करोड़ रुपए का मुनाफा जिसकी एवज में 250 करोड़ रुपए का टैक्स अदा किया जाए । इसके खिलाफ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने न्यायालय के दरवाजे खटखटाए, लेकिन न्यायालय से उन्हें कोई राहत नहीं मिली।

 

नौवां सवाल- देश की जनता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जानना चाहती है कि भ्रष्टाचार की कार्रवाई  होने पर हर बार राजनीति द्वेष का जो ढिंढोरा पीटते हैं, क्यों नहीं देश को बताते कि इसी मामले में सोनिया जी और राहुल जी जमानत पर घूम रहे हैं।

 

दसवां सवाल - क्या यह सत्य है कि मई 2019 में ईडी ने इस मामले में 65 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त किया था। सोनिया जी और राहुल जी के पास समय था कि इस संबंध में न्यायालय जाकर गुहार लगते कि गलत ढंग से संपत्ति जब्त की गई है, किन्तु इन लोगों ने ऐसा नहीं किया।

 

श्री भाटिया ने कहा कि यदि प्रोसिड आफ क्राइम से कोई संपत्ति अर्जित की जाएगी तो उसको जब्त भी किया जाएगा और सुनिश्चित की जाएगी कि जनता के हित के लिए उसका उपयोग हो,  ना कि गांधी परिवार के हित में। गांधी परिवार के तीन सदस्य, सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार का आरोप है और जमानत पर बाहर हैं जबकि उनके ही परिवार के राबर्ट वाड्रा जमीन घोटाले में अग्रिम जमानत पर बाहर हैं। गाँधी परिवार के तीन सदस्यों पर भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट में केस चल रहा है और न्यायालय ने उन मामलों को अभी तक निरस्त नहीं किया है।

 

जांच एजेंसियों के लिए कांग्रेस द्वार अनुचित शब्द इस्तेमाल करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए श्री भाटिया ने कहा कि कांग्रेस शासन काल में सीबीआई और ईडी के डायरेक्टर को घर पर बुलाकर घोटाले की रिपोर्ट बदलवा दी जाती थी। पिछले आठ सालों में परिस्थितियां बदल गयी हैं,। अब किसी को बख्शा नहीं जाएगा और देश को भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं है, कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।

 

 

(महेंद्र कुमार)

कार्यालय सचिव

 

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