Salient points of the press conference of BJP National Spokesperson Shri Gaurav Bhatia


by Shri Gaurav Bhatia -
17-08-2022
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्य बिन्दु

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए रोहिंग्या घुसपैठियों को दिल्ली में बसाने के लिए अरविन्द केजरीवाल सरकार के अति उत्साह को लेकर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा एवं अखंडता को खतरे में डालकर अरविन्द केजरीवाल जी घुसपैठियों को बसाने की जुगत में हैं, जबकि केन्द्र सरकार घुसपैठियों को विधि संगत तरीके से उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई कर रही है।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की स्पष्ट नीति है रोहिंग्या या घुसपैठिया देश की सुरक्षा के लिए खतरा है, जिन्हें वापस भेजा जाएगा। देश में घुसपैठियों के बारे में विचार करने या निर्णय लेने का अधिकार क्षेत्र केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय के पास है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय संसाधनों पर पहला अधिकार देश के नागरिकों का है। 

 

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। इसीलिए तो कहा जाता है, केजरीवाल जी के हाथ घुसपैठियों के साथ।

 

29 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव ने बैठक कर निर्णय लिया कि रोहिंग्या को ईडब्ल्यूएस के तहत बन रहे फ्लैट में शिफ्ट किया जाएगा जिसमें अच्छे से कार्यरत बोरवेल और शौचालय होंगे।

 

दिल्ली के मुख्य सचिव ने एनडीएमसी को यह भी निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर बोरवेल लगाकर इन फ्लैटों में पेयजल उपलब्ध कराते हुए ईडब्ल्यूएस के 240 फ्लैट अविलंब रोहिंग्या को उपलब्ध कराए जाएँ।

 

मीडिया में यह खबर आते ही केन्द्रीय गृह मत्रालय ने स्पष्ट किया कि गृह मंत्रालय ने घुसपैठियों को ईडब्ल्यूएस के फ्लैट में बसाने के लिए दिल्ली सरकार को कोई निर्देश जारी नहीं किया है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि रोहिंग्या जहां पर हैं, वहीं पर रहेंगे।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की इस मामले में तीन स्पष्ट नीति है।

·        प्रथम    - राष्ट्र की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं।

·        द्वितीय – राष्ट्र के संसाधनों पर देश के नागरिकों का पहला अधिकार है, ना कि घुसपैठियों का। 

·        तृतीय   - गृह मंत्रालय ने आज स्पष्ट कहा है कि घुसपैठियों को उनके गृह देश वापस भेजा जाएगा।

 

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की सरकार देश के संसाधन घुसपैठियों को उपलब्ध करा रहे हैं। जबकि केन्द्र सरकार द्वारा रोहिंग्या को वापस भेजने के लिए उनसे संबंधित देश से बातचीत कर रही है।

 

सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को रोहिंग्या मामले में फटकार लगा चुकी है क्योंकि इस मामले में कांग्रेस सरकार की नीति और नियत स्पष्ट नहीं थी। उसी तरह से अरविन्द केजरीवाल की भी नीति और नियत स्पष्ट नहीं है। उन्हें लगता है कि भविष्य में घुसपैठिए उनको मजबूत बनाएंगे।

 

अरविन्द केजरीवाल सरकार की जिम्मेदारी थी कि जहां पर रोहिंग्या रह रहे हैं, कानून के तहत उसे डिटेंशन कैम्प के रूप में नोटिफाइड करे।

 

·        पहला प्रश्न - मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रोहिंग्या के रहने वाली जगह को डिटेंशन कैम्प के रुप में नोटिफाईड क्यों नहीं किया, जबकि रोहिंग्या देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। यह स्पष्ट करता है कि अरविन्द केजरीवाल जी की नियत में खोट है। उनको देश और दिल्लीवासी से कोई मतलब नहीं, सिर्फ अपनी तुष्टिकरण की राजनीति करनी है।

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल के सोशल मीडिया विदेशी फंडिंग से कंट्रोल हो रहा है और उसे विदेशी धरती से चलाया जा रहे है। इसमें कनाडा, कतर, लिथुनिया सहित अन्य देशों के नाम शामिल हैं।

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक मजबूत राष्ट्र बन रहा है, जिसे देखकर विदेश में रहने वाली कट्टरवादी सोच भारत में सक्रिय होने की कोशिश में लगे हैं। जिन देशों में खलिस्तान जैसे कट्टरवादी सोच के लोग रहते हैं, उन देशों से आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल की सोशल मीडिया ऑपरेट हो रही है और वहां से भारत को अस्थिर करने के लिए झूठ फैलाए जा रहे हैं। यह दर्शाता है कि अरविन्द केजरीवाल देश की अखंडता एवं सुरक्षा को भी तार तार करने में लगे हैं।

 

·        दूसरा प्रश्न - अरविन्द केजरीवाल का विदेशी धरती पर भारत विरोधी ताकतों के साथ क्या सांठगांठ है?  हर भारतीयों को यह जानने का हक है।

·        अरविन्द केजरीवाल के लिए अच्छा रहेगा कि वे विदेशी धरती से झूठ फैलाने वाले अपने सोशल मीडिया संचालन पर अविलम्ब रोक लगाएं, अन्यथा इसका परिणाम बहुत ख़राब होगा।

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