भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया की प्रेस वार्ता के
मुख्य बिंदु
कोलकाता हाईकोर्ट के 5 न्यायाधीशों की खंडपीठ ने आज पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुए हिंसा के संदर्भ में एकमत से फैसला दिया है कि जिन निर्दोष लोगों ने उत्पीड़न सहा, जिनके परिजनों को मौत के घाट उतार दिया गया, जिन महिलाओं ने अस्मिता खोई हैं, उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए.
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भारतीय जनता पार्टी ने भी यह मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया था और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा स्वयं पश्चिम बंगाल गए. भाजपा प्रतिबद्ध थी कि पीड़ित परिवारों को इंसाफ मिले और जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है उन्हें आर्थिक सहायता भी मुहैया कराया जाए.
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कोर्ट ने भी अपने फैसले में यह सुनिश्चित किया है कि सभी पीड़ित परिवार को मुवावजा दिया जाए जिसकी समयबद्ध तरीके से विवेचना हो.
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हमारे जो भाई बहन पश्चिम बंगाल में हैं, हम उन्हें ये संदेश जरूर देना चाहेंगे कि उनको इंसाफ मिले ये हमारी प्राथमिकता है। जब तक इन्हें इंसाफ नहीं मिलता तब तक भाजपा हर उस परिवार और पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है, जिसके साथ टीएमसी के गुंडों ने और ममता बनर्जी ने अन्याय किया है.
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यह इंसाफ कोर्ट की मॉनिटरिंग में सीबीआई की निष्पक्ष जांच के बाद ही संभव है. अभी तक जो भी सबूत इकट्ठे किये गए हैं, वो सब सीबीआई को दे दिए जाएंगे.
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बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा हुई, हत्या को ममता बनर्जी नहीं रोक पाईं, उसके बाद लोगों को इंसाफ दिलाने में भी ममता जी विफल रहीं।
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पश्चिम बंगाल वो प्रदेश बन गया है, जहां वर्दी का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है.
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एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम और बना दी गई है, जो हत्या और महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों से अलग हिंसा के मामलों की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की देखरेख में ये सब किया जाएगा।
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कोर्ट के आज के फैसले का सारांश है कि पश्चिम बंगाल में 2 मई को कानून व्यवस्था गई।
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गत 2 मई को चुनाव का परिणाम लोकतंत्र की जीत थी। जीत-हार से ऊपर वह दिन लोकतंत्र के परिणाम की खुशी मनाने का था। लेकिन नतीजे आने के बाद ही तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हत्या, आगजनी और बलात्कार जैसे संगीन अपराधों को अंजाम देने में जुट गए थे।
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आजाद भारत में चुनाव नतीजों के बाद इतनी असहिष्णुता आज तक नहीं देखी गई। इन घटनाओं से पीड़ित लोग जब FIR करने पुलिस स्टेशन जाते तो वहां भी उनकी सुनने वाला कोई नहीं था।
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हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के मामलों का एफआईआर तक नहीं लिखा गया और पीड़िताओं को उल्टा धमकाया भी गया. सभी हत्या के मामलों को प्राकृतिक मृत्यु बता कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया.
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कोर्ट के फैसले में साफ़-साफ़ लिखा है कि एफआईआर दर्ज न करके मामले को रफा-दफा कर अपराधी को संरक्षण देने का काम किया गया. यह सभी घटना बताती है की ममता बनर्जी जनता के साथ नहीं अपराधियों के साथ रहना पसंद करती है.
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कोर्ट के फैसले में साफ़-साफ़ लिखा है की एफआईआर दर्ज न करके मामले को रफा-दफा कर अपराधी को संरक्षण देने का काम किया गया है. इन सभी घटनाओं से स्पष्ट होता है कि ममता बनर्जी जनता का नहीं बल्कि अपराधियों का साथ देना ही पसंद करती हैं.
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हत्या और बलात्कार जैसी अमानवीय घटनाएं होती रहे और प्रदेश की मुख्मंत्री अपनी आँखे बंद रख कर चुप्पी साधे रहें, कहाँ तक उचित है? यदि कोई ममता बनर्जी के समर्थक नहीं हैं तो आपको पश्चिम बंगाल में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गौरव भाटिया ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया और पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुए हिंसा के संदर्भ में कोलकाता हाईकोर्ट के आज आए फैसले पर ममता बनर्जी सरकार पर जम कर हमला बोला और कहा कि पश्चिम बंगाल के सभी भाई बहनों को इंसाफ मिले ये भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा पर कोलकाता हाईकोर्ट के 5 न्यायाधीशों की खंडपीठ द्वारा सुनाये गए अहम फैसले की विशेषता का जिक्र करते हुए कहा कि पांचों जजों ने एकमत से फैसला दिया है कि जिन निर्दोष लोगों ने उत्पीड़न सहा, जिनके परिजनों को मौत के घाट उतार दिया गया, जिन महिलाओं ने अस्मिता खोई हैं, उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए. यह इंसाफ कोर्ट की मॉनिटरिंग में सीबीआई की निष्पक्ष जांच के बाद ही संभव है. अभी तक जो भी सबूत इकट्ठे किये गए हैं, वो सब सीबीआई को दे दिए जाएंगे.
श्री भाटिया ने कहा कि बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा हुई, हत्या को ममता बनर्जी नहीं रोक पाईं, उसके बाद लोगों को इंसाफ दिलाने में भी ममता जी विफल रहीं। पश्चिम बंगाल वो प्रदेश बन गया है, जहां वर्दी का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है.
श्री भाटिया ने कहा कि एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम और बना दी गई है, जो हत्या और महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों से अलग हिंसा के मामलों की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की देखरेख में ये सब किया जाएगा।
श्री भाटिया ने ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोर्ट का यह फैसला दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल में 2 मई को लोकतंत्र और कानून व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गया था. 2 मई को चुनाव का परिणाम लोकतंत्र की जीत थी। जीत-हार से ऊपर वह दिन लोकतंत्र के परिणाम की खुशी मनाने का था। लेकिन नतीजे आने के बाद ही तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हत्या, आगजनी और बलात्कार जैसे संगीन अपराधों को अंजाम देने में जुट गए थे। आजाद भारत में चुनाव नतीजों के बाद इतनी असहिष्णुता आज तक नहीं देखी गई। इन घटनाओं से पीड़ित लोग जब FIR करने पुलिस स्टेशन जाते तो वहां भी उनकी सुनने वाला कोई नहीं था।
श्री भाटिया ने कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के मामलों का एफआईआर तक नहीं लिखा गया और पीड़िताओं को उल्टा धमकाया भी गया. उन सभी हत्या के मामले को प्राकृतिक मृत्यु बता कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया. उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले में साफ़-साफ़ लिखा है की एफआईआर दर्ज न करके मामले को रफा-दफा कर अपराधी को संरक्षण देने का काम किया गया है. इन सभी घटनाओं से स्पष्ट होता है कि ममता बनर्जी जनता का नहीं अपराधियों का साथ देना ही पसंद करती हैं.
श्री भाटिया ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि हत्या और बलात्कार जैसी अमानवीय घटनाएं होती रहे और प्रदेश की मुख्मंत्री अपनी आँखे बंद रख कर चुप्पी साधे रहें, कहाँ तक उचित है? जिस जनता जनार्दन ने आपको मुख्मंत्री बनाया उनको इन्साफ दिलाने की बजाये कानून व्यवस्था का दुरुपयोग कर अपराधियों को संरक्षण देना और अपनी राजनीति चमकाना ही ममता जी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए बताया कि यदि कोई ममता बनर्जी के समर्थक नहीं हैं तो आपको पश्चिम बंगाल में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
श्री भाटिया ने कहा कि हमारे जो भाई बहन पश्चिम बंगाल में हैं, हम उन्हें ये संदेश जरूर देना चाहेंगे कि उनको इंसाफ मिले ये हमारी प्राथमिकता है। जब तक इन्हें इंसाफ नहीं मिलता तब तक भाजपा हर उस परिवार और पीड़ित के साथ खड़ी है, जिसके साथ टीएमसी के गुंडों ने और ममता बनर्जी ने अन्याय किया है.
महेंद्र पांडेय
(कार्यालय सचिव)
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